backup og meta

सेप्टल डिफेक्ट क्या हैं? इस तरह से पहचानें इस हार्ट कंडिशन के लक्षणों को!

सेप्टल डिफेक्ट क्या हैं? इस तरह से पहचानें इस हार्ट कंडिशन के लक्षणों को!

हमारा हार्ट खून को पंप करने का काम करता है, ताकि शरीर में ब्लड फ्लो सही से हो। ब्लड फ्लो का सही होना हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। क्योंकि, हमारे शरीर के टिश्यूज ऑक्सीजन, ग्लूकोज को केरी करने और अपशिष्ट उत्पादों (कार्बन डाइऑक्साइड) को हटाने के लिए ब्लड पर निर्भर करते हैं। कुछ बच्चे जब जन्म लेते हैं तो उन्हें हार्ट समस्याएं होती है। उन्हीं में से है सेप्टल डिफेक्ट (Septal Defect)। इस कंडिशन में हार्ट की वॉल्स में छेद होता है। हालांकि, इस समस्या का बच्चों में निदान होना माता-पिता के लिए परेशानी भरा हो सकता है। लेकिन इस बात के बारे में आपका यह जानना बहुत जरूरी है कि यह स्थिति ट्रीटेबल है। सही उपचार से बच्चा न केवल सर्वाइव कर सकता है बल्कि एक अच्छी जिंदगी भी जी सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

सेप्टल डिफेक्ट क्या है? (Septal Defect)

जैसा कि आपको पहले ही बताया गया है कि कुछ बच्चों में जन्म से ही हार्ट संबंधी समस्याएं होती हैं जिन्हें जन्मजात हार्ट दोष कहा जाता है। इन्हीं में से एक है सेप्टल डिफेक्ट (Septal Defect)। जिसमें बच्चों के हृदय की उन वॉल्स में छेद होता है, जो हार्ट के चार चैम्बर्स को विभाजित करती हैं। इसके दो मुख्य प्रकार हैं जिन्हें वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (Ventricular Septal Defect) और एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (Atrial Septal Defect) के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से। जानते हैं कि क्या हैं वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (Ventricular Septal Defect) और एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (Atrial Septal Defect)।

और पढ़ें : रयुमाटिक एंडोकार्डाइटिस : पाएं इस हार्ट कंडिशन के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से !

वेंट्रिकुलर और एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट क्या है?

वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (Ventricular Septal Defect) दिल से जुड़ा वो बर्थ डिफेक्ट है, जिसमें उस सेप्टम यानी वॉल में होल होता है जो हार्ट के दोनों लोअर चैम्बर्स को यानी वेंट्रिकल्स को विभाजित करती है। इसे वेंट्रिकुलर सेप्टम (Ventricular Septum) कहा जाता है। इस स्थिति में ब्लड फ्लो होता है, तो उसमे से कुछ इस होल में से पास हो सकता है, जो अपर्याप्त होता है और इससे हार्ट के लिए काम करने मुश्किल हो जाता है। वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट का निदान (Ventricular Septal Defect) शिशु के जन्म के तुरंत बाद हो सकता है लेकिन कई मामलों में वयस्क होने के बाद भी बच्चे में इसके बारे में पता नहीं चलता है।

एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (Atrial Septal Defect) भी उस स्थिति को कहा जाता है जिसमे रोगी की सेप्टम में होल होता है। यह होल उस वॉल में होता है, जो हार्ट के ऊपरी चैम्बर्स यानी एट्रिया को विभाजित करती है। यह वो डिफेक्ट है जिसमें सेप्टम सही से नहीं बना होता है। सेप्टल डिफेक्ट (Septal Defect) की स्थिति में स्मॉल होल तो बिना किसी उपचार के खुद ही ठीक हो जाता है। लेकिन, बड़े होल होने की स्थिति में अन्य ट्रीटमेंट्स का प्रयोग किया जाता है। अब जानते हैं इनके लक्षणों के बारे में।

और पढ़ें : नवजात में होने वाली रेयर हार्ट डिजीज ‘ट्रंकस आर्टेरियोसस’ का इलाज है संभव!

