बच्चों को अच्छी आदतें सिखाना बेहद ही जरूरी होता है, यही आगे चलकर उनके व्यवहार का हिस्सा बनती हैं। इसलिए जरूरी है कि बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए उन्हें सही उम्र में अच्छी सीख दी जाए। ऐसे में स्कूल के बच्चों के लिए हेल्दी हेबिट्स सीखना बेहद जरूरी हो जाता है। यदि उन्हें अच्छी परवरिश न दी जाए, तो संभव है कि आपका बच्चा आगे चलकर बिगड़ जाए, बड़ों की इज्जत न करे या गलत संगत में पड़ जाए। तो आइए इस आर्टिकल में हम स्कूल के बच्चों के लिए हेल्दी हेबिट्स की बात करते हैं, जिन्हें अपना कर पैरेंट्स बच्चों को मूल्यों, संस्कार, दूसरों की मदद करने की सीख दे सकते हैं। यही आगे चलकर बच्चों के व्यक्तित्व का हिस्सा बनते हैं।
यदि आप पैरेंट्स हैं तो आप महसूस करते होंगे कि बच्चे आप ही को देखकर सीखते हैं। आपकी अच्छी व बुरी आदतों को वो अपनाते हैं। ऐसे में बच्चों को सीख देने से पहले जरूरी है कि आप अपनी आदतों में परिवर्तन लाएं। बच्चों के सामने कुछ भी बोलने से पहले सोचें कि उन पर इसका क्या असर पड़ेगा। इसके लिए बच्चे में सीखने की प्रवृत्ति विकसित करें। ताकि वो आपसे अच्छी आदतों को सीख सकें।
फिजिकल एक्टिविटी को दें तवज्जो, गेम या डांस क्लास है बेहतर विकल्प
स्कूल के बच्चों के लिए हेल्दी हेबिट्स विकसित करने के लिए उन्हें आप फिजिकल एक्टिविटी के लिए प्रेरित कर सकते हैं। लेकिन सभी बच्चे स्पोर्ट्स पसंद नहीं करते। ऐसे में आप उनकी पसंद व नापसंद को ध्यान में रखते हुए फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ावा देने की सोचें। यदि आपके बच्चे फिजिकल एक्टिविटी को पसंद करते हैं तो इसके जरिए वो खुश रहने के साथ हेल्दी रह सकते हैं। आगे चलकर इस प्रकार की एक्टिविटी को दिनचर्या में जोड़े रखते हैं। यदि आपके बच्चे को अब तक किसी प्रकार के स्पोर्ट्स एक्टिविटी में इंट्रेस्ट नहीं है, तो उनमें स्पोर्ट्स व अन्य शारिरिक एक्टिविटी के लिए उत्सुकता जगाते रहें। आप चाहें तो उनका इंट्रेस्ट जगाने के लिए उन्हें स्वीमिंग, आर्चरी, जिमनास्टिक, डांस क्लासेस, फुटबॉल, ट्रैकिंग जैसी एक्टिविटी कराने के लिए बाहर लेकर जाएं। ताकि बच्चे इन स्पोर्ट्स-एक्टिविटी को करीब से देख सकें व अपनी पसंदीदा स्पोर्ट्स का चयन कर उसे जीवन में शामिल कर सकें।
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खाने की अच्छी आदतें विकसित करें
स्कूल के बच्चों के लिए हेल्दी हेबिट्स विकसित करने के लिए जरूरी है कि उन्हें खाने की अच्छी आदतें सिखाई जाएं। हमारे आस-पड़ोस के बच्चों को आपने यह कहते सुना होगा कि मुझे यह सब्जी नहीं खानी, बल्कि फास्ट फूड खाना है। कई बच्चे तो फास्ट फूड व चाइनीज फूड के इतने दिवाने होते हैं कि वो नाश्ते से लेकर रात के डिनर तक फास्ट फूड खाना पसंद करते हैं। खाने में जहां ये खाद्य पदार्थ टेस्टी होते हैं, वहीं ये शरीर के लिए उतने ही हानिकारक भी होते हैं। बच्चों में खाने की अच्छी आदतें विकसित करने के लिए उन्हें हरी सब्जियों का सेवन कराएं। खासतौर पर सीजनल सब्जियां- फ्रूट्स का सेवन जरूर करें व कराएं। आप खुद भी इस बात का ख्याल रखें कि यदि आप बड़े चाव से पौष्टिक सब्जियों का सेवन करेंगे, तो आपका बच्चा भी बड़े ही चाव से खाएगा। क्योंकि बच्चे पैरेंट्स को ही देखकर सीखते हैं।
यदि आप बच्चों की डायट में हर रंग की सब्जियों को शामिल करते हैं, तो इससे उनको पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रिएंट्स मिलेंगे। शरीर में विटामिन व मिनरल्स की पूर्ति करने के लिए पौष्टिक फल व सब्जियों का सेवन करना उचित होता है। इसलिए बच्चों को हर प्रकार के रंग के फल व सब्जियों को खाने की आदत विकसित करें।
घर पर रहकर सारा दिन टीवी व वीडियो गेम खेलने से बचें
