अंखियों से गोली मारने वाली सुपर स्टार रवीना टंडन जल्द ही नानी बनने वाली हैं। रवीना ने हाल ही में अपनी गोद ली हुई बेटी छाया की बेबी शॉवर पार्टी (Baby shower party) होस्ट की है। रवीना की बेटी का बेबी शॉवर हाल ही में हुआ। रवीना ने सन् 1995 में पूजा और छाया दो बेटियों को गोंद लिया था। छाया की गोंद भराई (Baby shower) में वे काफी खुश नजर आईं। उन्होंने अपनी बेटी के बेबी शॉवर को लेकर काफी तैयारियां की थी। हैलो स्वास्थ्य बताएगा कि अगर आप बेबी शॉवर की तैयारियां कर रहें हैं तो मां और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
क्या होता है बेबी शॉवर (Baby shower)?
बेबी शॉवर (Baby shower) को हिंदी में गोद भराई कहा जाता है। इसमें मां बनने वाली महिला और होने वाले बच्चे को आशीर्वाद दिया जाता है। अलग-अलग समुदायों में बेबी शॉवर अलग तरीकों से किया जाता है। जिसमें मां के परिजन और रिश्तेदार आशीर्वाद देते हैं। साथ ही उसके खान-पान का भी ध्यान रखा जाता है।बेबी शॉवर (Baby shower) को लगभग गर्भधारण के सातवें महीने में किया जाता है। लेकिन, कुछ जगहों पर यह रस्म आठवें महीने में निभाई जाती है। परिजन बच्चे और मां के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
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क्यों जरूरी है बेबी शॉवर (Baby shower)?
बेबी शॉवर (Baby shower) को लोग भले ही फैशन समझते हैं लेकिन, इसका वैज्ञानिक कारण भी है। जो मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के हिसाब से सही है।
- जब घर में कोई फंक्शन होता है तो अपने आप खुशी का माहौल बन जाता है। ऐसे में बेबी शॉवर जैसे फंक्शन के होने से खुशी का माहौल बनता है, जिससे मां खुश रहती है। गर्भावस्था के दौरान मां के खुश रहने से गर्भ में पल रहा बच्चा भी स्वस्थ रहता है।
- बेबी शॉवर (Baby shower) में लोग गिफ्ट के रूप में फल और सूखे मेवे लेकर आते हैं। जिसे खाने से मां और बच्चे की सेहत बनी रहती है। इसके अलावा, कई तरह के उपहार भी मां को मिलते हैं। गिफ्ट मिलना हर किसी को अच्छा लगता है और इसमें तो कोई दो राय नहीं है।
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कैसे किया जाता है बेबी शॉवर (Baby shower)
बेबी शॉवर करने के दो तरीके हैं। एक तो पारंपरिक और दूसरा आधुनिक तरीका। पारंपरिक तरीके से गर्भवती महिला के साथ के लिए पूजा कराई जाती है और उसके आंचल में फल और सूखे मेवे रखे जाते हैं। बड़े-बुजुर्ग मां और शिशु को आशीर्वाद देते हैं। वहीं, आधुनिक तरीके से लोग गोद भराई में आते हैं और मां को बधाई देते हैं। इस दौरान गर्भवती और उसका पति मिल कर केक कट कर पार्टी को सेलिब्रेट करते हैं।
बेबी शॉवर (Baby shower) पर गर्भवती का कैसे रखें ध्यान
गोद भराई एक फंक्शन के तौर पर बहुत खुशियां देता है, पर साथ में थकान भी हो जाती है। गर्भवती महिला को आराम की काफी जरूरत होती है। ऐसे में ये टिप्स गर्भवती महिला के बहुत काम आएंगे।
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बेबी शॉवर (Baby shower) पर गर्भवती को आराम करने दें
बेबी शॉवर पार्टी से पहले गर्भवती मां को आराम करना चाहिए। ताकि पार्टी के समय गर्भवती को ज्यादा थकान ना हो।
बेबी शॉवर पर गर्भवती को कपड़े चुनते समय रखें ध्यान
सातवें या आठवें महीने में गोद भराई होने से गर्भवती का पेट काफी निकल चुका होता है। ऐसे में महिला को आरामदायक कपड़े पहनना चाहिए। जिससे उसे पार्टी के दौरान कोई परेशानी ना हो।
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बेबी शॉवर पर गर्भवती को हाइड्रेट रखें
