बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Bacterial Endocarditis) को इंफेक्टिव एंडोकार्डिटिस (Infective endocarditis) भी कहा जाता है। यह हृदय यानी हार्ट या हार्ट वॉल्व की इनर लेयर्स में होने वाला बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है। हमारे दिल में चार वॉल्व होते हैं। यह वॉल्व हृदय और फेफड़ों के माध्यम से शरीर में ब्लड फ्लो में मदद करते हैं। जब किसी व्यक्ति को यह समस्या होती है, तो उसके हार्ट वॉल्व सही से काम नहीं कर पाते हैं। यह इंफेक्शन खून में बैक्टीरिया के एंटर होने पर होता है। यह समस्या दुर्लभ है, लेकिन इसके कारण गंभीर परेशानियां हो सकती हैं। अभी हम बात करने वाले हैं इसके एक प्रकार के बारे में, जिसे एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Acute Bacterial Endocarditis) कहा जाता है। आइए जानें क्या है एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Acute Bacterial Endocarditis) और क्या हैं इसके लक्षण?
एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस क्या है? (Acute Bacterial Endocarditis)
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Bacterial Endocarditis) एक दुर्लभ और जानलेवा बीमारी है। जिसके उपचार के बाद भी रोगी में इस बीमारी के लॉन्ग-लास्टिंग प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Acute Bacterial Endocarditis) इसी रोग का एक प्रकार है, जो ब्लडस्ट्रीम में जर्म्स जैसे बैक्टीरिया के एंटर करने से होती है। यह बैक्टीरिया ब्लडस्ट्रीम में एंटर कर के हार्ट वॉल्व की लायनिंग पर अटैक कर देते हैं। इसके कारण हार्ट वॉल्व्स में एक ग्रोथ विकसित हो सकती है, जिसे वेजिटेशन (Vegetations) कहा जाता है। एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Acute Bacterial Endocarditis) की समस्या आमतौर पर एकदम अधिक बुखार होना (Fever), फ़ास्ट हार्ट रेट (Fast Heart Rate), थकावट और तेज व एक्सटेंसिव हार्ट वॉल्व डैमेज (Extensive Heart Valve Damage) के साथ शुरू होती है।
लेकिन, कुछ ही दिनों में यह जान के लिए जोखिम साबित हो सकती है। इस समस्या का कारण आमतौर पर स्टैफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया (Staphylococcus Aureus Bacteria) को माना जाता है। इंफेक्टिव एंडोकार्डाइटिस का यह प्रकार अन्य प्रकारों की तुलना में सामान्य हार्ट वॉल्व्स को प्रभावित करता है। अब जान लेते हैं इसके लक्षणों के बारे में।
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एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के लक्षण (Symptoms of Acute Bacterial Endocarditis)
एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Acute Bacterial Endocarditis) जैसी समस्या सामान्य नहीं है। इसके लक्षण रोगी के स्वास्थ्य और अन्य कई फैक्टर्स पर निर्भर करते हैं और इन्हें विकसित होने में कई दिन या हफ्ते लग सकते हैं। इसके सामान्य लक्षण इस हो सकते हैं:
- बुखार (Fever)
- ठंड लगना (Chills)
- कमजोरी (Weakness)
- थकावट (Fatigue)
- मसल्स और जोड़ों में दर्द (Aching Joints and Muscles)
- रात को पसीना आना (Night Sweats)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of breath)
- पीलापन (Paleness)
- लगातार खांसी होना (Persistent Cough)
- पैरों, टांगों और पेट में सूजन (Swelling in Feet, Legs or Abdomen)
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इस बीमारी के कम सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- अचानक वजन कम होना (Unexplained Weight Loss)
- यूरिन में खून (Blood in Urine)
- नया हार्ट मर्मर (New Heart Murmur)
- स्प्लीन में कोमलता (Tenderness in Spleen)
- नाखूनों के नीचे ब्लीडिंग होना (Bleeding under Nails)
इसके अलावा कुछ लोग हथेलियों या पैरों के नीचे पेनलेस स्पॉट्स को भी अनुभव कर सकते हैं। कुछ लोगों की आंखों के व्हाइट हिस्से और मुंह की स्किन में लाल स्पॉट्स भी दिखाई दे सकते हैं। हालांकि, कुछ लोग ऊपर दी सूची के अलावा अन्य लक्षण भी महसूस कर सकते हैं। यही नहीं, यह लक्षण किसी अन्य बीमारी के लक्षणों के जैसे भी हो सकते हैं। ऐसे में, डॉक्टर के लिए इस समस्या का निदान करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। अब जानिए क्या हैं इसके कारण?
