महिलाओं के स्वास्थ्य के बारे में बहुत बातें होती हैं, लेकिन क्या पुरुष सच में स्ट्रॉन्ग होते हैं, जिनके स्वास्थ्य के लिए हम ज्यादा बात नहीं करते। पुरुषों में जानलेवा बीमारी कई होती हैं। इस बात से घबराने की जरूरत नहीं है कि पुरुषों को होने वाली बीमारी से उनकी जान जा सकती है। हमेशा याद रखें कि जानकारी और बचाव किसी भी बीमारी का सबसे पहला इलाज है। इस आर्टिकल में आप ऐसी ही जानलेवा बीमारी (Other men’s health issue) और उनके इलाज के बारे में जानेंगे, जो पुरुषों के जीवन को मुश्किल में डाल सकती है।
पुरुषों में होने वाली जानलेवा बीमारी क्या है?
पुरुषों में होनेवाली कई बीमारियों में से कुछ बीमारियां ऐसी हैं, जिसके लिए हमें सजग रह कर समय रहते इलाज करवाने की जरूरत होगी। आज हम आपको पुरुषों में होनीली कुछ ऐसी ही बीमारियों (Other men’s health issue) के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में सोचना बेहद जरूरी है।
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic Obstructive Pulmonary Disease(COPD))
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) एक बीमारी नहीं है, बल्कि यह बीमारियों का एक समूह है। जिसमें व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है। इसमें मरीज को हमेशा खांसी आती है। सीओपीडी खराब हवा और जलने वाले ईंधन से धुएं को सूंघने की वजह से होता है। केवल 20 से 30 प्रतिशत क्रोनिक धूम्रपान करने वालों को सीओपीडी हो सकता है। हालांकि, जो लोग लंबे समय से धूम्रपान करते आ रहे हैं उन्हें फेफड़ों में दूसरी परेशानी हो सकती हैं। इसलिए इसे पुरुषों में होने वाली जानलेवा बीमारी कहना गलत नहीं होगा।
सीओपीडी में दो बीमारियां होती हैं :
क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस (chronic bronchitis) : ब्रोंकाइटिस डिजीज, (Chronic bronchitis) श्वास नलियों की सतह पर आई हुई सूजन को कहते हैं। इसकी वजह से ब्रोंकियल ट्यूब में रेडनेस, सूजन और बलगम भर जाता है। यह बलगम व्यक्ति की सांस की नलियों को ब्लॉक करता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है।
एंफीसीमा (emphysema) : इसमें फेफड़ों की वायु थैली (एल्वियोली) को नुकसान पहुंचता है, जिससे सांस लेने में और तकलीफ होती है और एल्वियोली प्रभावित हो जाती है। इससे आपके रक्त में ऑक्सिजन और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालना मुश्किल हो जाता है। एंफीसीमा जानलेवा बीमारी की लिस्ट में शुमार है।
COPD के लक्षण
सीओपीडी जैसी जानलेवा बीमारी के अन्य लक्षणों ये हो सकते हैं:
- सांस की तकलीफ, खासकर शारीरिक गतिविधियों के दौरान सांस लेने में परेशानी होना
- घरघराहट महसूस होना
- सीने में जकड़न होना
- पुरानी खांसी के कारण बलगम (थूक) बनना, जो सफेद, पीले या हरे रंग का हो सकता है
- होंठ या नाखूनों के रंग में बदलाव या नीलापन (साइनोसिस) होना
- बार-बार सांस संबंधी संक्रमण की परेशानी होना
- शरीर में ऊर्जा की कमी
- वजन में कमी होना
- टखनों या पैरों में सूजन की समस्या होना
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सीओपीडी का इलाज (Treatment of COPD)
