यदि बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children) या उनमें की समस्या कई दिनों तक बनी रहे तो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ने लगती हैं। वहीं, बच्चे को नींद न आना उसे चिड़चिड़ा भी बना सकती है। दिन में नींद आना, थकान महसूस करना, चिड़चिड़ापन और याददाश्त की समस्याएं जैसे कई लक्षण बच्चों में नजर आते हैं, तो बच्चे को अनिद्रा की समस्या हो सकती है। शुरुआती मामले को बिहेवियरल मॉडिफिकेशन (व्यवहार संशोधन) के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है।
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बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children) जीवन को कैसे प्रभावित करता है?
कई बार देखा गया है कि बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children) एक सामान्य परेशानी होती है, लेकिन कुछ बच्चों को नींद न आना जैसी समस्या गंभीर भी हो सकती है। अनिद्रा में या तो बच्चे की नींद में गिरावट आती है या वह दिन भर सोता रहता है। नींद न आने की समस्या से पीड़ित बच्चों को अन्य क्षेत्रों में भी दिक्कत आने लगती है। नींद की कमी के कारण होने वाली समस्याएं व्यवहार के मुद्दों का कारण बनती हैं। बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children) सामाजिक और स्कूल जीवन को भी प्रभावित कर सकता है। अनिद्रा से ग्रस्त बच्चों का सामान्य रूप से कार्य करना मुश्किल हो सकता है।
छोटे बच्चों को नींद न आना, जानें इसके लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Insomnia in children)
बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children) बड़ी समस्या को जन्म दे सकता है। बच्चों में अनिद्रा के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- सोने के लिए मना करना
- रात में लेटने के बाद बहाने से पानी पीने के लिए जागना
- कहानियां सुनने के लिए जिद्द करना
- सोने में कठिनाई होना
- रात को बार-बार उठाना और फिर से नींद न आना
- समय से पहले जागना
- नींद की अनियमित दिनचर्या
- नैपिंग (Napping) में कठिनाई
- सुबह जागने या स्कूल के लिए उठने में परेशानी
- दिन में सोना या झपकी लेना
इसके अलावा, अनिद्रा से ग्रस्त छोटे बच्चों के माता-पिता अक्सर बताते हैं कि ये कुछ लक्षण भी दिखाई देते हैं:
बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children): जानिए अन्य लक्षण
- अक्सर थकान की शिकायत करना
- दिन में नींद आना
- बच्चों का किसी भी चीज में ध्यान न होना
- मेमोरी लॉस
- सामाजिक, पारिवारिक या शैक्षणिक प्रदर्शन में कमी
- व्यवहार संबंधी समस्याएं (आक्रामकता या विरोधी व्यवहार)
- किसी भी चीज का निर्णय ना ले पाना
- सहनशीलता में कमी
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बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children): जानिए संभावित कारण (Cause of Insomnia in children)
बच्चे में अनिद्रा के संभावित कारण हो सकते हैं:
- नींद का कोई और डिसऑर्डर (जैसे रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम या ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया )
- चिंता या तनाव (Stress)
- मेडिकल, मानसिक स्वास्थ्य या डेवलपमेंटल कंडीशन जैसे-अस्थमा (Asthma), अवसाद (Depression), अटेंशन-डेफिसिट / हायपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) या ऑटिज्म (Autism)
- कुछ दवाएं, जैसे कि स्टेरॉयड या एंटी-डिप्रेसन्ट (अवसादरोधी)
- कैफीन जो कि कई तरह के सोडा और एनर्जी ड्रिंक्स (ऊर्जा पेय) में पाया जाता है।
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बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children): नींद न आने के घरेलू उपाय (Home remedies for Insomnia in children)
यदि आपको लगता है कि आपके बच्चे को अनिद्रा (Insomnia in children) हो सकती है तो आप घर पर ही कई तरह से इस समस्या का हल निकाल सकते हैं।
- सोने का एक नियमित समय निर्धारित करें।
- सुनिश्चित करें कि बच्चा कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों और पेय का सेवन न करें।
- वातावरण को बच्चे के अनुकूल बनाएं, जैसे: कमरे का तापमान आरामदायक हो, कमरे में शोर और प्रकाश को कम करने की पूरी कोशिश करें।
- बच्चों को रिलैक्सेशन (विश्राम) तकनीक सिखाने में मदद करें।
- पर्याप्त नींद को प्राथमिकता बनाएं।
- बच्चों के सोने के लिए एक नियमित दैनिक दिनचर्या बनाएं।
- दिन के दौरान बच्चे को एक्टिव रखें, जैस उसे किसी न किसी तरह के शारीरिक खेल या गतिविधियों को करने के लिए प्रेरित करें।
- आपका बच्चा फोन या टीबी के सामने कितना समय व्यतीत करता है, इसकी पूरी जानकारी रखें। उसके फोन का इस्तेमाल करने या टीबी देखने के समय फिक्स करें।
- अपने बच्चे के सोने से एक घंटे पहले ही उसे फोन या टीबी न देखने दें।
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बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children): अनिद्रा का इलाज (Treatment for Insomnia in children)
काग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (cognitive behavioral therapy) के जरिए बच्चे को नींद की अच्छी आदतों को विकसित करने में मदद मिल सकती है। थेरेपिस्ट आपके बच्चे को तनाव से मुक्त रखना सीखा सकता है। अनिद्रा पीड़ित बच्चों और किशोरों को नींद आने की दवा की सलाह भी दे सकता है।
कभी-कभी बच्चे को नींद न आना समझ में आता है लेकिन अक्सर ही अनिद्रा की समस्या बच्चों में इंसोम्निया का रूप भी ले सकती है। बच्चे की नींद पूरी न होने की वजह से उसके मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा भी आ सकती है। अगर, बच्चे को नींद न आना संबंधी दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं और आपको लगता है कि इससे निपटना मुश्किल हो रहा है, तो डॉक्टर से बात करें।
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बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children) कब गंभीर हो सकता है?
बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children) कई स्थितियों में गंभीर कारण के वजह से भी हो सकता है। हाल ही के स्वास्थ्य रिपोर्टों से पता चलता है कि अमेरिका में बहुत से बच्चे क्रोनिकली स्लीप डिप्राइव्ड की समस्या से परेशा हैं। उदाहरण के लिए, एक नेशनल स्लीप फाउंडेशन (NSF) के सर्वेक्षण में, शोधकर्ताओं ने पाया कि 10 साल के हर तीन में से दो बच्चे नींद से जुड़ी किसी न किसी समस्या का अनुभव करते हैं। नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में के अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 2 से 5 साल के बीच के 510 बच्चों की नींद पैटर्न का विशलेषण किया। इस अध्ययन से पता चला कि जिन बच्चों को रात में कम नींद आने की समस्या (Insomnia in children) है, उनके दिन के व्यवहार में भी कई तरह की समस्याएं और अनियमितता थी। साथ ही, देखा गया कि, जिन बच्चों में रात में कम नींद आती है उनमें अवसाद (Depression) और चिंता (Tension) के भी लक्षण पाए गए।
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बच्चों में नींद की समस्याओं (Insomnia in children) को दो प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। जिनमें पहला तरण डिसमेनिया (Desmenia) का होता है, जिसकी निम्न स्थितियां भी बच्चों को नींद न आने (Insomnia in children) का कारण हो सकती हैं जो गंभीर होते हैं, जिनमें शामिल हैंः
- स्लीप-ऑनसेट डिफीक्टलीट, यानी नींद के शुरूआत में कठिनाई होना
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- इनैडक्वट स्पील हाईजीन
- इन्सफिशन्ट स्लीप सिंड्रोम
- नींद के दौरान खर्राटे आना और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA)।
इन स्थितियों में आपको समय रहते अपने डॉक्टर से बच्चे का उचित उपचार करवाना चाहिए। बच्चों को नींद न आना (Insomnia in children) मामुली समस्या नहीं है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक आहार के साथ-साथ नींद भी जरूरी है। नींद की कमी (Sleepless night) किसी को भी बीमार बना सकती है। अब चाहे बड़ो की नींद हो या बच्चों की नींद। नीचे दिए इस क्विज में जानिए बच्चों की नींद से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
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