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एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के कारण (Causes of Acute Bacterial Endocarditis)
जैसा की आप जानते ही हैं कि यह समस्या तब होती है, जब बैक्टीरिया ब्लडस्ट्रीम तक पहुंच जाते हैं और हार्ट तक पहुंच कर हार्ट को नुकसान पहुंचाते हैं। स्टैफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया को इसका मुख्य कारण माना जाता है। यह बैक्टीरिया इन माध्यमों से हार्ट तक पहुंच सकते हैं :
- मुंह के माध्यम से (Mouth)
- खुले घाव के माध्यम से (Open wounds)
- टैटू या पियर्सिंग में प्रयोग होने वाली नीडल्स के माध्यम से (Needles)
- कुछ डेंटल प्रोसीजर के माध्यम से(Some Dental Procedures)
- कैथेटर के माध्यम से (Catheter)
- इंफेक्टेड कट्स के माध्यम से (Infected Cuts)
यानी, जब बैक्टीरिया ब्लडस्ट्रीम में एंटर करते हैं तो उन्हें उससे पहले ही नष्ट करना जरूरी है, ताकि वो कोई गंभीर नुकसान न कर पाएं। जब किसी बीमारी या सर्जरी के कारण दिल पहले से ही डैमेज्ड होता है, तो टिश्यू रफ़ हो जाते हैं। ऐसे में हार्ट लायनिंग या हार्ट वॉल्व्स से यह बैक्टीरिया आसानी से अटैच हो जाते हैं और इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। जानिए एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Acute Bacterial Endocarditis) से जुड़े रिस्क फैक्टर्स के बारे में।
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एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस के रिस्क फैक्टर्स (Risk Factors of Acute Bacterial Endocarditis)
यह समस्या स्वस्थ लोगों में आम नहीं है। लेकिन, जिन लोगों को कोई हार्ट कंडीशन है, उन्हें यह समस्या हो सकती है। इन लोगों को यह समस्या होने की संभावना अधिक रहती है:
- जिन लोगों को कुछ अंडरलायिंग हार्ट समस्याएं जैसे जन्मजात हृदय दोष (Congenital Heart Disease), हायपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (Hypertrophic Cardiomyopathy), रयुमाटिक हार्ट डिजीज (Rheumatic Heart Disease) आदि हों।
- जो लोग हार्ट वॉल्व रिपेयर या रिप्लेसमेंट से गुजरे होते हैं या जिनकी छाती में पेसमेकर इंसर्ट हुआ हो।
- अगर आप इंट्रावेनस ड्रग का प्रयोग करते हों (Intravenous Drug)
- अगर किसी का ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ हो (Organ Transplant)
अगर आपको इनमें से कोई भी समस्या है या आप इस समूह में से एक हैं, तो किसी भी प्रोसीजर या स्थिति के कारण बैक्टीरिया आपके ब्लड स्ट्रीम में जा सकते हैं और आपको इंफेक्शन का जोखिम हो सकता है। इनमें आपकी दांतों की सफाई का प्रोसीजर, टैटू या पियर्सिंग, कोई काम्प्लेक्स सर्जरी आदि भी शामिल हैं। अच्छे ओरल हाइजीन को अपनाने से इस इंफेक्शन से बचा जा सकता है। इसके साथ ही अगर आप इस बीमारी से बचना चाहते हैं तो टैटू या पियर्सिंग कराने से परहेज करें। इस जोखिम से बचने के लिए किसी भी प्रोसीजर से पहले अपने डॉक्टर से बात करें और एंटीबायोटिक्स लें। अब जान लेते हैं इस रोग के निदान के बारे में। इस तरह से संभव है इस बीमारी का निदान।
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एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस का कैसे किया जाता है निदान? (Diagnosis of Acute Bacterial Endocarditis)
एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Acute Bacterial Endocarditis) का निदान इसके लक्षणों के अनुसार संभव है। इस बीमारी के निदान के लिए डॉक्टर रोगी की शारीरिक जांच करेंगे। रोगी की मेडिकल और फैमिली हिस्ट्री के बारे में भी जाना जाएगा। इसके साथ ही कुछ अन्य टेस्ट्स भी कराए जा सकते हैं, जैसे:
- एकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) : यह टेस्ट वॉल्व और हार्ट के माध्यम से ब्लड फ्लो के बारे में जांचने के लिए किया जाता है ।
- ट्रांसएसोफेजील एकोकार्डियोग्राम (Transesophageal Echocardiogram) : इस टेस्ट से अन्नपर्णाली से हार्ट का विस्तृत व्यू मिल सकता है ।
- ब्लड टेस्ट और ब्लड कल्चर टेस्ट (Blood tests and Blood culture Test) : यह टेस्ट इसलिए कराए जाते हैं, ताकि बैक्टीरिया और इन्फ्लेमेशन के लक्षणों के बारे में जाना जा सके।
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी (Electrocardiography) : इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी से हार्ट रिदम के बारे में जाना जा सकता है।
- चेस्ट एक्स-रे (Chest X-Ray) : चेस्ट एक्स-रे को लंग्स की जांच के लिए कराया जाता है।
- कार्डियक सीटी स्कैन (Cardiac CT Scan) : हार्ट के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस इमेजिंग टेस्ट को किया जाता है।
- यूरिन टेस्ट्स (Urine tests) : इन टेस्ट्स से किडनी डैमेज का पता चल सकता है।
इसके साथ ही डॉक्टर कुछ अन्य टेस्ट्स की सलाह भी दे सकते हैं। ताकि समस्या का निदान हो सके। अब जानिए कि इस रोग का उपचार किस तरह से किया जाता है?
एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस का उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment of Acute Bacterial Endocarditis)
एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Acute Bacterial Endocarditis) की समस्या होने पर हार्ट वॉल्व को नुकसान से बचाने और अधिक गंभीर कॉम्प्लीकेशन्स से बचने के लिए रोगी का तुरंत उपचार जरूरी है। इसका उपचार लक्षणों, रोगी की उम्र, स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि रोगी की कितनी गंभीर है? इस समस्या के निदान के बाद डॉक्टर रोगी को सबसे पहले इंट्रावेनस एंटीबायोटिक थेरेपी (Intravenous Antibiotic Therapy) की सलाह देते हैं। इंफेक्शन के उपचार के लिए इंट्रावेनस एंटीबायोटिक्स को 6 हफ़्तों तक दिया जा सकता है। इस थेरेपी के दौरान रोगी में लक्षणों को मॉनिटर किया जाता है और इस उपचार के प्रभाव को जानने के लिए ब्लड कल्चर्स को बार-बार दोहराया जाता है।
अगर हार्ट वॉल्व या हार्ट में डैमेज हुआ हो, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं। ताकि हार्ट वॉल्व को फिक्स किया जा सके और हार्ट फंक्शन को सुधारा जा सके। इसमें हार्ट या हार्ट वॉल्व ट्रांसप्लांट व रिपेयरिंग का सहारा लिया जाता है। जब उपचार पूरा हो जाता है, तो डॉक्टर बैक्टीरिया के सोर्स के बारे में जानते हैं और उसके बाद इसका उपचार किया जाता है। रोगी को डॉक्टर के बताए अनुसार ही एंटीबायोटिक्स को लेना चाहिए। इसके साथ ही अपनी जीवनशैली में बदलाव भी जरूरी हैं।
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लाइफस्टाइल में बदलाव (Lifestyle Changes)
एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Acute Bacterial Endocarditis) और अन्य हार्ट डिजीज को मैनेज करने के लिए जीवनशैली में बदलाव भी जरूरी है। इसके साथ ही अगर रोगी को ब्लड प्रेशर (Blood Pressure), ब्लड कोलेस्ट्रॉल (Blood Cholesterol), डायबिटीज (Diabetes) को भी कंट्रोल करना चाहिए। इसके लिए आपको हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना चाहिए, जैसे:
- स्मोकिंग और शराब के सेवन से बचें (Avoid Smoking and Alcohol)
- अधिक एक्टिव रहें और व्यायाम करें (Be Active)
- अपने वजन को सही बनाए रखें (Maintain Right Weight)
- हेल्दी बैलेंस्ड डायट लें (Eat balanced Diet)
- तनाव से बचें (Stay Away from Depression)
अपने डॉक्टर से भी जानें कि हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए आप क्या कर सकते हैं? एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Acute Bacterial Endocarditis) से पूरी तरह से बचाव संभव नहीं हैं। लेकिन, कुछ चीजें इसमें रोगी की मदद कर सकती हैं, जैसे:
- आपको अपने दांतों और मसूड़ों की अच्छे से देखभाल करनी चाहिए।
- डेंटिस्ट में अपने दांतों से सफाई और चेकअप कराएं।
- अच्छी हायजीन की आदतों को अपनाएं।
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एक्यूट बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Acute Bacterial Endocarditis) का सही से उपचार बेहद जरूरी है नहीं तो यह जानलेवा हो सकती है। ऐसे में, इसके लक्षण नजर आने पर तुरंत मेडिकल हेल्प लें। इस समस्या की जल्दी रिकवरी रोगी की उम्र और इंफेक्शन के कारणों पर निर्भर करती है। सही दवाईयां, सर्जरी और जीवनशैली में परिवर्तन से आप इसके लक्षणों को आसान से मैनेज कर सकते हैं और जल्दी रिकवर हो सकते हैं। अगर आपको इस रोग से संबंधित कोई भी चिंता या मन में सवाल है, तो तुरंत अपने डॉक्टर की राय लें।
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