अस्थमा एक गंभीर मेडिकल स्थिति है, जो फेफड़ों में एयरवे को उत्तेजित और संकरा करती है। अस्थमा की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह लाइलाज है। इसके केवल प्रभावों का इलाज किया जा सकता है। अस्थमा में पीड़ित व्यक्ति को उपचार के लिए इनहेलर्स दिए जाते हैं, जिनका उपयोग अस्थमा का दौरा पड़ने पर किया जाता है। लेकिन, होम्योपैथी किसी भी बीमारी के इलाज के लिए प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग करती है। इसलिए कई लोगों का मानना है कि अस्थमा के लिए होम्योपैथी(homeopathy for asthma) इलाज काफी प्रभावी हो सकता है।
अस्थमा क्या है?
अस्थमा के लिए होम्योपैथी(homeopathy for asthma) से पहले जानते हैं कि अस्थमा क्या है। आमतौर पर, हम जिस हवा को सांस द्वारा लेते हैं। वह हवा नाक के माध्यम गले तक जाती है और फेफड़ों तक पहुंचती है। अस्थमा की स्थिति में एयरवेज में सूजन आ जाती है। तब हवा को फेफड़ों तक पहुंचने और बाहर आने में मुश्किल होती है जिससे रेस्पिरेटरी लक्षण पैदा होते हैं। अस्थमा को लक्षणों की गंभीरता के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है। जैसे:
1.हल्का इंटरमिटेंट अस्थमा
2.हल्का परसिस्टेंट अस्थमा
3.माध्यम परसिस्टेंट अस्थमा
4.गंभीर परसिस्टेंट अस्थमा
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अस्थमा के लिए होम्योपैथिक उपचार (homeopathy treatment for asthma):
हमें अपने इम्यून सिस्टम का इलाज कर के बीमारी को ठीक करने में मदद मिलेगी। होम्योपैथी इसी सिद्धांत में विश्वास करती है। यह अतिसंवेदनशीलता को ठीक करके और इम्यून सिस्टम की उपचार क्षमता में सुधार करके इम्यून लेवल पर अस्थमा को ठीक करती है। पुरानी, आवर्तक बीमारी होने के नाते, अस्थमा को लंबे समय तक प्रबंधन की जरूरत होती है। होम्योपैथी अस्थमा के लंबे समय तक प्रबंधन के लिए बहुत प्रभावी है, क्योंकि होम्योपैथिक दवाओं का कोई साइड-इफेक्ट नहीं होता है। इसलिए अस्थमा के लिए होम्योपैथी(homeopathy for asthma) को एक अच्छा तरीका माना जा सकता है।
होम्योपैथिक उपचार लंबे समय तक रोगी को लक्षणों से मुक्त रहने में मदद करते हैं। चिकित्सा अध्ययनों के अनुसार, अस्थमा के लिए होम्योपैथी(homeopathy for asthma) द्वारा जिन रोगियों का उपचार होता है वो लंबे समय तक ब्रोन्कोडायलेटर्स या अन्य पारंपरिक उपचारों की तुलना में बहुत बेहतर जीवन जीते हैं।
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कोर्टिसोन या ब्रोन्कोडायलेटर्स जैसे पारंपरिक उपचार अस्थमा के तीव्र अटैक का इलाज करने में मदद करते हैं। हालांकि, अस्थमा के तीव्र अटैक का बार-बार होना, इसकी अवधि और तीव्रता को कम करने के लिए, होम्योपैथी अद्भुत रूप से काम करती है। होम्योपैथी ने इस पुरानी बीमारी से पीड़ित कई लोगों के जीवन को बदल दिया है।
जो बच्चे अस्थमा से पीड़ित हैं उनके लिए भी होम्योपैथी किसी वरदान से कम नहीं है। यह अस्थमा के अटैक की संख्या, अवधि और अटैक की तीव्रता को कम करने में मदद करती है। यह सांस की कोर्टिसोन और अन्य ब्रोन्कोडायलेटर्स पर निर्भरता को भी कम करता है।
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होम्योपैथी अस्थमा के इलाज में कैसे मदद कर सकती है?
