US नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (US National Library of Medicine) के अनुसार लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा (Lepidic Adenocarcinoma) को ट्यूमर सेल्स के रूप में परिभाषित किया जाता है। अधिकतर लंग कैंसर, नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (Non-Small Lung Cancer) होते हैं और अधिकतर नॉन स्मॉल लंग कैंसर एडेनोकार्सिनोमा होते हैं। लंग कैंसर का यह रूप सभी लंग कैंसर का 30 प्रतिशत से अधिक और सभी नॉन स्मॉल लंग कैंसर का लगभग आधा हिस्सा है। लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा एक ऐसा ग्लैंड बनाता है, जो बलगम स्रावित करता है। लंग्स के अलावा, प्रोस्टेट, अग्न्याशय, अन्नप्रणाली, कोलन और मलाशय में पाए जाने वाले कैंसर में एडेनोकार्सिनोमा सबसे अधिक प्रचलित है।
लंग्स में, लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा ट्यूमर सबसे अधिक बार एल्वियोली में बनते हैं, जो एक छोटे गुब्बारे जैसे सैक्स होते हैं यह फेफड़ों में हवा को अंदर और बाहर पंप करने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा (Lepidic Adenocarcinoma) के लक्षणों के बारे में:
लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा के लक्षण (Symptoms of Lepidic Adenocarcinoma)
लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा के लक्षण जिस अंग में यह समस्या है, उसके अनुसार अलग हो सकते हैं। लेकिन, हम बात कर रहे हैं लंग में लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा (Lepidic Adenocarcinoma) की, तो इसके लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
- लगातार खांसी (Persistent Cough)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of Breath)
- छाती में दर्द (Chest Pain)
- खांसी में खून (Cough that Produces Blood)
- अचानक वजन कम होना (Unexplained Weight Loss)
इसके साथ ही इस समस्या के कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जैसे थकावट। जैसे ही आपको यह लक्षण नजर आते हैं और लगातार आपको यह समस्या होती है, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। जानिए किस तरह से संभव है इस परेशानी का निदान।
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लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा का निदान (Diagnosing of Lepidic Adenocarcinoma)
लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा (Lepidic Adenocarcinoma) एक तरह का कैंसर है। ऐसे में इसके निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपसे लक्षणों के बारे में पूछेंगे। उसके बाद आपकी शारीरिक जांच की जा सकती है। इस समस्या के निदान के लिए कुछ टेस्ट आवश्यक हैं, जो इस तरह से हैं:
इमेजिंग टेस्ट (Imaging Tests)
इन इमेजिंग टेस्ट्स में एक्स-रे (X-Ray), मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic Resonance Imaging), कंप्यूटेड टोमोग्राफी (Computed Tomography) आदि शामिल है। इन इमेजिंग टेस्ट्स (Imaging Tests) में मशीन के प्रयोग से शरीर के अंदर की तस्वीरें ली जाती है और एब्नार्मल मास की जांच की जाती है। इमेजिंग रेस्ट्स के परिणाम से डॉक्टर अन्य टेस्ट और निदान के बारे में निर्धारित कर पाते हैं।
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लैब टेस्ट्स (Lab Tests)
सर्जन प्रभावित जगह से फ्लूइड या म्यूकस बिल्डअप (Fluid and Mucus Build-up) को रिमूव कर के उनकी जांच के लिए लैब में भेजा जा सकता है। इस प्रकार के टेस्ट डॉक्टर को बायोप्सी जैसे अधिक इनवेसिव टेस्टिंग करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
बायोप्सी (Biopsy)
यह सबसे प्रभावी तरीका है यह पता करने का की रोगी को किस प्रकार का कैंसर है। बायोप्सी प्रक्रिया (Biopsy Process) में सर्जन संदिग्ध क्षेत्र में एक छोटा चीरा लगाता है और इसके ऑफिशियली निदान के लिए पैथोलोजिस्ट प्रयोगशाला में टेस्ट के लिए ऊतक का एक छोटा सा नमूना निकालते हैं और उसके बाद उसका टेस्ट करते हैं।
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लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा का उपचार (Treatment of Lepidic Adenocarcinoma)
लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा (Lepidic Adenocarcinoma) के मेडिकल डायग्नोसिस के बाद डॉक्टर रोग के प्रकार और स्टेजिस निर्धारित करते हैं। इसके बाद उसके उपचार के बारे में निर्णय लिया जाता है। डॉक्टर इस समस्या के उपचार के लिए कई तरह के तरीके अपना सकते हैं। कुछ मामलों में इन उपचारों के मेल को भी प्रयोग में लाया जाता है। जानिए कौन से हैं यह तरीके:
सर्जरी (Surgery)
सर्जरी लंग कैंसर के उपचार का वो तरीका है जिसमें रोगी सर्जरी के लिए पूरी तरह से स्वस्थ होता है और ट्यूमर:
- का निदान जल्दी हो चुका होता है।
- को सुरक्षित तरीके से पूरी तरह से हटाया जा सकता है।
- चेस्ट में या अन्य अंगों में नहीं फैला होता है।
सर्जरी उपचार का सबसे बेहतर तरीका है। कई तरह की सर्जरी में लोबेक्टॉमी (Lobectomy) का प्रयोग पूरे लोब को रिमूव करने के लिए किया जाता है और इसे सबसे बेहतर तरीका भी माना जाता है।
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रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy)
रेडिएशन थेरेपी लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा (Lepidic Adenocarcinoma) के उपचार का वो तरीका है जिसमें कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए और ट्यूमर के आकार को कम करने के लिए हाय पावर एनर्जी वेव्स का प्रयोग किया जाता है। यह रेडिएशन थेरेपी का प्रयोग नॉन स्मॉल सेल्स लंग कैंसर के उपचार के लिए किया जाता है जिसमें लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा (Lepidic Adenocarcinoma) भी शामिल है। इसमें एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थेरेपी (External Beam Radiation Therapy ) का प्रयोग किया जाता है। एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थेरेपी भी कई प्रकार की होती है जिनका प्रयोग रोगी की स्थिति के अनुसार किया जाता है।
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कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
कीमोथेरेपी एक सिस्टमिक ड्रग ट्रीटमेंट है जिसे अक्सर लंग कैंसर के रोगियों को इंट्रावेनसली दिया जाता है। यह ड्रग रक्त के माध्यम से तेजी से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करती है। कीमोथेरेपी तेजी से बढ़ती हुई हेल्दी सेल्स को भी नष्ट कर सकती है जिसके कारण रोगी कई साइड इफेक्ट भी महसूस कर सकते हैं।
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टार्गेटेड थेरेपी (Targeted Therapies)
टार्गेटेड थेरेपी वो थेरेपी है जो कैंसर सेल्स (Cancer Cells) को सीधे रूप से टारगेट करती है। यह कीमोथेरेपी की तरह सभी ग्रोइंग सेल्स पर अटैक नहीं करती है। टार्गेटेड थेरेपी सेल्स के कुछ भागों पर फोकस करती है।
लंग कैंसर के उपचार से पहले जान लें उससे जुड़ी जरूरी बातें, इस क्विज के माध्यम से:
एंजियोजेनेसिस इन्हिबिटर्स (Angiogenesis Inhibitors)
लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा (Lepidic Adenocarcinoma) के उपचार में अगला है एंजियोजेनेसिस इन्हिबिटर्स (Angiogenesis Inhibitors)। जैसे जैसे शरीर ग्रो करता है, इसमें नए ब्लड वेसल बनते हैं जो सभी सेल्स में खून की सप्लाई करते हैं। इस प्रक्रिया को एंजियोजेनेसिस कहा जाता है। जब नए ब्लड वेसल्स कैंसर सेल्स को ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स प्रदान करते हैं तो इससे कैंसर सेल्स को ग्रो होने और फैलने में मदद मिलती है। एंजियोजेनेसिस इन्हिबिटर्स (Angiogenesis Inhibitors) नए ब्लड वेसल्स को बनने से रोक कर ट्यूमर को ग्रो होने और फैलने से रोक सकती है या धीमा कर सकती है। इसके बाद ट्यूमर नष्ट हो सकते हैं या ग्रो करना बंद कर देते हैं क्योंकि वो जरूरी ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स प्राप्त नहीं कर पाते।
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इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy)
इम्यूनोथेरेपी वो थेरेपी है जो रोगी के इम्यून सिस्टम की प्राकृतिक क्षमता को बढ़ाती है ताकि वो कैंसर से लड़ सके। रोगी के कैंसर सेल्स को सीधे रोकने या नष्ट की कोशिश करने के बजाय, इम्यूनोथेरेपी में रोगी की अपनी नेचुरल इम्युनिटी कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और नष्ट करने के लिए प्रशिक्षित की जाती है। कई बार अगर लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा (Lepidic Adenocarcinoma) की स्थिति में ट्यूमर एडवांस्ड हो गए हों, तो दर्द के उपचार के लिए पॉलिटिव केयर (Palliative Care) और सिम्प्टम मैनेजमेंट शामिल है। डॉक्टर रोगी को डायट और एक्सरसाइज रूटीन में बदलाव करने को भी कह सकते हैं।
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लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा (Lepidic Adenocarcinoma) के कई आउटलुक हो सकते हैं जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि यह कहां विकसित है? कुछ कैंसर दूसरों की तुलना में तेजी से विकसित होते हैं। लेकिन, कुछ कैंसर में उनका निदान ही तब होता है जब वो एडवांस स्टेज में पहुंच जाते हैं। ऐसे कैंसर उन कैंसर की तुलना में जानलेवा होते हैं जो धीरे-धीरे विकसित होते हैं। अन्य कैंसर की तरह लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा के एडवांस लेवल पर पहुंचने पर इनका इलाज मुश्किल हो सकता है। हालांकि, यह इसके प्रकार और यह कहां फैला है, इसके अनुसार इस समस्या का उपचार संभव है। इसका सर्वाइवल रेट लेपिडिक एडेनोकार्सिनोमा (Lepidic Adenocarcinoma) के प्रकार पर निर्भर करता है।
उपचार की गुणवत्ता और अन्य व्यक्तिगत कारक उपचार को प्रभावित कर सकते हैं। अगर रोगी में इस समस्या का निदान होता है तो डॉक्टर उपचार के साथ-साथ जीवनशैली में परिवर्तन के लिए भी कह सकते हैं। सही आहार का सेवन, व्यायाम, पर्याप्त आराम और नींद और तनाव से बच कर आप न केवल इस समस्या से जल्दी रिकवर हो सकते हैं, बल्कि आपके जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ सकती है।