पेट दर्द, ऐंठन, डायरिया, कब्ज आदि पेट की समस्याएं हमारे पाचन तंत्र को प्रभावित करती हैं। पेट की बीमारियों के कई कारण हो सकते हैं और इन समस्याओं में से सबसे सामान्य है गेस्ट्रोएंट्राइटिस, जिसे स्टमक फ्लू (Stomach Flu) भी कहा जाता है। गेस्ट्रोएंट्राइटिस एक आम समस्या है लेकिन इससे बचाव संभव है। आज हम इस समस्या के कारण और लक्षणों के साथ-साथ गेस्ट्रोएंट्राइटिस से बचाव (Prevention of Gastroenteritis) के बारे में भी आपको बताने वाले हैं। ताकि, यह समस्या आपको या आपके परिवार को परेशान न कर पाए। तो आइए जानते हैं कैसे संभव है गेस्ट्रोएंट्राइटिस से बचाव (Prevention of Gastroenteritis)। लेकिन, बचाव से पहले इस समस्या के बारे में थोड़ी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।
गेस्ट्रोएंट्राइटिस क्या है? (Gastroenteritis)
गैस्ट्रोएंटेराइटिस को अक्सर स्टमक फ्लू (Stomach Flu) कहा जाता है। यह आंतों की लायनिंग में होने वाली सूजन है। इस समस्या के कारण बैक्टीरिया, परजीवी, वायरस आदि को माना जाता है। अधिकतर इंफेक्टेड लोगों, दूषित पानी या आहार के कांटेक्ट में आने से यह समस्या होती है। यही नहीं, ज्यादातर लोग इस रोग से बिना किसी कॉम्प्लीकेशन्स के ठीक हो जाते हैं। लेकिन, नवजात शिशुओं या जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है, उन्हें कॉम्प्लीकेशन्स होने की संभावना अधिक रहती है। इससे प्रभावित अधिकतर लोग सही और पौष्टिक आहार के सेवन, पर्याप्त आराम आदि से ही रिकवर हो जाते हैं। जानिए क्या हैं इसके लक्षण?
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गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Gastroenteritis)
गैस्ट्रोएंटेराइटिस का सबसे मुख्य लक्षण है डायरिया। इस रोग के लक्षण संक्रमित व्यक्ति को एक या दो दिन के बाद नजर आने लगते हैं। गेस्ट्रोएंट्राइटिस से बचाव (Prevention of Gastroenteritis) से पहले इसके लक्षणों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। इसके मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- वाटरी डायरिया (Watery Diarrhea)— जो आमतौर पर खून रहित होता है। ब्लडी डायरिया का अर्थ है कि आपको कोई अन्य और गंभीर इंफेक्शन है। यानी, डायरिया में अगर खून भी आता है तो यह गंभीर स्थिति हो सकती है।
- पेट में क्रैम्प और दर्द (Abdominal Cramps and Pain)
- जी मचलना, उल्टी आना या दोनों (Nausea, Vomiting or Both)
- कभी कभी मसल्स दर्द या सिरदर्द (Muscle aches or Headache)
- लो ग्रेड फीवर (Low-Grade Fever)
इसके लक्षण भी कई कारणों पर निर्भर करते हैं। जैसे वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण व्यक्ति के संक्रमित होने के एक या तीन दिन के अंदर नजर आते हैं और इसके लक्षण माइल्ड से गंभीर तक हो सकते हैं। इसके लक्षण आमतौर पर केवल एक या दो दिन तक रोगी में रहते हैं, लेकिन किन्हीं स्थितियों में यह 10 दिनों तक बने रह सकते हैं। अगर यह समस्या अधिक दिन तक ठीक न हो तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है।
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गेस्ट्रोएंट्राइटिस का उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment of Gastroenteritis)
गेस्ट्रोएंट्राइटिस से बचाव (Prevention of Gastroenteritis) से पहले इसके उपचार के बारे में भी जान लेते हैं क्योंकि इसके उपचार में घरेलू उपाय शामिल हैं, जिससे यह समस्या को जल्दी ठीक होने से मदद मिलती है। गेस्ट्रोएंट्राइटिस की समस्या आमतौर पर कुछ दिनों में बिना किसी उपचार के खुद ठीक हो जाती है। लेकिन, उल्टी आना या डायरिया से डिहायड्रेशन हो सकती है। ऐसे में अधिक से अधिक पानी पीना जरुरी है।
