मूल बातों को जानें
वैस्क्युलाइटिस (Vasculitis) क्या है ?
वैस्क्युलाइटिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें खून को पूरे शरीर में ले जाने वाली रक्तवाहिकाएं (ब्लड वेसल्स ) खराब हो जाती हैं। खराबी बहुत से प्रकार की हो सकती हैं जैसे कि ब्लड वेसल्स का सकरा होना, कमजोर होना या फिर बहुत ज्यादा मोटा हो जाना। इन विकारों की वजह से खून के सामान्य प्रवाह में भी रुकावट आ सकती है, जिसके चलते टिशूज और शरीर के बाकी सभी अंगों में खराबी आती है। लगभग 20 ऐसी बीमारियां हैं जिनमें वैस्क्युलाइटिस हो सकता है। वैस्क्युलाइटिस किसी संक्रमण या बीमारी की वजह से भी हो सकता है।
वैस्क्युलाइटिस (Vasculitis) होना कितना आम है ?
ये परेशानी किसी भी लिंग और उम्र को समान रूप से प्रभावित करती है। इसके विषय में और अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
लक्षणों को जानें
कौनसा अंग प्रभावित है और संक्रमण कितना गंभीर है इसके आधार पर लक्षणों को देखा जाता है। आमतौर पर निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं :
- सांस उखड़ना
- हाथों और पैरों का बेजान होना।
- त्वचा पर छाले होना।
- बुखार होना।
- भूख न लगना।
- वजन कम होना।
- थकान लगना।
- रात में अत्यधिक पसीना आना।
अपने डॉक्टर से कब मिलें ?
लक्षणों के दिखने पर अपने डॉक्टर से मिलें। हर मरीज में वैस्क्युलाइटिस का कारण (Vasculitis Causes) अलग हो सकता है इसलिए सही इलाज के लिए अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
और पढ़ें : Hyperacidity : हाइपर एसिडिटी या पेट में जलन
वैस्क्युलाइटिस के क्या कारण हो सकते हैं ?
वैस्क्युलाइटिस का कारण बता पाना मुश्किल है। आमतौर पर ब्लड वेसल्स में सूजन या विकार किसी फंगल संक्रमण या फिर किसी दवा की एलर्जी की वजह से होने वाला ये संक्रमण बहुत दर्दनाक हो सकता है इसलिए सही समय पर इसका इलाज बहुत जरूरी है।
सिस्टमिक वैस्क्युलाइटिस (Systemic Vasculitis) एक खास तरह की बीमारी है जिसमें इम्यून सिस्टम ही ब्लड वेसल को नष्ट करने लगता है।
इम्यून सिस्टम की इस गतिविधि के लिए ये कारण संभव हैं :
- हैपेटाइटिस-बी या हैपेटाइटिस-सी संक्रमण
- खून का कैंसर (Blood Cancer)
- ल्यूपस, स्क्लेरोडर्मा (Scleroderma) ,रयूमटॉइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) होने पर भी ये स्थिति संभव है।
- दवाओं की एलर्जी
और पढ़ें : Hypotension : हाइपोटेंशन क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपाय
खतरों को जानें
बहुत अधिक धूम्रपान करने से, बहुत ज्यादा कोलेस्ट्रॉल होने पर या फिर हाई ब्लड प्रेशर होने पर वैस्क्युलाइटिस का खतरा (Risk of vasculitis) बढ़ सकता है।
जांच और इलाज
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है। सही सलाह के लिए अपने नजदीकी डॉक्टर से जरूर मिलें।
वैस्क्युलाइटिस (Vasculitis) की जांच कैसे की जा सकती है ?
