ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हमारे फेफड़ों की (bronchial tubes) ब्रोन्कियल ट्यूब्स स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त, चौड़ी और मोटी हो जाती हैं। इन क्षतिग्रस्त के कारण फेफड़ों में बैक्टीरिया और बलगम का निर्माण होता है और यह इन्फेक्शन या एयरवेज में ब्लॉकेज का कारण बनते हैं। इससे हमें सांस लेने में भी परेशानी होती है। ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) एक लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है, जो समय के साथ बदतर हो सकती है। इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन आप कुछ सावधानियां बरत कर इसके लक्षणों को कम कर सकते हैं। ऐसे में, इस समस्या से बचाव और उपचार से पहले इसके लक्षणों के बारे में पता होना जरूरी है। जानिए इस बीमारी के बारे में विस्तार से:
ब्रोन्किइक्टेसिस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Bronchiectasis)
ब्रोन्किइक्टेसिस के लक्षणों (Symptoms of Bronchiectasis) को विकसित होने के कई महीने या साल लग जाते हैं। समय के साथ यह बढ़ जाते हैं। इस फेफड़ों के रोग (Lungs Problem) के दो मुख्य लक्षण हैं खांसी और रोजाना बलगम का बनना। इसके साथ ही ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) के कुछ अन्य लक्षण भी हैं। जानिए इसके लक्षणों के बारे में विस्तार से:
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- रोजाना पीले या हरे रंग का बलगम बनना
- सांस लेने में तकलीफ
- बहुत अधिक थकान महसूस होना
- बुखार और ठंड लगना
- सांस लेते समय घरघराहट या सीटी की आवाज आना
- खांसी में खून या बलगम और खून का आना, इस स्थिति को हैमोप्टिसिस (hemoptysis) कहा जाता है
- सांस लेने की कोशिश में सीने में दर्द होना
- नाखूनों के नीचे त्वचा का मोटा होना
ब्रोन्किइक्टेसिस के कारण क्या हैं? (Cause of Bronchiectasis)
ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic Fibrosis) के कारण हो सकता है। जो एक आनुवंशिक स्थिति है। इसके परिणामस्वरूप लंबे समय तक चलने वाले फेफड़ों में संक्रमण होता है और सांस लेने की क्षमता कम हो जाती है। सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic Fibrosis) के अलावा ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) के अन्य कारणों की जानकारी नहीं है। इस बारे में डॉ, मृणाल सरकार, निदेशक और प्रमुख, पल्मोनोलॉजी, फोर्टिस अस्पताल नोएडा का कहना है कि क्रोनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis) का सबसे आम कारण सिगरेट पीना है। वैसे तो इसके बहुत सारे कारण हो सकते हैं। वायु प्रदूषण, धूल और जहरीली गैस भी क्रोनिक ब्रोंकाइटिस के मामलों को खराब कर सकती हैं। वायरल इंफेक्शन, युवाओं में इसके केसेज अधिक देखने को मिल रहे हैं। ब्रोंकाइटिस का कारण वायरल इंफेक्शन होता है। ब्रोंकाइटिस सामान्य कोल्ड या फ्लू वाले वायरस से ही विकसित होता है। लेकिन ऐसे ब्रोन्किइक्टेसिस को इडियोपैथिक ब्रोन्किइक्टेसिस (Idiopathic Bronchiectasis) कहा जाता है। हालांकि, अन्य मामलों में इसके कारण इस प्रकार हैं:
- अगर किसी गंभीर संक्रमण के कारण फेफड़ों को नुकसान हुआ हो
- प्राथमिक सिलिअरी डिस्किनेशिया (Ciliary Dyskinesia) या अल्फा -1 एंटीट्रिप्सिन की कमी (Alpha-1 Antitrypsin Deficiency) जैसे आनुवंशिक रोग (Genetic Diseases)
- इम्मून सिस्टम की स्थितियां जिनके कारण संक्रमण से लड़ना मुश्किल हो सकता है।
- चीजें जैसे तरल पदार्थ, पेट में एसिड, या खाद्य पदार्थ का फेफड़ों में एस्पिरेटेड करना।
- एलर्जिक ब्रोन्कोपल्मोनरी एस्परगिलोसिस (Allergic Bronchopulmonary Aspergillosis) जो एक विशेष प्रकार के फंगस से होने वाली एलर्जी है।