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यही नहीं, इनके कारण शरीर से जरूरी मिनरल जैसे सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम आदि भी निकल जाते हैं। ऐसे में, डॉक्टर की सलाह के बाद आप इनके विकल्प के रूप मेडिकल स्टोर में मिलने वाले सोलूशन्स को ले सकते हैं। डॉक्टर इसके लिए इंट्रावेनस फ्लुइड्स और इलेक्ट्रोलाइट्स (Intravenous Fluids and Electrolytes) की सलाह भी दे सकते हैं। बैक्टीरियल गेस्ट्रोएंट्राइटिस की गंभीर स्थितियों में डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स की सलाह भी दे सकते हैं। इसके किसी भी लक्षण से राहत पाने के लिए अगर आप ओवर-द-काउंटर कोई दवा ले रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (National Library of Medicine) के अनुसार गंभीर डायरिया की स्थिति में आपके डॉक्टर आपको कुछ दवाइयों की सलाह दे सकते हैं। जैसे बिसमथ सबसेलिसिलेट (Bismuth Subsalicylate)। लेकिन, अगर आपको हाय फीवर या ब्लडी डायरिया है तो इस दवा को न लें। एंटीडायरियल दवाइयां बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं होती, ऐसे में बच्चों को भी यह दवाइयां देने से बचें। अब जानते हैं इस परेशानी से बचने के तरीकों के बारे में।
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गेस्ट्रोएंट्राइटिस से बचाव क्या संभव है? (Prevention of Gastroenteritis)
गेस्ट्रोएंट्राइटिस की स्थिति में जल्दी रिकवर होने के लिए आपको पर्याप्त रेस्ट करने और हायड्रेटेड रहने की जरूरत है। डायरिया और उल्टी की स्थिति में शरीर से बहुत अधिक इलेक्ट्रोलाइट्स बाहर निकल जाते हैं। ऐसे में अगर आपके पेट में अभी भी समस्या है तो पानी, स्पोर्ट्स ड्रिंक, जूस आदि का सेवन करना चाहिए। जानिए कैसे करें इस स्थिति में अपनी देखभाल:
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गेस्ट्रोएंट्राइटिस में कैसे करें खुद की देखभाल (Self-Care for Gastroenteritis)
गेस्ट्रोएंट्राइटिस से बचाव (Prevention of Gastroenteritis) के लिए आप खुद अपनी देखभाल कर सकते हैं। गेस्ट्रोएंट्राइटिस के लक्षणों को सुधारने और डीहाइड्रेशन से बचने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:
- अगर आप गेस्ट्रोएंट्राइटिस के कारण पेट में होने वाली समस्या से बचना चाहते हैं। तो कुछ घंटों के लिए सॉलिड फूड खाने से बचें। इससे आपके पेट को आराम पहुंचेगा।
- बार-बार अपने हाथों को धोएं। सही हायजीन का पालन करना जैसे बार-बार हाथ होना वायरस या अन्य रोगाणुओं से बचने का बेहतरीन तरीका है। खाना खाने से पहले, खाना बनाने से पहले, बाथरूम जाने के बाद हाथों को अच्छे से धोना बेहद जरूरी है। अपने बच्चों को भी इन अच्छी आदत के बारे में सिखाएं।
- अगर किन्हीं स्थितियों में आपके पास साबुन या पानी उपलब्ध नहीं है तो हाथ धोने के लिए एल्कोहॉल बेस्ड सैनिटायजर का प्रयोग करें। गेस्ट्रोएंट्राइटिस से बचाव (Prevention of Gastroenteritis) का यह भी आसान और प्रभावित तरीका है।
- अगर आप बीमार है तो आप अन्य लोगों से दूर रहें। अगर आपको यह समस्या है तो आप किसी के लिए भी खाना बनाने से भी बचें।
- दूषित पानी और आहार के सेवन से बचें। ऐसे किसी भी आहार का सेवन करने से बचें ,जो आपको बीमार करे जैसे कच्चा या अधपका मीट। फल सब्जियों को भी पकाने या खाने से पहले अच्छे से धोना जरूरी है
- अपनी पर्सनल चीजों को शेयर न करें। एक ही गिलास या बोतल से पानी पीने या एक ही प्लेट से खाना खाने से बचें।
- पर्याप्त आराम करें। गेस्ट्रोएंट्राइटिस की समस्या में रोगी की एनर्जी बेहद लो हो जाती है। ऐसे में जल्दी रिकवर होने के लिए रोगी का आराम करना और पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है।
- सबसे जरूरी है पानी और अन्य हेल्दी तरल पदार्थों का सेवन जैसे नारियल पानी। इसके बारे में आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
अन्य उपाय (Other Tips)
