backup og meta

हेल्दी लाइफस्टाइल कैसे मददगार है ग्रैन्युलोमस की समस्या को दूर करने में, जानें!

हेल्दी लाइफस्टाइल कैसे मददगार है ग्रैन्युलोमस की समस्या को दूर करने में, जानें!

ग्रैन्युलोमस (Granulomas) का क्या अर्थ है इम्यून सेल की छोटी गांठ, जो उन जगहों पर बनती है जहां सूजन या इंफेक्शन हो। यह गांठ अधिकतर फेफड़ों में होती है, लेकिन सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में भी यह पाई जा सकती है। फेफड़ों में बनने वाली गांठ को लंग ग्रैन्युलोमस (Lung Granulomas) कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि ग्रैन्युलोमस (Granulomas) बैक्टीरिया और कवक जैसे जीवों को शरीर फैलने से रोकता है। ग्रैन्युलोमस के बारे में आमतौर पर एक्स-रे या अन्य परीक्षणों के माध्यम से तब  पता चलता है, जब डॉक्टर किसी और बीमारी का निदान कर रहे होते हैं। यह आमतौर पर खतरनाक लग सकते हैं, लेकिन अधिकतर ग्रैन्युलोमस नॉन कैंसरस (Noncancerous) हैं। आइए, जानें ग्रैन्युलोमस (Lung Granulomas) के बारे में विस्तार से।

ग्रैन्युलोमस के कारण क्या है (Causes of Granulomas) ?

ग्रैन्युलोमस ( Granulomas) शुरू में कोमल होता है लेकिन समय के साथ यह सख्त हो जाता है। इसका मतलब है कि ग्रैन्युलोमस (Granulomas) में कैल्शियम जमा हो रहा है। इसका पता आसानी से कुछ टेस्ट्स की मदद से चल जाता है। ग्रैन्युलोमस (Granulomas) किस कारण से होता है, इसकी जानकारी होना जरूरी है। जानिए, ग्रैन्युलोमस से जुड़े कारणों (Causes of  Granulomas) के बारे में।

यह भी पढ़ें : लंग कैंसर क्या होता है, जानें किन वजहों से हो सकती है ये खतरनाक बीमारी

सारकॉइडोसिस (Sarcoidosis)

सारकॉइडोसिस आपके फेफड़ों और अन्य अंगों को प्रभावित कर सकती है। शोधकर्ताओं को इसके सही कारण का पता नहीं है। लेकिन, उनके अनुसार ग्रैन्युलोमस (Granulomas) तब बनता है, जब हमारा इम्यून सिस्टम हानिकारक संक्रमण, रसायन या कभी-कभी शरीर के स्वयं के प्रोटीन से लड़ने की कोशिश करता है।

क्षय रोग (Tuberculosis) 

माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस (Mycobacterium tuberculosis) नामक एक बैक्टीरियम फेफड़ों को प्रभावित कर के इस बीमारी का कारण बन सकता है। यह फेफड़ों में ग्रैन्युलोमस  का कारण हो सकता है और बैक्टीरिया की वृद्धि को रोक सकता है। 

इस बारे दिल्ली के क्लीनिक्ल जनरल फीजिश्यन डॉक्टर अशोक रामपाल का कहना है कि  फेफड़ों को मजबूत बनाए रखने के लिए उसकी नियमित रूप से एक्सरसाइज भी बहुत जरूरी है। इसके लिए आप प्रोनिंग भी कर सकते हैं। ऑक्सिजन लेवल बढ़ाने के लिए प्रोनिंग फायदेमंद है। प्रोनिंग की आवश्यकता तब ही होती है, जब किसी रोगी को सांस लेने में कठिनाई (Breathing Problem) का अनुभव होता है और SpO2 का लेवल 94 से कम हो जाता है। SpO2 यानि कि ऑक्सिजन लेवल की नियमित निगरानी बहुत जरूरी है। इसी के साथ-साथ तापमान, ब्लड प्रेशर (Blood Pressure)      और ब्लड शुगर (Blood Sugar Test) की जांच भी बहुत जरूरी है। ऐसा करने से आप कइ प्रकार के होने वाली जटिलताओं से बच सकते हैं। लेकिन इसे प्रभावी रूप से घर पर करने के तरीकों पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

हिस्टोप्लास्मोसिस (Histoplasmosis) 

