तथ्य : हृदय स्वास्थ्य से जुड़े मिथक में ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि सीने में दर्द होना ही हार्ट अटैक का इकलौता लक्षण है। ये पूरी तरह से गलत है, सीने में दर्द के अलावा भी हार्ट अटैक के कई लक्षण हैं, जैसे- सांस लेने में परेशानी होना, मतली आना, पसीना होना, चक्कर आना, थकान होना आदि। जरूरी नहीं है कि हार्ट अटैक में सीने में दर्द ही हो, कई बार ये सभी लक्षण भी नजर आते हैं। जिसे नोटिस करने के बाद तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
हृदय रोगों से जुड़े मिथक : दिल की बीमारी से परेशान लोगों को कोविड-19 संक्रमण होना का ज्यादा खतरा है
तथ्य : हां, ये फैक्ट है कि दिल की बीमारी से परेशान लोगों को कोविड-19 संक्रमण होना का ज्यादा खतरा है। कोरोनावायरस उन लोगों को प्रभावित करता है जो डायबिटीज या हृदय रोगों से परेशान हैं। हृदय संबंधी बीमारियों से परेशान लोगों की इम्यूनिटी इस वायरस के खिलाफ ज्यादा नहीं लड़ पाती है। कोरोनावायरस उन लोगों को जल्दी अपना शिकार बनाता है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है।
हृदय स्वास्थ्य से जुड़े मिथक : दिल के मरीजों को एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए
तथ्य : हृदय स्वास्थ्य से जुड़े मिथक में ये बात पूरी तरह से गलत है। दिल के मरीजों को एक्सरसाइज पर खास ध्यान रखना चाहिए। बतौर डॉक्टर मैं दिल के मरीजों को एरोबिक्स, योगा, एक्सरसाइज या टहलने की सलाह देता हूं। इसलिए आपको रोजाना कम से कम आधे घंटे की एक्सरसाइज करनी चाहिए। आप एक्सरसाइज करने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह और किसी ट्रेनर की मदद ले सकते हैं।
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हृदय स्वास्थ्य से जुड़े मिथक : एक बार दिल की बीमारी हो गई, तो कभी खत्म नहीं होती है
तथ्य : ये बात पूरी तरह से सही नहीं है। एक बार दिल की बीमारी हो गई तो उसे ठीक किया जा सकता है। बस हमें करना बस इतना है कि समय रहते हम अपने लाइफस्टाइल को बदल लें और बीमारी का इलाज कराएं। दिल की बीमारी को ठीक करने के लिए आपको अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई डायट, लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज करनी होगी। इसके अलावा अपने वजन को नियंत्रित रखना होगा। वहीं, इलाज की बात करें, तो आज टेक्नोलॉजी बहुत आगे बढ़ चुकी है, बाइपास सर्जरी और दिल की अन्य सर्जरी के द्वारा दिल की बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।
इस तरह से आपने जाना कि हृदय रोगों से जुड़े मिथक, जो लोगों के मन में अज्ञानता का कारण बने हुए हैं। आप तथ्यों को जान कर अपने जीवन को आसानी से दिल की बीमारी के साथ गुजार सकते हैं। इसके लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें और समय रहते अपने दिल का ख्याल रखें।