हमारी बॉडी हमें कई तरह से सरप्राइज कर सकती है। गर्भावस्था में होने वाले चेंजेज सबसे अधिक हैरान करने वाले हैं। इन नौ महीनों में वजन में बदलाव, लोअर बैक में दर्द, ब्रेस्ट्स में परेशानी ओर स्किन कलर चेंजेज आदि शामिल है। ऐसी ही एक हार्मलेस, लेकिन अनचाही कंडिशन को डायस्टैसिस रेक्टी diastasis recti कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस समस्या से राहत पाने में कुछ एक्सरसाइजेज भी लाभदायक साबित हो सकती हैं। पाएं जानकारी पोस्टपार्टम में डायस्टैसिस रेक्टी एक्सरसाइजेज (Diastasis Recti Exercises for Postpartum Ab Separation) के बारे में। पोस्टपार्टम में डायस्टैसिस रेक्टी एक्सरसाइजेज (Diastasis Recti Exercises for Postpartum Ab Separation) के बारे में जानने से पहले डायस्टैसिस रेक्टी के बारे में पूरी जानकारी पा लेते हैं।
डायस्टैसिस रेक्टी क्या है? (Diastasis Recti)
डायस्टैसिस रेक्टी रेक्टस एब्डोमिनिस (Rectus abdominis) या सिक्स पैक मसल्स (Six pack muscles) की सेपरेशन को कहा जाता है, जो पेट की मिडलाइन पर मिलती है। रेक्टस मसल्स को इकठ्ठा रखने वाले कनेक्टिव टिश्यूज को लीनिया अल्बा (Linea alba) कहा जाता है। यह टिश्यूज हमारे बैली को प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सपैंड करने में मदद करते हैं। रेक्टस का सेपरेशन होना सामान्य है। प्रेग्नेंसी के दौरान यह सेपरेशन शिशु के ग्रो होने और एब्डोमिनल वॉल्स के पीछे यूटरस द्वारा क्रिएटेड आउटवर्ड एब्डोमिनल प्रेशर द्वारा होता है।
प्रेग्नेंसी के बाद, यूटरस शरिंक हो कर पहले का जैसा हो जाता है। लेकिन, जब लीनिया अल्बा का स्ट्रेच आपके शरीर द्वारा सुरक्षित रूप से समायोजित किए जाने से अधिक होता है, तो आपके एब की मांसपेशियों के कनेक्टिव टिश्यू अपनी ओरिजनल रेस्टिंग्ज स्टेट में वापस नहीं आते हैं। यह ऐसा ही होता है जब रबर बैंड को आप बहुत अधिक खींचते हैं ओर यह अपनी इलास्टिसिटी को लूज कर देता है। ऐसा ही कुछ लीनिया अल्बा के साथ भी होता है। इस कंडिशन के कई कारण हो सकते हैं जिसमें पुअर पोस्चर (Poor posture), इम्प्रॉपर ब्रीदिंग (Improper breathing), कोर प्रेशर का मिसमैनेजमेंट (Mismanagement of core pressure), इम्प्रॉपर मूवमेंट मैकेनिक्स (Improper movement mechanic) और प्लेन ओल्ड जेनेटिक्स (Plain old genetics) आदि शामिल हैं।
डायस्टैसिस रेक्टी बेहद सामान्य है ओर ऐसा माना जाता है कि दो में से एक महिला इस समस्या का सामना करती है। इसके लक्षणों में बैक पैन और एब्नॉर्मल वीकनेस आदि शामिल हैं। एब सेपरेशन आमतौर पर खुद ही ठीक हो जाती है। लेकिन, पोस्टपार्टम में डायस्टैसिस रेक्टी एक्सरसाइजेज (Diastasis Recti Exercises for Postpartum Ab Separation) को भी बेहद लाभदायक माना गया है। पोस्टपार्टम में डायस्टैसिस रेक्टी एक्सरसाइजेज (Diastasis Recti Exercises for Postpartum Ab Separation) से पहले जानिए डायस्टैसिस रेक्टी के लक्षणों के बारे में।