सेप्टल डिफेक्ट के लक्षण (Symptoms of Septal Defect)

इन डिफेक्ट्स से पीड़ित बच्चों में इसके लक्षण जन्म तुरंत बाद दिखाई दे सकते हैं। लेकिन कई बार यह लक्षण नजर हीं नहीं आते हैं। हालांकि, अगर होल बड़ा हो तो बच्चे को हार्ट फेलियर के समान लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसके सामान्य लक्षण इस प्रकार है:

यह तो थे लक्षण। अगर आपको अपने बच्चे में इनमें से कोई भी लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना जरुरी है। अब जानिए क्या हैं सेप्टल डिफेक्ट  के कारण।

और पढ़ें : हार्ट वॉल्व डिजीज के लिए बेहद उपयोगी हैं डाइयुरेटिक्स, हार्ट अटैक का खतरा कर सकती हैं कम!

सेप्टल डिफेक्ट के कारण (Causes of Septal Defect)

ऐसा माना जाता है कि सेप्टल डिफेक्ट (Septal Defect) की समस्या का कारण फैमिली हिस्ट्री है और इसके कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। अधिकतर बच्चों में इस हार्ट डिफेक्ट्स के कारण की जानकारी नहीं है। कई बच्चों को हार्ट डिफेक्ट्स जीन्स या क्रोमोसोम्स में बदलाव के कारण होते हैं। इसके साथ ही इनके कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे अगर मां गर्भावस्था के दौरान किसी केमिकल या हानिकारक खाने पीने की चीजों के संपर्क में आए। अब जानते हैं कि कैसे संभव है इनका निदान?

और पढ़ें : पीडियाट्रिक हार्टबर्न में किस तरह से फायदेमंद हो सकती हैं H2 ब्लॉकर्स?

सेप्टल डिफेक्ट के निदान (Diagnosis of Septal Defect)

सेप्टल डिफेक्ट (Septal Defect) की स्थिति में डॉक्टर इस समस्या का निदान करने के लिए रोगी की हार्ट मर्मर को सुनते हैं। जिसके लिए स्टेथोस्कोप का प्रयोग किया जाता है। अगर डॉक्टर को हार्ट मर्मर की आवाज सुनाई देती है या इसके उन्हें इस रोग के अन्य लक्षण रोगी में नजर आते हैं, तो वो रोगी को यह टेस्ट्स कराने के लिए कह सकते हैं:

इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)

इस टेस्ट में साउंड वेव्स के प्रयोग से हार्ट की वीडियो इमेज बनाई जाती है। डॉक्टर इस टेस्ट का प्रयोग न केवल सेप्टल डिफेक्ट (Septal Defect) के निदान के लिए करते हैं बल्कि इससे वो इसके आकार, लोकेशन और गंभीरता के बारे में भी जान सकते हैं। इस टेस्ट से उन्हें यह भी पता चल सकता है कि रोगी को कोई अन्य हार्ट प्रॉब्लम तो नहीं है:

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram)

यह टेस्ट हार्ट की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है। जिसमें इलेक्ट्रोड्स को रोगी की स्किन से अटैच किया जाता है। इससे हार्ट डिफेक्ट्स और रिदम प्रॉब्लम का भी निदान होता है।

चेस्ट एक्स -रे (Chest X-ray)

चेस्ट एक्स -रे का प्रयोग करने से डॉक्टर को हार्ट और लंग की जांच करने में मदद मिल सकती है। इससे भी पता चलता है कि हार्ट एंलार्जड तो नहीं है और लंग्स में एक्स्ट्रा फ्लूइड तो नहीं है?