- अन्य स्थितियां जैसे संधिशोथ (Rheumatoid Arthritis), क्रोहन रोग (Crohn’s Disease) और सोजोग्रेन सिंड्रोम (Sjogren’s Syndrome) एयरवेज को बंद कर देते हैं।
ब्रोन्किइक्टेसिस की समस्या का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Bronchiectasis)
चेस्ट कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन (A chest computed tomography scan), या छाती का सीटी स्कैन, ब्रोन्किइक्टेसिस (Diagnosis of Bronchiectasis) के निदान के लिए सबसे आम टेस्ट है, क्योंकि छाती का एक्स-रे (chest X-ray) पर्याप्त जानकारी प्रदान नहीं करता है। यह टेस्ट रोगी के एयरवेज और छाती में अन्य संरचनाओं की सही तस्वीरें बनाते हैं। एक चेस्ट सिटी स्कैन अच्छे से बता सकता है कि फेफड़ों को कौन सी जगह पर कितना नुकसान हुआ है।
छाती के सीटी स्कैन के साथ ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) की पुष्टि होने के बाद, डॉक्टर आपकी हिस्ट्री और फिजिकल जांच के आधार पर ब्रोन्किइक्टेसिस के कारण को जानने का प्रयास करेंगे। इनका सही कारण पता लगाना जरूरी है ताकि ब्रोंकिएक्टेसिस (Bronchiectasis) को बिगड़ने से रोकने के लिए अंडरलाइंग डिसऑर्डर का इलाज किया जा सकें। ऐसे कई कारण हैं जो ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) को बढ़ा सकते हैं। इन कारणों को जानने के लिए लेबोरेटरी और माइक्रोबायोलॉजिकल परीक्षण और पल्मोनरी फंक्शन टेस्टिंग (Pulmonary Function Testing) की जाती है।
प्रारंभिक इवैल्यूएशन में निम्नलिखित चीजें शामिल होंगी:
- कम्पलीट ब्लड काउंट (Complete Blood Count)
- इम्युनोग्लोबुलिन स्तर (immunoglobulin levels)
- बैक्टीरिया, माइकोबैक्टीरिया और कवक के लिए जांच करने के लिए स्पुटम कल्चर (sputum culture)
- अगर आपके डॉक्टर को सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) का संदेह है, तो वो क्लोराइड टेस्ट या जेनेटिक टेस्ट भी करा सकते हैं।
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ब्रोन्किइक्टेसिस के लिए उपचार क्या हैं? (Treatment of Bronchiectasis)
ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) को ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसे मैनेज किया जा सकता है। इसके लिए डॉक्टर आपको दवा दे सकते हैं, किन्हीं डिवाइस का प्रयोग कर सकते हैं या अन्य उपाय भी प्रयोग में लाए जा सकते हैं।
यदि ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) एक अंडरलाइंग कंडीशन (Underlying Condition) के कारण होता है, जैसे एस्परगिलोसिस (Aspergillosis) या इम्यून सिस्टम डिजीज (Immune System Disease ) तो पहले उस स्थिति का इलाज किया जाना चाहिए।
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उपचार के लिए इन दवाइयों का प्रयोग किया जा सकता है, जैसे:
- एंटीबायोटिक्स (Antibiotics), इन दवाइयों का बैक्टीरिया के संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इनमें ओरल और इनहेलर के रूप में दिया जा सकता है।
- मैक्रोलाइड्स (Macrolides), इस दवा का प्रयोग संक्रमण और सूजन का इलाज करने के लिए किया जाता है।
- ऐसी दवाइयां जो बलगम को प्रभावित करती हैं और आपको बलगम को बाहर निकालने में मदद करती हैं, उनका प्रयोग भी किया जा सकता है।
इसके अलावा कुछ अन्य तरीके भी उपचार में शामिल हैं, जैसे:
- बलगम को खांसी के माध्यम से बाहर निकाल कर एयरवेज को साफ करने वाले डिवाइस।
- पॉजिटिव एक्सपीरटरी प्रेशर उपकरण (Positive expiratory pressure device), जिन्हें आप अपने हाथों में पकड़ सकते हैं। यह डिवाइस एयरवेज को साफ करने में प्रयोग किया जाता है।
- शरीर से बलगम को बाहर निकालने में मदद करने के लिए फिजिकल थेरेपी।
ब्रोन्किइक्टेसिस की समस्या से बचाव कैसे किया जा सकता है?
जन्मजात ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) को रोकने का कोई तरीका नहीं है। हालांकि, फेफड़ों को नुकसान से बचाने के कुछ तरीके हैं, जो ब्रोन्किइक्टेसिस का कारण (Cause of Bronchiectasis) बन सकते हैं। जैसे :
- इस बात का ख्याल रखें कि आपके बच्चे को खसरा (measles) और काली खांसी (whooping cough) से बचने के टीके लगे हों।
- अगर आपके बच्चे को किसी भी तरह का फेफड़ों का इन्फेक्शन हो तो तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट कराएं।
- किसी भी वस्तु में सांस लेने के जोखिमों से अवगत रहें। यदि आपका बच्चा या कोई वयस्क किसी वस्तु में सांस लेता है, तो तुरंत मेडिकल हेल्प प्राप्त करें।
- ऐसी चीजों से भी दूर करने की कोशिश करें। जो फेफड़ों के लिए नुकसानदायक हैं जैसे धुआं या कोई गैस आदि।
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ब्रोन्किइक्टेसिस मैनेजमेंट (Bronchiectasis Management) के अंतर्गत किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) एक लॉन्ग टर्म रोग है। जिसके लक्षणों को कम करने के लिए आपको कई सालों तक इन्हें मैनेज करना होगा। मरीजों के लिए स्वस्थ आदतों को अपनाना बहुत जरूरी है। ब्रोन्किइक्टेसिस मैनेजमेंट (Bronchiectasis Management) के लिए आपको इन चीजों का ख्याल रखना चाहिए:
- धूम्रपान न करें और सेकेंड हैंड स्मोकिंग (Secondhand Smoking) से भी बचें।
- स्वस्थ और संतुलित आहार लें, जैसे सोडियम (Sodium), चीनी (Sugar), सैचुरेटेड फैट (Saturated Fat) या रिफाइंड (Refind) चीजों का कम सेवन।
- शरीर में पानी की मात्रा को कम न होने दें।
- ओरल और इंहेल्ड दवाओं (Oral and Inhaled Medicines) को लेने और बलगम साफ करने की तकनीकों को रोजाना करें।
- वैक्सीनेशन अवश्य कराएं।
हेल्दी लाइफस्टाइल के बाद भी कभी-कभी आपको समस्या हो सकती है। ऐसा एक नए श्वसन संक्रमण (New Respiratory Infection) या बैक्टीरिया के बढ़ने (Overgrowth of Bacteria) के कारण होता है। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
ब्रोन्किइक्टेसिस में खानपान का ख्याल कैसे रखें? (Diet in Bronchiectasis)
हेल्दी और संतुलित आहार सभी के लिए आवश्यक है। लेकिन, जिन लोगों को फेफड़ों से जुड़ी समस्या है। उनके लिए यह बहुत ही जरूरी है। हमारे द्वारा खाया जाने वाला पौष्टिक भोजन और तरल पदार्थ फेफड़ों को संक्रमण से बचाने में मदद कर सकते हैं। जानिए ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) में आपको क्या खाना चाहिए और क्या न खाएं।
क्या खाना चाहिए? (What to Eat)
ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) में अपने खाने का खास ध्यान रखें और इसके लिए अपने डॉक्टर से भी सलाह लें।आपको इन चीजों को अपने आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए:
- फल और सब्जियां (Fruit and Vegetables) : अपने आहार में विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियों को शामिल करें, ताकि आपकी सभी विटामिन और मिनरल प्राप्त हों।
- फाइबर (Fiber) : फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे साबुत अनाज और हरी सब्जियां भी इस समस्या में आपको खानी चाहिए।
- प्रोटीन: मांसपेशियों को मजबूत रखने के लिए प्रोटीन आवश्यक है। सांस लेने के लिए छाती और पेट की मांसपेशियों को मजबूत रखने में यह सहायक है। प्रोटीन मांस, मछली, अंडे और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है।
- कैल्शियम : कैल्शियम युक्त आहार जैसे दूध, पनीर, दही आदि को भी अपनी डायट में अवश्य शामिल करें।
- ऑयल्स : तेल का कम इस्तेमाल किया जाना आपके लिए बहुत अच्छा है। ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) के रोगियों को ऐसे तेल का सेवन करना चाहिए जो विटामिन E और A से भरपूर हों जैसे जैतून, नारियल और कैनोला तेल।
- पानी: फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए पानी आवश्यक है। खुद को हाइड्रेट रखने से फेफड़ों में पतला बलगम बनने और संक्रमण को रोकने में मदद मिलती है।
- विटामिन D: ऐसा माना जाता है कि विटामिन D सूजन को कम करने और इम्यून सिस्टम को सही रखने में मदद कर सकता है। विटामिन D मछली, अंडे, मांस, दूध और संतरे के रस आदि में पाया जाता है।
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क्या नहीं खाना चाहिए? (What not to Eat)
ब्रोन्किइक्टेसिस की समस्या होने पर कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिनका सेवन आपको नहीं करना चाहिए। क्योंकि, यह चीजें आपकी इस परेशानी को बढ़ा सकती हैं। जानिए कौन सी हैं वो चीजें जिनका सेवन आपको नहीं करना चाहिए:
- अधिक चीनी और नमक युक्त खाद्य पदार्थ
- सैचुरेटेड फैट
- कैफीन युक्त पेय जैसे कॉफी और चाय
- तला हुआ और मसालेदार आहार
- एसिडिक आहार और पेय जैसे टोमेटो सॉस, साइट्रस फ्रूट जूस
ब्रोन्किइक्टेसिस की समस्या में लाइफस्टाइल कैसा होना चाहिए? (Lifestyle in Bronchiectasis)
ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) के साथ जीवन चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आपको और आपके परिवार को कई चीजों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। आपको पूरा जीवन हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करना चाहिए। इससे आपके जीवन की गुणवत्ता बढ़ेगी। जानिए, ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) की समस्या में आपका लाइफस्टाइल कैसा होनी चाहिए:
- अपने डॉक्टर के बताए अनुसार रोजाना व्यायाम करें। इससे आपकी मसल्स स्ट्रेंथ सुधरेगी। जिससे सांस लेने में आसानी होगी और इससे एयरवेज से बलगम साफ होने में भी मदद मिलती है।
- हेल्दी डायट का पालन करें और अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें। अगर आपको गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (Gastroesophageal reflux disease) है, तो आपको तरल पदार्थों को डॉक्टर की सलाह के अनुसार सीमित मात्रा में पीना चाहिए।
- स्मोकिंग करना या ऐसी जगह जाने से बचें जहां प्रदूषण, गैस या हानिकारक धुआं हों।
- हर साल एक फ्लू शॉट प्राप्त करें। अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता द्वारा बताए अनुसार न्यूमोकोकल वैक्सीन (Pneumococcal Vaccines) लें।
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ब्रोन्किइक्टेसिस से पीड़ित लोगों को कौन से व्यायाम करने चाहिए? (Exercises for Bronchiectasis)
जब आप शारीरिक रूप से सक्रिय होते हैं, तो आपका दिल और फेफड़े आपकी मांसपेशियों को अतिरिक्त ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। जैसे नियमित व्यायाम आपकी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, वैसे ही इससे फेफड़ों और दिल मजबूत बनते हैं। इसलिए ,ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) से पीड़ित लोगों के लिए व्यायाम बेहद जरूरी है। जानिए ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) से पीड़ित लोगों को कौन से व्यायाम करने चाहिए ।
सैर (Walk)
ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) से पीड़ित लोगों के लिए सैर करना बहुत लभदायक है। आप दिन में कुछ समय सैर के लिए जरूर निकालें।
सायकलिंग (Cycling)
साइकिलिंग भी फेफड़ों के रोग (Lungs Problem) से पीड़ित लोगों के लिए मददगार है। इसे आप कहीं भी कर सकते हैं। लेकिन, इसे करने से पहले एक बार आने डॉक्टर की सलाह ले लें। अगर इसे करते हुए आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो तुरंत इसे रोक दें।
ब्रीदिंग एक्सरसाइजेज (Breathing Exercises)
ब्रीदिंग एक्सरसाइजेज करने से ब्रीदिंग मसल्स मजबूत होती हैं, ऑक्सीजन लेने में आसानी होती है और सांस लेने में तकलीफ नहीं होती । इसे आप दिन में तीन या चार बाद पांच से दस मिनट तक कर सकते हैं। जानिए कैसे करें इसे :
लिप ब्रीदिंग (Pursed Lip Breathing)
- इसे करने के लिए किसी शांत जगह पर बैठे और अपनी गर्दन और कंधे की मांसपेशियों को आराम दें
- मुंह को बंद रख कर नाक के माध्यम से दो सेकंड तक सांस लें
- अब होठों के माध्यम से 4 सेकंड के लिए सांस छोड़ें। आप इसे अपनी क्षमता के अनुसार भी कर सकते हैं
स्विमिंग (Swimming)
ऐसा माना जाता है कि स्विमिंग भी ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) के मरीजों के लिए लाभदायक हो सकती है । लेकिन इसे करने से पहले डॉक्टर से बात करें और उनकी सलाह का पालन करें ।
योगा (Yoga)
योगा के कुछ आसन भी ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) में लाभदायक साबित हो सकते हैं जाइए आलोम विलोम या प्राणायाम आदि। लेकिन इन्हें करने से पहले डॉक्टर से पूछें और किसी विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में ही इन्हें करें।
हालांकि, व्यायाम करने से कोई नुकसान नहीं होता। लेकिन, फिर भी ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) के मरीजों को व्यायाम करते हुए ध्यान रखना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इन व्यायामों को करने की राय दी जाती है।
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ब्रोन्किइक्टेसिस (Bronchiectasis) के साथ जीना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन आप थोड़ी सी मेहनत और कुछ चीजों का ख्याल रख कर अपने जीवन की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं। बस इसके लक्षणों को मैनेज करने के लिए हर संभव कोशिश करें और कोई भी समस्या होने पर तुरंत मेडिकल हेल्प लें।