हस्तमैथुन (Masturbation) एक सामान्य शारीरिक क्रिया है। यह फिजिकल और सेक्सशुअल स्ट्रेस से राहत पाने का एक आसान तरीका है। वैसे तो सामान्य रूप से किए जाने वाले हस्तमैथुन के कोई हानिकारक दुष्प्रभाव नहीं हैं लेकिन, कोई भी चीज अति में हमेशा नुकसानदायक होती है। इसी तरह ज्यादा हस्तमैथुन भी आपकी रोजमर्रा की जिंदगी और आपके रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकता है।
हस्तमैथुन के फायदे
चाहे महिला हो या पुरुष, यह आसानी से दोनों का तनाव कम करता है। कहते हैं, शरीर में ज्यादा शुक्राणुओं का संचय होने से व्यक्ति बीमार हो सकता है, ऐसे में हस्तमैथुन करना सही होता है। कुछ शोध बताते हैं कि नियमित स्खलन से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम हो सकता है, हालांकि इन दोनों के बीच क्या संबंध है इस पर अभी भी शोध जारी है। प्रेग्नेंसी के समय हार्मोन परिवर्तन के कारण कुछ महिलाओं में सेक्स की इच्छा बढ़ जाती है। इस समय यौन तनाव से राहत पाने का एक आसान और सुरक्षित तरीका है।
हस्तमैथुन करने से डोपामाइन और ऑक्सीटोसिन जैसे फील-गुड न्यूरोकेमिकल्स रिलीज होते हैं जो खुशी और संतुष्टि प्रदान करते हैं। साथ ही यह आपके मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को सक्रिय भी करते हैं। हस्तमैथुन करने के न सिर्फ शारीरिक फायदे हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी इसके फायदे देखने को मिलते हैं।
हस्तमैथुन से नुकसान
- हस्तमैथुन से लिंग कमजोर हो जाता है, जिसका असर कई बार यौन संबंध बनाने पर दिखता है।
- हद से ज्यादा हस्तमैथुन करने से शीघ्रस्खलन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- ज्यादा हस्तमैथुन आपको शारीरिक रूप से दुर्बल बनाता है।
- अति हस्तमैथुन महिलाओं के यूटरस को कमजोर कर सकता है। जिससे कई बार कंसीव करने में दिक्कत आ सकती है।
- इससे बाल झड़ने की समस्या भी हो सकती है।
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हस्तमैथुन से कैसे बचें:
यदि आप अत्यधिक हस्तमैथुन करते हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको आवश्यकता है कि आप अपनी शक्ति और ध्यान को किसी स्वास्थ्य विकल्प की और मोड़ें जैसे:
- योग
- ध्यान
- संगीत सुनना
- डांस क्लासेस ज्वाइन करना
- एरोबिक्स करना, दौड़ना, साइकिल चलाना, तैराकी इत्यादि।
यदि फिर भी आप इससे खुद को दूर नहीं कर पा रहें हैं तो आप मनोचिकित्सक से परामर्श कर सकते हैं। क्योंकि कई बार मानसिक तनाव भी इसका एक कारण हो सकता है। यह खुद की देखभाल और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक सुरक्षित तरीका है। बस इसे अपनी आदत ना बनने दें। हस्तमैथुन के भी कुछ फायदे और कुछ नुकसान हैं। किसी भी प्रकार सेक्स संबंधित समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह लें।
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हस्तमैथुन के बाद घुटनों में दर्द क्यों होता है?
पुरुषों के हस्तमैथुन के बाद स्पर्म निकलाते समय उनके पूरे शरीर में तनाव रहता है। इसी तनाव के कारण ही उनके घुटनों में दर्द होता है। इसके अलावा कई लोगों को खड़े होने में भी परेशानी महसूस होती है। एक्सपर्ट्स की मानें, तो खड़े होकर मास्टरबेट करने की वजह से ही घुटनों में दर्द हो सकता है।
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घुटनों के दर्द से कैसे बचें
- अगर आप नियमित तौर पर हस्तमैथुन करते हैं तो हो सकता है कि यह आपकी लत बन गई हो। जो किसी नशीले पदार्थ की तरह ही आपके शरीर के साथ काम करता है।
- अगर इस परेशानी से बचना चाहते हैं तो आप बैठकर या लेटकर भी हस्तमैथुन कर सकते हैं। अगर इसके बाद ही आपके घुटनों में दर्द की शिकायत रहती है तो आपको किसी नी-स्पेशलिस्ट से अपने घुटनों की जांच करवानी चाहिए।
- बार-बार या बहुत ज्यादा हस्तमैथुन आपके दिमाग में डोपामाइन के स्तर को बढ़ाता है तो लत का रूप ले लेती है।
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क्या हस्तमैथुन से घटता है स्पर्म काउंट?