(COPD) का अभी तक कोई इलाज नहीं है। सीओपीडी से निपटने का सबसे अच्छा तरीका रोकथाम है। सीओपीडी में ब्रोंकोडायलेटर्स, कॉम्बिनेशन ब्रोंकोडायलेटर्स प्लस इनहेल्ड ग्लूकोकार्टिकोस्टेरॉयड जैसी दवाएं दी जाती हैं। वहीं, फ्लू, न्यूमोकोकल आदि के टीके लगाए जाते हैं। जरूरत पड़ने पर सर्जरी भी की जाती है। जैसे- बुलेक्टोमी रिमूवल, लंग वॉल्यूम रिडक्शन सर्जरी और लंग ट्रांसप्लांट किया जाता है। सिगरेट छोड़ना (quit smoking) एक बेहतर रोकथाम है। इससे पुरुषों में होने वाली जानलेवा बीमारी सीओपीडी से बचा जा सके।
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पुरुषों में होने वाली जानलेवा बीमारी : हार्ट डिजीज (Heart disease)
इस बारे में दिल्ली के जनलर फीजिश्यन डॉक्टर अशोक रामपाल का कहना है कि दिल पूरे शरीर को खून और ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। अगर दिल धड़कना बंद कर दे तो आपके कोशिकाओं तक पोषक तत्व नहीं पहुंच पाएंगे। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में हार्ट डिजीज ज्यादा होती हैं। पुरुषों में जानलेवा बीमारी (Other men’s health issue) में हार्ट डिजीज भी एक बड़ी बीमारी है। मैंस को अपने दिल के विशेष ध्यान रखने के लिए अपने डायट की तरफ अच्छा ध्यान देना चाहिए। हार्ट डिजीज में कई तरह की बीमारियां होती हैं :
एंजाइना (Angina)
दिल में ब्लड फ्लो कम होने की वजह से चेस्ट में दर्द या बेचैनी महसूस होती है, जिसे एंजाइना (Angina) कहते हैं। यह आमतौर पर शरीर में ब्लड वेसल्स में ब्लॉकेज की वजह से होता है। ब्लड के माध्यम से हार्ट तक ऑक्सिजन पहुंचती है। कम मात्रा में ब्लड पहुंचने की वजह से हार्ट तक ऑक्सिजन भी ठीक तरह से नहीं पहुंच पाती है। इस वजह से हार्ट ठीक से पंप नहीं कर पाता है। एंजाइना तीन तरह के होते हैं:
- स्टेबल एंजाइना: स्टेबल एंजाइना सबसे सामान्य है। यह तब होता है जब दिल सामान्य से अधिक मेहनत कर रहा होता है। स्टेबल एंजाइना का एक नियमित पैटर्न होता है। हालांकि, आराम और दवाओं से यह ठीक हो सकता है।
- अनस्टेबल एंजाइना: अनस्टेबल एंजाइना सबसे खतरनाक माना जाता है। यह किसी एक तरह से नहीं होता है और न ही शारीरिक परेशानी के कारण। अनस्टेबल एंजाइना आराम करने से ठीक नहीं हो सकता है और न ही यह दवाओं से ठीक होता है। ऐसी परिस्थिति में हार्ट अटैक भी आ सकता है।
- वेरिएंट एंजाइना: यह बहुत कम होता है। ऐसा आराम करने के दौरान होता है, जो दवा से ठीक हो सकती है।
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एंजाइना के लक्षण (Symptoms of Angina)
एंजाइना जैसी पुरुषों में जानलेवा बीमारी के लक्षण निम्न हैं :
- सीने में दर्द या बेचैनी महसूस होना।
- सीने में दर्द के साथ-साथ आपकी बाहों, गर्दन, जबड़े, कंधे या पीठ में भी दर्द हो सकता है।
- मितली आना
- सांस लेने में परेशानी महसूस होना।
- अत्यधिक पसीना आना।
एंजाइना का इलाज (Symptoms of Angina)
हार्ट तक ब्लड फ्लो (Blood flow) ठीक करने की कोशिश की जाती है। मरीज को आराम से साथ-साथ काम भी कम करने की सलाह दी जाती है। प्रायः ब्लड फ्लो को ठीक करने के लिए एस्प्रिन दी जाती है। नाइट्रोग्लिसरीन जैसे नाइट्रेट, डेलेशन जैसी दवाओं से ब्लड फ्लो ठीक किया जाता है। बीटा-ब्लॉकर्स जैसी अन्य दवाएं हृदय गति को धीमा कर देती हैं, जिससे हृदय पर दवाब कम पड़ता है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर स्टेंट सर्जरी भी होती है।
पुरुषों में खतरनाक बीमारी: हार्ट अटैक (Heart Attack)
हार्ट अटैक आज के दौर में महिलाओं में ही नहीं बल्कि पुरुषों में जानलेवा बीमारी बन चुकी है। हार्ट अटैक में हृदय में रक्त का प्रवाह रुक जाता है। ज्यादातर मामलों में हार्ट अटैक के कारण जानलेवा देखें जाते हैं। इसकी स्थिति रक्त वाहिकाओं में फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य द्रव्यों के जम जाने से पैदा होती है। ये सभी चीजें हृदय में खून के प्रवाह में रुकावट पैदा करती हैं। आमतौर पर हृदय में रक्त पहुंचाने वाली रक्त वाहिकाएं यानी कोरोनरी आर्टरीज (coronery arteries) में ये समस्या उत्पन्न होती है। खून में ऐसी रुकावट की वजह से ये हृदय को पूरी तरह से या आंशिक रूप से क्षति पहुंचती है। यह एक जानलेवा समस्या है। हालांकि, मेडिकल साइंस ने इसके उपचार में नई उपलब्धियां हासिल कर ली हैं। इसी वजह से वर्तमान में दिल का दौरा आने पर भी लोगों की जान बचाई जा सकती है।
हार्ट अटैक के लक्षण (symptoms of Heart Attack)
जानलेवा बीमारी माने जाने वाले हार्ट अटैक के निम्न लक्षण हैं :
- सीने या हाथ में दबाव, खिंचाव, दर्द और सनसनाहट महसूस करना
- सीने के ठीक पीछे दर्द होना
- अचानक चक्कर आना, अपच, सीने में जलन या पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- ठंडा पसीना आना
- थकावट और अचानक घबराहट होना
हार्ट अटैक का इलाज (Treatment of Heart Attack)
हार्ट अटैक (Heart Attack) के दौरान या उसके बाद एस्प्रिन (aspirin), थ्रॉमबॉलिटिक्स (thrombolytics), क्लोपिडॉगरिल (clopidogrel), हिपैरिन (heparin) आदि दवाइयां दी जा सकती हैं, जिनमें से कई ब्लड थिनर का काम कर रक्त प्रवाह सामान्य बनाती हैं, तो कई ब्लड क्लॉट होने से बचाती हैं। इसके अलावा सर्जरी में बाइपास सर्जरी भी की जाती है।
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पुरुषों में होने वाली जानलेवा बीमारी है कार्डिएक अरेस्ट (cardiac arrest)
जानलेवा बीमारी हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक कार्डिएक अरेस्ट (cardiac arrest) है। कार्डिएक अरेस्ट भी महिला और पुरुषों में होने वाली जानलेवा बीमारी (Other men’s health issue) है क्योंकि इसमें हमारा दिल अचानक से शरीर के विभिन्न हिस्सों में खून पहुंचाना बंद कर देता है और हृदय का धड़कना बंद हो जाता है। इससे व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है, जब हृदय के अंदर वेंट्रीकुलर फाइब्रिलेशन पैदा होता है। हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि हार्ट अटैक में भले ही हृदय की धमनियों में खून का प्रवाह नहीं हो, पर हृदय की धड़कन चलती रहती है। जबकि कार्डियक अरेस्ट में दिल की धड़कन बंद हो जाती है।
कार्डिएक अरेस्ट के लक्षण (symptoms of cardiac arrest)
इसके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे-
- अचानक से बेहोश हो होना।
- घबराहट और बेचैनी महसूस होना।
- सांस लेने में दिक्क्त महसूस होना और धीरे-धीरे सांस की गति धीमी होते जाना।
कार्डिएक अरेस्ट का इलाज (Treatment of cardiac arrest)
सीपीआर के द्वारा कार्डिएक अरेस्ट का प्राथमिक इलाज किया जाता है। इसके अलावा एंटी-अरिदमयिक दवाएं दी जाती हैं। सर्जरी की जरूरत पड़ने पर कोरोनरी एंजियोप्लास्टी और कोरोनरी बाइपास सर्जरी की जाती है।
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कैंसर (Cancer)
