हार्ट अटैक (Heart Attack) एक जानलेवा मेडिकल कंडिशन है, जिसमें हार्ट में बहने वाला रक्त अचानक बंद हो जाता है। इसके कारण हार्ट के आसपास के टिश्यूज अचानक डैमेज हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि हार्ट अटैक के बाद प्रभावित व्यक्ति की जान का बचना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन, हार्ट अटैक के बाद सर्वाइव करना रोगी की स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है। हार्ट अटैक के बाद डायट का खास ख्याल जरूरी है। इसके साथ ही यह इस बात पर भी डिपेंड करता है कि रोगी को कितनी जल्दी उपचार मिला है। अधिकतर लोग ऐसा भी मानते हैं कि हार्ट अटैक (Heart Attack) के बाद प्रभावित व्यक्ति का जीवन सामान्य नहीं हो पाता। लेकिन, ऐसा जरूरी नहीं है। अधिकतर लोग अपने पहले हार्ट अटैक के बाद सर्वाइव करते हैं और इसके बाद सामान्य जीवन जी पाते हैं। इसके लिए उन्हें केवल कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे रोगी को हार्ट अटैक के बाद डायट (Heart attack recovery diet) के बारे में सही जानकारी होना बेहद जरूरी है। तो आइए जानिए, हार्ट अटैक के बाद डायट (Heart attack recovery diet) के बारे में विस्तार से। लेकिन सबसे पहले हार्ट अटैक (Heart Attack) के बारे में थोड़ी जानकारी ले लेते हैं।
हार्ट अटैक के बाद डायट से पहले जाने हार्ट अटैक क्या है? (Heart attack)
- हार्ट अटैक (Heart Attack) को मायोकार्डियल इंफार्कशन (myocardial infarction) भी कहा जाता है। यह समस्या तब होती है, जब हार्ट मसल्स के भाग को पर्याप्त ब्लड और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease) हार्ट अटैक का मुख्य कारण है। इसके कम सामान्य कारण हैं कोरोनरी आर्टरी (coronary artery) में गंभीर ऐंठन (Severe spasm) या अचानक कॉन्ट्रेक्शन (sudden contraction) होना। क्योंकि, इनसे हार्ट मसल्स में रक्त के प्रवाह कम हो सकता है।
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल और प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार हार्ट अटैक (Heart Attack) के मुख्य लक्षण हैं छाती में दर्द, कमजोर महसूस होना, चक्कर आना, बेहोशी आदि शामिल हैं। इसके अलावा रोगी जबड़ों, गर्दन, पीठ, बाजू या कंधें में दर्द और बेचैनी व सांस लेने में समस्या का अनुभव भी कर सकते हैं। यही नहीं, हार्ट अटैक के इनके अलावा अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। हार्ट अटैक के उपचार में सही खानपान भी शामिल है। जिसके बारे में आज हम बात करने वाले हैं। अब जानिए कैसी होनी चाहिए हार्ट अटैक के बाद डायट (Heart attack recovery diet) ?
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हार्ट अटैक के बाद डायट कैसी होनी चाहिए? (Heart attack recovery diet)
अधिकतर लोगों को हार्ट अटैक (Heart Attack) के बाद अधिक प्लांट फ़ूड और कम प्रोसेस्ड फूड्स लेने से लाभ होता है। एक हार्ट हेल्दी डायट में कम मात्रा में एनिमल प्रोडक्ट जैसे लीन मीट, फिश और डेयरी आदि को शामिल करना है। हार्ट अटैक के बाद डायट (Heart attack recovery diet) में गुणवत्ता का होना बेहद जरूरी है। इसके साथ जो डायट आपकी हेल्थ के लिए अच्छी है, उनमें प्लांट बेस्ड, वेजीटेरियन और वीगन डायट शामिल है। ऐसे में रोगी को हार्ट अटैक के बाद डायट (Heart attack recovery diet) में अधिक से अधिक प्लांट फूड्स को ऐड करने के लिए कहा जाता है ताकि उसे अधिक हेल्थ लाभ हों। आइए, हार्ट अटैक के बाद डायट (Heart attack recovery diet) कैसी होनी चाहिए और रोगी को अपनी डायट में क्या शामिल करना चाहिए?
