World Teen Mental Illness Day 2020: न किसी चीज की चिंता थी, न किसी को हराना था, कितना सुंदर वो बचपन का जमाना था। आप इस लाइन को पढ़कर अपने बचपन या किशोरावस्था/टीनएज को याद कर सकते हैं और खुश हो सकते हैं कि बचपन या किशोरावस्था में आप कितने खुश और बेपरवाह थे। लेकिन, अफसोस यह खुशी आने वाली पीढ़ी बहुत ज्यादा महसूस नहीं कर सकती। क्योंकि, आज वे करियर प्रेशर (Career Pressure) का शिकार बन जाते हैं। आज के दौर में प्रतिस्पर्धा और फ्यूचर प्लानिंग इतनी बढ़ गई है, कि बच्चे या किशोर उम्र के लोग भी इससे बच नहीं पाए हैं। कभी माता-पिता तो कभी खुद ही बच्चे अपने करियर को लेकर इतने चिंतित हो जाते हैं, कि और हम अपने बचपन की यादों को समय का खेल मानकर अपने बच्चे की तरफ ध्यान ही नहीं देते।
आपकी ये नजरअंदाजी आपके बच्चे के भविष्य को बर्बाद कर सकती है और उसे न जाने कितनी शारीरिक और मानसिक समस्याएं दे सकती है। लेकिन, थोड़ी-सी सावधानी और पूरा साथ, आपके बच्चे को इस समस्या से लड़ने और सफलतापूर्वक निकलने में मदद कर सकता है।
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करियर प्रेशर कैसे होता है?
किशोरावस्था या टीनएज की बात करें, तो सामान्य रूप से 9 से 19 साल तक के बच्चों को इस श्रेणी में रखा जा सकता है। हर उम्र के बच्चे पर अलग-अलग तरह का प्रेशर हो सकता है। जैसे- प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे पर एग्जाम में टॉप स्कोरर या हाई मार्क्स लाने का प्रेशर, किसी बच्चे पर मां-बाप के सपनों का प्रेशर आदि-आदि। आमतौर पर, करियर प्रेशर 15 वर्ष से 18 वर्ष या उसके आसपास के उम्र के बच्चों पर ज्यादा हो सकता है। क्योंकि, इस समय आप हाई स्कूल से निकलकर कॉलेज या कोई प्रोफेशनल कोर्स या फिर भविष्य के लिए एक रास्ता खोज रहे होते हैं, जिसपर वो जिंदगी में चलना चाहते हैं। लेकिन, जरूरी नहीं कि करियर प्रेशर सिर्फ इसी उम्र के बच्चों पर हो, क्योंकि आज के बदलते समाज में 10 साल का बच्चा भी आगे चलकर एक अलग प्रोफेशन चुनना या सफल या अमीर बनने का सपना रख सकता या सकती है और भारत जैसे देश में जहां पैदा होते ही बच्चे के पापा, ताऊ, चाचा, फूफा, मां, ताई, चाची, बुआ आदि, उसके प्रोफेशन का चुनाव कर देते हैं, वहां बच्चों पर करियर प्रेशर की उम्र का आंकलन करना गलत होगा। इतने शायद बच्चे के पास करियर के ऑप्शन नहीं होते, जितना कि उसके करियर का चुनाव करने वाले होते हैं।
हालांकि, बच्चों पर करियर प्रेशर के सामान्य प्रकार निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे-
- करियर चुनना
- बेस्ट कॉलेज का चुनाव
- मां-बाप के सपनों या उम्मीदों पर खरा उतरना, जो कि शायद ही कोई कर पाता हो
- कॉलेज एंट्रेंस एग्जाम या प्लेसमेंट के लिए पढ़ाई करना
- सिंगिंग, एक्टिंग, पेंटिंग, फैशन डिजाइनिंग आदि जैसे किसी अन्य गैर-पारंपरिक करियर के लिए मां-बाप को समझाना, आदि
- इसके अलावा, कोई करियर ऑप्शन न होना भी बच्चों पर करियर प्रेशर का एक प्रकार हो सकता है
- दोस्त, क्लासमेट, कॉलेजमेट आदि से करियर में मुकाबला करने का प्रेशर
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करियर प्रेशर से बच्चे का भविष्य कैसे बर्बाद हो सकता है?
