किसी भी एक्सीडेंट या आपातकालीन स्थिति में प्रभावित व्यक्ति को फर्स्ट एड दी जाती है। फर्स्ट एड का अर्थ है जब कोई व्यक्ति बीमार या घायल होता है, पूरा मेडिकल ट्रीटमेंट न मिलने तक तुरंत और इमरजेंसी देखभाल। माइनर स्थितियों में यह फर्स्ट एड केयर पर्याप्त होती है। लेकिन, गंभीर स्थितियों में जब तक एडवांस्ड केयर नहीं मिल जाती, तब तक फर्स्ट एड केयर को जारी रखा जाता है। आज हम आपको इसी अस्थमा फर्स्ट एड के बारे में जानकारी देने वाले हैं। किसी व्यक्ति को अस्थमा अटैक की समस्या होने पर यह अस्थमा फर्स्ट एड (Asthma First Aid) बेहद लाभदायक साबित हो सकती है और इससे किसी व्यक्ति की जान भी बच सकती है। अस्थमा अटैक और अस्थमा फर्स्ट एड (Asthma First Aid) के बारे में जानें।
अस्थमा अटैक के बारे में जान लें ये जरूरी बातें (Asthma Attack)
अस्थमा फर्स्ट एड (Asthma First Aid) के बारे में जानने से पहले अस्थमा अटैक के बारे में पर्याप्त ज्ञान होना भी जरूरी है। दरअसल अस्थमा अटैक, अस्थमा के लक्षणों का बदतर रूप है जो एयरवेज के आसपास की मांसपेशियों के टाइट होने पर सामने आते हैं। इस कसाव को ब्रोन्कोस्पासम (Bronchospasm) कहा जाता है। अस्थमा अटैक के दौरान एयरवेज की लायनिंग सूज जाती है और उसमें बलगम बन जाता है। यह बलगम सामान्य से भी अधिक होता है। ब्रोन्कोस्पासम (Bronchospasm) , सूजन (Inflammation), और बलगम का उत्पादन (Mucus Production ) जैसे सभी कारक अस्थमा अटैक के लक्षणों का कारण बनते हैं। यह लक्षण हैं – सांस लेने में कठिनाई (Trouble Breathing), घरघराहट (Wheezing), खांसी (Coughing), और सामान्य दैनिक गतिविधियों को करने में कठिनाई होना। अस्थमा अटैक के अन्य लक्षण इस प्रकार हैं:
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- सांस लेते हुए गंभीर व्हीज़िंग (Severe Wheezing when Breathing)
- खांसी जो ठीक नहीं होती (Coughing that won’t Stop)
- तेजी से सांस लेना (Very Rapid Breathing)
- छाती में कसाव और दबाव (Chest Tightness or Pressure)
- गले और छाती की मांसपेशियों में कसाव जिसे रिट्रैक्शंस (Tightened Neck and Chest Muscles, called Retractions)
- बोलने में समस्या (Difficulty Talking)
- एंग्जायटी (Feelings of Anxiety)
- चेहरे का पीला पड़ना या पसीना आना (Pale, Sweaty Face)
- होंठ या उंगलियों का नीला पड़ना (Blue Lips or Fingernails)
कुछ अस्थमा से पीड़ित लोगों को लंबे समय तक अस्थमा अटैक या इससे जुड़े अन्य लक्षणों का सामना नहीं करना पड़ता। लेकिन कुछ चीजें इनके अस्थमा के जोखिम और लक्षणों को बढ़ा देती हैं जैसे व्यायाम या ठंडी हवा के संपर्क में आना। अस्थमा से पीड़ित लोगों में माइल्ड अस्थमा अटैक्स बहुत सामान्य है। लेकिन, गंभीर अस्थमा अटैक्स बहुत ही कम सामान्य होते हैं और यह अधिक देर तक रहते हैं। इस स्थिति में तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है। अस्थमा अटैक के माइल्ड लक्षणों को पहचनना और उनका उपचार बेहद जरूरी है ताकि गंभीर स्थितियों से बचा जा सके और अस्थमा को कंट्रोल में रखा जा सके। अस्थमा अटैक की अवधि अलग हो सकती है। यह इसके कारण और इस बात पर निर्भर करता है कि कब तक एयरवेज में सूजन थी।
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अस्थमा फर्स्ट एड का प्रयोग करने से पहले लक्षणों को समझें (Symptoms of Asthma)
अगर आप या आपका कोई भी परिजन इन लक्षणों का अनुभव करे, तो तुरंत फर्स्ट एड का प्रयोग करें। अस्थमा के लक्षणों के गंभीर होने तक का इंतजार न करें।
माइल्ड से मॉडरेट अस्थमा के लक्षण इस प्रकार हैं – (Mild to Moderate Asthma Signs)
- सांस लेने में समस्या (Minor Difficulty in Breathing)
- पूरा वाक्य बोल पाना
- घूमने या चलने में सक्षम
- खांसी आना (Cough)