- अगर आपके परिवार में ऐसा कोई सदस्य है, जो इस समस्या से पीड़ित हैं तो साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। ब्लीच बेस्ड क्लीन्ज़र से पूरे घर के फर्श को डिसइंफेक्ट करें। इसके साथ ही उसके बर्तनों, तौलिया या अन्य निजी चीजों को किसी अन्य व्यक्ति को प्रयोग न करने दें। अगर आपके परिवार में कोई बीमार है तो उससे दूरी बनाये रखें।
- गेस्ट्रोएंट्राइटिस की संभावना छोटे बच्चों को अधिक होती है खासतौर पर जो बच्चे स्कूल जाते हैं या डे-केयर फैसिलिटी में रहते हैं। उन्हें गेस्ट्रोएंट्राइटिस से बचाव (Prevention of Gastroenteritis) के लिए डे-केयर चुनने से पहले खास ध्यान रखें। डे-केयर साफ होना चाहिए। इसके साथ ही वहां अलग से डायपर चेंजिंग और ईटिंग एरिया का होना भी जरूरी है। सुनिश्चित करें, कि आपका बच्चा खाना खाने से पहले या टॉयलेट के प्रयोग के बाद हाथ अवश्य धोए।
- बच्चों को वैक्सीन अवश्य लगवाएं। गेस्ट्रोएंट्राइटिस से बचाव (Prevention of Gastroenteritis) के लिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार वैक्सीनेशन कराना जरूरी है। इससे बच्चे भविष्य में इस समस्या से बचे रहेंगे।
- छोटे बच्चों को कभी भी रेप्टाइल्स, बर्ड्स आदि को हाथ न लगाने दें। क्योंकि, इनमें साल्मोनेला बैक्टीरिया होते हैं जो बच्चों में इस इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं।
- परजीवी भी गेस्ट्रोएंट्राइटिस का कारण बन सकते हैं, लेकिन यह आम नहीं है। इसका शिकार आप दूषित पानी पीकर या दूषित पानी वाले स्विमिंग पूल का प्रयोग कर के हो सकते हैं। जिनमें जियार्डिया (Giardia) और क्रिप्टोस्पोरिडियम (Cryptosporidium) जैसे परजीवी होते हैं।
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ट्रैवल करते हुए गेस्ट्रोएंट्राइटिस से बचाव (Prevention of Gastroenteritis While Traveling)
कई लोगों को ट्रैवल करते हुए इस परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसा आमतौर पर दूषित पानी या भोजन के कारण होता है। ट्रैवेल के समय हुई इस समस्या को ट्रैवल’स डायरिया (traveler’s diarrhea) कहा जाता है। इस समस्या से बचने के लिए आपको ट्रैवेल करते हुए कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे:
- जब आप ट्रैवल कर रहे हों तो हमेशा पानी की सील्ड बॉटल्स का प्रयोग करें। आइस-क्यूब्स का प्रयोग करने से भी बचें क्योंकि इसमें दूषित पानी का प्रयोग किया हो सकता है।
- जब भी बाहर हों बार-बार हाथों को धोते रहें या सैनेटायज करें।
- अपने आहार का खास ध्यान रखें कच्चे फलों, सब्जियों या सलाद का सेवन करने से बचें। सी-फूड, कच्चे मीट या अंडों का सेवन करने से भी बचें।
- आगे आपको अपने पेट में कुछ समस्या लग रही है तो कैफीन, एल्कोहॉल, डेयरी प्रोडक्ट्स, स्पाइसी फूड आदि तब तक न खाएं, जब तक आपका पेट ठीक नहीं हो जाता।
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यह तो थी गेस्ट्रोएंट्राइटिस से बचाव (Prevention of Gastroenteritis) के तरीकों की जानकारी। जीवन में कभी न कभी हर व्यक्ति गेस्ट्रोएंट्राइटिस का सामना करता ही है। लेकिन, अगर यह रोग एक हफ्ते से कम समय में ठीक नहीं होता तो यह गंभीर हो सकता है। ऐसे में, आपको पर्याप्त आराम करना चाहिए और अपने खाने-पीने का भी ध्यान रखना चाहिए। ऊपर बताये आसान तरीकों को अपनाने से आप न केवल इस समस्या के लक्षणों को मैनेज कर सकते हैं बल्कि आप भविष्य में भी इस समस्या से बच सकते हैं। ऐसे में इसका कोई भी लक्षण नजर आने पर अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। इसके साथ ही पौष्टिक आहार का सेवन करें, डॉक्टर की राय के अनुसार व्यायाम करें, सकारात्मक रहें और तनाव से बचें। इन सब चीजों से आपको न केवल गेस्ट्रोएंट्राइटिस से बचने बल्कि हेल्दी रहने में भी मदद मिलेगी।
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