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टाइप 1 डायबिटीज में सीलिएक डिजीज: दोनों के बीच आखिर क्या है लिंक?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/12/2021

    टाइप 1 डायबिटीज में सीलिएक डिजीज: दोनों के बीच आखिर क्या है लिंक?

    डायबिटीज जिसे मधुमेह भी कहा जाता है, एक गंभीर और लाइफ-लॉन्ग प्रॉब्लम है। इसके दो मुख्य प्रकार हैं टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) और टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) । इसमें टाइप 2 डायबिटीज बेहद सामान्य है और टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) अधिकतर बच्चों और किशोरों में पाई जाती है। ऐसे ही, अन्य बीमारी को सीलिएक डिजीज (Celiac disease) कहा जाता है। यह एक डायजेस्टिव डिसऑर्डर है, जो हमारे स्मॉल इंटेस्टाइन को डैमेज कर सकता है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको जानकारी देने वाले हैं टाइप 1 डायबिटीज में सीलिएक डिजीज (Type 1 diabetes and Celiac disease) के बारे में। टाइप 1 डायबिटीज में सीलिएक डिजीज (Type 1 diabetes and Celiac disease) के बारे में जानने से पहले सीलिएक डिजीज के बारे में जान लेते हैं।

    सीलिएक डिजीज क्या है? (Celiac disease)

    मेडलाइनप्लस (MedlinePlus) के अनुसार सीलिएक डिजीज (Celiac disease) एक इम्यून डिजीज है, जिसमें रोगी ग्लूटेन का सेवन नहीं कर पाते हैं क्योंकि इससे उनका स्मॉल इंटेस्टाइन डैमेज हो सकता है। अगर आपको सीलिएक डिजीज है और आप ग्लूटेन युक्त आहार का सेवन करते हैं, तो आपका इम्यून सिस्टम स्मॉल इंटेस्टाइन को डैमेज करके रिस्पॉन्ड कर सकता है। अब बात की जाए ग्लूटेन की, तो यह एक प्रोटीन है जो गेहूं, राई और जौ में पाई जाती है। यह अन्य कुछ उत्पादों में भी पाई जा सकती है जैसे विटामिन और सप्लीमेंट्स, हेयर और स्किन प्रोडक्ट्स, टूथपेस्ट और लिप बाम आदि।

    यह बीमारी हर-एक व्यक्ति को अलग-अलग तरह से प्रभावित करती है। सीलिएक डिजीज जेनेटिक है। इस बीमारी के निदान के लिए डॉक्टर रोगी का ब्लड टेस्ट (Blood Test) करा सकते हैं। इसके लिए डॉक्टर को रोगी के स्मॉल इंटेस्टाइन के टिश्यू के स्मॉल पीस को जांचने की भी जरूरत हो सकती है। इस रोग के उपचार में ग्लूटेन फ्री डायट (Gluten free diet) का सेवन करना भी शामिल है। टाइप 1 डायबिटीज में सीलिएक डिजीज (Type 1 diabetes and Celiac disease) से पहले सीलिएक डिजीज (Celiac disease) के लक्षणों के बारे में जान लेते हैं।

    और पढ़ें: सीलिएक डिजीज की स्थिति में बच्चों को ग्लूटेन फ्री डायट को फॉलो करनी चाहिए या नहीं?

    सीलिएक डिजीज के लक्षण (symptoms of Celiac disease)

    जैसा की पहले ही बताया गया है कि सीलिएक डिजीज एक ऑटोइम्यून कंडीशन (Autoimmune condition) है, जिसके कारण ग्लूटेन का सेवन करने के बाद स्मॉल इंटेस्टाइन डैमेज हो सकता है। इस प्रक्रिया से शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करना मुश्किल हो जाता है। अगर आप पैरेंट है और आपको यह समस्या है तो आपके बच्चों को भी यह समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके साथ ही रोगी के सिब्लिंग्स को भी यह रोग होने का जोखिम रहता है। टाइप 1 डायबिटीज में सीलिएक डिजीज (Type 1 diabetes and Celiac disease) के बारे में जानने से पहले इसके लक्षणों के बारे में जानकारी होना भी जरूरी है। सीलिएक डिजीज के लक्षण इस प्रकार हैं:

    • सीलिएक डिजीज के कुछ लोगों में कोई भी लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं। लेकिन, इस रोग में डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स हो सकती हैं जैसे पेट में दर्द, गैस, ब्लोटिंग डायरिया, वजन का कम होना आदि।
    • गंभीर ब्लिस्टरिंग, स्किन रैशेस जिसे डर्मेटाइटिस हेरपेटिफॉर्मिस (Dermatitis Herpetiformis) कहा जाता है और मुंह में छाले भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
    • अचानक एनीमिया या हेपेटाइटिस होना भी इसके सिम्पटम्स हैं।
    • मसक्यूलोस्केलेटल प्रॉब्लम्स (Musculoskeletal problems) जैसे मसल क्रैम्प्स, जोड़ों व हड्डियों में दर्द या डेंटल इनेमल में डिफेक्ट्स इस समस्या की वजह से हो सकते हैं।
    • यह रोग बच्चों में ग्रोथ प्रॉब्लम की वजह बन सकता है।
    • टांगों में टिंगलिंग सेंसेशन जो नर्व डैमेज और लो कैल्शियम के कारण हो सकता है। इसके अलावा, डिप्रेशन (Depression) को भी इस समस्या का कारण माना जाता है।