- अधिक से अधिक फल और सब्जियां(Lots of fruits and vegetables)
- लीन मीट्स (Lean meats)
- स्किनलेस पोल्ट्री (Skinless poultry)
- मेवे, बींस और फलियां (Nuts, beans, and legumes)
- फिश (Fish)
- साबुत अनाज (Whole grains)
- प्लांट बेस्ड ऑयल्स जैसे ओलिव ऑयल (Plant-based oils)
- लौ फैट डेयरी प्रोडक्ट्स (Low-fat dairy products)
- अंडे (Eggs)
इन सभी चीजों में सैचुरेटेड फैट लो होती हैं। इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि आपके आहार में सब्जियों में विभिन्नता होनी चाहिए। हार्ट के लिए फिश भी अच्छा आहार है। लेकिन, आपको अपने लिए सही फिश चुनाव करना चाहिए। ऑयली फिश को सबसे बेहतरीन माना जाता क्योंकि इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड्स (Omega 3 fatty acids) भरपूर मात्रा में होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है और वैस्कुलर हेल्थ को सही रखने में मदगार है। इस फिश का उदाहरण इस प्रकार है
- सालमोन (Salmon)
- ट्राउट (Trout)
जब बात ड्रिंक्स की आती है, तो सबसे बेहतरीन पानी को माना जाता है। अगर आपको सादा पानी पसंद नहीं है, तो आप उसमें नींबू, खीरा आदि डाल सकते हैं। इससे आपको नेचुरल फ्लेवर मिलेगा। लेकिन, आपको पानी की रोजाना कितनी मात्रा लेनी है इसके बारे में भी अपने डॉक्टर से जान लें। अब जानिए हार्ट अटैक के बाद डायट (Heart attack recovery diet) में कौन सी चीजें शामिल नहीं करनी चाहिए?
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हार्ट अटैक के बाद डायट में किन चीजों को शामिल नहीं करना चाहिए?
हार्ट अटैक (Heart Attack) के बाद रोगी के जीवन का रास्ता थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन, रोगी को इसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए कि इस कंडिशन को कैसे मैनेज करना है? आपको इस बारे में तो पता होना ही चाहिए कि आपको हार्ट अटैक (Heart Attack) के बाद क्या खाना चाहिए। लेकिन, इसके साथ ही इस बात के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए कि इस दौरान किन चीजों को नजरअंदाज करना जरूरी है। हार्ट अटैक के बाद डायट (Heart attack recovery diet) में आपको जिन चीजों को शामिल नहीं करना है, उनकी लिस्ट इस प्रकार है:
- फ़ास्ट फ़ूड (Fast food)
- फ्राइड फ़ूड (Fried food)
- आइस क्रीम (Ice cream)
- कैन वाला आहार (Canned food)
- कैंडी (Candy)
- चिप्स (Chips)
- प्रोसेस्ड फ्रोजन मील्स (Processed frozen meals)
- कूकीज और केक्स (Cookies and cakes)
- बिस्किट्स (Biscuits)
- मेयोनेज़ केचप और पैकेज्ड ड्रेसिंग (Mayonnaise, ketchup, and packaged dressing)
- रेड मीट (Red meat)
- एल्कोहॉल (Alcohol)
- हाइड्रोजनेटेड वेजिटेबल ऑयल्स (Hydrogenated vegetable oils)
- पिज़्ज़ा, बर्गर और हॉट डॉग्स (Pizza, burgers, and hot dogs)
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इसके अलावा कुछ अन्य चीजें भी हैं इनके कम या सीमित मात्रा में लेना चाहिए। यह चीजें इस प्रकार हैं:
- अगर आप हार्ट अटैक (Heart Attack) से गुजर चुके हैं या आपको हार्ट की समस्या है, तो आप सोडियम युक्त आहार का कम सेवन करें। क्योंकि, अधिक सोडियम से लंग्स के आसपास अधिक फ्लूइड बिल्ड-अप (Fluid Buildup) होता है, ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट पर स्ट्रेस पड़ता है।
- हार्ट अटैक के बाद अधिक फ्लूइड लेने से हार्ट के लिए काम करना मुश्किल हो सकता है। इसके साथ ही यह भूख में कमी और सांस लेने में समस्या के कारण भी बन सकता है। डॉक्टर से जान लें कि आपको एक दिन में कितना फ्लूइड लेना चाहिए।
- हार्ट अटैक (Heart Attack) के बाद आपके हार्ट को बहुत आराम की जरूरत होती है। कॉफी, चाय और सोडा पीने की मात्रा को सीमित करके कई हार्ट डिजीज से बचा जा सकता है। कैफीन की अधिक मात्रा भी हार्ट के लिए नुकसानदायक होती है। इसके बारे में भी अपने डॉक्टर से पूछ लें। अब जान लेते हैं कि हार्ट अटैक के बाद सप्लीमेंट्स के सेवन के बारे में जानकारी।
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हार्ट अटैक के बाद डायट में सप्लीमेंट्स (Supplements in Heart attack recovery diet)
