एक बार किसी को हार्ट अटैक आता है तो उसके बाद के ट्रीटमेंट में डॉक्टरों की कोशिश यही रहती है कि मरीज को भविष्य में फिर से हार्ट अटैक व हार्ट अटैक से संबंधित बीमारी जैसे स्ट्रोक न आए। आप क्या खाते-पीते हैं उसका सीधा असर आपके शरीर के अंगों पर पड़ता है, यहां तक कि आपके दिल पर भी। खानपान में सुधार लाकर हम चाहें तो दूसरे हार्ट अटैक होने के खतरा को कम कर सकते हैं, यहां तक कि रोक भी सकते हैं। आइए इस आर्टिकल में हम जानते हैं कि क्या है हृदय रोग डायट प्लान, इस डायट प्लान के तहत क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
दिल की सेहत के लिए सबसे बेस्ट खाना
हृदय रोग डायट प्लान में क्या-क्या खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं, जानें
- ज्यादा से ज्यादा फल व हरी सब्जियां
- लीन मीट
- स्किनलेस पॉलट्री
- नट्स, बींस और दाल
- मछली
- अनाज (होल ग्रेन्स)
- प्लांट रहित तेल, जैसे ऑलिव ऑयल
- लो फैट डेयरी प्रोडक्ट
- अंडे (सप्ताह में छह अंडे खा सकते हैं)
इन तमाम खाद्य पदार्थों में सैचुरेटेड फैट कम होने के साथ कैलोरी की मात्रा कम होती है। हृदय रोग डायट प्लान में आप हमेशा यह सुनिश्चित करें कि चाहे आप थोड़ा या ज्यादा खाएं लेकिन आपके प्लेट में सब्जियां जरूर होनी चाहिए। यदि ताजी सब्जियां उपलब्ध नहीं है तो केन में उपलब्ध फल व सब्जियों का सेवन कर सकते हैं। लेकिन उसमें नमक और चीनी नहीं होनी चाहिए।
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दिल के स्वास्थ्य के लिए सही मछली का करें सेवन
हमारे दिल की सेहत के लिए मछली बेहतर खाद्य पदार्थ है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि हम सही मछली का चुनाव करें। मछलियों में ऑयली फिश हमारे दिल के स्वास्थ्य के लिए बेस्ट है। हम इसे हृदय रोग डायट प्लान में शामिल कर सकते हैं क्योंकि इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। जो हमारे कोलेस्ट्रोल को कम करने में मददगार है और हमारे वैस्कुलर हेल्थ के लिए काफी लाभकारी है। कोशिश यही होनी चाहिए कि सप्ताह में कम से कम दो मछली के हिस्सों को खाएं, इन मछलियों का कर सकते हैं सेवन, जैसे;
- सालमन (salmon)
- सार्डिन मछली (sardines)
- ट्रॉउट (trout)
- हेरिंग (herring)
- बांगड़ा या मैकरेल (mackerel)
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हृदय रोग डायट प्लान के तहत अपनाएं डायट टाइप
यदि आप हृदय रोग डायट प्लान के तहत सिलसिलेवार व सही तरीके से डायट को अपनाना चाहते हैं तो नीचे दिए गए हेल्दी डायट को अपना सकते हैं। सबसे अहम यह कि आप इसमें अपने डॉक्टर की मदद भी ले सकते हैं। अपने डॉक्टर को बताएं कि आप हृदय रोग डायट प्लान अपनाने जा रहे हैं, आप जो भी हृदय रोग डायट प्लान के तहत सेवन करेंगे उसके बारे में डॉक्टर को जानकारी होना जरूरी है।
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दिल की सेहत के लिए अपनाएं मेडिटेरेनियन डायट
हृदय रोग डायट प्लान में मेडिटेरेनियन डायट को अपना सकते हैं। इस डायट के कार्डियोवस्कुलर लाभ हैं। इस डायट को अपनाकर हार्ट डिजीज व स्ट्रोक की संभावनाओं को कम कर सकते हैं। हृदय रोग डायट प्लान के तहत इस डायट में हेल्दी फैट, दाल, मछली, बींस, ग्रेन्स के साथ फल व सब्जियां शामिल हैं। वहीं समय-समय इस डायट प्लान के तहत आप डेयरी प्रोडक्ट का सेवन भी कर सकते हैं। मेडिटेरेनियन डायट में प्लांट बेस्ट ऑयल आते हैं। इसमें ऑलिव ऑयल आता है।
यदि आप अपनी डायट में डेयरी प्रोडक्ट को शामिल करते हैं तो जरूरी है कि उसमें फैट एक फीसदी से भी कम हो। यह आपके ओवरऑल सैचुरेटेड फैट को कम करता है। आप चाहे तो स्किन मिल्क या फैट फ्री दही का सेवन कर सकते हैं।
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डैश डायट को अपनाएं