गंभीर अस्थमा के लक्षण (Severe Asthma Signs)
- सांस लेने में समस्या (Difficulty in Breathing)
- एक ही सांस में पूरा वाक्य न बोल पाना
- खांसी या व्हीज़िंग होना (Cough or Wheeze)
- राहत प्रदान करने वाली दवाइयों का अधिक प्रभाव न होना
जीवन के लिए जोखिमदायक अस्थमा के लक्षण (Life Threatening Asthma Signs)
- सांस लेने में बहुत अधिक समस्या होना (Difficulty in Breathing)
- एक ही सांस में एक या दो शब्द भी न बोल पाना (Unable to Speak one to two words Per Breath)
- बेचैन या थकावट महसूस करना (Confused or Exhausted)
- होंठों का नीला होना
- लक्षणों का बहुत जल्दी बदतर होना
- बेहोश होना (Collapsing)
- रिलीवर इनहेलर से थोड़ा या बिलकुल भी बेहतर महसूस न होना
द यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया (The University of Western Australia) के अनुसार भी अस्थमा अटैक को पहचानना बहुत जरूरी है, ताकि सही समय पर फर्स्ट एड दी जा सके। जैसे माइल्ड अटैक में खांसी, हल्की व्हीज़िंग, सांस लेने में हल्की समस्या और बोलने में कोई समस्या नहीं होती। मॉडरेट अटैक में लगातार खांसी होती है, सांस लेने में समस्या होती, व्यक्ति केवल छोटे वाक्य ही बोल पाता है। लेकिन, गंभीर स्थिति में व्यक्ति का सांस न ले पाना, कुछ ही शब्द बोलने में समर्थ होना, होंठो का नीला और शरीर का पीला पड़ जाना, पसीना आना आदि शामिल है। ऐसे में किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में लक्षणों को पहचानना जरूरी है।
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अस्थमा फर्स्ट एड देने के लिए क्या करना चाहिए? (Things to do in Asthma First Aid)
अस्थमा अटैक के हल्के एपिसोड्स कुछ मिनटों तक रह सकते हैं जबकि गंभीर कुछ घंटों से दिनों तक रहते हैं। गंभीर अस्थमा अटैक्स में अगर रोगी को सही उपचार न मिले, तो वो बोलने में असमर्थ हो जाता है। उसके होंठ नीले पड़ जाते हैं। इसका अर्थ होता है कि उसके खून में कम ऑक्सीजन है। तत्काल उपचार न मिलने की स्थिति में रोगी बेहोश हो सकता है और यह उसके जीवन के लिए खतरा भी हो सकता है। ऐसे में अगर किसी को अस्थमा अटैक आए, तो लक्षणों को पहचानते हुए अस्थमा फर्स्ट एड (Asthma First Aid) के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करना चाहिए:
1.सबसे पहले व्यक्ति को सीधा बैठाएं।
2. उसे रिलीवर पफर के (Blue/Grey Reliever Puffer) 4 अलग पफ दें।
इसके लिए पफर को अच्छे से हिलाएं। एक पफ को स्पेसर में रखें। स्पेसर से रोगी को चार बार सांस लेने दें। इसे दोहराएं जब तक चार पफ न ले ले।
याद रखें- पफर को हिलाएं, एक पफ, चार बार सांस लें। या ब्रिकेनयल इनहेलर (Bricanyl Inhaler) की दो अलग-अलग डोज (6 साल और उससे अधिक) या सिम्बिकॉर्ट इनहेलर (Symbicort Inhaler) (over 12) भी दिए जा सकते हैं।
3. चार मिनटों तक इंतजार करें। अगर मरीज की स्थिति में कोई सुधार न हो, तो रिलीवर के चार अलग पफ्स उपर बताए तरीके से दें या एक और डोज ब्रिकेनयल या सिम्बिकॉर्ट (Bricanyl or Symbicort) इनहेलर की दें।
4. अगर फिर भी कोई सुधार न हो, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें। इसके अलावा इन स्थितियों में भी तुरंत मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए, अगर :
- रोगी सांस न ले रहा हो।
- अगर रोगी का अस्थमा अचानक बदतर हो गया हो और इसमें कोई सुधार न हो।
- अगर व्यक्ति को अस्थमा अटैक हो, लेकिन रिलीवर मौजूद न हो।
- अगर आप यह सुनिश्चित न कर पाएं कि यह अस्थमा है।
- यदि व्यक्ति को एनाफिलेक्सिस हो – उनके एनाफिलेक्सिस एक्शन प्लान का पालन करें और अस्थमा का ट्रीटमेंट दें। ब्लू / ग्रे रिलीवर दवा से रोगी को कोई नुकसान की संभावना नहीं है, भले ही व्यक्ति को अस्थमा न हो।
अगर आपके पास इनहेलर न हो तो क्या करें?