हिस्टोप्लास्मोसिस इंफेक्शन है जो एक कवक हिस्टोप्लास्मा के कारण होता है। हिस्टोप्लास्मा (Histoplasma) अक्सर पक्षियों और चमगादड़ की बीट (dropping) में पाया जाता है। अगर आप सांस के माध्यम से इसे अपने शरीर के अंदर ले जाते हैं, तो यह इस फेफड़े के संक्रमण का कारण बन सकता है। इस कवक को फैलने से रोक कर आप इस बीमारी से भी बच सकते हैं। यदि आपको हिस्टोप्लाज्मोसिस है, तो हो सकता है कि इसका कोई लक्षण आपको न नजर आए। लेकिन, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए, यह गंभीर हो सकता है।

पॉलीअंजीट्स के साथ ग्रैनुलोमैटोसिस (Granulomatosis with polyangiitis)

यह स्थिति फेफड़ों और आपके शरीर के अन्य हिस्सों में सूजन का कारण बनती है। यह एक ब्लड वेसल डिसऑर्डर blood vessel disorder है, जो अंगों में रक्त के प्रवाह को धीमा कर देता है। एक बार ऐसा होने पर, उस क्षेत्र के आस-पास के ऊतकों में सूजन आ जाती है और ग्रैन्युलोमस (Granulomas) बन जाता है। ये ग्रैन्युलोमस (Granulomas) प्रभावित अंगों को ठीक से काम करने से रोक सकते हैं।

रूमेटाइड गठिया  (Rheumatoid arthritis)

यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो सूजन का कारण बनती है और स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है। यह पूरे शरीर में टिश्यूस को प्रभावित कर सकती है।

ग्रैन्युलोमस के लक्षण क्या हैं (symptoms of Granulomas)?

ग्रैन्युलोमस ( Granulomas) के बहुत ही कम लक्षण नजर आते हैं। हालांकि, लंग ग्रैन्युलोमस (Lung Granulomas) रेस्पिरेटरी कंडीशन की प्रतिक्रिया में बनता है, जैसे कि सारकॉइडोसिस  (Sarcoidosis)  या हिस्टोप्लास्मोसिस (Histoplasmosis), इसके कई लक्षण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं: 

त्वचा को कई तरह के ग्रैन्युलोमस प्रभावित कर सकते हैं लेकिन अधिकतर से त्वचा को कोई हानि नहीं होती। त्वचा के ग्रैन्युलोमस के लक्षण इस प्रकार हैं:

  • त्वचा के नीचे पर हलके या पिंक रंग की गांठे
  • यह गांठे अधिकतर हड्डियों वाली जगह पर होती है जैसे कोहनी

Quiz : लंग कैंसर के उपचार से पहले जान लें उससे जुड़ी जरूरी बातें

ग्रैन्युलोमस का निदान कैसे किया जाता है (Diagnosis of Granuloma)?

अधिकतर मामलों में ग्रैन्युलोमस (Granulomas) का निदान डॉक्टर तब करते हैं ,जब आप उनके पास किसी अन्य बीमारी के उपचार के लिए जाते हैं। अगर आपके डॉक्टर को लगता है कि आपको लंग ग्रैन्युलोमस (Lung Granulomas) है तो वो आपकी मेडिकल हिस्ट्री को जांचते हैं कि क्या कुछ ऐसी स्थितियां हैं जो आप में सूजन पैदा कर सकती हैं। इसी तरह से स्किन, सिर या अन्य अंगों पर ग्रैन्युलोमस का निदान देख कर किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें : फेफड़ों को स्वस्थ्य बनाये रखने के लिए करें ये लंग्स एक्सरसाइज

इसके लिए कौन से टेस्ट उपलब्ध हैं?

अगर आपको सांस से संबंधित कोई समस्या है और आप डॉक्टर के पास एक्स-रे या सिटी स्कैन के लिए जाते हैं, तो उन्हें आपके लंग्स में छोटे धब्बे दिख सकते हैं जो ग्रैन्युलोमस (Granulomas) हो सकते हैं। पहली नज़र में, ग्रैन्युलोमस (Granulomas) कैंसरग्रस्त ट्यूमर (Cancerous tumor) जैसा दिखता है। 

सिटी स्कैन (CT Scan) : सिटी स्कैन छोटे नोड्यूल का पता लगा सकता है और इसे अच्छे से दिखा सकता है। इसलिए डॉक्टर आपको सिटी स्कैन के लिए कह सकते हैं। कैंसरयुक्त लंग नोडल्स (Nodules) का आकार अनियमित और बड़ा होता है। आपके फेफड़ों में अधिक मात्रा में नोड्यूल्स है तो कैंसर ट्यूमर होने की अधिक संभावना भी अधिक होती है।

पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (Positron emission tomography): पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (Positron emission tomography) स्कैन का उपयोग करके समय के साथ एक बड़े ग्रैन्युलोमस (Granulomas) को जांचा जा सकता है। इस प्रकार की इमेजिंग सूजन या अन्य समस्या की पहचान करने के लिए एक रेडियोएक्टिव सब्सटेंस (Radioactive Substances) के इंजेक्शन का उपयोग करती है।

बायोप्सी (Biopsy) : यह निर्धारित करने के लिए कि यह कैंसरस है या नहीं आपने डॉक्टर फेफड़े के ग्रैन्युलोमस (Lung Granulomas) की बायोप्सी ले सकते हैं। बायोप्सी में एक पतली सुई या ब्रोंकोस्कोप के साथ संदिग्ध टिश्यू का एक छोटा सा टुकड़ा निकालना होता है।  एक पतली ट्यूब आपके गले और आपके फेफड़ों में ड़ाला जाता है। टिश्यू के नमूने की जांच एक माइक्रोस्कोप के साथ की जाती है।

ग्रैन्युलोमस के लिए उपलब्ध ट्रीटमेंट कौन से हैं (Treatment of Granulomas)

ग्रैन्युलोमस (Granulomas) अन्य रोग के निदान के दौरान ही पहचाना जाता है। इस स्थिति में सबसे पहले उस रोग का इलाज जरूरी है, जिसके लिए आप डॉक्टर के पास आएं हैं। जैसे फेफड़ों में बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection) ग्रैन्युलोमस (Granulomas) की ग्रोथ को बढ़ाता है, ऐसे में इसका उपचार एंटीबायोटिक्स से किया जा सकता है। एक इंफ्लेमेटरी स्थिति जैसे सारकॉइडोसिस (Sarcoidosis), कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroids) या अन्य में एंटी-इंफ्लेमेटरी मेडिकेशन्स (Anti-Inflammatory Medications)  के साथ इलाज किया जा सकता है। अधिकतर तरह के ग्रैन्युलोमस को उपचार की जरूरत नहीं पड़ती।

ग्रैन्युलोमस में डायट से जुड़ी सावधानियां (Lung Granulomas Precautions)

ग्रैन्युलोमस (Granulomas) के कारण जलन हो सकती है, जो प्रभावित अंग पर असर डालती है। हालांकि, यह रोग लंग से शुरू होता है, लेकिन यह अन्य अंगों पर भी बुरा प्रभाव ड़ाल सकता है। ऐसे में अपनी देखभाल जरूरी है और ऐसे ही जरूरी है सही डायट लेना। जानिए ग्रैन्युलोमस (Granulomas) में कौन से खाद्य पदार्थ आपको खाने चाहिए और किन का सेवन नहीं करना चाहिए।

यह भी पढ़ें : फेफड़ों को स्वस्थ्य बनाये रखने के लिए करें ये लंग्स एक्सरसाइज

ग्रैन्युलोमस में क्या खाएं (What to Eat)

हालांकि,ग्रैन्युलोमस (Granulomas) के लिए कोई खास डायट निर्धारित नहीं की गयी है। लेकिन, एक संतुलित आहार आपके पूरे स्वास्थ्य को सुधारने के लिए आवश्यक है। इसके साथ ही ऐसी चीजों को खाएं जो सूजन को कम करें। ग्रैन्युलोमस (Lung Granulomas) में इन चीजों को खाना लाभदायक है :

  • अधिक फल और हरी सब्जियां 
  • एंटीऑक्सीडेंट्स युक्त चीजें जैसे टमाटर, ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, अमरूद, फूलगोभी आदि
  • लीन प्रोटीन जैसे मछली और पोल्ट्री 
  • हेल्दी फैट युक्त चीजें जैसे मेवे और फैटी फिश
  • ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें मैग्नीशियम अधिक हो और कैल्शियम कम हो। जैसे केले, आलू, सोया, कॉर्न, ओट्स आदि।
  • हाइड्रेट रहे, दिन में कम से कम आठ गिलास पानी पीएं।

आहार और पोषण एवं शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी के लिए क्लिक करें :

क्या न खाएं (What not to Eat)

जैसे किसी बीमारी में कोई खाद्य पदार्थ लाभदायक होते हैं, तो कुछ ऐसे भी होते हैं जिन्हें खाने से आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है। जैसे कुछ चीजों को खाने से सूजन बढ़ सकती हैं। जानिए कौन सी हैं वो चीजें जो इस दौरान नहीं खानी चाहिए।

