डायबिटीज (Diabetes) एक ऐसी लाइफ़स्टाइल डिजीज है, जिसके शिकार लोग तेजी से होते जा रहे हैं। डायबिटीज शरीर के हर हिस्से को प्रभावित कर सकती है, यही वजह है कि डायबिटीज में ओरल प्रॉब्लम यानी कि मुंह की समस्या आमतौर पर होती है। डायबिटीज में ओरल हेल्थ पर ध्यान रखना बेहद जरूरी माना जाता है। सामान्य तौर पर आम लोगों के मुकाबले डायबिटीज से ग्रसित लोगों में ओरल इशूज जल्दी होते हैं, जिसमें फंगल इंफेक्शन, मुंह के छाले, मुंह में सूजन जैसी समस्याएं देखी जाती है। इसलिए आज हम बात करने जा रहे हैं डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Diabetes and oral health) के बारे में। डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Oral health) का ध्यान कैसे रखा जाए, आइए जानते हैं। लेकिन उससे पहले जानते हैं कि डायबिटीज की समस्या कैसे होती है।
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कैसे होती है डायबिटीज (Diabetes) की समस्या?
डायबिटीज (Diabetes) की तकलीफ का सीधा असर हमारे इम्यून सिस्टम पर पड़ता है। आमतौर पर जब व्यक्ति खाना खाता है, तो शरीर भोजन से मिले शुगर को तोड़कर उसका इस्तेमाल कोशिका में उर्जा बनाने के लिए करता है। इस कार्य को पूरा करने के लिए पैंक्रियाज को इंसुलिन का उत्पादन करना पड़ता है। इंसुलिन हॉर्मोन शरीर में एनर्जी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन जब आप डायबिटीज की गिरफ्त में होते हैं, तो यही पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन (Insulin) पैदा नहीं कर पाती। इसकी वजह से शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ता चला जाता है। जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल ज्यादा बढ़ जाता है, तो शरीर के कामकाज पर इसका प्रभाव पड़ता है और शरीर की कार्यप्रणाली कमजोर होती चली जाती है।
यदि समय पर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल ना किया जाए, तो डायबिटीज अपने साथ-साथ कई अन्य जटिलताओं को भी साथ ले आता है। आपके साथ ऐसी स्थिति ना हो, इसलिए जरूरत है आपको डायबिटीज (Diabetes) के लक्षण पहचानने की। आइए जानते हैं डायबिटीज के लक्षणों के बारे में।
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पहचानें डायबिटीज के लक्षणों को! (Symptoms of Diabetes)
यह तो सभी जानते हैं कि डायबिटीज के दो प्रमुख प्रकार होते हैं, टाइप वन डायबिटीज (Type 1 Diabetes) और टाइप टू डायबिटीज (Type 2 Diabetes)। टाइप वन डायबिटीज में पैंक्रियाज इंसुलिन बनाना बंद कर देता है, जिसकी वजह से बीमार व्यक्ति को इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं। वहीं टाइप टू डायबिटीज में पैंक्रियाज में इंसुलिन बनाने की रफ्तार कम हो जाती है, जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। लेकिन जब आपको डायबिटीज की समस्या रहती है, तब आपको यह लक्षण दिखाई दे सकते हैं –
- बार-बार प्यास लगना जिसे पॉलीडिप्सिया (Polydipsia) कहते हैं।
- ज्यादा पेशाब होना, अक्सर हर एक घंटे पर। इस स्थिति को पॉल्यूरिया कहते हैं
- बिना किसी कारण के वजन घटना।
- जल्दी थकावट महसूस होना।
ऐसे भी कुछ लक्षण हैं जो व्यक्तिगत रूप से किसी को महसूस हो सकते हैं और किसी को नहीं। जिनमें शामिल हैं:
- मतली और उलटी।
- धुंधला दिखाई देना।
- महिलाओं में बार-बार योनि संक्रमण।
- मुंह सूखना।
- जख्म या कट्स भरने में ज्यादा समय लगना।
- त्वचा में खुजली होना, खासतौर पर कमर और जेनिटल एरिया के आस-पास।
जब आपको यह लक्षण दिखाई दें, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जितनी जल्दी आप डॉक्टर से संपर्क करेंगे, उतनी ही जल्दी आप ब्लड शुगर लेवल को सामान्य स्तर पर ला सकते हैं। इसलिए समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी माना जाता है। आइए अब जानते हैं डायबिटीज और ओरल हेल्थ (Oral health) के बीच क्या संबंध है?
