स्वस्थ और फिट रहना हर व्यक्ति की प्राथमिकता होती है फिर चाहे वो किसी भी उम्र का हो। लेकिन, उम्र का बढ़ना अपने साथ कई चुनौतियां ले कर आता है। उन्हीं में से एक है संतुलन का बिगड़ना। गीले फर्श या बर्फ में संतुलन के बिगड़ने से चोट लगना सामान्य है। हालांकि, कई बार गिरने के परिणाम हड्डी टूटना या इससे भी भयानक हो सकते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि उम्र के बढ़ने पर यह समस्या भी बढ़ जाती है। ऐसा माना जाता है कि 28% से 45% बुजुर्ग रोजाना संतुलन के बिगड़ने के कारण गिरते हैं और बुजुर्गो के लिए यह सबसे डराने वाला अनुभव होता है। ऐसे में जरूरी है कि उम्र के बढ़ने के साथ ही हमें अपने संतुलन के बारे में सोचना चाहिए। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है मांसपेशियों की ताकत और जोड़ों का लचीलापन कम होने लगता है। इसके साथ ही इसका हमारी दृष्टि और रिएक्शन टाइम पर भी इसका असर होता है। यह सब चीज़ें जब इकट्ठी होती हैं, तो इनके कारण संतुलन का बिगड़ना और गिरने की समस्या हो सकती है ।
हालांकि, कुछ ऐसी चीजें है जिन्हे आप अपने रोजाना के जीवन का हिस्सा बना कर गिरने के जोखिम को कम कर सकते हैं जैसे बैलेंस एक्सरसाइज(balance exercises)। इन एक्सरसाइज को करने से इस समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है। जानिए बैलेंस एक्सरसाइज(balance exercises) और बैलेंस एक्सरसाइज के फायदे (balance exercises benefit) के बारे में विस्तार से।
बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercises) क्या है?
बैलेंस एक्सरसाइज(balance exercises) किसी भी उम्र में आपको अपना बैलेंस यानी संतुलन बनाने और आत्मविश्वास को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती हैं। अगर आप वयस्क हैं तो नियमित रूप से बैलेंस एक्सरसाइज (exercise for your balance) करना जरूरी है। स्ट्रेंथ और बैलेंस एक्सरसाइज (strength and balance exercises) ऐसी कोई भी एक्टिविटी हो सकती है जो आपको खड़े होने,चलने और घूमने आदि में मदद करे। यानी, आपको सही बैलेंस बनाने में भी सहायक हो। लेकिन कुछ खास व्यायाम संतुलन को बनाने के साथ ही आपकी स्टेबिलिटी को सुधारने में मददगार साबित हो सकते हैं। अगर आपको संतुलन को लेकर कोई गंभीर समस्या है या आर्थोपेडिक संबंधी परेशानी है, तो बैलेंस एक्सरसाइज(balance exercises) करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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बैलेंस एक्सरसाइज(balance exercises) क्यों हैं जरूरी
स्ट्रेंथ और बैलेंस एक्सरसाइजेज(strength and balance exercises) के बारे में अन्य जानकारी से पहले जानते हैं कि यह जरूरी क्यों हैं? जब भी हम अपने शरीर के किसी भी अंग को हिलाते हैं, तो हमारा दिमाग विभिन्न मांसपेशियों के साथ कम्युनिकेट करने के लिए नर्वस और रासायनिक संकेतों का उपयोग करते हैं। यह सिस्टम हमें खड़े रहने, बैठने, सीढ़ियां चढ़ने या अन्य कामों में मदद करता है। मनुष्य का शरीर विभिन्न इंद्रियों से संकेतों का उपयोग करता है ताकि हमें संतुलन बनाए रखने और गिरने से रोकने में मदद मिल सके। जैसे अगर हमें अपने पैरों को आगे बढ़ाने या किसी सीधे रास्ते या पर जाने की ज़रूरत है, तो हमारी आंखें हमें सही रास्ते की पहचान करने में मदद करती हैं।
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संतुलन बनाए रखने से हम अपने पैरों को सीधा और दृढ़ता से जमीन रख सकते हैं और कोई भी काम या मूवमेंट करने के लिए यह जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता तो इससे गंभीर चोट लग सकती है या हम चल नहीं पाते। शरीर का बैलेंस बनाए रखने के लिए बैलेंस एक्सरसाइजेज (exercise for your balance) जरूरी हैं। क्योंकि इनके बिना उम्र के बढ़ने के साथ ही लोग गिरने के भय के कारण उठने और बाहर जाने से भी कतराने लगते हैं। बैलेंस एक्सरसाइजेज के फायदों (balance exercises benefits) के बारे में जानना न भूलें।
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बैलेंस एक्सरसाइजेज लिस्ट (balance exercises list)
यह है बैलेंस एक्सरसाइजेज लिस्ट(balance exercises list) जिन्हें करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इन्हें आप लेग बैलेंस एक्सरसाइज (leg balance exercise) भी कह सकते हैं। क्योंकि, इनमें आपको अपनी टांग पर बैलेंस करना होता है।
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1) ट्री पोज (tree Pose)
ट्री पोज (tree Pose) को वृक्षासन भी कहा जाता है। योग के इस आसन को स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है। इसे आसन को करते हुए मनुष्य वृक्ष के जैसे लगता है, इसलिए ही इसका नाम ट्री पोज (tree Pose) है। संतुलन बनाने के लिए यह सबसे अच्छी स्ट्रेंथ और बैलेंस एक्सरसाइज (strength and balance exercises) है।
कैसे करें
- ट्री पोज को करने के लिए सबसे पहले सीधा खड़े हो जाएं।
- सीधे खड़े हुए अपना पूरा भार अपने दाएं पैर पर डालें।
- अब अपने बाएं पैर को ऊपर उठायें और मोड़ कर दाएं टांग के घुटने के पास रख दें। इसके साथ ही अपने हाथों को किसी भी आरामदायक स्थिति में रखें। आप चाहे तो नमस्कार की स्थिति में इन्हें सामने रख सकते हैं या सिर के ऊपर भी इन्हें ले जा सकते है।
- 1 मिनट तक इसी स्थिति में रहें।
- इसके बाद विपरीत पैर के साथ इसे दोहराएं।
2) वॉकिंग हील टू टो
यह बैलेंस एक्सरसाइज(balance exercises) करने से टांगे मजबूत होती है। जिससे आप बिना अपना संतुलन खोए आराम से चल कर सकते हैं। इसे करना भी आसान है और आप कभी भी, कहीं भी इस एक्सरसाइज को कर सकते हैं।
कैसे करें यह स्ट्रेंथ और बैलेंस एक्सरसाइज (strength and balance exercises)
- इस व्यायाम को करने के लिए सबसे पहले आप सीधा खड़े हो जाएं।
- अब अपने दायें पैर को बाएं पैर से आगे रखें। ताकि, बाएं पैर की एड़ी आपके दाएं पैर की उंगलियों के आने वाले हिस्से को छू सके।
- अब बाएं पैर को दाएं पैर के आगे ले जाएं और अपने शरीर का भार पूरा अपनी एड़ियों पर डालें।
- इसके बाद फिर, अपना वजन अपने पैर की उंगलियों पर स्थानांतरित करें।
- इस तरह से 20 कदम चलें।
- इसके बाद दूसरे पैर के साथ इस व्यायाम को दोहराएं।
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3) लेग बैलेंस एक्सरसाइज (leg balance exercises)
यह बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercises) कर के आप अपने शरीर खासतौर पर पीठ के निचले भाग को मजबूत कर सकते हैं।
कैसे करें
- इसे करने के लिए एक कुर्सी लें और इस कुर्सी के पीछे खड़े हो जाएं।
- धीरे-धीरे अपने दाहिने पैर को पीछे की तरफ उठाएं ।
- इस दौरान अपने घुटनों को न मोड़ें या अपने पैर की उंगलियों को सीधा न करें।
- एक सेकंड के लिए उस स्थिति में रहें, फिर अपने पैर को धीरे से नीचे लाएं।
- इस एक्सरसाइज को एक पैर से 10 से 15 बार दोहराएं। फिर दूसरे पैर से इसे करें।
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4) वॉल पुशअप्स (Wall Pushups )
वॉल पुशअप्स जैसी बैलेंस एक्सरसाइज(balance exercise) को करने के लिए आपको किसी खास चीज की जरूरत नहीं पड़ती। जिन लोगों के मन में यह सवाल अक्सर आता है, कि अपने बैलेंस और लचीलापन कैसे सुधारे (how to improve balance and flexibility) वो इस व्यायाम को कर सकते हैं।
कैसे करें वाल पुशअप्स
- इसे करने के लिए आपको एक दीवार की तरफ मुंह करके खड़े होना है। दीवार और आप में कुछ अंतर होना चाहिए
- इस दीवार पर अपनी हथेलियों को कंधों की सीध में दीवार पर रख दें।
- अपने पैरों को जमीन पर जोड़ कर रखें और अपने शरीर को धीरे-धीरे दीवार की तरफ लाएं।
- उसके बाद धीरे से अपने आप को दीवार से धकेलें ताकि आपकी भुजाएं सीधी रहें।
- इस प्रक्रिया को अपनी क्षमता के अनुसार दोहराएं।
5) एक टांग पर खड़े रहना
उम्र चाहे कोई भी हो, अपने शरीर के बैलेंस और लचीलेपन कैसे सुधारें (how to improve balance and flexibility) यह सवाल हर किसी के मन में होता है। इस समस्या को दूर करने के लिए आप इस एक्सरसाइज को ट्राई कर सकते हैं। यह सबसे आसान और साधारण बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercises) है। यह संतुलन को सुधारने में सच में फायदेमंद है।
कैसे करें इस लेग बैलेंस एक्सरसाइज(leg balance exercises) को
- इस व्यायाम को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं।
- अपने पैरों को थोड़े अंतर पर रखें और आपके कंधे सीधे होने चाहिए।
- आप एक हाथ से दीवार या कुर्सी का सहारा भी ले सकते हैं।
- अब धीरे से अपने एक पैर को ऊपर उठायें और अपने सामने की तरफ ले जाने की कोशिश करें।
- इसी स्थिति में कुछ देर रहें और फिर से पैर को वापस जमीन पर रख दें।
- ऐसे ही दूसरे पैर के साथ दोहराएं।
- आप जितना अपने पैर को सामने की तरफ ले जा सकते हैं, उतना ही ले जाएं। क्षमता से अधिक स्ट्रेच करने की कोशिश न करें।
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6) काफ स्ट्रेचेस
यह स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और बैलेंस एक्सरसाइज(balance exercise) बुजुर्गों के लिए बहुत लाभदायक है। इसे बैठ कर या खड़े हो कर किया जा सकता है। जानिए कैसे करते है इसे।
कैसे करें
- अगर आप खड़े हो कर इस एक्सरसाइज को कर रहे हैं, तो आपको केवल एक दीवार की जरूरत है।
- दीवार की तरफ मुंह कर के खड़े हो जाए और आपने हाथों को दीवार पर रख दें।
- अब अपने बाएं पैर को अपने दाहिने पैर से पीछे रखें
- अपनी बाई एड़ी को फर्श पर रखें और अपने दाहिने घुटने को मोड़ें।
- 15 से 30 सेकंड के लिए इसी स्थिति में रहें। इस एक्सरसाइज को दो से चार बार दोहराएं।
अगर आप बैठे हुए इसे करना चाहते हैं तो आपको एक तौलिए की जरूरत पड़ेगी। इस करने के लिए जमीन पर बैठ जाए और अपनी टांगों को सीधा कर लें। अब अपने दाहिने पैर के तलवे के चारों ओर तौलिया लपेट लें और इसे दोनों सिरों को हाथों से पकड़ें। अपने घुटने को सीधा रखते हुए तौलिये को अपनी ओर खींचें और इसे 15 से 30 सेकंड तक ऐसे ही रहने दें। इस व्यायाम को दोनों पैरों से दो से चार बार दोहराएं।
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इन बैलेंस एक्सरसाइज (balance exercises) के अलावा भी आप कुछ अन्य व्यायाम कर सकते है। जिनसे आपको अच्छा लगे और आप खुद में ऊर्जा, संतुलन और स्ट्रेंथ में बढ़ोतरी महसूस हो। लेकिन, कोई भी एक्सरसाइज करने से पहले अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। खासतौर पर, अगर आप किसी रोग से पीड़ित हो। ऊपर दी गयी स्ट्रेंथ और बैलेंस एक्सरसाइज(balance and strength exercises) केवल बुजुर्गों के लिए ही नहीं है बल्कि इसे किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं। इन्हें नियमित रूप से करने पर वो खुद में बदलाव अवश्य महसूस करेंगे।
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