स्कूल के बच्चों के लिए हेल्दी हेबिट्स कम उम्र में ही डेवलप करना बेहद जरूरी है। इसलिए टीवी या विडीयो गेम एक सीमित समय तक ही देखने की आदत डालें। वैसे बच्चे जो घर पर लगातार एक घंटे या दो घंटे से ज्यादा समय तक टीवी देखते हैं, उनमें सामान्य बच्चों की तुलना में कई परेशानियां होने की संभावना रहती है, जैसे
- ओबेसिटी (मोटापा), ओवरवेट की समस्या
- अनियमित निद्रा, नींद न आना, सोने में परेशानी
- आउटडोर एक्टिविटी व खेलने के लिए कम समय निकाल पाना
- स्कूल में अच्छी परफॉर्मेंस न दे पाना
- बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन, जैसे इमोशनल व सोशल प्रॉब्लम के साथ ध्यान विकार (अटेंशन प्रॉब्लम) जैसी समस्याएं
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समय पर खाना है जरूरी
स्कूल के बच्चों के लिए हेल्दी हेबिट्स में आप उन्हें भोजन की इज्जत करना सीखा सकते हैं। क्योंकि बचपन में सिखाई गई आदतें ही जीवनभर रहती है। यदि आप सही समय पर ब्रेकफास्ट करेंगे, तो आपका बच्चा भी सही समय पर नाश्ता करेगा। समय पर भोजन करने जैसी अच्छी आदतों को जीवन में जारी रखें। इसके साथ ही बच्चों को हेल्दी ब्रेकफास्ट के लिए प्रेरित करें। सुबह का किया हुआ नाश्ता दिनभर एनर्जी देता है। इसके कई फायदें हैं, जैसे
- अनुवांशिक रोगों से काफी हद तक बचाव होना
- शारिरिक तौर पर मजबूत बने रहना
- शरीर के साथ दिमाग में ऊर्जा का संचार होना
हावर्ड मेडिकल स्कूल इस बात की पुष्टि करता है कि लंबे समय तक समय पर नाश्ता न करने से मोटापे की संभावना चार गुना ज्यादा बढ़ जाती है। ब्रेकफास्ट में मौजूद फाइबर युक्त तत्व जैसे कि दाल का सेवन करने से डायबिटीज और दिल संबंधी बीमारी होने की संभावनाओं में काफी कमी आती है।
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बच्चों में पढ़ने की आदत करें विकसित
आप पढ़ने की अच्छी आदत को विकसित कर स्कूल के बच्चों के लिए हेल्दी हेबिट्स की सीख दे सकते हैं। मौजूदा समय में बच्चों में पढ़ने की आदत को विकसित करना बेहद जरूरी है। इसके जरिए वो स्कूल के साथ जीवन में सफलता के आयाम रच सकते हैं। पढ़ने की आदत से बच्चों में आत्म सम्मान, परिवार के सदस्यों व दूसरे लोगों के साथ दोस्ताना संबंध बनाने जैसी अच्छी आदतें विकसित होती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि बच्चों की दिनचर्या में खेलने के साथ-साथ सोने के पूर्व पढ़ने की आदत को विकसित करें। आप चाहें तो बच्चे के शुरुआती दिनों (कम उम्र) में ही उसे कहानियां पढ़कर सुना सकते हैं।
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खाने की न्यूट्रिशन वेल्यू को देख कर करें सेवन
स्कूल के बच्चों के लिए हेल्दी हेबिट्स में उन्हें अच्छा खाना खाने का आदि बनाएं, न कि वे ब्रैंड के मुरीद बन जाएं। बच्चों को सिखाएं कि खाने-पीने की कोई भी चीज का सेवन करने से पहले उसके न्यूट्रिशन वैल्यू को देखें, खुद चेक करें कि उस खाद्य पदार्थ का सेवन करना उनकी सेहत के लिए अच्छा है या उसका उनकी हेल्थ पर गलत असर पड़ेगा। इसके लिए फूड पैकेट्स पर लिखी जानकारी को पढ़ उसकी न्यूट्रिशनल वेल्यू का पता लगाकर आप उसका सेवन कर सकते हैं। नुकसान से बचने के लिए आप बच्चों को कुछ अहम चीजें सीखा सकते हैं, ताकि किसी खाद्य पदार्थ का सेवन करने के पूर्व वो उसे पढ़ें, जैसे
- कैलोरी को चेक करें
- सैचुरेटेड फैट व ट्रांस फैट की मात्रा देखें
- उस खाद्य पदार्थ में शुगर की मात्रा देखें
सोडा की बजाय पानी का सेवन करना सिखाएं