मेडिटेरेनियन डायट की ही तरह डैश डायट में प्लांट बेस्ड फूड के साथ लीन मीट शामिल है। डैश डायट में सोडियम का सेवन कम किया जाता है। इसके तहत सोडियम इनटेक 1500 से 2300 एमजी प्रति दिन रखा जाता है। मेडिटेरेनियन डायट में सोडियम की लिमिट तय नहीं है, लेकिन जैसे ही आप ज्यादा से ज्यादा प्लांट फूड का सेवन करते हैं ऐसे में आप अपने आप ही प्राकृतिक तौर पर सोडियम का सेवन कम करने लगते हैं। डैश डायट में लो फैट डेयरी प्रोडक्ट का सेवन रोजाना करें। डैश डायट में प्राकृतिक तौर पर सोडियम और कोलेस्ट्रोल का सेवन कम कर ब्लड प्रेशर और दिल के स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सका है। हृदय रोग डायट प्लान के लिए यह बेस्ट है।
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पौधों पर आधारित भोजन
हृदय रोग डायट प्लान में पौधों पर आधारित भोजन को प्लांट फॉर्वर्ड इटिंग भी कहा जाता है। प्लांट बेस्ड डायट में मीट का कम से कम सेवन करते हैं।
जैसा कि नाम है इस डायट प्लान में ज्यादा से ज्यादा फलों व हरी सब्जियों का सेवन व अनाज, दाल का सेवन करते हैं। साइंटिफिक तौर पर भी माना जाता है कि ज्यादा से ज्यादा फलों व हरी सब्जियों का सेवन करने से हमारा हार्ट हेल्थ बेहतर होता है। वहीं ऐसा कर हम अन्य बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं, जैसे
- कैंसर
- स्ट्रोक
- टाइप 2 डायबिटीज
कम से कम मीट का सेवन करने का अर्थ यह है कि हम कम सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रोल का सेवन कर रहे हैं।
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क्लीन इटिंग पर करें फोकस
हृदय रोग डायट प्लान के तहत क्लीन इटिंग को अपनाकर हम कैन्ड या फ्रोजन फूड का कम से कम सेवन करते हैं। ऐसे में हम अपने आप ही प्रोसेस्ड फूड में पाए जाने वाले सॉल्ट, एडेड शुगर, सैचुरेटेड फैट का सेवन नहीं कर पाते हैं। इससे हमारे दिल का स्वास्थ्य बेहतर होता है। हेल्दी हार्ट के लिए जरूरी है कि रेड मीट का सेवन कम से कम करें।
हृदय डायट प्लान के तहत वैसे खाद्य पदार्थ जो हमें नहीं खाना चाहिए
हृदय की बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए जरूरी है कि उन्हें वैसे खाद्य पदार्थों का सेवन कतई नहीं करना चाहिए जिसमें अत्यधिक चीनी, नमक व अन हेल्दी फैट हो। खासतौर पर तब जब आपको हार्ट अटैक आ चुका हो।
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हृदय रोग डायट प्लान के तहत इनका सेवन नहीं करना चाहिए
- फास्ट फूड
- फ्राइड फूड
- बॉक्सड फूड
- केन्ड फूड (वेजीस व बींस को छोड़कर, वहीं वैसे खाद्य पदार्थ जिनमें सॉल्ट नहीं डाला हो)
- कैंडी
- चिप्स
- प्रोसेस्ड फ्रोजन मिल्क
- कूकीज और केक
- बिस्किट्स
- आईस्क्रीम
- मेयोनीज और कैचअप
- रेड मीट (यदि खाएं तो कम मात्रा में)
- शराब
- हाइड्रोजेनरेटेड वेजिटेबल ऑयल (इनमें ट्रांस फैट होता है)
- मुलायम मांस
- पिज्जा, बर्गर, हॉट डाग
हृदय रोग डायट प्लान के लिए व स्वस्थ्य हार्ट के लिए जरूरी है कि आप सैचुरेटेड फैट का जितना संभव हो कम सेवन करें, वहीं ट्रांस फैट का सेवन न करें। ट्रांस फैट हाइड्रोजेनेटेड ऑयल में पाया जाता है। रोजाना इसकी कुल कैलोरी का सिर्फ छह फीसदी ही सैचुरेटेड फैट का सेवन आप कर सकते हैं। यदि आपको हाई कोलेस्ट्रोल की समस्या है तो इसपर और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। अपने ब्लड प्रेशर को मैनेज करने के लिए रोजाना सोडियम इनटेक को 1500 एमजी या इससे भी कम करें। चाय या कॉफी जिसमें कैफीन होता है उसके सेवन को लेकर डॉक्टरी सलाह लें। यदि सेवन करते भी हैं तो इसमें क्रीम, मिल्क या चीनी मिलाए बिना ही सेवन करें।
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क्या सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते हैं?