डायबिटीज और ओरल हेल्थ के बीच क्या संबंध है? (Diabetes and oral health)
डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Diabetes and oral health) इसलिए महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि आम लोगों की तुलना में डायबिटिक मरीजों को मुंह से संबंधित परेशानियां ज्यादा होती हैं। डायबिटीज और ओरल हेल्थ आपस में इसलिए जुड़े हैं, क्योंकि इन दोनों का संबंध सीधे तौर पर हाय ब्लड शुगर से होता है। यदि डायबिटीज (Diabetes) की समस्या में शुगर लेवल का ध्यान न रखा जाए, तो मुंह की समस्याएं तेजी से बढ़ती है। ऐसा होना इसलिए संभव है क्योंकि शुगर लेवल बढ़ने से शरीर में मौजूद वाइट ब्लड सेल्स कमजोर हो जाते हैं, जो मुंह में पैदा होने वाले बैक्टीरियल इन्फेक्शन के खिलाफ लड़ने में शरीर की मदद नहीं कर पाते।
साथ ही साथ हाय ब्लड शुगर लेवल लंबे समय तक बने रहने से मुंह की कार्यप्रणाली कमजोर होने लगती है, इसलिए डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Oral health) का ध्यान रखने के लिए ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने की सलाह दी जाती है। यदि आप मधुमेह को कंट्रोल कर लेते हैं, तो ओरल हेल्थ से जुड़ी तकलीफों से भी बचा जा सकता है। आइए अब जानते हैं डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Diabetes and oral health) के दौरान होने वाली समस्याएं कौन सी होती है?
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डायबिटीज में ओरल हेल्थ पर कैसे पड़ता है बुरा असर? (Diabetes and oral health)
डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Diabetes and oral health) का ध्यान रखने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि ऐसी कौन सी तकलीफ है, जो ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाने की वजह से हो सकती है। मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति के ब्लड में जब ग्लूकोज की मात्रा बढ़ती है, तो उसे दर्द, संक्रमण, मुंह के घाव, मुंह में खून आने जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। डायबिटीज (Diabetes) के कारण व्यक्ति के मुंह के इन भागों में समस्याएं पैदा हो सकती हैं –
- दांत
- मसूड़े
- जबड़े
- जीभ
- तालू या मुंह के अंदर की तरफ से ऊपर का हिस्सा
- मुंह के अंदर से गाल प्रभावित हो सकते हैं
आपको जानकर हैरानी होगी कि डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Diabetes and oral health) तब मेंटेन रहती है, जब मुंह की कार्यप्रणाली पर इसका गलत असर ना पड़े। मुंह में बनने वाली लार में भी ग्लूकोज की मात्रा पाई जाती हैं। जब डायबिटीज (Diabetes) की समस्या में ब्लड शुगर लेवल अनियंत्रित हो जाता है, तो मुंह में बनने वाली लार में ग्लूकोज की मात्रा अचानक बढ़ जाती है और मुंह में तेजी से बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। इसकी वजह से ये बैक्टीरिया दांत और जीभ पर चिपक जाते हैं, जो आगे चलकर प्लाक की समस्या पैदा करते हैं। प्लाक की वजह से दांतों में सड़न और कैविटी की समस्या होती है। वहीं प्लाक की वजह से मसूड़ों से संबंधित समस्याएं और मुंह की बदबू जैसी तकलीफों का भी सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Oral health) का ध्यान रखने की जरूरत बढ़ जाती है। आइए अब जानते हैं डायबिटीज में ओरल हेल्थ से जुड़े लक्षणों को आप कैसे पहचान सकते हैं।
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डायबिटीज में ओरल हेल्थ के लक्षण हो सकते हैं ये! (Symptoms of Diabetes and oral health)
कई लोगों में डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Oral health) से जुड़े लक्षण आसानी से दिखाई देते हैं, वहीं कुछ लोगों में यह लक्षण नजर नहीं आते। इसलिए एक्सपर्ट आपको लगातार थोड़े-थोड़े समय में डेंटिस्ट के पास जाकर अपॉइंटमेंट लेने की सलाह देते हैं। यदि आप डायबिटिक हैं और आपको मुंह से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं, तो आपको इन लक्षणों पर ध्यान देने की जरूरत पड़ सकती हैं। डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Diabetes and oral health) के अंतर्गत यह लक्षण हानिकारक साबित हो सकते हैं –
- मसूड़ों से खून आना
- दांतों के बीच गैप में फर्क महसूस करना
- मुंह की बदबू (Mouth odor)
- मसूड़ों का दांतो की पकड़ ना रख पाना
- दांत टूटने की स्थिति पैदा होना
- मसूड़ों में सूजन आना (Swollen gums)
जब आप ऐसी स्थिति देखते हैं, तो आपको तुरंत डेंटिस्ट से मिलने की सलाह दी जाती है। डेंटिस्ट ब्लड शुगर लेवल चेक करने के बाद आपको जरूरी मेडिकेशन दे सकते हैं। डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Diabetes and oral health) का ध्यान ऐसे भी रखा जा सकता है। आइए जानते हैं डायबिटीज में ओरल हेल्थ को लेकर कौन से बचाव किए जा सकते हैं।
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डायबिटीज में ओरल हेल्थ का ध्यान रखने के लिए बचाव के तरीके
डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Diabetes and oral health) को बैलेंस बनाए रखने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहे। इसके लिए आपको रोजाना अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करते रहना चाहिए और डॉक्टर की सलाह से अपनी डायट, ओरल मेडिकेशन और इंसुलिन में समय-समय पर जरूरी बदलाव करते रहने चाहिए।
आमतौर पर जिस प्रकार व्यक्ति अपनी ओरल हेल्थ (Oral health) का ध्यान रखता है, डायबिटीज में ओरल हेल्थ का ध्यान सामान्य रूप से ज्यादा रखने की जरूरत पड़ती है। इसके लिए आप ब्रश, फ़्लॉस के साथ-साथ रेगुलरली डेंटिस्ट से अपॉइंटमेंट ले सकते हैं।
यदि आपको मसूड़ों से जुड़ी समस्याएं दिखाई देती हैं, तो आपको तुरंत डेंटल ट्रीटमेंट (Dental treatment) लेना चाहिए। जिससे आप समय पर डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Oral health) का ध्यान रख सके। आपको मुंह में होने वाले अचानक बदलाव पर ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। यदि अचानक आपके मुंह में सूखापन और सफेद पैच दिखाई दें, साथ ही साथ मसूड़ों से खून आने की समस्या हो, तो यह लक्षण गंभीर माने जाते हैं।
इसलिए डॉक्टर की सलाह के बाद जरूरत पड़ने पर आपको किसी प्रकार की डेंटल प्रोसीजर भी लेनी पड़ सकती है। साथ ही साथ आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने की भी जरूरत पड़ती है। आइए आप जानते हैं डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Diabetes and oral health) से जुड़े कौन से ट्रीटमेंट आपको लेने पड़ सकते हैं।
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डायबिटीज में ओरल हेल्थ : ये ट्रीटमेंट कर सकते हैं मदद (Treatment for Diabetes and oral health)
डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Oral health) से जुड़ी तकलीफ हो, तो ट्रीटमेंट के लिए आपको डेंटिस्ट के सलाह लेनी चाहिए। डेंटिस्ट आपकी वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए ट्रीटमेंट बता सकता है। इन ट्रीटमेंट में आपको कुछ तरह की डेंटल प्रोसीजर का सहारा लेना पड़ सकता है, जो इस प्रकार हैं –
- स्केलिंग और रूट प्लानिंग
- डीप क्लींजिंग (Deep cleansing)
- एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट
- गम सर्जरी (Gum surgery)
इस तरह डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Diabetes and oral health) को बेहतर बनाए रखने के लिए आपको इन ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ सकती हैं। लेकिन यह ट्रीटमेंट लेने के बाद आपको लंबे समय तक अपने ब्लड शुगर लेवल पर खासतौर पर ध्यान रखने की जरूरत पड़ती है। यदि इसके बाद भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ता जाए, तो इन ट्रीटमेंट का असर पूरी तरह से नहीं हो सकता। इसलिए डायबिटीज में ओरल हेल्थ का ध्यान रखने के लिए आपको खास तौर पर अपने ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस बनाए रखने की जरूरत पड़ती है।
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डायबिटीज में ओरल हेल्थ का ध्यान रखना रख पाना तभी मुमकिन है, जब आप डायबिटीज (Diabetes) कंट्रोल की कोशिश करते हैं। इसके साथ-साथ रोजाना अपने दांतो की साफ-सफाई और हाइजीन का ध्यान रखते हैं। यदि आपको डायबिटीज की समस्या है, तो आप को मुख्य रूप से अपनी ओरल हेल्थ पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत पड़ती है। इसलिए आपको समय-समय पर डेंटिस्ट के पास जाकर चेकअप करवाना चाहिए और डॉक्टर की सलाह के बाद अपनी ओरल हाइजीन रूटीन में बदलाव भी करना चाहिए। इस तरह आप डायबिटीज में ओरल हेल्थ (Diabetes and oral health) का ध्यान बेहतर रूप से रख सकते हैं।
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