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गर्भनिरोधक दवा से शिशु को हो सकती है सांस की परेशानी, और भी हैं नुकसान

गर्भनिरोधक दवा से शिशु को हो सकती है सांस की परेशानी, और भी हैं नुकसान

क्या आप जानती हैं गर्भनिरोधक दवा महिला और शिशु दोनों के लिए नुकसानदायक है? हालांकि ये सवाल सिर्फ महिलाओं से नहीं बल्कि पुरुषों से भी करना चाहिए। क्योंकि अनप्रोटेक्टेड सेक्स के बाद महिलाएं बिना कुछ सोचे-समझें गर्भनिरोधक दवा का सेवन कर लेती हैं। जिसके जिम्मेदार पुरुष साथी ही हैं। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (NCBI) के अनुसार प्रेग्नेंसी के पहले कॉन्ट्रासेप्शन पिल्स लेने से शिशु में रेस्पिरेटरी ट्रैक इंफेक्शन जैसे निमोनिया या ब्रोंकाइटिस जैसी अन्य बीमारी हो सकती है। 

इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन पिल्स

गर्भनिरोधक दवा के सेवन से शिशु को होने वाले नुकसान क्या हैं?

प्रेग्नेंसी के पहले बर्थ कंट्रोल पिल्स के सेवन से नवजात में होने वाली परेशानी निम्नलिखित हैं।

1. निमोनिया

2. ब्रोंकाइटिस

3. सिंसीशियल वायरस

इन बीमारियों के अलावा और भी अन्य बीमारियां हो सकती हैं।

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गर्भनिरोधक दवा के सेवन से महिलाओं में होने वाली समस्याएं क्या हैं?

  1. बर्थ कंट्रोल पिल्स के सेवन से पीरियड्स (मासिकधर्म) नियमित नहीं रहते।
  2. कॉन्ट्रासेप्शन पिल्स के सेवन से यूट्रस की एंडोमेट्रियल वॉल कमजोर हो जाती है जिससे कंसीव करने में परेशानी होती है और पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग ज्यादा होती है। 
  3. गर्भनिरोधक गोलियां शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को कम कर देती हैं, जिससे सिर दर्द की परेशानी हो सकती है।
  4. इन गोलियों के सेवन से स्तन में सूजन आ सकती है।
  5. बर्थ कंट्रोल पिल्स के सेवन से कुछ महिलाओं में वजन बढ़ने की संभावना रहती है।
  6. वॉमिटिंग की परेशानी हो सकती है।
  7. गर्भनिरोधक दवा में मौजूद सिंथेटिक हॉर्मोन के कारण मूड स्विंग ज्यादा होता है।
  8. इन गोलियों का आंखों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। अधिक सेवन करने से आंखों की रोशनी कम होने की संभावना रहती है।
  9. प्राइवेट पार्ट्स (वजायना) में खुजली या सूजन हो सकती है। कभी-कभी पैरों और जांघों में भी खुजली और सूजन हो सकती है।
  10. इन दवाओं की वजह से सीने और पेट में दर्द हो सकता है।
  11. गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से महिलाओं में कमजोरी और थकावट भी हो सकती है।

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गर्भनिरोधक दवा का सेवन कब नहीं करना चाहिए?

  • प्रेग्नेंसी प्लानिंग के 4 महीने पहले से बर्थ कंट्रोल का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • 35 साल से ज्यादा उम्र होने पर गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन न करें।
  • शरीर का वजन ज्यादा होना या मोटापे से पीड़ित होने पर।
  • महिलाएं जो पहले से किसी दवा का सेवन कर रहीं हों।
  • थ्रंबोसिस, स्ट्रोक या हार्ट प्रॉब्लम होने पर।
  • ब्लड रिलेशन में ब्लड क्लॉट की समस्या होने पर।
  • माइग्रेन की समस्या होने पर।
  • ब्रेस्ट कैंसर या लिवर से जुड़ी बीमारी होने पर।
  • डायबिटीज की पुरानी बीमारी होने पर।

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गर्भनिरोधक दवा लेने के बाद ये लक्षण दिखें तो डॉक्टर से संपर्क करें

  • एब्डॉमिनल या पेट दर्द होना।
  • सीने में दर्द होना।
  • सांस लेने में परेशानी महसूस होना।
  • तेज सिरदर्द होना।
  • आंखों से जुड़ी परेशानी जैसे ठीक से दिखाई न देना।
  • पैर और जांघ में सूजन होना।
  • काल्फ (calf) या पैर के ऊपरी हिस्सों का लाल होना।

इन परेशानियों के साथ-साथ किसी अन्य प्रकार की तकलीफ होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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बर्थ कंट्रोल पिल्स के सेवन से भविष्य में होने वाली शारीरिक परेशानियां

गर्भनिरोधक दवा के सेवन से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जैसे-

कार्डियों वेस्कुलर प्रॉब्लम

बर्थ कंट्रोल पिल्स के लगातार सेवन से हार्ट अटैक, स्ट्रोक और ब्लड क्लॉट जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जो जानलेवा भी हो सकती हैं। जिन महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत हो या ब्लड क्लॉट, हार्ट अटैक और स्ट्रोक की समस्या हो तो ऐसी स्थिति में बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन न करें।

कैंसर का खतरा

बर्थ कंट्रोल दवाएं सिंथेटिक होने के कारण भविष्य में कैंसर के खतरे को बढ़वा दे सकती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार ये दवाएं ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, लिवर कैंसर और गर्भाशय के कैंसर के खतरे को बढ़ाती हैं।

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अनचाहा गर्भ ठहरने की संभावना

ऐसे कई मामले देंखे गए हैं, जिनमें महिलाओं का कहना है कि गर्भनिरोधक गोली का सेवन करने के बाद भी उनके साथ अनचाहे गर्भ की स्थिति हुई है। अगर गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन नियमित रूप से और निश्चित समय पर न किया जाए, तो गर्भ ठहरने की संभावना अधिक बढ़ सकती है। एक अध्ययन के अनुसार हर साल 100 में से कम से कम 9 महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन के बाद भी प्रेग्नेंट हो जाती हैं।

कोलेस्ट्रॉल लेवल के बढ़ने का जोखिम

अध्ययनों के मुताबिक, नियमित रूप से गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने से शरीर में उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल (HDL-C), कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल (LDL-C), टोटल कोलेस्ट्रॉल (TC) और ट्राइग्लिसराइड्स (TG) का लेवल बढ़ सकता है। साथ ही, ये अचानक से वजन बढ़ने का कारण बी बन सकती हैं जो दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का भी कारण बन सकती हैं।

यौन संक्रमण का जोखिम

गर्भनिरोधक गोलियां असुरक्षित सेक्स के कारण होने वाले किसी भी यौन संक्रमण से बचाव नहीं करती हैं। इसलिए, अगर आप बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करती हैं, तो दोनों साथी में से किसी एक को सेक्स के दौरान कंडोम का सुरक्षित इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। हालांकि, गर्भनिरोधक गोली किसी यौन संक्रमण का कारण नहीं बन सकती है, लेकिन यह इन स्थितियों से बचाव भी नहीं करती हैं। ऐसे कपल्स जो कंडोम का इस्तेमाल सिर्फ अनचाहे गर्भ से बचने के लिए करते हैं उन्हें इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करने से वे यौन जनित रोगों से खुद का और साथी का बचाव कर सकते हैं। इसलिए आप गर्भनिरोध के किसी भी रूप का इस्तेमाल कर रहे हैं, आपको सेक्स के दौरान सुरक्षा के लिहाज से कंडोम का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।

किन स्थितियों में गर्भनिरोधक गोली खाने के बाद भी प्रेग्नेंसी हो सकती है?

गर्भनिरोधक गोली के सेवन के बावजूद प्रेग्नेंसी ठहरने के निम्न कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः

  • अगर गोली खाना भूल गई हों।
  • दो गर्भनिरोधक गोली के सेवन के बीच 24 घंटे से ज्यादा समय की देरी हो गई हो।
  • गर्भनिरोधक गोली की खुराक लेने के तीन घंटे के अंदर उल्टी आ गई हो।
  • गर्भनिरोधक गोली के साथ ही आपने किसी अन्य दवा का सेवन किया हो।

गर्भनिरोधक दवाओं के सेवन से एक नहीं बल्कि कई शारीरिक परेशानी मां और शिशु को हो सकती है, लेकिन अगर आप गर्भनिरोधक दवा से जुड़ी किसी प्रकार की जानकारी चाहती हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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What are the disadvantages of the pill?. https://www.plannedparenthood.org/learn/birth-control/birth-control-pill/what-are-the-disadvantages-of-the-pill. Accessed On 25 September, 2020.

Current Version

25/09/2020

Nidhi Sinha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Ankita mishra


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/09/2020

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