पुरुषों में जानलेवा बीमारी जैसे लंग कैंसर महिलाओं की तुलना में ज्यादा होता है। इसके अलवा पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर भी होता है।
पुरुषों में खतरनाक बीमारी है लंग कैंसर (Lung Cancer)
फेफड़े का कैंसर (Lung Cancer) तब होता है, जब फेफड़ों के टिशू असामान्य गति से बढ़ते हुए एक ट्यूमर का निर्माण करते हैं। शरीर में फेफड़े सांस लेने में मदद करते हैं और आपके शरीर के बाकी हिस्सों को ऑक्सिजन (Oxygen) पहुंचाते हैं। WHO के अनुसार, कैंसर से होने वाली मौतों का आमतौर से पाया जाने वाला कारण फेफड़ों का कैंसर है। फेफड़ों का कैंसर रोगी को कमजोर और बीमार बना देता है।
हम आपको बताते चले कि पुरुषों में जानलेवा बीमारी यानी लंग कैंसर की समस्या होने का मुख्य कारण स्मोकिंग और टबैको का सेवन करना है। पुरुष महिलाओं की अपेक्षा अधिक स्मोकिंग करते हैं, जिसके कारण उन्हें फेफड़ों का कैंसर होने की संभावना भी अधिक रहती है। यहीं कारण है कि लंग कैंसर से पुरुषों की अधिक मृत्यु होती है। अगर व्यक्ति अपनी जीवनशैली में बदलाव करता है तो वो लंग कैंसर के खतरे से बच सकता है। लंग कैंसर के लक्षण सांस लेने के दौरान होने वाले इंफेक्शन के समान ही होते हैं। हो सकता है कि किसी व्यक्ति को लंग कैंसर के लक्षण न दिखाई दें। लंग कैंसर के लक्षणों का पता लगने के बाद उसका ट्रीटमेंट और बीमारी से निजात व्यक्ति को मिल सकती है, लेकिन कैंसर स्टेज (Cancer) का समय पर पता चलना बहुत जरूरी होता है। अगर कैंसर के लक्षण (symptoms of cancer) समय पर नहीं पता चल पाएं तो व्यक्ति को बचाना मुश्किल हो जाता है। अगर किसी भी व्यक्ति को उपरोक्त दिए गए लक्षण नजर आएं तो उसे तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए और दिए गए निर्देशों को मानना भी चाहिए। आप इस बारे में जानकारी के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।
लंग कैंसर के लक्षण (symptoms of lung cancer)
लंग कैंसर के लक्षण निम्न हैें :
- भूख कम लगना
- लिम्फ नोड्स में सूजन
- आवाज में परिवर्तन आ जाना
- आवाज का बैठ जाना या फिर सही से आवाज नहीं निकलना
- चेस्ट में ब्रोंकाइटिस या निमोनिया की समस्या हो जाना, इंफेक्शन हो जाना
- खांसी की समस्या हो जाना
- सांस की दर में कमी महसूस होना
- बिना किसी कारण के सिरदर्द महसूस होना
- सांस लेने के दौरान घरघराहट महसूस होना
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लंग कैंसर का इलाज (treatment for lung cancer)
कैंसर के संक्रमण को खत्म करने के लिए रेडिएशन थेरिपी का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा कैंसर को कम करने के लिए विशेष दवाओं का उपयोग किया जाता है। ये दवाइयां आपके द्वारा ली जाने वाली गोलियां या आपकी नसों में दी जाने वाली दवाएं या कभी-कभी दोनों हो सकती हैं। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर कैंसर के स्टेज के हिसाब से सर्जरी भी की जा सकती है।
पुरुषों में होने वाली जानलेवा बीमारी है प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer)
पुरुषों में होने वाली जानलेवा बीमारी में प्रोस्टेट कैंसर भी शामिल है। प्रोस्टेट कैंसर प्रोस्टेट ग्रंथि का कैंसर है। प्रोस्टेट ग्रंथि एक अखरोट के आकार की ग्रंथि है जो केवल पुरुषों में मौजूद होती है, जो मूत्राशय के नीचे पाई जाती है। ज्यादातर वयस्कों में प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) होता है। प्रोस्टेट ग्रंथि मूत्रमार्ग (उस ट्यूब जिसके माध्यम से मूत्र शरीर से बाहर निकलता है) के चारों ओर लपेटता है और मलाशय के सामने स्थित होता है। प्रोस्टेट ग्रंथि के तरल भाग का हिस्सा स्रावित करती है, जो शुक्राणु को बहा ले जाती है, जो द्रव प्रजनन के लिए आवश्यक है। 65 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में इस बीमारी के साठ प्रतिशत मामले सामने आते हैं। 40 वर्ष से कम उम्र के पुरुषों में यह बीमारी होना न के बराबर है।
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प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण (symptoms of Prostate cancer)
प्रोस्टेट कैंसर जब ज्यादा बढ़ जाता है, तब कुछ निम्न लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन शुरुआत में इसके लक्षण सामने नहीं आते हैं। जैसे :-
- पेशाब करने में परेशानी
- पेशाब का फ्लो कम हो जाना
- स्पर्म में ब्लड आना
- पेल्विक एरिया में दर्द
- स्तंभन दोष या इरेक्टाइल डिफंक्शन (Erectile dysfunction)
प्रोस्टेट कैंसर का इलाज क्या है? (Treatment for Prostate cancer)
प्रोस्टेट कैंसर का इलाज रेडिएशन थेरिपी, कीमोथेरिपी या दवाओं के द्वारा किया जाता है। ये कैंसर के स्टेज पर निर्भर करता है। प्रोस्टेट कैंसर का ट्रीटमेंट टेस्ट के बाद किया जाता है। डॉक्टर पहले जांच करता है कि बीमारी कितनी फैली है। अगर कैंसर का शुरूआती चरण है तो डॉक्टर कुछ थेरिपी दे सकते हैं। कैंसर की अवस्था के अनुसार डॉक्टर सर्जरी, रेडिएशन, कीमोथेरिपी और हार्मोन थेरिपी आदि दे सकते हैं। यदि कैंसर ज्यादा फैलनेवाला नहीं है तो आपका डॉक्टर कुछ सावधानी बरतने के लिए कहेगा। वहीं डॉक्टर लाइफस्टाइल में बदलाव की सलाह भी देते हैं।
आपको बताते चले कि कैंसर का एक कारण खराब लाइफस्टाइल भी है। जो लोग रोजाना व्यायाम नहीं करते हैं या फिर खानपान में पौष्टिक आहार नहीं लेते हैं, उन्हें कैंसर की बीमारी हो सकती है। अगर व्यक्ति अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करें और खाने में फलों और सब्जियों के साथ ही पौष्टिक आहार शामिल करें तो बीमारी की संभावना कम की जा सकती है। आपको भविष्य में प्रोस्टेट कैंसर न हो, इसके लिए आपको पहले से सावधानी रखनी चाहिए और किसी भी तरह से लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। आप उस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से जरूर सालह लें।
पुरुषों में मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना है जरूरी (Mental health in men)
गर्वनमेंट के नेशनल वेल बीइंग (Government’s national wellbeing survey) सर्वे में ये बात सामने आई कि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में लाइफ सैटिस्फैक्शन कम होता है। इस हिसाब से कहा जा सकता है पुरुषों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं आसानी से देखी जा सकती हैं। साथ ही पुरुषों को महिलाओं की ही तरह अपनी मानसिक समस्याओं को साझा करने की जरूरत है।
पुरुषों में मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने का कारण (Causes of Mental Problem in men)
पुरुषों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी (Other men’s health issue) मुद्दे जो उन पर असर डालते हैं वे अलग-अलग कारणों से विकसित हो सकते हैं, जो उन्हें महिलाओं की तुलना में अधिक ट्रिगर करते हैं। पुरुषों को सोशल एक्सपेक्टेशन और ट्रेडिशनल जेंडर रोल इतना प्रभावित करते हैं कि वे मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान न देकर ख़ुद को प्रभावित होने देते हैं। इसके अलावा प्रोफ़ेशनल लाइफ़ में चैलेंजेस, शराब का अत्यधिक सेवन, परिवारिक मामलों में अव्यवस्था आदि भी पुरुषों में मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण बन सकते हैं।
पुरुषों में मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के लक्षण (Symptoms of Mental Problem in men)
पुरुषों में मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के कई लक्षण देखे जा सकते हैं, जैसे –
- अक्रामकता (aggressiveness)
- बहुत जल्दी गुस्से में आना
- चिड़चिड़ापन
- मूड और एनर्जी लेवल में बदलाव
- भूख और सोने की आदतों में बदलाव
- ध्यान क्रेन्द्रित करने में कठिनाई होना
- बैचेनी महसूस होना
- बहुत अधिक शराब का सेवन ( high consumption of alcohol)
- ड्रग्स का अनुचित उपयोग (inappropriate use of drugs)
- जोखिमपूर्ण गतिविधियों में हिस्सा लेना
- दुखी, निराश, सुन्न और भावनात्मक रूप से शून्यता महसूस करना
- दर्द और ऐंठन का होना बिना किसी कारण के
- जुनूनी और बिध्वसंकारी विचार और बर्ताव (obsessive or compulsive thoughts or behaviors)
- आत्महत्या करने के बारे में सोचना (thinking about or attempting suicide)
इस तरह के लक्षण पुरुषों में दिखाई देने पर आपको तुरंत मनोचिकित्सक से मदद लेनी चाहिए।
अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए क्या करें पुरुष? (Meantal Health in men)
- अपनी भावनाओं के बारे में बात करना, एक्टिव रहना और अच्छी तरह से भोजन करने से आपको बेहतर महसूस करने में मदद मिल सकती है।
- यदि आप महसूस कर रहे हैं कि आपके अंदर कोई मानसिक स्वास्थ्य समस्या विकसित हो रही है, तो अपने डॉक्टर से बात करें। यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन ज्यादातर लोगों का अनुभव है कि उनके डॉक्टर से बात करने और सहायता और समर्थन प्राप्त करने से जीवन में बड़ा बदलाव आ सकता है
- अवसाद (depression) या अन्य मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के रिलेप्स को रोकने के लिए उपचार जारी रखें।
- तनाव को प्रबंधित करना सीखें (Learn to manage stress)। इसके लिए मेडिटेशन (meditation), माइंडफुलनेस (mindfulness), क्रिएटिव एक्टिविटीज और एक्सरसाइज का सहारा लें
- आत्म विश्वास की कमी या बचपन के ट्रॉमा जैसे मुद्दों के लिए एक डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि ये बाद में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को ट्रिगर कर सकता है।
इस तरह पुरुष शारीरिक ही नहीं, मानसिक समस्याओं में भी डॉक्टर और परिवारजनों की मदद ले सकते हैं। इससे वे ख़ुद के स्वास्थ्य को समय के साथ बेहतर बनाकर एक हेल्दी लाइफ़ जी सकते हैं।
हम आशा करते हैं कि आपको पुरुषों में होने वाली जानलेवा बीमारी (Other men’s health issue) के बारे में इस आर्टिकल के माध्यम से जरूरी जानकारी मिली होगी। अगर डॉक्टर से आप इस बारे में जानकारी लेंगे तो आपके लिए बेहतर होगा। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।