अगर आपको अस्थमा अटैक आया है लेकिन आपके पास इनहेलर नहीं है। तो इस स्थिति में जब तक मेडिकल हेल्प नहीं मिल जाती आप इन स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं:
- सीधे बैठे: अस्थमा अटैक के लक्षणों को पहचानते ही आप जो भी कर रहे हैं, उस काम को रोक दें और सीधे बैठें। अधिक झुकना या लेटना आपके श्वास को और अधिक बाधित कर सकता है।
- लंबी और गहरी सांस लें : यह आपकी श्वास को धीमा करने और हाइपरवेंटिलेशन को रोकने में मदद करता है। अपनी नाक से सांस लें और अपने मुंह से सांस बाहर छोड़ें।
- शांत रहें : शांत रहने से आपकी छाती की मांसपेशियों को और कसने से रोका जा सकता है और इससे आपकी सांस लेने में आसानी होती है।
- ऐसी चीजों से दूर रहें जो इसे बढ़ाते हों : अस्थमा अटैक की समस्या धूल, सिगरेट, धुएं और केमिकल की बदबू आदि चीजों से बढ़ती है। इसलिए ऐसी चीजों से तुरंत दूर हो जाए और किसी साफ हवा वाली जगह पर जाएं।
- किसी गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें : कॉफी जैसे गर्म कैफीनयुक्त पेय एयरवेज को थोड़ा खोलने में मदद कर सकते हैं, जिससे एक या दो घंटे के लिए कुछ राहत मिलती है।
- अगर आराम करने के बाद भी आपकी व्हीजिंग, खांसी और सांस लेने में परेशानी कम न हो तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेना अनिवार्य है।
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अस्थमा का उपचार कैसे होता है? (Treatment for Asthma)
यह तो थी अस्थमा फर्स्ट एड (Asthma First Aid) के बारे में जानकारी। अब जानते हैं कि अस्थमा का उपचार किस तरह से होता है। अस्थमा का इलाज लॉन्ग टर्म और जल्दी आराम पहुंचाने वाली दवाइयों से किया जाता है। यह दवाइयां इस प्रकार हैं
लॉन्ग-टर्म अस्थमा मेडिकेशन (Long-term Asthma Medications)
लॉन्ग-टर्म अस्थमा मेडिकेशन में यह दवाइयां शामिल हैं:
- इंहेल्ड कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स (Inhaled Corticosteroids) : इंहेल्ड कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स का प्रयोग ब्रोन्कियल ट्यूब्स की सूजन को कम करने के लिए किया जाता है।
- ब्रोन्कोडायलेटर्स (Bronchodilators) : ब्रोन्कोडायलेटर्स एयरवे को खोलने के लिए प्रयोग की जाती है।
- ल्यूकोट्रिएन मॉडिफायर (Leukotriene Modifiers) : ल्यूकोटरीन मॉडिफायर का प्रयोग एयरवे की सूजन और बलगम के उत्पादन को कम करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
अस्थमा से जल्दी छुटकारा दिलाने वाली दवाइयां (Quick-relief Asthma Medication)
अस्थमा से जल्दी छुटकारा दिलाने वाली दवाइयां अचानक अस्थमा अटैक से राहत पाने के लिए प्रयोग में लाई जाती हैं। यह इंहेल्ड दवाइयां इस प्रकार हैं, जैसे:
- इप्राट्रोपियम (Ipratropium) और एल्ब्युटेरोल इनहेलर (Albuterol Inhaler)।
- यह इनहेलर हर अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति की मेडिकल किट में होना चाहिए। क्योंकि, यह अचानक अस्थमा अटैक की स्थिति में फेफड़ों को आराम पहुंचाते हैं।
अस्थमा फर्स्ट एड किट्स को कैसे मैंटेन करें? (Maintaining Asthma First Aid kit)
अस्थमा फर्स्ट एड (Asthma First Aid) किट्स को नियमित रूप से चेक और साफ करते रहना जरूरी है। यह चेक करते रहें कि माउथपीस का वॉल्व सही से काम कर रहा है या नहीं। क्योंकि जब स्पेसर (Spacer) को हिलाया जाता है तो वॉल्व का आवाज करना जरूरी है। ब्लू रिलीवर का भी समय के साथ प्रयोग कर लेना चाहिए। इसके साथ ही डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों का रिकॉर्ड रखें। अगर स्पेसर का प्रयोग कर लिया है तो उसे अच्छे से साफ कर के सूखा लें।
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अस्थमा का सही उपचार कराना जरूरी है। लेकिन अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति को अस्थमा फर्स्ट एड (Asthma First Aid) के बारे में भी पूरी जानकारी होनी चाहिए, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से बचा जा सके। अस्थमा, अस्थमा अटैक और अस्थमा फर्स्ट एड के बारे में अपने डॉक्टर से पूरी जानकारी प्राप्त करें। अस्थमा के किसी भी लक्षण को नजरअंदाज करने से बचें क्योंकि यह समस्या किसी भी समय भयानक रूप ले सकती है और जान के लिए जोखिम साबित हो सकती है।