    यह तो थी सीलिएक डिजीज के बारे में जानकारी। अब जानिए टाइप 1 डायबिटीज में सीलिएक डिजीज (Type 1 diabetes and Celiac disease) के बारे में।

    टाइप 1 डायबिटीज में सीलिएक डिजीज

    और पढ़ें: बच्चों के लिए ग्लूटेन फ्री स्नैक्स : सीलिएक डिजीज से बचाने के साथ ही पोषण देंगे संपूर्ण

    टाइप 1 डायबिटीज में सीलिएक डिजीज (Type 1 diabetes and Celiac disease)

    जो लोग टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) से पीड़ित होते हैं, तो इनमें ज्यादातर रूटीन स्क्रीनिंग के माध्यम से इस बात का निदान होता है कि उन्हें सीलिएक डिजीज (Celiac disease) की समस्या है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन दोनों कंडिशंस के बीच गहरा संबंध है। अधिकतर रिपोर्ट्स यह बताती हैं कि अधिकतर लोगों में इस समस्या का कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है और इसका निदान भी डायबिटीज के बाद ही होता है। किसी व्यक्ति को इसके लक्षण चाहे नजर आएं या नहीं। लेकिन, अगर इस रोग का निदान एक बार हो जाता है, तो इसके बाद रोगी के लिए स्ट्रिक्ट ग्लूटेन फ्री डायट (Gluten free diet) का पालन करना जरूरी है

    जो लोग ग्लूटेन फ्री डायट (Gluten free diet) लेते हैं, उनमें ऑटोइम्यून डिसऑर्डर डेवलप होने की संभावना कम होती है। आइए जानते हैं टाइप 1 डायबिटीज में सीलिएक डिजीज (Type 1 diabetes and Celiac disease) और इन दोनों के बीच के लिंक के बारे में:

    • टाइप 1 डायबिटीज और सीलिएक डिजीज (Type 1 diabetes and Celiac disease) दोनों इम्यून-मेडिएटेड कंडिशंस ( immune-mediated conditions) हैं
    • टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित 3 से 8 प्रतिशत लोगों में सीलिएक डिजीज पाई जाती है, इसलिए टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) से पीड़ित लोगों को नियमित रूप से सीलिएक डिजीज की स्क्रीनिंग करानी चाहिए।
    • सीलिएक डिजीज जो टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) से जुड़ी होती है, आमतौर पर असिम्पटोमैटिक होती है, जो केवल स्क्रीनिंग के बाद ही नजर आती है।
    • टाइप 1 डायबिटीज और सीलिएक डिजीज दोनों के लक्षण एक जैसे होते हैं जैसे पेट में दर्द, गैस, ब्लोटिंग, कुपोषण, वजन का कम होना आदि।
    • अगर सीलिएक डिजीज का सही से उपचार न किया जाए, तो यह असामान्य ब्लड ग्लूकोज लेवल का कारण बन सकता है।
    • अनएस्प्लेनड हाइपोग्लाइसीमिया (Unexplained hypoglycemia) या लो ब्लड ग्लूकोज कुपोषण का लक्षण होता है, जो सीलिएक डिजीज से संबंधित है। इसकी नियमित से जांच करना जरूरी है, खासतौर पर छोटे बच्चों में।

     टाइप 1 डायबिटीज में सीलिएक डिजीज (Type 1 diabetes and Celiac disease) के बीच के लिंक को सबसे पहले 1960 में एस्टाब्लिशड किया गया था। हालांकि, स्पष्ट लक्षणों के बिना ग्लूटेन फ्री डायट (Gluten free diet) की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना बहुत मुश्किल हो सकता है और इसका सख्ती से पालन करना भी मुश्किल हो सकता है। अचानक वेट गेन या लॉस, थकावट, न्यूरोपैथी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम्स  (Gastrointestinal Diseases) को टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) या सीलिएक डिजीज से जोड़ा जाता है। यानी, इनके लक्षण एक जैसे होने के कारण इन दोनों के बीच में अंतर करना बहुत मुश्किल हो सकता है। अब जानते हैं कि टाइप 2 डायबिटीज में सीलिएक डिजीज को मैनेज कैसे किया जाता है?

    और पढ़ें: लिवर डिजीज और टाइप 1 डायबिटीज: जानिए कैसे मैनेज करें इन कंडीशंस को!

    टाइप 1 डायबिटीज में सीलिएक डिजीज को कैसे मैनेज करें ?

    जैसा की आप जानते ही हैं कि यह दोनों ऑटोइम्यून कंडिशंस हैं। इन दोनों को मैनेज करने के लिए आपके लिए अपने खानपान में बदलाव के साथ ही अन्य कई चीजों का ध्यान रखना जरूरी है जैसे समय-समय पर ब्लड शुगर टेस्ट करना, इन्सुलिन रिक्वायरमेंट्स के बारे में जानना आदि। इन दोनों बीमारियों को मैनेज करना आसान है। बस इनके लिए अतिरिक्त प्लानिंग की जरूरत होती है। इन दोनों स्थितियों में हम बिना किसी समस्या के हेल्दी लाइफ बिता सकते हैं। इसके लिए उन गतिविधियों और खाद्य-पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए, जो आपकी ब्लड शुगर पर शार्ट और लॉन्ग टर्म प्रभाव ड़ाल सकते हैं।

    इन कंडिशंस में सबसे जरूरी है ग्लूटेन फ्री आहार का सेवन करना। यानी, ऐसे आहार का सेवन करना जो नैचुरली ग्लूटेन फ्री हों जैसे फल, सब्जियां, ग्लूटेन फ्री होल ग्रेन्स जैसे क्विनोआ, ब्राउन राइस, मिलेट, ओट्स आदि। इसके साथ ही अधिकतर चीज़, दही, फलियां, नट्स, सीड्स, अंडे, चिकन, मीट आदि को भी ग्लूटेन फ्री माना जाता है। फ़ूड कॉम्बिनेशन जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं उनमें वो खाद्य पदार्थ भी शामिल हैं जिनमें फाइबर, प्रोटीन और फैट होता है। यह कॉम्बो ब्लड शुगर में अधिक फ्लक्चुएशन से बचाते हैं। जब भी आप पैक्ड फ़ूड का सेवन करें, तो उसके लेबल को अवश्य पढ़ें और जाने की यह ग्लूटेन फ्री है या नहीं। लेकिन, यह भी ध्यान रहे कि अगर कोई खाद्य पदाथ ग्लूटेन फ्री है तो इसका अर्थ यह नहीं  है कि यह हेल्दी फ़ूड है।

    अगर आपको टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) की समस्या है तो आपको अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा का पता होना चाहिए। इसके साथ ही आप उन विकल्पों को चुनें जिनमें फाइबर, फैट और प्रोटीन हो और जो ब्लड शुगर कंट्रोल कर सकें। अपने लिए आहार के चुनाव के लिए आप डायटीशियन की मदद ले सकते हैं। टाइप 1 डायबिटीज में सीलिएक डिजीज (Type 1 diabetes and Celiac disease) के बारे में तो आप जान ही गए होंगे। अब जानते हैं कि टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) को कैसे मैनेज किया जा सकता है?

    और पढ़ें: टाइप 1 डायबिटीज रिवर्सल: मधुमेह को खत्म करना हो सकता है सम्भव! कैसे? जानिए!

    टाइप 1 डायबिटीज को कैसे मैनेज करें?

    यह तो आप जान ही गए होंगे कि टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) से पीड़ित अधिक लोग सीलिएक डिजीज की समस्या से प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) को मैनेज करना बेहद जरूरी है। टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) को सही रखने के लिए डॉक्टर दवाइयों, इंसुलिन और लाइफस्टाइल में बदलाव की सलाह देते हैं। आइए जानें कि रोगी को अपने जीवन में क्या बदलाव करने चाहिए?

  • टाइप 1 डायबिटीज के रोगियों को सही और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए ताकि उनका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहे ।
  • समय-समय पर ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) की जांच करनी चाहिए
  • नियमित रूप से व्यायाम करें। दिन में कुछ समय एक्सरसाइज या शारीरिक गतिविधियों के लिए जरूर निकालें।
  • अगर स्मोकिंग करते हैं तो इसे छोड़ दें।
  • अपने दांतों और पैरों की नियमित जांच करें। इसके साथ ही तनाव से भी बचें। इसके लिए योगा, मेडिटेशन आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं
  • क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज को रिवर्स कैसे कर सकते हैं? तो खेलिए यह क्विज!

    और पढ़ें: एनपीएच इंसुलिन: ब्लड शुगर लेवल को तुरंत कर देता है कम, डायबिटीज टाइप 1 और टाइप 2 दोनों के लिए है उपयोगी

    उम्मीद है कि टाइप 1 डायबिटीज में सीलिएक डिजीज (Type 1 diabetes and Celiac disease) के बारे में यह जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी। इन दोनों के बीच के संबंध को भी आप समझ गए होंगे। इन दोनों कंडिशंस को मैनेज करने के लिए आपको अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना होगा। अगर इस समस्या से संबंधित कोई भी सवाल आपके मन में है तो आप अपने डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।                 

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