जांच के दौरान बहुत सी प्रक्रियाएं करवाई जा सकती हैं जैसे कि :
- खून की जांच
- पेशाब की जांच
- ब्लड वेसल्स का एक्स -रे
- लेबोरेटरी में जांच
- बायोप्सी
रक्तवाहिकाओं में सूजन या जलन को पता करने के लिए बहुत से मार्कर का उपयोग किया जा सकता है जैसे कि :
- एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटशन रेट (Erythrocyte Sedimentation Rate )
- इंटरल्यूकीन 6 (Interleukin 6)
- इन सभी की मात्रा संक्रमण के दौरान बढ़ जाती है। इसलिए इन्हें मार्कर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
इसके अलावा सी रिएक्टिव प्रोटीन (C Reactive Protein) जांच को भी किया जाता है। सी रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है, जो शरीर में सी रिएक्टिव प्रोटीन प्रोटीन की मात्रा को मापने के लिए किया जाता है। सीआरपी एक प्रोटीन है जिसे लिवर बनाता है। सीआरपी के जरिए शरीर में सूजन का भी पता लगाया जाता है। आमतौर पर हमारे खून में सी रिएक्टिव प्रोटीन की मात्रा कम होती है। सीआरपी का हाई लेवल कई गंभीर बीमारियों की तरफ इशारा करता है, लेकिन इससे शरीर में कहां और किस कारण सूजन है, इसका पता नहीं लगाया जा सकता है।
साथ ही रयूमटोलॉजिकल जांच भी करवाई जा सकती है। वैस्क्युलर इमेजिंग के लिए इन तरीकों का इस्तमाल किया जा सकता है :
- अल्ट्रासाउंड
- कंप्यूटर टोमोग्राफी (CT)
- मैग्नेटिक रेजोनेंस एंजियोग्राफी (MRA)
और पढ़ें : Multiple Sclerosis: मल्टीपल स्क्लेरोसिस क्या है?
वैस्क्युलाइटिस (Vasculitis) का इलाज कैसे किया जा सकता है ?
बहुत गंभीर मामलों में दवाओं की मदद से इलाज किया जा सकता है। सर्जरी की सलाह बहुत कम डॉक्टर देंगे क्योंकि इसके बाद भी पूरी तरह से ठीक होने की संभावना कम रहती है। असाइटमेनोफेन, आइब्रुफेन और एस्प्रिन की मदद से इलाज संभव है। इसके साथ ही कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स और इम्म्यूनोसप्प्रेसेंट्स भी दिए जा सकते हैं।
ब्यूरजेर्स की बीमारी (Buerger’s disease) में इलाज दवाओं से संभव नहीं होता इसलिए डॉक्टर मरीज को तम्बाकू जैसी नुकसानदेह चीजों से परहेज रखने को कह सकते हैं।
ध्यान रखें कि हर मरीज दूसरे मरीज से अलग है इसलिए जरुरी नहीं है कि जो इलाज एक के लिए कारगर है वही दूसरे में भी काम करे। सही सलाह के लिए डॉक्टर से मिलें।
जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपाय
जीवनशैली में किन बदलावों से आप वैस्क्युलाइटिस की समस्या से बच सकते हैं या फिर इसपर नियंत्रण पा सकते हैं :
- स्वास्थ्य वर्धक भोजन खाएं। दवाओं की वजह से आपके शरीर की जरूरते बढ़ सकती हैं इसलिए कैल्शियम युक्त, हाई प्रोटीन डाइट लें। खाने में ताजा फल, सब्जियां, साबूत अनाज को शामिल करें। अगर आप कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स ( Corticosteroids) ले रहें हैं तो कैल्शियम (Calcium) ज्यादा लें।
- फ्लू या निमोनिया के टीके लगवा लें। क्योंकि इस समय जब आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है तब आपको इन संक्रमणों के होने की संभावना ज्यादा है।
- व्यायाम करें और सक्रिय रहें।
इसके अलावा आपको वैस्क्युलाइटिस में अपने खानपान का विशेष ध्यान देना होगा, जो निम्न है :
- सही फैट चुनें, जैसे-वर्जिन ऑलिव ऑयल या कैनोला ऑयल। वहीं अगर आपर वेजिटेबल ऑयल खाते हैं तो आपकी समस्या और बढ़ सकती है। वहीं, रेड मीट की जगह आप फैटी फिश– सैल्मन या सार्डिंस खाएं। साथ ही अखरोट, एवोकैडो, ऑलिव नैचुरल पीनट बटर का सेवन कर सकते हैं।
- प्रॉसेस्ड शुगर का सेवन कत्तई न करें। इसलिए कोई भी मीठी चीज खाने से पहले जान लें कि उसमें प्रॉसेस्ड शुगर की मात्रा बिल्कुल भी न हो।
- संपूर्ण अनाज का सेवन करें। कोशिश करें कि आपके डायट में मिश्रित अनाज की मात्रा शामिल रहे।
[mc4wp_form id=’183492″]
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।