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डायस्टैसिस रेक्टी के लक्षण (Symptoms of Diastasis Recti)
प्रेग्नेंसी के फर्स्ट हाफ के दौरान इस समस्या के अधिकतर लक्षण नजर नहीं आते हैं। कुछ महिलाएं सेकंड ट्रायमेस्टर के अंत में या थर्ड ट्रायमेस्टर की शुरुआत में इसके लक्षणों का अनुभव करते हैं। यही नहीं, कुछ महिलाएं डिलीवरी के बाद अपने पेट में बदलाव को नोटिस नहीं कर पाते हैं। पोस्टपार्टम पीरियड के दौरान, नई माताएं जो इस समस्या का अनुभव करते हैं, उन्हें जहां एब्डोमिनल मसल सेपरेटेड होती हैं , वहां विजिबल बल्ज नजर आता है। इसके अन्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- चीजों को उठाने में समस्या होना (Difficulty lifting objects)
- रूटीन टास्कस को करने में परेशानी आना (Difficulty performing routine tasks)
- लो बैक पैन (Low back pain)
- पुअर पोस्चर (Poor posture)
- ट्रंक इंस्टैबिलिटी (Trunk instability)
- यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस (Urinary incontinence)
- वीक एब्डोमिनल मसल्स (Weak abdominal muscles)
जैसा की पहले ही बताया गया है कि इस समस्या का कोई उपचार नहीं है। मेडलाइनप्लस (MedlinesPlus) के अनुसार समय के साथ यह परेशानी खुद ही ठीक हो जाती है। एक्सरसाइज इस स्थिति में लाभदायक हो सकती है। तो आइए जानें, पोस्टपार्टम में डायस्टैसिस रेक्टी एक्सरसाइजेज (Diastasis Recti Exercises for Postpartum Ab Separation) के बारे में।
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पोस्टपार्टम में डायस्टैसिस रेक्टी एक्सरसाइजेज (Diastasis Recti Exercises for Postpartum Ab Separation)
डायस्टैसिस रेक्टी से हील होने की कुंजी है अपने कोर को री-बिल्ड करना। इसके लिए आपको अपने ट्रांस्वर्स एब्डोमिनिस (Transverse abdominis) को मजबूत करने की जरूरत है। यह डीपेस्ट एब्डोमिनल मसल और जो मसल्स स्ट्रेच हो गई हैं उन्हें सपोर्ट प्रोवाइड करती हैं। आइए जानें पोस्टपार्टम में डायस्टैसिस रेक्टी एक्सरसाइजेज (Diastasis Recti Exercises for Postpartum Ab Separation) के बारे में विस्तार से:
टो टॉप्स (Toe Taps)
पोस्टपार्टम में डायस्टैसिस रेक्टी एक्सरसाइजेज (Diastasis Recti Exercises for Postpartum Ab Separation) में सबसे पहली एक्सरसाइज है टो टॉप्स। लेकिन, इसे आपको पीठ के बल करना है। आइए जानें कैसे की जाती है यह एक्सरसाइज:
- टो टॉप्स करने के लिए सबसे पहले आप अपनी पीठ के बल लेटना है। अब लेट कर अपनी टांगों को टेबल टॉप पोजीशन में ले जाएं। इस दौरान आपके घुटने आपके हिप्स की सीध में होने चाहिए।
- सुनिश्चित करें कि आपकी पीठ मुड न रही हो।
- अब सांस अंदर लें और सांस छोड़ते हुए अपने दाहिने पैर को फर्श की तरह नीचे की तरफ ले जाएं।
- अब अपने कोर को खिंच लें और पेल्विक एलाइनमेंट को मेंटेन करें।
- अब सांस को अंदर ले जाते हुए सामान्य स्थिति में आ जाएं।
- हर एक पैर के साथ इस एक्सरसाइज को कम से कम 10 बार करें।