और पढ़ें : नवजात की कार्डिएक सर्जरी कर बचाई गई जान, जन्म के 24 घंटे के अंदर करनी पड़ी सर्जरी

कार्डिएक कैथेटेराइजेशन (Cardiac Catheterization)

इस टेस्ट में एक पतली, फ्लेक्सिबल ट्यूब को रोगी के बाजू या ग्रोइन में ब्लड वेसल में इंसर्ट किया जाता है। इस टेस्ट से डॉक्टर द्वारा जन्मजात हार्ट डिफेक्ट्स और हार्ट वॉल्व व चैम्बर्स के निदान किया जा सकता है।

पल्स ऑक्सीमेट्री (Pulse Oximetry)

इस टेस्ट में एक छोटी सी क्लिप को रोगी की फिंगरटिप में लगाया जाता है ताकि खून में ऑक्सीजन की मात्रा को जांचा जा सके।

मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic Resonance Imaging).

मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग में मैग्नेटिक फील्ड और रेडियो वेव्स का प्रयोग किया जाता है। ताकि हार्ट और अन्य ऑर्गन्स व बॉडी टिश्यूज की 3D तस्वीरें बनाई जा सके। डॉक्टर मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग की सलाह तब भी दे सकते हैं, जब इकोकार्डियोग्राफी से सेप्टल डिफेक्ट (Septal Defect) या संबंधित स्थितियों का निदान न हो सके।

सीटी स्कैन (CT Scan)

सीटी स्कैन टेस्ट को भी हार्ट की तस्वीरें बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। सेप्टल डिफेक्ट (Septal Defect) और अन्य जन्मजात हृदय दोषों के निदान के लिए इस टेस्ट को किया जाता है। इन टेस्ट्स से निदान के बाद इन समस्या के उपचार के लिए कई तरीकों को अपनाया जाता है। जानिए इसके उपचार के बारे में

और पढ़ें : एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट्स : ऐसे पहचानें इस हार्ट डिजीज के लक्षणों को

सेप्टल डिफेक्ट का उपचार(Treatment of Septal Defect)

कई बच्चे सेप्टल डिफेक्ट (Septal Defect) से पीड़ित होते हैं, जिनमें वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (Ventricular Septal Defect) और एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (Atrial Septal Defect) दोनों शामिल हैं। अगर यह छेद छोटा हो, तो सर्जरी की जरूरत नहीं होती है। इस स्थिति में जन्म के बाद डॉक्टर शिशु को अब्ज़र्व करते हैं। उसके बाद लक्षणों का उपचार करते हैं और कुछ समय तक देखते हैं कि यह छेद खुद ही ठीक हो जाए। क्योंकि छोटे छेद की स्थिति में यह खुद ही ठीक हो जाता है

जिन बच्चों को सर्जिकल रिपेयर की जरूरत होती है। उनको इस प्रोसीजर पहले ही साल में कराना पड़ता है। जिन बच्चों को मध्यम या लार्ज सेप्टम डिफेक्ट की समस्या होती है उन्हें डॉक्टर तुरंत सर्जरी की सलाह देते हैं। कुछ छोटे सेप्टल डिफेक्ट्स (Septal Defects) की स्थिति में भी डॉक्टर सर्जरी कर सकते हैं ताकि रोगी को जटिलताओं से बचाया जा सके जैसे हार्ट वॉल्व्स का डैमेज होना। जिन बच्चों को बड़े सेप्टल डिफेक्ट की समस्या होती है, उन्हें न केवल सर्जरी, दवाईयों की ही नहीं बल्कि विकसित होने के लिए अतिरक्त न्यूट्रिशन की भी जरूरत होती है। इस समस्या के उपचार के लिए प्रयोग होने वाली दवाईयां इस प्रकार हैं:

और पढ़ें : टोटल एनोमलस पल्मोनरी वेनस कनेक्शन: जानिए जन्मजात होने वाले इस हार्ट डिफेक्ट के बारे में

दवाइयां (Medications)

सेप्टल डिफेक्ट (Septal Defect) के लिए प्रयोग होने वाली दवाइयां हार्ट फेलियर के लक्षणों की गंभीरता पर करती हैं। इन दवाइयों का उद्देश्य सर्कुलेशन और लंग्स में फ्लूइड की मात्रा को कम करना होता है। इन दवाइयों को डाइयुरेटिक्स (Diuretics) कहा जाता है। इसके अलावा डॉक्टर अन्य दवाइयों की सलाह भी दे सकते हैं।

