एम्फसीमा (Emphysema) फेफड़ों से जुड़ी वो बीमारी है। यह रोग उन लोगों में होने की संभावना अधिक होती है, जो स्मोकिंग करते हैं। इस स्थिति में फेफड़ों में एयर सैक्स (Air Sacs) के वॉल्स डैमेज हो जाते हैं। क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis) और एम्फसीमा (Emphysema), लंग डिजीज के समूह से संबंधित बीमारियां हैं, जिन्हें क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) कहा जाता है। अगर किसी व्यक्ति को यह समस्याएं हो जाती है तो उसे रिवर्स कर पाना संभव नहीं है। हालांकि, इनसे बचा जा सकता है। एम्फसीमा या इसकी गंभीरता से बचने के लिए धूम्रपान न करना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही हवा के प्रदूषण या जेनेटिक फैक्टर भी इसकी वजह हो सकते हैं। यह तो थी एम्फसीमा के बारे में पूरी जानकारी। अब जानिए एम्फसीमा के एक प्रकार पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) के बारे में विस्तार से।
पैरासेप्टल एम्फसीमा क्या है? (Paraseptal Emphysema)
जैसा की आप जानते ही हैं कि एम्फसीमा एक गंभीर और लाइफलॉन्ग लंग डिजीज है, जिसके कारण व्हीजिंग और सांस लेने में समस्या होती है। इसके तीन प्रकार हैं, जिनमें पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) सबसे दुर्लभ है। यही नहीं, इसके अधिकतर मामलों में रोगी को यह पता भी नहीं होता कि उसे यह समस्या है। पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) लंग की आउटर बाउंड्रीज के नजदीक डिस्टल एयरवेज (Airways) और एयर सैक्स (Air Sacs) की सूजन और टिश्यू डैमेज (Tissue Damage) को कहा जाता है। हालांकि, यह एम्फसीमा का सामान्य प्रकार है जो नार्मल एयरफ्लो को प्रभावित करता है। लेकिन, शुरुआत में इस समस्या का कोई लक्षण देखने को नहीं मिलता है।
यही नहीं, पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) के अधिकतर मामलों का निदान या उपचार कई सालों तक नहीं होता है या इसकी कभी कोई जटिलता देखने को नहीं मिलती है। हालांकि, इस प्रकार के एम्फसीमा के कारण फेफड़ों को नुकसान होना संभव है। इसका उपचार फेफड़ों की क्षति की गंभीरता पर निर्भर करता है और इसमें दवाएं, सर्जरी या दोनों शामिल हो सकते हैं। अब जानिए क्या हैं इसके कारण।
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पैरासेप्टल एम्फसीमा के कारण क्या हैं? (Causes of Paraseptal Emphysema)
पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) का मुख्य कारण है स्मोकिंग। अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से स्मोकिंग कर रहा है तो उसे एम्फसीमा होने की संभावना अधिक होती है और उनमें पैरासेप्टल एम्फसीमा भी शामिल है। यह समस्या महिलाओं से पुरुषों में अधिकतर पाई जाती है। कुछ जेनेटिक डिऑर्डर भी इस समस्या का कारण बन सकते हैं। जैसे:
- अल्फा-1 एंटीट्रिप्सिन (alpha-1 Antitrypsin)
- मार्फन सिंड्रोम (Marfan Syndrome)
अन्य चीजों को इस बीमारी की संभावना को बढ़ाती हैं वो हैं प्रदूषण, टॉक्सिक फ्यूम्स आदि। अब जानते हैं इसके लक्षणों के बारे में।
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पैरासेप्टल एम्फसीमा के लक्षण (Symptoms of Paraseptal Emphysema)
पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) के अधितर मामलों में इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को तब तक इस रोग के बारे में पता नहीं चलता है, जब तक उसके आधे से ज्यादा लंग टिश्यू नष्ट नहीं हो जाते। हालांकि, अगर इसका जल्दी निदान हो जाए तो कई बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है। लेकिन, इस रोग के लक्षणों को शुरुआत में महसूस करना मुश्किल है। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आता है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें:
- रोजाना के काम या सीढ़ियां चढ़ते हुए सांस लेने में समस्या होना (Get Short of Breath)
- ऐसा महसूस होना कि आपको फेफड़ों में पर्याप्त हवा नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं (Can’t Get Enough Air into Lungs)
- हर समय व्हीजिंग की समस्या होना (Wheezing at Times)
- खांसी में बलगम आना (Cough up Mucus)
- अत्यधिक थकावट होना (Feel unusually Tired)
पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) की समस्या का निदान तब होता है। जब आप हाय टेक स्कैन्स (High Tech Scans) जैसे सीटी स्कैन (CT Scan) कराते हैं, जिनसे लंग कैंसर की स्क्रीनिंग होती है। जानिए क्या हैं इस रोग से जुड़ी कॉम्प्लीकेशन्स।
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पैरासेप्टल एम्फसीमा से जुडी जटिलताएं क्या हैं? (Complications of Paraseptal Emphysema)
पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) के कारण लंग डैमेज हो सकता है। जिससे समय के साथ लंग टिश्यू में खाली जगह भर जाती है। अगर यह जगह बहुत अधिक है तो लंग के कोलेप्स होने का जोखिम रहता है। हालांकि ऐसा होना बहुत ही दुर्लभ है। अगर आप स्मोकिंग करते हैं तो उसे छोड़ने की कोशिश करें। इससे एम्फसीमा से हुआ डैमेज कम हो सकता है। इसके साथ ही आपको निमोनिया (Pneumonia) और ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिल सकता है।
यह कंडीशन पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Pulmonary Fibrosis) और अन्य इंटरस्टिशल लंग अब्नोर्मलिटीज( Interstitial Lung Abnormalities) से भी जुडी हुई है। इन असमान्यताओं को लंग टिश्यूज फेफड़ों के घाव के रूप में भी जाना जाता है। जानिए कैसे संभव है इस समस्या का निदान और उपचार?
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पैरासेप्टल एम्फसीमा का निदान कैसे होता है? (Diagnosis of Paraseptal Emphysema)
पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) के लक्षणों को शुरुआत में पहचाना नहीं जा सकता है। अधिकतर जब तक इन लक्षणों को पहचाना जाता है है तब तक काफी नुकसान हो चुका होता है। अधिकतर इस समस्या का निदान तब होता है, जब यह एडवांस स्टेज पर पहुंच चुकी होती है। इस रोग के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले रोगी से इस बीमारी के लक्षणों के बारे में जानते हैं। उसके बाद मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जाना जाता है। डॉक्टर कुछ अन्य टेस्ट्स की सलाह भी दे सकते हैं जैसे चेस्ट स्कैन (Chest Scan) या एक्स-रे (X-Ray) ताकि लंग फंक्शन (Lung Function) के जांच कर सके। इससे लंग में कोई असामान्यता तो नहीं है, इस बात का भी पता चलता है।
यू.एस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (US National Library of Medicine) के अनुसार पैरासेप्टल एम्फसीमा को डिस्टल एसिनार एम्फसीमा (Distal acinar Emphysema) भी कहा जाता है। जिसमें किसी भी फुफ्फुस सतह(Pleural Surface) और इंटरलॉबुलर सेप्टा (Interlobular Septa) से घिरे डिस्टल एल्वियोली (Distal Alveoli ) की इन्वॉल्वमेंट शामिल है। चाहे यह समस्या कैसी भी हो, यह पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) किसी भी रेस्पिरेटरी सिम्पटम्स (Respiratory Symptoms) का कारण नहीं बनती है। इसी वजह से इसकी अक्सर चिकित्सकीय रूप से पहचान करना मुश्किल हो जाती है।
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पैरासेप्टल एम्फसीमा के उपचार के बारे में जानें (Treatment of Paraseptal Emphysema)
पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) का उपचार फेफड़ों की अन्य स्थितियों के जैसे ही किया जाता है। डॉक्टर रोगी और बीमारी की स्थिति के अनुसार सही उपचार को चुनते हैं। इसके उपचार में दवाईयों, मेडिकल, सर्जिकल तरीके आदि शामिल हैं। इस तरीके इस प्रकार हैं:
दवाइयां (Medications)
पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) के उपचार के लिए डॉक्टर मरीज को इंहेल करने वाली और ओरल दोनों तरह की दवाइयां दे सकते हैं। जैसे ब्रोन्कोडायलेटर्स (Bronchodilators) जो लंग के आसपास के मसल्स को आराम पहुंचाती हैं। इससे खांसी और सांस लेने की समस्या दूर हो सकती है। स्टेरॉयड्स (Steroids) को इस समस्या के लक्षणों के बदतर होने से बचाने के लिए दिया जाता है। कई रोगियों को लंग इंफेक्शन होने की स्थिति में एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) भी दी जा सकती हैं।
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थेरेपी (Therapy)
पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) के उपचार के लिए कुछ थेरेपीज भी दी जा सकती हैं। जैसे, रेस्पिरेटरी थेरेपी प्रोग्राम (Respiratory Therapy Program) जिससे मरीज को अच्छे से सांस लेने में आसानी होती है और वो रोजाना के काम आसानी से कर पाते हैं। इसके साथ ही अगर लंग्स को हुए नुकसान के कारण सप्लीमेंटल ऑक्सीजन की जरूरत भी पड़ सकती है।
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सर्जरी (Surgery)
पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) के कुछ मामलों में लंग ट्रांसप्लांट करने की जरूरत हो सकती है। हालांकि यह तरीका हर रोगी के लिए सही नहीं होता। डॉक्टर दुर्लभ मामलों में इसकी सलाह देते हैं। लंग वॉल्यूम रिडक्शन (Lung Volume Reduction) से जिस फेफड़े को नुकसान हुआ है, उससे टिश्यू को रिमूव कर दिया जाता है, ताकि लंग वॉल्यूम कम हो। इसके अलावा डॉक्टर रोगी की स्थिति या रोग के प्रभाव आदि को ध्यान में रखते हुए अन्य उपचार के तरीकों की सलाह भी दे सकते हैं।
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पैरासेप्टल एम्फसीमा के लक्षणों को मैनेज करने के लिए क्या करें? (How to manage Paraseptal Emphysema)
एम्फसीमा के अन्य प्रकारों की तरह पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) का भी कोई इलाज नहीं है। लेकिन, इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है और जीवन में गुणवत्ता लाई जा सकती है। अगर आपमें इस समस्या का निदान हुआ है तो अपने जीवन में थोड़ा बदलाव ला कर आप जीवन को सही तरीके से जी सकते हैं। डॉक्टर रोगी के लक्षणों को कम करने के लिए एक मैनेजमेंट प्लान बनाने में मदद कर सकते हैं। जानिए कौन से हैं वो तरीके जो मददगार साबित हो सकते हैं:
स्मोकिंग न करें (Don’t Smoke)
स्मोकिंग को पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) के मुख्य कारणों में से एक माना जाता है। ऐसे में अगर आप इस समस्या के लक्षणों को बदतर होने से बचाना चाहते हैं, तो स्मोकिंग बिलकुल भी न करें। इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है।
व्यायाम करें (Exercise Daily)
व्यायाम करने से न केवल पैरासेप्टल एम्फसीमा बल्कि अन्य कई मेडिकल कंडीशंस से आपको बचने में मदद मिल सकती। है दिन में कुछ समय अवश्य निकालें जिसमें व्यायाम, सैर, योगा आदि करें। यह शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी बेहद लाभदायक है।
सही आहार है जरूरी (Eat Right Food)
एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि “जैसा तन वैसा मन’। यानी, जैसा आपका खानपान होगा वैसा ही आपके शरीर पर प्रभाव पड़ेगा। इसलिए हमेशा सही और पौष्टिक आहार का ही सेवन करें। आप डॉक्टर से भी जान सकते हैं कि इस समस्या के लिए आपका आहार कैसा होना चाहिए। इसके साथ ही अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करना भी जरूरी है।
इन चीजों से रहें दूर (Stay Away From these)
पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) की बीमारी को बढ़ाने वाली चीजें जैसे धुआं, सेकंडहैंड स्मोक (Secondhand Smoke), प्रदूषण आदि से बचने में ही भलाई है। इसके साथ ही इस समस्या के लिए नियमित चेकअप (Regular Checkup), जरूरी दवाईयां लेना (Medications) और डॉक्टर की सलाह को मानना बेहद जरूरी है।
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यह तो थी पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) के बारे में पूरी जानकारी। जैसा की आप जानते ही हैं कि आमतौर पर इस समस्या का कोई लक्षण नजर नहीं आता है। अगर पैरासेप्टल एम्फसीमा (Paraseptal Emphysema) से रोगी को कोई समस्या नहीं होती है, तो अधिकतर मामलों में उपचार की भी जरूरत नहीं होती। लेकिन, मरीज को यही सलाह दी जाती है कि वो भविष्य में किसी भी परेशानी से बचने के लिए नियमित चेकअप कराएं। सांस संबंधी समस्याओं से बचने के लिए डॉक्टर इनहेलर की सलाह दे सकते हैं। इसके साथ ही एक स्वास्थ्य जीवनशैली को अपनाना भी इस समस्या से बचने के लिए बेहद जरूरी है। जैसे ही आपको इस रोग से संबंधित कोई भी लक्षण नजर आता है तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेना अनिवार्य है।