हस्तमैथुन करने का मतलब ये नहीं है कि इसकी वजह से आपका पिता बनने का सपना टूट जाएगा। परंतु अगर आप निकट भविष्य में अपना परिवार बढ़ाने का सोच रहे हैं, तो आपको कुछ समय के लिए हस्तमैथुन को रोकना पड़ेगा, ताकि आप अपने साथी को गर्भ धारण कराने में सफल हो पाएं।
आमतौर पर, लोगों के बीच ऐसी धारणा है कि हमारे शरीर में स्पर्म की मात्रा फिक्स है। लेकिन, असल में ऐसा कुछ भी नहीं है। हमारे शरीर में स्पर्म का नियमित उत्पादन होता है। बिल्कुल वैसे ही, जैसे खून हमारे शरीर में बनता है। ठीक उसी तरह, स्पर्म भी हमारे शरीर में बनता है। जैसे-जैसे हम वृद्धावस्था की तरफ बढ़ते हैं, वैसे-वैसे इसका उत्पादन कम होता जाता है। तो ज्यादा मास्टरबेट करने से स्पर्म काउंट में कोई कमी नहीं आती।
एक शोध में 21 मेडिकल छात्रों के स्पर्म की क्वालिटी की जांच की गई। इस शोध में यह बात सामने आई कि पहले दिन 21 छात्रों के स्पर्म के नमूनों की एवरेज डेन्सिटी 64.4 मिलियन प्रति मिलीलीटर थी, जबकि शोध के तीसरे और पांचवें दिन क्रमशः 52.2 और 50.7 मिलीलीटर थे। हालांकि, स्पर्म की क्वालिटी में कोई फर्क नहीं था। इस शोध से ये बात पता चली कि नियमित हस्तमैथुन करने की वजह से शरीर में उतना स्पर्म बन नहीं पाता, क्योंकि, हस्तमैथुन करने की गति शरीर में स्पर्म बनने की गति से ज्यादा है और इसी कारण अगली बार हस्तमैथुन करने पर कम मात्रा में स्पर्म बाहर आता है। इसी वजह से लोगों में यह गलत धारणा फैल जाती है कि हस्तमैथुन करने से स्पर्म काउंट घटता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान हस्तमैथुन कितना सही है?
कुछ प्रेग्नेंट महिलाओं में सेक्स को लेकर इच्छा खत्म हो जाती है, तो कुछ महिलाओं में सेक्स के प्रति इच्छा बढ़ भी जाती है। ऐसे में मास्टरबेट सही तरीका हो सकता है। लो रिस्क प्रेग्नेंसी में मास्टरबेट करना किसी भी महिला या उसके भ्रूण पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं डालता है। वहीं, अगर किसी गर्भवती को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी है, तो ऑर्गेज्म के कारण लेबर में जाने की संभावना बढ़ सकती है। आमतौर पर महिलाओं में, हस्तमैथुन की आदत किशोरावस्था से शुरू होती है और वो शादी के बाद पति के साथ रहते हुए इस आदत को जारी रखती हैं। जो बेहद आम होता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान हस्तमैथुन कब नहीं करना चाहिए?
- अगर प्रेंग्नेंसी के दौरान योनि से किसी भी प्रकार की ब्लीडिंग होती है तो हस्तमैथुन नहीं करना चाहिए।
- अगर आप मास्टरबेट के लिए किसी तरह के उपकरण या खिलौने का उपयोग करती हैं, तो प्रेग्नेंसी के दौरान इनका उपयोग न करें।
- डिलिवरी का समय करीब हो, तो इससे बचे रहें।
- इसके अलावा, प्रेग्नेंसी में हस्तमैथुन बहुत ही सावधानी से करना चाहिए, ताकि इससे पानी की थैली पर कोई दबाव न पड़े।
अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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