अगर रोगी को अपनी डायट से पर्याप्त न्यूट्रिएंट्स न मिल रहे हों, तो हार्ट अटैक (Heart Attack) के बाद रोगी को डॉक्टर सप्लीमेंट्स की सलाह दे सकते हैं । अगर रोगी वेजीटेरियन है और उसे पर्याप्त विटामिन B-12 या आयरन नहीं मिल रहे हों। तो डॉक्टर आपके खून में इन न्यूट्रिएंट्स की जांच के लिए टेस्ट्स करा सकते हैं। अगर इनके लेवल लो हों, तो डॉक्टर आपको सप्लीमेंट्स दे सकते हैं। अगर आप फिश का सेवन नहीं करते हैं, तो आपको फिश आयल सप्लीमेंट लेने के लिए भी कहा जा सकता है।
हालांकि कुछ सप्लीमेंट्स हार्ट हेल्थ के लिए हानिकारक हैं। इसका उदाहरण है बीटा-कैरोटीन (Beta-carotene)। यह विटामिन ए (Vitamin A) का एक प्रकार है और ऐसा माना गया है कि यह सप्लीमेंट दूसरे हार्ट अटैक की संभावना को बढ़ा सकता है। हार्ट अटैक के बाद डायट (Heart attack recovery diet) में किसी भी सप्लीमेंट को शामिल करने के लिए अपने डॉक्टर से अवश्य पूछ लें। वो आपको इस बारे में सही सलाह दे सकते हैं कि कौन सा सप्लीमेंट आपके लिए सही है। अपनी मर्जी से किसी भी सप्लीमेंट का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यह तो थी हार्ट अटैक के बाद डायट (Heart attack recovery diet) के बारे में पूरी जानकारी। अब जानते हैं कि हार्ट अटैक (Heart Attack) के बाद जल्दी रिकवर होने और स्वस्थ रहने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में क्या बदलाव करने चाहिए?
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जीवनशैली में बदलाव (Change in Lifestyle)
संपूर्ण रूप से हेल्दी रहने के लिए सही न्यूट्रिशंस का सेवन बेहद जरूरी है, खासतौर पर जब बात आपके दिल की हो। हार्ट अटैक के बाद डायट (Heart attack recovery diet) को सही रखने के साथ ही आपको अपनी जीवनशैली में भी बदलाव करने चाहिए। जानिए क्या बदलाव जरूरी है रोगी के लाइफस्टाइल में?
- नियमित व्यायाम (Regular exercise): हार्ट अटैक (Heart Attack) के बाद स्वस्थ रहने और जल्दी रिकवर करने के लिए नियमित व्यायाम जरुरी हैं। आपको कौन से व्यायाम करने चाहिए जिसके बारे में डॉक्टर की सलाह लें। दिन में कुछ समय व्यायाम या सैर के लिए जरूर निकालें।
- वजन सही रखें (Maintain right weight): हार्ट अटैक के बाद डायट ऐसी हो, जो वजन न बढ़ाए। अगर आपका वजन अधिक है, तो उसे कम करें। अधिक वजन दिल से संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है। यही नहीं अधिक वजन से हार्ट पर स्ट्रेन भी पड़ता है। इसके लिए अपने खानपान और व्यायाम का ध्यान रखें। वजन कम करने में आपके डॉक्टर भी आपकी मदद कर सकते हैं।
- तनाव को मैनेज करें (Manage stress): स्ट्रेस का हार्ट हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। तनाव को कम करने के लिए मैडिटेशन, योगा और अन्य तकनीकों को अपना सकते हैं। अधिक समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें।
- स्मोकिंग और एल्कोहॉल छोड़ दें (Quit smoking and Alcohol): स्मोकिंग और एल्कोहॉल को छोड़ने से आपको न केवल हार्ट संबंधी समस्याओं से लाभ होगा, बल्कि आप संपूर्ण रूप से भी हेल्दी रहेंगे। एल्कोहॉल एक ब्लड थिनर (Blood Thinner) है ऐसे में अगर हार्ट अटैक (Heart Attack) आया है तो इसका सेवन करने से बचें।
- पर्याप्त नींद लें (Enough sleep): हार्ट अटैक के बाद रोगी का सही नींद लेना और आराम करना भी जरूरी है। अगर आपको नींद संबंधी कोई समस्या है, तो सबसे पहले इसका उपचार कराएं।
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हार्ट अटैक के बाद डायट (Heart attack recovery diet) के बारे में आप जान ही गए होंगे। हार्ट अटैक (Heart Attack) एक भयानक स्थिति है। लेकिन, दूसरे हार्ट अटैक से बचने और क्वालिटी जीवन जीने के लिए हेल्दी डायट का पालन करना आवश्यक है। इस दौरान आपकी डायट कैसी होनी चाहिए, इसके बारे में अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह लें। खानपान का ध्यान रखकर और सही जीवनशैली अपनाने के बाद आप अपना सामान्य जीवन जी सकते हैं और दूसरे हार्ट अटैक के जोखिम को भी कम कर सकते हैं। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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