- इम्यून सिस्टम की अतिसंवेदनशीलता से अस्थमा होता है। अस्थमा के लिए होम्योपैथी(homeopathy for asthma) शरीर की अति-संवेदनशीलता को कम करके काम करती है और इस बीमारी का गहराई से उपचार करती है।
- होम्योपैथी आपके शरीर की इम्युनिटी को ठीक करती है और शरीर को बार-बार सर्दी और खांसी, गले में संक्रमण आदि होने की प्रवृत्ति को कम करती है। इसलिए, इससे रोगी के सामान्य स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- अस्थमा के लिए होम्योपैथी(homeopathy for asthma) दवाएं तीव्र अस्थमा के अटैक की आवृत्ति, तीव्रता और अवधि को कम करती हैं।
- प्रारंभ में, होम्योपैथी को पारंपरिक दवाओं के साथ लिया जा सकता है। जब एक अवधि तक उन्हें नियमित रूप से लिया जाता है, तो यह होम्योपैथिक दवाएं पारंपरिक दवाओं, जैसे इनहेलर्स, ब्रोन्कोडायलेटर्स, कोर्टिसोन या एंटीबायोटिक दवाओं की लगातार आवश्यकता को कम कर सकती हैं।
- यह मरीज को लंबे समय तक अटैक-फ्री चरण जीने में मदद करती है।
- अगर आप इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अस्थमा के लिए होम्योपैथी कितनी प्रभावी है(how effective is homeopathy for asthma) तो आपको बता दें कि अस्थमा के लिए होम्योपैथिक उपचार(homeopathy treatment for asthma) बिल्कुल सुरक्षित, नॉन-टॉक्सिक और ऐसा उपचार है जिनकी आदत नहीं पड़ती। इसलिए, भी इन्हे पूरी तरह से लाभदायक और सुरक्षित माना जाता है।
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अस्थमा के लिए होम्योपैथिक दवाएं(homeopathy medicine for asthma)
आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum album)-
यह अस्थमा के लिए होम्योपैथी(homeopathy for asthma)दवा सबसे अच्छी मानी जाती है। आर्सेनिकम एल्बम के उपयोग से अस्थमा के लक्षण जैसे खांसी, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ आदि समस्याएं दूर होती हैं। आधी रात के आसपास अस्थमा सबसे अधिक परेशान करता है और इस दौरान भी इस दवा से अस्थमा का इलाज किया जाता है।
स्पोंजिया टोस्टा(Spongia Tosta ) –
यह दवा अस्थमा जिसमें सूखी खांसी होती है, उसमे राहत पहुंचाने में प्रभावी है। स्पोंजिया टोस्टा सूखी खांसी के साथ अस्थमा के लिए अच्छी तरह से काम करता है। इस मामले में खांसी, गहरी या आवाज वाली हो सकती है। ऐसा होने पर सांस लेना भी मुश्किल होता है। ज्यादातर मामलों में, गर्म पेय भी खांसी से राहत दिलाते हैं।
एंटीमोनियम टार्टारिकम(Antimonium Tartaricum) –
अस्थमा में अत्यधिक खांसी होने की समस्या को दूर करने में लाभदायक है। एंटीमोनियम टार्टारिकम अत्यधिक खांसी के लिए बेहतरीन औषधि है। अगर खांसी अधिक होती है और फेफड़े बलगम से भरे हुए लगते हैं। ऐसे में सांस लेना कठिन हो जाता है। इसके साथ ही रोगी को अत्यधिक घुटन भी होती है।
इपेकैक और सांबुकस नाइग्रा( Ipecac and Sambucus Nigra) –
इस अस्थमा के लिए होम्योपैथी(homeopathy for asthma)दवाई को बच्चों में अस्थमा के लिए प्रयोग किया जाता है। इपेकैक और सांबुकस नाइग्रा बच्चों में अस्थमा के इलाज में मदद करते हैं। छाती में बलगम के जमाव के साथ अत्यधिक खांसी होने पर इपेकैक अच्छा काम करता है। खांसी, घुटन, सांस की तकलीफ आदि को दूर करने में भी यह मददगार है। अस्थमा के दौरे के दौरान बच्चा नीला पड़ सकता है। जब बच्चे को रात में अचानक खांसी और घुटन महसूस हो तो सांबुकस नाइग्रा दी जा सकती है।
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डल्मकारा और नैट्रम सल्फ्यूरिकम(Dulcamara and Natrum Sulphuricum) –
यह अस्थमा के लिए होम्योपैथी(homeopathy for asthma)दवाई नम मौसम में अस्थमा के अटैक से राहत पहुंचने में काम आती है ।नम मौसम में अस्थमा के लिए डल्कमारा और नैट्रम सल्फ्यूरिकम बहुत उपयोगी प्राकृतिक उपचार हैं। उनमें से, डल्कमारा नम मौसम में दमा जैसी खांसी के लिए सबसे अच्छा नुस्खा है। जिसमें व्यक्ति को कफ बाहर निकालने के लिए लंबे समय तक खांसी करनी पड़ती है। नैट्रम सल्फ्यूरिकम ऐसे में सबसे सहायक दवा है जब खांसी में गाढ़ा, रूखा, हरा कफ मौजूद होता है। नैट्रम सल्फ्यूरिकम उस स्थिति में भी अच्छी तरह से काम करती है, जहां अस्थमा सुबह 4 बजे और सुबह 5 बजे तक बिगड़ जाता है। बच्चों में अस्थमा के इलाज के लिए भी नेट्रम सल्फ्यूरिकम एक अच्छी दवा मानी जाती है।
नक्स वोमिका (Nux Vomica )-
नक्स वोमिकासर्दियों में अस्थमा के लिए प्रभावी दवा है। ठंड के मौसम में घरघराहट और दबी हुई सांस के साथ खांसी होती है। खांसी शाम और रात के समय में रूखी हो सकती है, लेकिन दिन के दौरान यह कफ के साथ ढीली हो जाती है। आधी रात के बाद पीड़ित अस्थमा के अटैक का भी नक्स वोमिका के साथ सबसे अच्छा इलाज किया जाता है। नक्स वोमिका गैस्ट्रिक अस्थमा में भी बहुत मददगार है।
ब्लाटा ओरिएंटलिस और ब्रोमियम(Blatta Orientalis and Bromium) –
धूल मिट्टी के कारण अस्थमा के जोखिम को कम करने में यह अस्थमा के लिए होम्योपैथी(homeopathy for asthma)दवाई लाभदायक है। धूल के संपर्क में आने से दमा के लिए ब्लाटा ओरिएंटलिस और ब्रोमियम दोनों ही महत्वपूर्ण उपचार हैं। ब्लाटा ओरिएंटलिस सांस लेने में समस्या और पस जैसे बलगम वाली खांसी के लिए प्रयोग की जाती है। यह बलगम तब होती है जब धूल के संपर्क में आने के बाद बलगम, घुटन और सांस लेने में कठिनाई के साथ खांसी होती है।
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अपने लाइफस्टाइल में लाएं बदलाव
यह तो थी अस्थमा के लिए होम्योपैथी दवाइयां(homeopathy medicine for asthma) और उपचार। यदि अस्थमा के लिए होम्योपैथिक उपचार(homeopathy treatment for asthma) के साथ-साथ आप अपने लाइफस्टाइल में भी परिवर्तन लाएंगे। तो आप न केवल इस बीमारी के लक्षणों को कम कर सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ जीवन जीने में भी आपको मदद मिलेगी। यह तरीके कुछ इस प्रकार है:
पौष्टिक आहार
ऐसे आहार को लेने से बचे, जो आपके अस्थमा को बढ़ाते हों। इसलिए, रोजाना ताजे फल, सब्जियां और सलाद खाएं। अपने आहार में विटामिन डी, मैग्नीशियम, बीटा-कैरोटीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। प्रेजरवेटिव और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को खाने से बचें। पर्याप्त पानी पिएं। हर दिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना जरूरी है।
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चीजों को पहचानें
ऐसी चीजों को पहचाने जिनसे आपके अस्थमा के लक्षणों को बढ़ावा मिलता है और उनसे बचने की कोशिश करें। जैसे ठंडी हवा, ठंडे ड्रिंक, धूल-मिट्टी, गंदगी, पराग आदि।
व्यायाम करें
रोजाना व्यायाम करें और फिट रहें। अस्थमा के लक्षणों को ठीक करने के लिए एक एक्टिव लाइफस्टाइल होना आवश्यक है। ऐसे में रोजाना व्यायाम करने से आपकी ब्रीदिंग मसल्स को मजबूती मिलेंगे। इससे आपका वजन संतुलित रहेगा क्योंकि मोटापा भी अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकता है। यही नहीं ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से आपके फेफड़ों का स्वास्थ्य भी सुधरेगा।
धूम्रपान से बचें
धूम्रपान छोड़ने से अस्थमा की गंभीरता और आवृत्ति कम हो सकती है। इसलिए धूम्रपान न करें। सेकेंडहैंड स्मोकिंग से भी दूर रहें।
इंफेक्शन से बचे
इंफेक्शन जैसे फ्लू, सर्दी- जुकाम, साइनसाइटिस से बचे। क्योंकि, इनसे भी अस्थमा का खतरा बढ़ता है। इसके साथ ही साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। अपने हाथों को सही से धोएं।
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अस्थमा एक गंभीर मेडिकल स्थिति है। यदि आप अस्थमा के लिए होम्योपैथिक उपचार (homeopathy treatment for asthma) पर विचार कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में अवश्य बात करें। निर्णय लेने से पहले सभी उपचार के सभी विकल्पों और जोखिमों की समीक्षा भी करें। गंभीर अस्थमा का अटैक, जो घरेलू उपचार के साथ नहीं सुधरता है, वो जीवन के लिए खतरा बन सकता है। ऐसे में अस्थमा के लक्षणों पर नजर रखें और जरूरत पड़ने पर अपने डॉक्टर की सलाह और मदद अवश्य लें।
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