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कीगल एक्सरसाइज (Kegel Exercise)
पोस्टपार्टम में डायस्टैसिस रेक्टी एक्सरसाइजेज (Diastasis Recti Exercises for Postpartum Ab Separation) में इस व्यायाम को करना बेहद इजी है और इससे आपको इस समस्या से राहत पाने में आसानी होगी। आइए जानिए कैसे की जा सकती है यह एक्सरसाइज :
- इस व्यायाम को करने के लिए सबसे पहले आपको इस तरह से सीधा खड़ा होना है, ताकि आपके घुटने थोड़े मुड़े हुए हों। आप इसे योग बॉल या चेयर पर बैठ कर भी कर सकते हैं।
- इसे करते हुए ऐसी कल्पना करें कि आपकी रिबकेज एक छतरी है, जो सांस अंदर लेते समय 360 डिग्री खुलती है।
- अब कीगल के साथ सांस को बाहर छोड़ दें। सबसे पहले लो बैली से हवा बाहर निकालें, उसके बाद मिडिल और उसके बाद अपनी चेस्ट को पूरी तरह से खाली पर दें। इससे आपके पेट की मसल्स एंगेज रहेंगी।
- ऐसे ही आप दस कंसन्ट्रेटेड ब्रीदस लें। इसी तरह से बार-बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
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पोस्टपार्टम में डायस्टैसिस रेक्टी एक्सरसाइजेज में ब्रिज पोज (Bridge pose)
डायस्टैसिस रेक्टी की समस्या से जल्दी ठीक होने में सामान्य योगासन भी लाभदायक हो सकते हैं जैसे ब्रिज पोज, जिसे सेतुबंध सर्वांगासन (Setu Bandha Sarvangasana) भी कहा जाता है। इस तरह से किया जाता है यह व्यायाम:
- ब्रिज पोज को शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको अपनी पीठ के बल लेटना है।
- आपके पैर इस दौरान सीधे होने चाहिए और घुटने मुड़े होने चाहिए। अपनी बाजुओं को अपनी साइड्स में रखें। इस दौरान आपकी हथेलियां नीचे की तरफ होनी चाहिए। अब धीरे-धीरे सांस को अंदर ले जाएं।
- इसके बाद सांस बाहर छोड़ें और अपने पेल्विक एरिया को सीलिंग की तरफ तब तक मोड़ें जब तक कि आपका शरीर आपके घुटनों स्ट्रैट न हों।
- अपने कंधों को नीचे रखते हुए एक सीधी रेखा न बना ले।
- इस पोज को होल्ड कर के रखें और धीरे-धीरे सांस अंदर लें। अब धीरे-धीरे सांस को बाहर छोड़े और अपनी स्पाइन को फिर से जमीन पर वापस ले जाएं।
- इस व्यायाम को अपनी क्षमता के अनुसार दोहराएं।
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पोस्टपार्टम में डायस्टैसिस रेक्टी एक्सरसाइजेज में साइड प्लैंक (Side Plank)
साइड प्लैंक, हाय प्लैंक का एक अच्छा विकल्प है। आप अपनी पोस्टपार्टम जर्नी में इस व्यायाम को कर सकते हैं। जब आप डायस्टैसिस रेक्टी से रिकवर कर रही हों, तो आपको हाय प्लैंक या एल्बो प्लैंक की सलाह नहीं दी जाती है। आइए, जानें कैसी की जाती हैं यह एक्सरसाइज:
- इसे करने के लिए सबसे पहले अपनी एल्बो को अपने शोल्डर के नीचे रखें और शरीर को बिलकुल सीधा रखते हुए अपनी टॉप लेग को बैक लेग के ऊपर इस तरह से रखें कि आपके दोनों पैर जमीन को छू रहे हों।
- ध्यान रहें आपके कंधे और हिप्स इस तरह से हों कि वो आपके पैर और सिर के साथ इन-लाइन हों।
- अब धीरे-धीरे सांस लेते हैं और इसी पोज को अपनी क्षमता के अनुसार होल्ड कर के रखें।
- इसके बाद अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएं, दूसरी तरफ से इसे दोहराएं।
यह तो थी पोस्टपार्टम में डायस्टैसिस रेक्टी एक्सरसाइजेज (Diastasis Recti Exercises for Postpartum Ab Separation) के बारे में जानकारी। अब जानते हैं कि इस एक्सरसाइजेज को करते हुए आपको किन चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए।
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पोस्टपार्टम में डायस्टैसिस रेक्टी एक्सरसाइजेज के दौरान इन चीजों का रखें ध्यान:
एक्सरसाइज चाहे कोई भी हो, इन्हें करते हुए कई बातों का खास ध्यान रखन चाहिए, ताकि आपको कोई समस्या न हो। इन्हें सही से न करना आपके लिए नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है। जानिए इस व्यायामों को करते हुए आपको किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए:
स्ट्रेन से बचें (Avoid strain)
आपका डायस्टैसिस रेक्टी एक्सरसाइजेज करते हुए स्ट्रेन यानी खिंचाव से बचना बेहद जरूरी है। क्योंकि, इससे समस्या बदतर हो सकती है। ऐसे में आपको कोई भी वेट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
एक्सरसाइज को ध्यान से करें (Do exercise carefully)
हमेशा एक्सरसाइज करते हुए सावधानी को बरतना बेहद जरूरी है। कुछ रूटीन फिटनेस मूव्स जैसेपुश-अप्स, प्रेस-अप्स, क्रंचेज आदि से एब्डोमिनल सेपरेशन को बदतर बना सकते हैं। ऐसे में कुछ योगासन और स्विमिंग जैसे व्यायाम आपके लिए लाभदायक साबित हो सकते हैं।
अपने बैली को हील होने दें (Do heal your belly)
फिजिकल थेरपिस्ट्स के पास ऐसी कोई स्टैंडर्ड गाइडलाइन नहीं है कि कौन से मूव्स आपके बैली मसल्स को वापस शेप में ला सकते हैं। इसमें ट्यूपलर तकनीक (Tupler technique) को इसमें लाभदायक पाया गया है। इसमें कुछ खास एक्सरसाइजेज शामिल हैं जिन्हें बैली स्पलिंट की मदद से किया जाता है। जब आपके कनेक्टिव टिश्यूज अच्छे से हील हो जाते हैं, तो कुछ पिलाटे और अन्य एक्सरसाइजेज आपकी मसल्स और टिश्यूज को मजबूत करने में मददगार हो सकती हैं। इसके बारे में आप अपने ट्रेनर या किसी एक्सपर्ट से भी जान सकते हैं।
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उम्मीद है कि पोस्टपार्टम में डायस्टैसिस रेक्टी एक्सरसाइजेज (Diastasis Recti Exercises for Postpartum Ab Separation)के बारे में यह जानकारी आपके लिए फायदेमंद होगी। हालांकि, पोस्टपार्टम में यह व्यायाम आपके काम आएंगे, लेकिन आपको अपने कोर को मजबूत करने के लिए प्रेग्नेंट होने से पहले ही तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। इस दौरान आप अपने कोर को मजबूत करने के लिए कौन सी एक्सरसाइजेज कर सकते हैं, इसके बारे में किसी एक्सपर्ट से अवश्य जानकारी लें। यही नहीं, प्रेग्नेंसी के दौरान या बाद में किसी एक्सरसाइज की शुरुआत करने से पहले अपने डॉक्टर से भी बात करें। ताकि, वो आपको इसके बारे में गाइड कर पाएं।
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