अगर, अभी मेहनत नहीं करोगे और अपने भविष्य के बारे में नहीं सोचोगे, तो तुम्हारा फ्यूचर बर्बाद हो जाएगा। आपने भी यह लाइन जरूर अपने मां-बाप से सुनी होगी और अगर आप एक बच्चे के मां या पिता हैं, तो आपने भी ये डायलॉग बोलने का मौका नहीं छोड़ा होगा। लेकिन, आपको बता दें कि भविष्य के बारे में ज्यादा दबाव डालना या सोचना भी, उनके करियर को बर्बाद कर सकता है। करियर ऑप्शन के बारे में ज्यादा सोचना या बेहतर रिजल्ट के लिए अपनी मानसिक और शारीरिक क्षमता से ज्यादा दबाव डालना उन के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यह उनकी परफॉर्मेंस पर असर डाल सकता है, जो कि उन पर अतिरिक्त प्रेशर का कारण बन सकता है।
करियर प्रेशर में सेहत का ध्यान
हाई मार्क्स के लिए सेहत का ध्यान न रखना और शारीरिक क्षमता से ज्यादा पढ़ना, अपने दोस्त या कॉलेजमेट से बेहतर कॉलेज या प्लेसमेंट प्राप्त करने की ज्यादा फिक्र, अच्छी सैलरी वाली नौकरी पाने की चिंता, जबरदस्ती थोपे गए करियर का दबाव, अपने मनपसंद करियर के न चुन पाने का दुख आदि, बच्चे को कई स्वास्थ्य समस्याएं प्रदान कर सकता है। जो कि बच्चे के भविष्य के लिए हानिकारक और यहां तक कि जानलेवा भी साबित हो सकती है।
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बच्चों-किशोरों पर करियर प्रेशर से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं और संकेत
बच्चों में करियर प्रेशर की वजह से दिखने वाले संकेत
- सिरदर्द या पेट में दर्द होना
- नींद न आना या ज्यादा आना
- पढ़ाई में मन न लगना
- चिड़चिड़ापन होना
- अकेला रहना
- जल्दी-जल्दी बीमार पड़ना
- व्यवहार में नकारात्मकता आना
- फोकस न कर पाना
- नेगेटिव बात करना
- कम खाना या ज्यादा खाना
- हर समय डरा हुआ या चिंतित रहना
- सिगरेट, तंबाकू या शराब का सेवन शुरू करना
करियर के प्रेशर की वजह से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं
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बच्चों पर करियर प्रेशर कम करने या दूर करने के लिए क्या करें और क्या न करें?
बच्चे खुद की मदद कैसे करें?
- अपनी परेशानी के बारे में बात करें।
- चिंता होने पर लंबी सांसे लें और रोजाना योगा या व्यायाम करें और स्वस्थ डाइट लें।
- अपने टास्क को छोटे-छोटे हिस्सों में ब्रेक करें।
- अनुशासित रहें।
- एक बार असफल होने से प्रयास करना न छोड़े और बार-बार कोशिश करें।
- जिस चीज पर नियंत्रण नहीं कर सकते, उसपर ध्यान न दें। जैसे- कोशिश और मेहनत आपके नियंत्रण में है, लेकिन उसका परिणाम नहीं।
- उम्मीदें और सपनों को खुद पर हावी न होने दें।
- अपनी खास ताकत और कमियों पर ध्यान दें और खुद को अपने असली रूप में स्वीकार करें।
- असफलता को स्वीकार करें और जीवन का हिस्सा मानें।
माता-पिता क्या करें?
- अपने बच्चे के व्यवहार और भावनाओं पर नजर रखें।
- बच्चे के साथ विश्वास का रिश्ता बनाएं।
- हमेशा अपने बच्चे की बात सुनें और उसे समय दें।
- उसके स्वास्थ्य, पोषण और जरूरी आराम का ध्यान रखें।
- बच्चे को समस्या का सामना करना सीखाएं।
- बच्चे पर किसी खास करियर या अपनी उम्मीदों का दबाव न बनाएं। वह जो करना चाहता हो, उसका साथ दें।
- बच्चे को ड्रग और शराब के नुकसान बताएं।
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करियर का चुनाव कैसे करें?
कई बार बच्चों के सामने करियर के विकल्प नहीं होते या फिर वह किसी करियर का चुनाव नहीं कर पाते। ऐसे में कुछ टिप्स उनकी मदद कर सकते हैं। जैसे-
- सबसे पहले खुद की रूचि और अरूचि के बारे में जानें।
- करियर के सभी विकल्पों की लिस्ट बनाएं।
- लिस्ट में शामिल सभी विकल्पों के बारे में जानें।
- अब उस लिस्ट में शामिल पसंदीदा विकल्पों की छोटी लिस्ट बनाएं।
- अब उनसे संबंधित लोगों या स्टूडेंट से बात करें और उस करियर में मौजूद स्कोप और मांग की संभावना जानें।
- इसके बाद एक विकल्प का चुनाव करें।
- अब चुने गए करियर में लक्ष्य का चुनाव करें।
- लक्ष्य के लिए एक एक्शन प्लान बनाएं।
- इसके लिए आप अपने माता-पिता, दोस्त, जानकार या किसी करियर काउंसलर की भी मदद ले सकते हैं।
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