स्कूल के बच्चों के लिए हेल्दी हेबिट्स की सीख देने के दौरान उन्हें सोडा, कोल्ड ड्रिंक जैसे हानिकारक पेय से परहेरज करना सिखाएं। क्योंकि एक बात जान लेना सबके लिए जरूरी है कि पानी का सेवन करना सेहत के लिए हेल्दी है। लेकिन सोडा का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक। यह हो सकता है कि आपका बच्चा कम उम्र में सही व गलत को न समझें। इसके लिए आप उन्हें बेसिक और सही जानकारी दे सकते हैं। बता सकते हैं कि कोल्ड ड्रिंक में पाए जाने वाला एडेड शुगर उनकी सेहत के लिए कितना हानिकारक है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार कोल्ड ड्रिंक में पाए जाने वाले शुगर में किसी प्रकार के पोषक तत्व नहीं होते। इसमें इतनी कैलोरी होती है जिस वजह से आप मोटापे जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं। दूसरी ओर पानी है, जिसके बिना इंसान जिंदा ही नहीं रह सकता। पानी का पर्याप्त मात्रा में सेवन कर शारिरिक रूप से स्वस्थ्य रह सकते हैं।
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कोशिश करें कि रात का खाना फैमिली के साथ खाएं
दिनभर की व्यस्त दिनचर्या के बाद रात का खाना साथ खाने के लिए समय निकालें। स्कूल के बच्चों के लिए हेल्दी हेबिट्स विकसित करने के लिए आप उन्हें सीख दे सकते हैं कि रात का खाना अकेले खाने की बजाय परिवार के सदस्यों के साथ ही खाएं। क्योंकि मौजूदा समय में यह काफी मुश्किल हो गया है कि साथ में बैठकर आप भोजन करें। लेकिन जब भी समय मिले आपको परिवार के साथ बैठकर भोजन जरूर करना चाहिए। यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के शोध के अनुसार परिवार के सदस्यों के साथ भोजन करने के कई फायदें हैं, जैसे
- परिवार के सदस्यों के साथ रिश्ते मजबूत होते हैं
- बच्चे बुरी आदतों की तरफ कम रुख करते हैं, जैसे शराब का सेवन व ड्रग्स का सेवन
- बच्चों में ओवरवेट होने की संभावना कम होती है
- सभी व्यक्ति ज्यादा पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन कर पाते हैं
- बड़ों के बीच में उठने, बैठने व बोलने की समझ आती है
दोस्तों के साथ समय बिताएं
स्कूल के बच्चों के लिए हेल्दी हेबिट्स सिखाने के दौरान आपको उन्हें उनके दोस्तों के साथ खेलने-कूदने की थोड़ी छूट जरूरी देनी चाहिए। एनसीबीआई के क्लीनिकल चाइल्ड एंड फैमिली साइकोलॉजी रिव्यू के अनुसार बच्चों को उनके दोस्तों के साथ खेलने की छूट देने से उनमें सोशल स्किल विकसित होने के साथ बात करने का तरीका, एक दूसरे को मदद करने की सीख, समस्याओं को सुलझाने जैसी आदतें विकसित होती है। दोस्त बनाने से स्कूल में बच्चों की परफॉर्मेंस पर भी अच्छा असर दिखने को मिलता है। बच्चों को ज्यादा से ज्यादा व अच्छे दोस्त बनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। ताकि वो उनके साथ खेलकर अच्छी आदतें सीख सकते हैं।
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हमेशा सकारात्मक सोच रखने की सीख दें
स्कूल के बच्चों के लिए हेल्दी हेबिट्स की सीख देनें के लिए उन्हें हमेशा सकारात्मक सोच रखने के लिए प्रेरित करना चाहिए। यदि चीजें गलत हो तो उस स्थिति में आप बच्चों को थोड़ा बहुत हतोत्साहित कर सकते हैं। अपने एक्सपीरिएंस से सीखने जैसे आदत को विकसित करा आप उनमें सकारात्मक सोच रखने की सीख दे सकते हैं। एनसीबीआई की क्लीनिकल चाइल्ड एंड फैमिली साइकोलॉजी के रिव्यू के अनुसार बच्चों के साथ बड़े भी सकारात्मक सोच रखकर जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। ऐसा कर न केवल वो निजी रिश्तों को बरकरार रख सकते हैं बल्कि दूसरों के साथ भी अच्छे संबंध स्थापित कर सकते हैं।
बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दें सीख
इन सीखों को देकर आप बच्चों में आत्म सम्मान की सीख दे सकते हैं। इससे आपका बच्चा दूसरों की इज्जत करने के साथ हर काम को करने की क्षमता रखेगा। जीवन में बड़ी से बड़ी मुसीबतों को झेलने की शक्ति रखेगा। यही वजह भी है कि स्कूल के बच्चों के लिए हेल्दी हेबिट्स सिखाना जरूरी होता है, ताकि वो आत्मनिर्भर बन सके।
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