  • रिफाइंड या प्रोसेस्ड आहार
  • ट्रांस-फैटी एसिड्स युक्त चीजें जैसे बेक या प्रोसेस्ड आहार
  • कैफीन युक्त पेय जैसे चाय या कॉफी
  • अधिक चीनी या नमक युक्त आहार
  • तंबाकू या एल्कोहॉल

यह भी पढ़ें : लंग्स को हेल्दी रखने में मदद कर सकती हैं ये आसान ब्रीदिंग एक्सरसाइज

ग्रैन्युलोमस के लिए लाइफस्टाइल में क्या बदलाव करने जरूरी हैं (Lifestyle Changes in Granulomas) ?

ग्रैन्युलोमस (Granulomas)  या किसी भी बीमारी के सही उपचार के साथ ही अपने लाइफस्टाइल में परिवर्तन भी बहुत जरूरी है। अपने लाइफस्टाइल में बदलाव कर के आप अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में बदलाव महसूस करेंगे। जानिए ग्रैन्युलोमस (Granulomas) की स्थिति में आपको अपने जीवन में क्या परिवर्तन करने चाहिए ताकि आप जीवन की क्वालिटी को बढ़ा सकें। 

स्मोकिंग से बचें (Avoid smoking)

ग्रैन्युलोमस (Granulomas) या फेफड़ों से जुड़ी किसी भी समस्या से राहत पाने का सबसे पहला और बेहतरीन तरीका है स्मोकिंग से बचना। अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो तुरंत इसे छोड़ दें और इसके लिए डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। इसके साथ ही प्रदूषण, धुएं या किसी गैस के सम्पर्क में आने से भी बचे। 

पर्याप्त नींद  (Enough Sleep)

अपने आपको आराम देना बहुत जरूरी है और उसमें नींद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रोज कम से कम आठ घंटे की नींद अवश्य लें। 

शारीरिक गतिविधियां (Physical Activities)

शारीरिक रूप से एक्टिव रहने का महत्व हम सभी जानते हैं। अगर आप रोजाना व्यायाम नहीं करेंगे, तो कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।

संतुलित आहार (Healthy Food)

आजकल हम स्वाद को अधिक महत्व देते हैं। लेकिन, स्वादिष्ट और अनहेल्दी खाना आपकी सेहत को खराब कर सकता है। अगर स्वस्थ रहना और ग्रैन्युलोमस ( Granulomas) की समस्या से बचना चाहते हैं तो अच्छा और संतुलित आहार ही खाएं। इसके साथ ही अधिक पानी और अन्य हेल्दी तरल पदार्थों का सेवन करें।

यह भी पढ़ें : Diphtheria : डिप्थीरिया (गलाघोंटू) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

ग्रैन्युलोमस (Granulomas) आम तौर पर खुद ठीक हो जाते हैं और गायब हो जाते हैं। लेकिन, अगर वे ठीक नहीं होते हैं, तो फेफड़े के ऊतक सूज सकते हैं और कठोर हो जाते हैं। यह किसी बड़ी समस्या की तरफ इशारा हो सकता है। इसलिए, अगर आपको ग्रैन्युलोमस (Granulomas) का कोई भी लक्षण नजर आता है तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं और जल्दी से सही उपचार शुरू करें। 

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Granuloma: What does it mean?.https://www.mayoclinic.org/granuloma/expert-answers/faq-20057838#:~:text=A%20granuloma%20is%20a%20small,body%20and%20head%20as%20well. Accessed on 04.04.21

Lung granuloma: A clinicopathologic study of 158 cases. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5656947/ .Accessed on 04.04.21

Granulomatous lung disease. https://radiopaedia.org/articles/granulomatous-lung-disease .Accessed on 04.04.21

Granulomas. https://www.healthdirect.gov.au/granulomas .Accessed on 04.04.21

Eosinophilic Granuloma of the Lung. https://journal.chestnet.org/article/S0096-0217(15)33718-3/fulltext 

.Accessed on 04.04.21

Current Version

20/09/2021

AnuSharma द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Niharika Jaiswal


संबंधित पोस्ट

सर्दी अगर ब्रोंकाइटिस बन जाए तो क्या करें?

वर्ल्ड लंग्स डे: इस तरह कर सकते हैं फेफड़ों की सफाई, बेहद आसान हैं तरीके


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/09/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement