एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) वो स्थिति है जिसमें आर्टरीज की अंदर की वॉल्स में प्लाक बिल्डअप हो जाता है। अगर बात करें आर्टरीज की, तो यह वो ब्लड वेसल्स (Blood Vessels) हैं, जो हार्ट से शरीर के बाकी हिस्सों तक खून और ऑक्सीजन डिलीवर करते हैं। वहीं, प्लाक वो स्टिकी सब्सटांस है जो फैट (Fat), कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol), कैल्शियम (Calcium) और अन्य सब्सटांस से बनता है। प्लाक के बनने के कारण आर्टरीज सख्त और तंग हो जाती हैं और इस समस्या को एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) कहा जाता है। एथेरोस्क्लेरोसिस के उपचार में कुछ दवाईयां, सर्जरी और लाइफस्टाइल में परिवर्तन आदि शामिल है। आज हम बात करने वाले हैं टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स (Top Atherosclerosis medications) के बारे में। जानिए कौन सी हैं टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स (Top Atherosclerosis medications) । लेकिन, इससे पहले एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षणों के बारे में जान लेते हैं।
एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Atherosclerosis)
हालांकि, एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) को अक्सर हार्ट प्रॉब्लम (Heart Problem) माना जाता है। लेकिन, यह समस्या शरीर में किसी भी हिस्से की आर्टरीज को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, इसका उपचार संभव है। इसके ट्रीटमेंट में टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स (Top Atherosclerosis medications) सहायक हो सकती हैं। हेल्दी लाइफस्टाइल भी इससे राहत पाने में मददगार हो सकता है। आमतौर, पर इस रोग के लक्षण तब तक नजर नहीं आते हैं। जब तक रोगी की आर्टरीज पूरी तरह से बंद न हो जाए या जब तक वो हार्ट अटैक (Heart Attack) या स्ट्रोक (Stroke) का अनुभव न करें। इसके लक्षण इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि कौन सी आर्टरी तंग या ब्लॉक है? कोरोनरी आर्टरीज से संबंधित लक्षण इस प्रकार हैं:
- एरिथमिया जो एक असामान्य हार्टबीट है (Arrhythmia)
- शरीर के ऊपरी हिस्से में दर्द और दबाव जिसमें छाती, बाजू, गर्दन और जबड़े आदि शामिल है (Pain or pressure in your upper body)। इसे एंजाइना (Angina) कहा जाता है।
- सांस लेने में समस्या (Shortness of breath)
आर्टरीज जो दिमाग तक खून को डिलीवर करती हैं, उनसे जुड़े लक्षण इस प्रकार हैं :
- बाजू और टांगों में कमजोरी और सुन्नपन (Numbness or weakness in your arms or legs)
- बोलने या किसी की बात को समझने में समस्या (Hard time in speaking or understanding)
- पैरालिसिस (Paralysis)
- गंभीर सिरदर्द (Severe headache)
- एक या दोनों आंखों से देखने में समस्या (Trouble seeing)
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बाजू, टांगों और पेल्विस की आर्टरीज से संबंधी लक्षण इस प्रकार हैं:
- चलते हुए टांगों में दर्द होना (Leg pain when walking)
- सुन्न हो जाना (Numbness)
किडनी में ब्लड डिलीवर करने वाली आर्टरीज से संबंधित लक्षणों में यह सब शामिल हैं:
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure)
- किडनी फेलियर (Kidney failure)
यह तो थे इसके लक्षण। अब टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स (Top Atherosclerosis medications) से पहले इस समस्या के निदान के बारे में जान लेते हैं।
एथेरोस्क्लेरोसिस का निदान कैसे संभव है? (Diagnosis of Atherosclerosis)
एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले रोगी से लक्षणों के बारे में जानते हैं। इसके साथ ही रोगी की शारीरिक जांच भी की जाती है। यही नहीं, डॉक्टर रोगी से उसकी मेडिकल हिस्ट्री में जानते हैं। डॉक्टर रोगी को अन्य कुछ टेस्ट कराने के लिए भी कह सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- एंजियोग्राफी (Angiogram)
- एंकल-ब्रेकियल इंडेक्स (Ankle-brachial index)
- ब्लड टेस्ट्स (Blood tests) ताकि हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) या ब्लड शुगर (Blood Sugar) के बारे में जाना जा सके
- चेस्ट एक्स-रे (Chest X-ray)
- सीटी स्कैन (CT scan) या मैग्नेटिक रेजोनेंस एंजियोग्राफी (Magnetic resonance angiography)
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी (Electrocardiogram)
- स्ट्रेस टेस्ट (Stress test)
इनके अलावा, कुछ अन्य टेस्ट्स भी कराये जा सकते हैं। ताकि सही उपचार संभव हो सके। अब जानते हैं टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स (Top Atherosclerosis medications) के बारे में।
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टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स कौन सी हैं? (Top Atherosclerosis medications)
एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) के उपचार के लिए कई दवाईयां उपलब्ध हैं। यह विभिन्न मेडिकेशन्स न केवल इस समस्या के प्रभाव को स्लो करती है बल्कि इन्हें रिवर्स भी कर सकती हैं। इन दवाईयों से हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol), हाय ब्लड प्रेशर (High Blood pressure) की समस्या भी कम हो सकती है जिससे रोगी हार्ट अटैक (Heart Attack) या स्ट्रोक (Stroke) के जोखिम से बच सकते हैं। लेकिन, इन दवाईयों का सेवन तभी करना चाहिए अगर डॉक्टर से इनकी सलाह दी हो। जानें कौन सी हैं टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स (Top Atherosclerosis medications) ?
स्टेटिंस और अन्य कोलेस्ट्रॉल मेडिकेशन्स (Statins and other cholesterol medications.)
टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स (Top Atherosclerosis medications) में सबसे पहले हैं स्टेटिंस। जो बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) की मात्रा को कम करती हैं और आर्टरीज में फैटी डिपॉज़िट्स के बिल्डअप को कम, धीमा या रिवर्स भी कर सकती हैं। आइए, जानते हैं इनके बारे में विस्तार से। स्टेटिंस उन ड्रग्स की क्लास हैं, जिनकी सलाह डॉक्टर खून में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करने के लिए दे सकते हैं। कोलेस्ट्रॉल लेवल के कम होने से हार्ट अटैक (Heart Attack) या स्ट्रोक (Stroke) जैसी समस्याओं का जोखिम कम होता है। इन मेडिकेशन्स की सलाह अधिकतर कोलेस्ट्रॉल लेवल को लो करने, आर्टरी हेल्थ को सुधारने और एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) से बचने के लिए किया जाता है। स्टेटिंस के कुछ उदहारण इस प्रकार हैं:
- लिपिटोर (Lipitor)
- लिवलो (Livalo)
- मेवाकोर या एल्टोकोर (Mevacor or Altocor)
- ज़ोकर (Zocor)
- प्रवेकोल (Pravachol)
- लेस्कोल (Lescol)
- क्रेस्टोर (Crestor)
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स्टेटिंस लिवर उन एंजाइम के एक्शन को ब्लॉक करने का काम करती है, जो कोलेस्ट्रॉल के बनने के लिए जिम्मेदार होती है। खून में बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल से आर्टरीज की वॉल्स में प्लाक बन सकता है। अधिकतर स्टेटिंस बेहद प्रभावी हैं, लेकिन कुछ लोग इसके कई साइड इफेक्ट्स का अनुभव भी कर सकते हैं, जैसे:
- सिरदर्द (Headache)
- नींद आने में समस्या (Difficulty sleeping)
- मसल में दर्द, अकड़न और कमजोरी (Muscle aches, tenderness, or weakness)
- बेहोशी (Drowsiness)
- चक्कर आना (Dizziness)
- जी मचलना और उलटी आना (Nausea or vomiting)
- पेट में मरोड़ या दर्द (Abdominal cramping or pain)
- ब्लोटिंग या गैस (Bloating or gas)
- डायरिया (Diarrhea
- कब्ज (Constipation)
- रैशेज (Rashes)
- ब्लड प्लेटलेट्स का लो लेवल (Low levels of blood platelets)
ऐसे में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को लो करने के लिए कई दवाईयां प्रयोग की जाती है। सामान्य तरह के कोलेस्ट्रॉल एब्ज़ोर्प्शन इन्हीबिटर (Cholesterol Absorption Inhibitor) जैसे इजेटिमिब (Ezetimibe) का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। डॉक्टर इस समस्या के उपचार के लिए एक से अधिक प्रकार की कोलेस्ट्रॉल मेडिकेशन की सलाह भी दे सकते हैं।
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ब्लड थिनर्स (Blood thinners)
टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स (Top Atherosclerosis medications) में ब्लड थिनर्स भी शामिल हैं। यह दवाईयां ब्लड क्लॉट्स को बनने से रोकती हैं। जिससे हार्ट अटैक (Heart Attack), स्ट्रोक(Stroke), पल्मोनरी एम्बोलिस्म (Pulmonary embolism) और कई अन्य गंभीर हार्ट संबंधी कंडिशंस का जोखिम कम हो जाता है। ब्लड क्लॉट्स के कारण कई तरह की हार्ट डिजीज का खतरा भी बढ़ सकता है। अगर किसी व्यक्ति को एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) की समस्या हो तो उन्हें, हार्ट डिजीज के विकसित होने का खतरा भी बढ़ सकता है। ब्लड थिनर्स की दो कैटेगरीज होती हैं : एंटीप्लेटलेट (Antiplatelet) और एंटीकोएगुलेंट्स (Anticoagulants)। जानिए इनके बारे में विस्तार से।
टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स में एंटीप्लेटलेट (Antiplatelet)
टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स (Top Atherosclerosis medications) में एंटीप्लेटलेट (Antiplatelet) को मरीज को ओरल, इंट्रावेनस या इंजेक्शन के माध्यम से दिया जा सकता है। ओरल एंटीप्लेटलेट मेडिकेशन्स इस प्रकार हैं
- एस्पिरिन (Aspirin)
- क्लोपिडोग्रेल (Clopidogrel).
- टायकेग्रेलर (Ticagrelor)
- प्रासुग्रेल (Prasugrel)
- सिलोस्टाजोल (Cilostazol)
इंजेक्टेबल या इंट्रावेनस एंटीप्लेटलेट ड्रग्स इस प्रकार हैं:
- टायरोफायबेन (Tirofiban)
- एप्टिफिब्रेटाइट (Eptifibatide)
टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स में एंटीकोएगुलेंट्स (Anticoagulants)
कुछ स्थितियों में डॉक्टर मरीज को एंटीकोएगुलेंट्स लेने की सलाह भी दे सकते हैं। एंटीकोएगुलेंट्स की भी तीन क्लासेज हैं जैसे:
- हेपरिन (Heparin) और लो मॉलिक्यूलर वेट हेपरिन (Low molecular weight heparin)
- विटामिन के एंटागोनिस्ट्स जैसे वार्फरिन (Warfarin)
- न्यूअर डायरेक्ट ओरल एंटीकोएगुलेंट्स (Newer Direct Oral Anticoagulants)
ब्लड क्लॉटिंग एक कॉम्प्लेक्स प्रोसेस है जो कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है। वार्फरिन (Warfarin) विटामिन के कारण थक्का जमने वाले कारकों को बनने से रोककर काम करती है। हालांकि, इनका सेवन तभी करना चाहिए अगर डॉक्टर ने इनकी सलाह दी हो। क्योंकि, इनके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जैसे आसानी से नील पड़ना (Easy bruising) , नाक से खून बहना (Nosebleeds) , यूरिन में ब्लड (Blood in the urine), नकसीर (Hemorrhage) लो ब्लड प्लेटलेट काउंट (Low blood platelet count) एस्पिरिन-इंड्यूस्ड अस्थमा (Aspirin-induced asthma) आदि। टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स (Top Atherosclerosis medications) में अन्य कुछ दवाईयां भी शामिल हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में।
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टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स में बीटा-ब्लॉकर्स (Beta-Blockers)
टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स (Top Atherosclerosis medications) में बीटा ब्लॉकर्स भी शामिल हैं। बीटा-ब्लॉकर्स वो दवाईयां हैं जो हार्ट और ब्लड वेसल्स की स्ट्रेस को कम कर सकते हैं। यही नहीं, इन मेडिकेशन्स का प्रयोग माइग्रेन, एंग्जायटी और अन्य कई स्थितियों को मैनेज करने के लिए किया जाता है। लेकिन, इन्हें लेने से पहले डॉक्टर से इनके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है। इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:
- नेबिवोलोल (Nebivolol)
- एसेबुटोलोल (Acebutolol)
- एटेनोलोल (Atenolol)
- बीटाक्सोलोल (Betaxolol)
- प्रोप्रानोलोल (Propranolol)
- नेडोलोल (Nadolol)
हालांकि, एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) की स्थिति में इस दवा को बेहद प्रभावी माना गया है। लेकिन ,इसके कुछ साइड-इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जैसे सिरदर्द (Headache), कब्ज (Constipation), चक्कर आना (Dizziness), हाथों का ठंडा होना (Cold hands), सांस लेने में समस्या (Shortness of Breath), सोने में समस्या (Trouble Sleeping) आदि। इसलिए, डॉक्टर के कहने के बाद ही इन्हें लें और अगर आपको इन्हें लेने के बाद कोई भी साइड इफेक्ट्स नजर आता है तो तुरंत डॉक्टर को बताएं।
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कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium channel blockers)
कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium channel blockers) नाम की यह दवाईयां आर्टरीज में दबाव को कम करती हैं। जिससे हार्ट का काम आसान हो जाता है। यही नहीं, ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) को कम करने में भी यह लभदायक है। यह दवाईयां ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करती हैं, जिससे उन्हें चौड़ा रहने में मदद मिलती है। टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स (Top Atherosclerosis medications) में कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स भी शामिल हैं। इन दवाईयों के उदाहरण इस प्रकार हैं:
- नॉरवस्क(Norvasc)
- कैडुएट (Caduet)
- कैलाप्टिन (Calaptin)
- निफेलत (Nifelat)
इन दवाईयों का इस्तेमाल हाय ब्लड प्रेशर और अन्य स्थितियों में भी किया जा सकता है। लेकिन, कुछ लोग इस दवा को लेने के बाद चक्कर आना (Dizziness), जी मिचलना (Nausea), सिर में दर्द (Headache), कब्ज (Constipation) जैसे साइड इफेक्ट्स महसूस कर सकते हैं। इसलिए अन्य दवाईयों की तरह इनकी सलाह भी केवल तभी दी जाती है, अगर डॉक्टर ने प्रिस्क्राइब किया हो। यही नहीं, इसकी सही डोज के बारे में भी आपको पता होना चाहिए। क्योंकि, अधिक मात्रा में कोई भी दवाई का सेवन हानिकारक हो सकता है।
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डाययूरेटिक्स (Diuretics)
डाययूरेटिक्स को वाटर पिल्स (Water Pills) भी कहा जाता है। इसका प्रयोग शरीर से अतिरिक्त पानी (Extra Water) और किडनी से अतिरिक्त सोडियम (Extra Sodium) को बाहर निकालने में मदद करने के लिए किया जाता है। टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स (Top Atherosclerosis medications) में प्रयोग होने वाली इस दवाई का इस्तेमाल अन्य कई समस्याओं के उपचार में भी किया जाता है जैसे हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), कैंसर (Cancer), हार्ट फेलियर (Heart failure) आदि। डाययूरेटिक्स के तीन प्रकार हैं। लूप डाययूरेटिक्स (Loop Diuretics) ,थायजाइड डाययूरेटिक्स (Thiazide Diuretics) और पोटैशियम-स्पेयरिंग डाययूरेटिक्स (Potassium-Sparing Diuretics), डाययूरेटिक्स के उदाहरण इस प्रकार हैं:
- हायड्रोक्लोरोथायजाइड (Hydrochlorothiazide)
- क्लोरथालिडोन (Chlorthalidone)
- फ्यूरोसेमाइड (furosemide)
- टॉर्सेमाइड (Torsemide)
- मेटोलाजोन (Metolazone)
इस मेडिकेशन के साइड इफेक्ट्स में कमजोरी (Weakness), मसल क्रैम्प्स (Muscle cramps), स्किन रैशेज (Skin rash), डायरिया (Diarrhea), क्रैम्प्स (Cramps) आदि शामिल हैं। इन्हें लेने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लें खासतौर पर अगर आप एलर्जिक हैं, गर्भवती हैं, स्तनपान करा रही हैं या आपको कोई गंभीर समस्या है। अगर आप कोई और दवाई ले रहे हैं तो इस बारे में भी अपने डॉक्टर को पहले ही पता होना चाहिए।
यह तो थी टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स (Top Atherosclerosis medications) के बारे में जानकारी। इसके साथ आप यह भी जान गए होंगे कि एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) एक ऐसी बीमारी है,जो आर्टरीज की वॉल्स में जमा होने वाले प्लाक के कारण होती है। यह समस्या आमतौर पर बचपन में शुरू हो जाती है, लेकिन समय के साथ यह बीमारी बदतर हो सकती है।
हाय ब्लड प्रेशर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए नीचे दी इस क्विज को खेलिए।
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उम्मीद है कि टॉप एथेरोस्क्लेरोसिस मेडिकेशन्स (Top Atherosclerosis medications) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। याद रखें कि दवाईयां आपके उपचार का केवल एक हिस्सा हैं। एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) में डॉक्टर मेडिकेशन्स के साथ ही सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं। लेकिन इस समस्या को मैनेज करने के लिए रोगी को अपने लाइफस्टाइल में बदलाव की खास सलाह दी जाती है। लाइफस्टाइल में बदलाव में सही आहार का सेवन (Eat Right Food), व्यायाम करना (Exercise), अपने वजन को सही रखना (Maintain your weight), तनाव से बचाव (Stay away from Depression), एल्कोहॉल से दूर रहना (Avoid Alcohol), पर्याप्त नींद लेना (Take Enough Sleep) आदि शामिल हैं।
अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से पूछें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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