खाने की तुलना में हमारा शरीर सप्लीमेंट का सेवन करने के बाद अलग अलग तरीके से रिएक्ट कर सकता है। वैसे सप्लीमेंट्स का सेवन तभी किया जाता है जब हमें खाद्य पदार्थों से पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रिएंट्स न मिलें। यदि आप वेजीटेरियन हैं तो आपको विटामिन बी 12 व आयरन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलेगा। ऐसे में डॉक्टर आपके खून की जांच कर न्यूट्रिएंट्स के लेवल का पता लगा सकते हैं। उनके सुझाए अनुसार ही आप न्यूट्रिएंट्स का सेवन कर सकते हैं अन्यथा नहीं। यदि आप मछली का सेवन नहीं करते हैं तो आपके डॉक्टर आपको फिश ऑयल सप्लीमेंट का सेवन करने का सुझाव दे सकते हैं।
बिटा कैरोटीन (Beta-carotene) की तरह कुछ सप्लीमेंट आपके दिल के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि डॉक्टरी सलाह लेने के बाद ही सप्लीमेंट का सेवन करें। बिटा कैरोटीन एक प्रकार से विटामिन ए, इसका सेवन करने से संभावनाएं रहती है कि आपको दूसरा हार्ट अटैक भी हो सकता है। इसलिए डॉक्टरी सलाह लें।
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हृदय रोग डायट प्लान के अलावा इन लाइफस्टाइल को अपनाएं
हृदय रोग डायट प्लान में न्यूट्रीशन हमारे शरीर के विकास के लिए जरूरी है और दिल के लिए भी। लेकिन पूरे शरीर की बात करें तो अच्छा खाने के साथ अच्छी लाइफस्टाइल का होना भी जरूरी है। ताकि अपने दिल के स्वास्थ्य को बेहतर कर सकें।
- नियमित तौर पर करें एक्सरसाइज : अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार 75 से 150 मिनट हर सप्ताह में एक्सरसाइज करना चाहिए। अच्छी एक्सरसाइज के लिए आप डॉक्टर से बात कर सकते हैं। दिल के मरीजों के लिए जिम की आवश्यकता नहीं है, वॉकिंग कर व स्वीमिंग कर स्वस्थ रह सकते हैं।
- वजन कम करें : यदि आपका वजन नियंत्रण में नहीं है, यानि आप अपनी उम्र व हाइट के हिसाब से आपका वजन अधिक है तो उसे नियंत्रण में रखें। इसके लिए आप न्यूट्रीशननिस्ट की सलाह ले सकते हैं।
- तनाव को नियंत्रित करना सीखें : तनाव के कारण हमारे दिल का स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि ध्यान व योग सहारा लें। एक्सपर्ट की मदद लेकर योग करें व तनावमुक्त रहें।
- स्मोकिंग छोड़ें : दिल के स्वास्थ्य के लिए स्मोकिंग जितना जल्दी संभव हो छोड़ देनी चाहिए। स्मोकिंग कैसे छोड़ना है इसके लिए आप डॉक्टरी सलाह ले सकते हैं।
- शराब से दूर रहें : शराब हमारे खून को पतला करती है। आपको हार्ट अटैक आ चुका है तो बेहद ही कम मात्रा में इसका सेवन करें। कोशिश करें कि शराब का सेवन न ही करें।
लाइफस्टाइल और हृदय रोग डायट प्लान का है अहम रोल
हृदय रोग डायट प्लान के साथ अच्छी लाइफस्टाइल को अपनाकर हार्ट अटैक को लंबे समय तक टाला जा सकता है। इसके लिए अपने डॉक्टर के साथ न्यूट्रीशनिस्ट की सलाह ले सकते हैं। वहीं हृदय रोग डायट प्लान को अपनाकर उसे नियमित तौर पर फॉलो कर स्वस्थ्य रहा जा सकता है और अपने दिल को भी स्वस्थ्य रखा जा सकता है।
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