बेबी शॉवर पार्टी के दौरान खुद को हाइड्रेट रखना एक गर्भवती के लिए बेहद जरूरी है। ऐसे में महिला को रुक-रुक कर पानी पीते रहना चाहिए।
मनोरंजन का करें इंतजाम
बेबी शॉवर के दौरान मनोरंजन के इंतजाम करना बहुत जरूरी है। इससे मां और बच्चे के स्वास्थ्य को ही फायदा पहुंचेगा। इसके लिए आप गर्भवती के पसंदीदा गानों की लिस्ट प्ले कर सकते हैं और उस पर मेहमानों को नाचने के लिए कहें। इसके अलावा गर्भवती महिला के साथ कुछ खेल भी खेल सकते हैं।
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बेबी शॉवर के साथ ही हेल्दी खाने पर दें ध्यान
प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्दी खाना बहुत जरूरी है। एक्सपर्ट के अनुसार सेटिस्फाइंग और एंटीइंफ्लमेटरी डायट प्रेग्नेंसी की थकान से लड़ने में मदद करती है। खाने में ताजी सब्जियां, फल आदि पौष्टिक आहार शामिल करें। प्रोसेस्ड फूड को जितना ज्यादा हो सके अवॉयड करें। आपको इस समय जल्दी पचने वाले कार्बोहाइड्रेड से दूरी बनाकर रखना चाहिए जैसे कि व्हाइट ब्रेड। क्योंकि इनको खाने से नींद बहुत ज्यादा आती है। आयरन और प्रोटीन की उच्च मात्रा लें और वसा का कम सेवन करें। इस दौरान पानी पीते रहना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।
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बेबी शॉवर के साथ ही व्यायाम पर दें ध्यान
ये बात सही है कि प्रेग्नेंसी में थकान के कारण ज्यादा कुछ करने का मन नहीं करता, लेकिन आपको हल्का व्यायाम जरूर करना चाहिए। एरोबिक, थोड़ा तेज चलना आदि। डॉक्टर और ट्रेनर की हेल्प से आप हल्के व्यायाम को रोजाना कर सकती हैं। इससे आपकी थकान दूर हो जाएगी और नींद भी अच्छी आएगी।
कैफीन का उपयोग संभलकर करें
द अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्ट्रेटिशन एंड गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार सीमित मात्रा में कैफीन (200 मिलीग्राम या 1½ कप कॉफी प्रतिदिन) मिसकैरिज या प्रीटर्म बर्थ का कारण नहीं बनती, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान कैफीन युक्त बेवरेज का सेवन रेगुलर तौर पर नहीं करना चाहिए। अगर आप कैफीन का उपयोग करती हैं तो प्रेग्नेंसी के दौरान इसे लेना बंद कर दें या कम मात्रा में लें। कैफीन के प्रभाव से नींद उड़ जाती है जो थकावट को बढ़ाने का काम करती है। कई बार कैफीन मूड को भी प्रभावित करती है।
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बेबी शॉवर के साथ ही पर्याप्त नींद जरूर लें
प्रेग्नेंसी में थकान से बचने के लिए पर्याप्त नींद जरूर लें। अगर रात में आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती है तो दिन में जब भी मिले, थोड़ी सी झपकी लें। 15 से 20 मिनट की झपकी आपके शरीर को बहुत आराम देगी। इस तरह से आप प्रेग्नेंसी में थकान से राहत पा सकती हैं।
ओरल हेल्थ पर दें ध्यान
हो सकता है कि आपको ये बात बहुत अजीब लग रही हो कि ओरल हेल्थ से प्रेग्नेंसी का क्या मतलब है? लेकिन ये सच है कि ओरल हेल्थ प्रेग्नेंसी को भी अफेक्ट कर सकती है। गम डिजीज, कैविटी की समस्या, पेरियोडोंटाइटिस (periodontitis) गर्भावस्था में बुरा प्रभाव दिखा सकते हैं। मां के मुंह के बैक्टीरिया गर्भ में पल रहे शिशु तक पहुंच सकते हैं। जब मां के मुंह में बहुत अधिक बैक्टीरिया हो जाते हैं, तो मसूड़ों से खून के माध्यम से गर्भाशय तक पहुंच जाते हैं। अगर आपको प्रेग्नेंसी के दौरान या पहले ओरल हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। प्रेग्नेंसी में हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से ही हेल्दी बेबी पैदा होगा।
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