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प्रीस्कूलर्स के लिए माइंडफुलनेस (Mindfulness for Preschoolers)
इस उम्र के बच्चे अपनी लिमिट्स को टेस्ट करने और इंडिपेंडेंस गेन करने की कोशिश करते हैं। यानी उनके नखरे बढ़ जाते हैं और जिससे पैरेंट्स और बच्चों दोनों को मुश्किल होती है। छोटे बच्चों में मिंडफुलनेस, सेंसेस और नकारात्मक तरीके से एक्ट करने से पहले बच्चों को यह पहचानने के लिए कि वे अंदर से क्या महसूस कर रहे हैं, के चारों और घूमती हैं। बच्चे अपने माता-पिता और आसपास के वातावरण से बहुत कुछ सीखते हैं। ऐसे में पेरेंट्स अपने बच्चे को खुद माइंडफुलनेस के बारे में सीखा सकते हैं। जैसे उन्हें खेल के माध्यम से ध्यान केंद्रित करना सिखाएं।
बड़े बच्चों में माइंडफुलनेस (Mindfulness for big kids)
मेडिटेटिव म्यूजिक और रिकार्डेड मेडिटेशन्स के बच्चों को शांत करने वाले प्रभाव पड़ते हैं। ट्रेडिशनल मेडिटेशन म्यूजिक और नेचर की साउंड्स से भी बच्चों को शांति मिलती है। इसके साथ ही बड़े बच्चों को आप योगा की सलाह भी दे सकते हैं। बच्चों में माइंडफुलनेस (Mindfulness for Kids) में आगे जानते हैं बच्चों के लिए माइंडफुल मेडिटेशन प्रेक्टिस के बारे में।
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बच्चों के लिए माइंडफुल मेडिटेशन प्रेक्टिस (Mindfulness meditation practice for Kids)
अगर आपका बच्चा मेडिटेशन करने के लिए तैयार है, तो आप उन्हें नियमित प्रेक्टिस करने को कहें। कुछ प्रेक्टिसेज से बच्चों की ग्रोथ में भी मदद मिलती है। बच्चों के लिए आसान माइंडफुल मेडिटेशन प्रेक्टिस इस प्रकार है:
- सबसे पहले बच्चे को किसी आरामदायक जगह पर लेटने को कहें।
- अब बच्चे को हर सांस के साथ शरीर में जो बदलाव होते हैं, उन्हें नोटिस करने के लिए कहें।
- हर बार जब बच्चा सांस लेगा, तो उसका पेट मूव करेगा। अब उन्हें अपनी सांसों को कॉउंट करने की सलाह दें।
- अगर वो बीच में गिनती भूल जाते हैं, तो उन्हें चिंता न करने को कहें और फिर से शुरआत कराएं।
- अब पूरे दिन में क्या-क्या गतिविधियां उन्होंने की है, इस पर फोकस करने के लिए कहें। इसके साथ ही उन्हें ऐसी चीजों के बारे में सोचने के लिए कहें, जिनसे उन्हें आज खुशी हुई हो।
- जितनी देर बच्चा यह करना चाहे उसे करने दें। इसके बाद उन्हें सामान्य स्थिति में आने की सलाह दें।
- इस दौरान उन्हें कुछ ऐसे विचार भी आ सकते हैं, जिनसे वो ड़र जाएं या जो बुरे हैं। लेकिन, उन्हें इनकी वजह से किसी भी जरूरी चीज को इग्नोर न करने की सलाह दें। इससे उन्हें पूरे जीवन फोकस करने में मदद मिलेगी। रोजाना उन्हें यह प्रेक्टिस करने के लिए कहें। ऐसे में उनकी यह आदत पूरी उम्र उनके लिए लाभदायक साबित होगी।