सर्जरीज (Surgeries)

सेप्टल डिफेक्ट (Septal Defect) के सर्जिकल ट्रीटमेंट में वेंट्रिकल्स और एट्रिया में एब्नार्मल ओपनिंग को बंद करना या उनकी पैचिंग शामिल है। इसके लिए यह सर्जरी इसलिए की जाती है, ताकि भविष्य में जटिलताओं से बचा जा सके। इसके लिए इन सर्जिकल प्रोसीजर का प्रयोग किया जा सकता है:

और पढ़ें : राइट हार्ट फेलियर : हार्ट फेलियर के इस प्रकार के बारे में यह सब जानना है जरूरी!

जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes)

सेप्टल डिफेक्ट (Septal Defect) जैसे हार्ट कंडिशन से बचने और अगर आपकी हुई है। तो उस स्थिति को मैनेज करने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की भी सलाह दी जा सकती है। यह बदलाव इस प्रकार हैं:

  • हार्ट हेल्दी आहार का सेवन करें (Healthy Heart Diet)
  • रोजाना एक्सरसाइज करें (Regular Exercise)
  • पर्याप्त नींद और आराम करें (Enough Rest and Sleep)
  • धूम्रपान और एल्कोहॉल का सेवन न करें (Avoid Smoking and Alcohol)
  • डॉक्टर के द्वारा बताई दवाइयों का सेवन करें और नियमित रूप से चेकअप कराएं (Medicines and Regular Checkup)

Quiz : कितना जानते हैं अपने दिल के बारे में? क्विज खेलें और जानें

और पढ़ें : कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज के ट्रीटमेंट में एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स की भूमिका के बारे में जानें!

यह तो थी सेप्टल डिफेक्ट (Septal Defect) के बारे में पूरी जानकारी। अगर किसी के बच्चे में यह समस्या का निदान होता है तो यह अनुभव उसके लिए थोड़ा भयानक हो सकता है। लेकिन, इसका उपचार संभव है। बस जरूरी यह है कि इस समस्या का निदान और उपचार जल्दी हो आए। उपचार के बाद मरीज अपने जीवनशैली में बदलाव से अपना सामान्य जीवन जी सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इसके अधिकतर मामलों में उपचार की जरूरत नहीं होती। क्योंकि, यह छेद शिशु के जन्म के कुछ ही दिनों के बाद बंद हो जाते हैं। अगर आपके दिमाग में इस समस्या से जुड़ी कोई भी चिंता या सवाल है तो अपने डॉक्टर से सलाह लेना अनिवार्य है।

[embed-health-tool-heart-rate]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Atrial Septal Defect and Ventricular Septal Defect in Children. https://kidshealth.org/en/parents/asd.html .Accessed on 17/7/21

Ventricular septal defect. https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/ventricular-septal-defect/symptoms-causes/syc-20353495 .Accessed on 17/7/21

Atrial Septal Defect (ASD). https://www.heart.org/en/health-topics/congenital-heart-defects/about-congenital-heart-defects/atrial-septal-defect-asd .Accessed on 17/7/21

Facts about Ventricular Septal Defect. https://www.cdc.gov/ncbddd/heartdefects/ventricularseptaldefect.html .Accessed on 17/7/21

heart Disease  https://www.cdc.gov/heartdisease/about.htm .Accessed on 17/7/21

Ventricular Septal Defect (VSD). https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/11622-atrial-septal-defect-asd

.Accessed on 17/7/21

Current Version

23/12/2021

Toshini Rathod द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

Updated by: Nikhil deore


संबंधित पोस्ट

Aortic calcification : हार्ट वॉल्व से जुड़ी इस समस्या का क्या है कारण?

Tricuspid Regurgitation: हार्ट वॉल्व के ठीक से काम न करने के कारण पैदा होती है ये कंडिशन!


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement