डायबिटीज एक ऐसी क्रोनिक डिजीज है, जिसमें हमारा शरीर खून में ग्लूकोज की मात्रा को रेगुलेट नहीं कर पाता है। डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है और इसे कई जटिलताओं का कारण माना जाता है। डायबिटीज के कारण होने वाली इन कॉम्प्लीकेशन्स की वजह से इसे मैनेज करना और भी मुश्किल हो जाता है। ऐसी ही एक स्थिति को एथेरोस्क्लेरोसिस के नाम से जाना जाता है। आज हम बात करने वाले हैं डायबिटीज और एथेरोस्क्लेरोसिस (Diabetes and Atherosclerosis) के बारे में। जानिए क्या है डायबिटीज और एथेरोस्क्लेरोसिस (Diabetes and Atherosclerosis) के बीच में लिंक? लेकिन, सबसे पहले एथेरोस्क्लेरोसिस के बारे में थोड़ा जान लेते हैं।
एथेरोस्क्लेरोसिस क्या है? (Atherosclerosis)
डायबिटीज और एथेरोस्क्लेरोसिस (Diabetes and Atherosclerosis) के बीच के कनेक्शन के बारे में जानने से पहले एथेरोस्क्लेरोसिस के बारे में जानना जरूरी है। एथेरोस्क्लेरोसिस आर्टरीज के तंग होने की समस्या हैं, जो प्लाक के बिल्ड-अप के कारण होती है। आर्टरीज उन ब्लड वेसल्स को कहा जाता है, जो हार्ट से शरीर के अन्य हिस्सों तक ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स को ले कर जाते हैं। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारी आर्टरीज में फैट्स, कोलेस्ट्रॉल व कैल्शियम आदि जमा हो जाते हैं और प्लाक का कारण बनते हैं। प्लाक के जमा होने के कारण आर्टरीज के माध्यम से ब्लड का सही से फ्लो होना मुश्किल हो जाता है। यह बिल्ड-अप शरीर में किसी भी आर्टरी में हो सकता है जिसमें हार्ट, लेग्स और किडनी आदि भी शामिल है।
इसके कारण शरीर के विभिन्न टिश्यूज में ब्लड और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। यह प्लाक के टुकड़े भी टूट सकते हैं और ब्लड क्लॉट (Blood Clots) का कारण बन सकते हैं। अगर इस स्थिति का उपचार न किया जाए, तो एथेरोस्क्लेरोसिस नामक यह बीमारी हार्ट अटैक, स्ट्रोक या हार्ट फेलियर का कारण बन जाती है। उम्र के बढ़ने पर यह समस्या होना समान्य है। जानिए, किन लोगों को एथेरोस्क्लेरोसिस का जोखिम अधिक होता है।
और पढ़ें: डायबिटीज के लिए फिजिकल थेरिपी भी हो सकती है लाभकारी, लेकिन एक्सपर्ट से सलाह के बाद!
एथेरोस्क्लेरोसिस का रिस्क किन लोगों को अधिक रहता है? (Risk of Atherosclerosis)
कई कारक आपको एथेरोस्क्लेरोसिस के जोखिम में डाल सकते हैं। इनमें से एक है डायबिटीज। डायबिटीज और एथेरोस्क्लेरोसिस (Diabetes and Atherosclerosis) के बीच के लिंक को समझने से पहले इन रिस्क फैक्टर्स के बारे में जान लेते हैं। इसके रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं:
फैमिली हिस्ट्री (Family history)
अगर एथेरोस्क्लेरोसिस की आपकी पारिवारिक हिस्ट्री है, तो हो सकता है कि आपको भी आर्टरीज के हार्ड होने का जोखिम हो। यह कंडिशन और अन्य हार्ट से संबंधित समस्याएं इनहेरिटेड होती हैं।
व्यायाम की कमी (Lack of exercise)
रोजाना व्यायाम भी हार्ट के लिए अच्छा है। इससे हार्ट मसल्स स्ट्रांग होती हैं और इससे पूरे शरीर में ऑक्सीजन और ब्लड फ्लो बढ़ता है। लेकिन, अगर आप व्यायाम नहीं करते हैं तो इससे भी यह समस्या होने का जोखिम बढ़ जाता है।
अन्य कारण (Other reasons)
खराब जीवनशैली से भी हार्ट डिजीज सहित कई मेडिकल कंडिशंस का खतरा बढ़ जाता है। एथेरोस्क्लेरोसिस के अन्य कारण इस प्रकार ही सकते हैं:
- हाय ब्लड प्रेशर High blood pressure
- स्मोकिंग (Smoking)
- डायबिटीज (Diabetes)
यह तो थी जानकारी डायबिटीज और एथेरोस्क्लेरोसिस (Diabetes and Atherosclerosis) के बारे में। अब जानिए इन दोनों के बीच में क्या कनेक्शन है?
और पढ़ें: डायबिटीज और डायरिया : जब एक साथ दोनों समस्याएं बोल दें आपकी सेहत पर हल्ला!
डायबिटीज और एथेरोस्क्लेरोसिस के बीच क्या कनेक्शन है? (Connection between Diabetes and Atherosclerosis)
डायबिटीज के रोगियों में एथेरोस्क्लेरोसिस होने की संभावना अधिक होती है और इसके कई कारण हैं। आर्टरीज की इनर लायनिंग को एंडोथेलियम (Endothelium) कहा जाता है, जो डायरेक्टली ब्लडस्ट्रीम से कनेक्टेड होती है। एथेरोस्क्लेरोसिस की समस्या तब होती है, जब एंडोथेलियम (Endothelium) को कोई नुकसान पहुंचता है। इस नुकसान का मुख्य कारण है इसमें फैट, कोलेस्ट्रॉल जैसे मेटेरियल का जमा हो जाना, जो प्लाक के बनने का कारण होते हैं। जानिए डायबिटीज और एथेरोस्क्लेरोसिस (Diabetes and Atherosclerosis) के बीच के लिंक के बारे में विस्तार से:
खून के स्मूथ फंक्शनिंग में बाधा (Obstruction of smooth functioning of blood)
एक स्वस्थ व्यक्ति में एंडोथेलियम (Endothelium), नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous oxide) की मदद से खून के स्मूथ फंक्शनिंग में मदद करता है, जो कि वह स्वयं पैदा करता है। इस प्रकार उत्पादित नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous oxide) मांसपेशियों को रिलेक्स करने में मदद करने का महत्वपूर्ण कार्य करता है। इसके साथ ही यह सेल्स को आर्टरीज वॉल्स से दूर रखने में भी मददगार है और यह उनसे चिपकता नहीं है। लेकिन, अगर कोई व्यक्ति किसी क्रॉनिक बीमारी जैसे डायबिटीज से पीड़ित होता है, तो इस डिजीज के कारण प्लाक बनने से खून की स्मूथ फंक्शनिंग बाधित होती है। कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर, ट्राइग्लिसराइड्स, इस बाधा के लिए जिम्मेदार हैं।
और पढ़ें: टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल: मधुमेह को खत्म करना हो सकता है सम्भव! कैसे? जानिए!
डायबिटीज और एथेरोस्क्लेरोसिस में नाइट्रस ऑक्साइड का कम उत्पादन (Low production of nitrous oxide)
नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous oxide) की प्रोडक्शन, जो ब्लड वेसल्स की सही फंक्शनिंग के लिए जरूरी है, वो हार्मोन इंसुलिन द्वारा स्टिमुलेट होती है। डायबिटीज में शरीर इन्सुलिन के प्रति इंसेन्सिटिव हो जाता है और इसलिए, नाइट्रस ऑक्साइड (Nitrous oxide) कुशलतापूर्वक उत्पादित नहीं होता है। जो एथेरोस्क्लेरोसिस का कारण बनता है। यह भी माना जाता है कि जब हमारा शरीर इन्सुलिन के प्रति सेंसिटिव नहीं होता है, तो जो सेल शरीर के ब्लड वेसल्स को लाइन करते हैं। वो कुछ ऐसे सब्सटांसिस को रिलीज़ करते हैं, जो स्मूथ ब्लड वेसल फंक्शनिंग में बाधा के लिए जिम्मेदार होते हैं। इससे भी एथेरोस्क्लेरोसिस की समस्या हो सकती है।
डायबिटीज और एथेरोस्क्लेरोसिस में स्ट्रेस और हार्ट प्रॉब्लम्स (Stress and heart problems)
डायबिटीज और एथेरोस्क्लेरोसिस (Diabetes and Atherosclerosis) के बारे में एक तथ्य यह भी है कि एथेरोस्क्लेरोसिस का एक कारण स्ट्रेस है। जब शरीर तनाव से गुजरता है, तो कुछ हार्मोन का रिलीज होना ब्लड वेसल को सुचारू रूप से काम करने से रोकने के लिए जिम्मेदार होता है। डायबिटीज भी तनाव का भी एक प्रमुख कारण हो सकता है। डायबिटीज से पीड़ित लोग कई हार्ट संबंधी कई कॉम्प्लीकेशन्स का अनुभव भी कर सकते हैं जैसे हार्ट अटैक (Heart attack) और स्ट्रोक (Stroke) या अन्य कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular diseases) आदि। हार्ट में समस्या एथेरोस्क्लेरोसिस का कारण बनती है।
ऊपर बताएं पॉइंट्स से यह बात साबित होती है कि डायबिटीज और एथेरोस्क्लेरोसिस (Diabetes and Atherosclerosis) दोनों का गहरा संबंध है और डायबिटीज, एथेरोस्क्लेरोसिस का कारण बन सकती है। लेकिन, अगर आप डायबिटीज को अच्छे से मैनेज कर लेते हैं, तो आप एथेरोस्क्लेरोसिस को अच्छे से मैनेज करने में भी सक्षम रहेंगे। ऐसा भी माना जाता है कि ब्लड शुगर का हाय लेवल भी एथेरोस्क्लेरोसिस का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
और पढ़ें: एथेरोस्क्लेरोसिस और ब्लड प्रेशर मेडिकेशंस: जरूर जानिए इन दवाओं के बेनिफिट्स!
हायपरग्लेसेमिया और एथेरोस्क्लेरोसिस (Hyperglycemia and Atherosclerosis)
हायपरग्लेसेमिया यानी ब्लड शुगर के हाय लेवल और एथेरोस्क्लेरोसिस के बीच में भी गहरा लिंक है। यानी, ब्लड शुगर का हाय लेवल होने से एथेरोस्क्लेरोसिस की समस्या भी हो सकती है। दरअसल हाय ब्लड ग्लूकोज (High Blood Glucose) लेवल फ्री रेडिकल्स की अधिक प्रोडक्शन के लिए जिम्मेदार होता है। ये अत्यधिक रिएक्टिव मोलेक्युल्स (Reactive Molecules) समय से पहले सेल्स के नष्ट होने का कारण बनते हैं। कोशिकाओं के समय से पहले या प्रीमेच्योर टाइम में नष्ट होने की इस प्रक्रिया को एपोप्टोसिस (Apoptosis) कहा जाता है। एपोप्टोसिस के कारण नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन में कमी आ सकती है।
इसके कारण ब्लड वेसल्स के माध्यम से रक्त के स्मूथ फ्लो में बाधा आती है। इस प्रकार, एक और तरीका जिसमें डायबिटीज के कारण एथेरोस्क्लेरोसिस की समस्या हो सकती है, वह है शरीर में ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना। अब जानते हैं कि डायबिटीज और एथेरोस्क्लेरोसिस (Diabetes and Atherosclerosis) को कैसे मैनेज किया जा सकता है?
और पढ़ें: डायबिटीज में सेब के सेवन से हो सकते हैं ये बड़े फायदे! क्या जानना नहीं चाहेंगे आप?
डायबिटीज और एथेरोस्क्लेरोसिस को मैनेज कैसे करें? (Management of Diabetes and Atherosclerosis)
डायबिटीज और एथेरोस्क्लेरोसिस (Diabetes and Atherosclerosis) को मैनेज करने का सबसे बेहतरीन तरीका है डायबिटीज को कंट्रोल करना। अगर आपका ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) सही रहेगा, तो आप कई गंभीर समस्याओं से बच सकते हैं । डायबिटीज को मैनेज करने के लिए आपको डॉक्टर दवाईयों और इन्सुलिन की सलाह दे सकते हैं। इसके साथ ही आपको अपनी जीवनशैली में भी बदलाव करने चाहिए। यह बदलाव इस प्रकार हो सकते हैं:
- सही आहार का सेवन करना। डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए सही आहार का सेवन बेहद जरूरी है। इसके लिए आप अपने डॉक्टर या डायटीशियन की सलाह ले सकते हैं।
- उचित व्यायाम करें। डायबिटीज या अन्य कई हेल्थ कंडिशन को मैनेज करने के लिए रोजाना व्यायाम करना भी आवश्यक है। दिन में कुछ समय शारीरिक गतिविधियों के लिए निकालना न भूलें।
- तनाव से बचें। तनाव न केवल डायबिटीज बल्कि कई अन्य जटिलताओं का कारण भी हो सकता है।इसलिए इससे बचना जरूरी है। इसके लिए आप मेडिटेशन करें, खुश और सकारात्मक रहें। लेकिन, अगर यह समस्या अधिक हो, तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए पर्याप्त नींद (Enough Sleep) लेना भी जरूरी है। इसके साथ ही एल्कोहॉल (Alcohol) और स्मोकिंग (Smoking) जैसी बुरी आदतों से भी दूर रहने की सलाह दी जाती है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें।
और पढ़ें: डायबिटीज और एम्प्यूटेशन: कहीं डायबिटीज ना बन जाएं एम्प्यूटेशन की वजह, जानें कैसे संभव है बचाव?
क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज को रिवर्स कैसे कर सकते हैं? तो खेलिए यह क्विज!
उम्मीद है कि डायबिटीज और एथेरोस्क्लेरोसिस (Diabetes and Atherosclerosis) के बारे में यह आर्टिकल आपको अवश्य पसंद आया होगा। एथेरोस्क्लेरोसिस, डायबिटीज का एक कारण हो सकता है। अगर आपको डायबिटीज की समस्या है, तो उसे नियंत्रित रखने के लिए डॉक्टर की सलाह लें और सही समय पर उचित कदम उठाएं। ताकि, आप डायबिटीज के कारण होने वाली कॉम्प्लीकेशन्स से बच सकें। अगर आपके मन में कोई भी सवाल है तो आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
[embed-health-tool-bmi]