सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) के अनुसार, एनल सेक्स मुख्य रूप से 45 वर्ष से कम उम्र के कपल्स बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है। यहां तक कि एक नेशनल सर्वे में 36 प्रतिशत महिलाओं और 44 प्रतिशत पुरुषों ने बताया कि उन्होंने अपोजिट सेक्स के साथ गुदा मैथुन किया है। इस तरह अगर आप भी अपनी सेक्स लाइफ में कुछ नया ट्राई करने की सोच रहे हैं और मन में सवाल है कि गुदा मैथुन कैसे करें? तो “हैलो स्वास्थ्य’ का यह आर्टिकल आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसमें गुदा मैथुन (anal sex) के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही है।
एनल सेक्स या गुदा मैथुन क्या है?
ज्यादातर लोग सोचते हैं कि पेनिस का गुदा (anus) में प्रवेश करना ही एनल सेक्स है। सही है, लेकिन इसके अलावा भी आपके पास विकल्प मौजूद हैं। गुदा सेक्स में सेक्स टॉयज या अन्य का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए वायब्रेटर्स, डिल्डो और बट प्लग जैसे सेक्स टॉय काफी फेमस हैं। किसी भी यौन गतिविधि की तरह गुदा सेक्स स्वाभाविक रूप से असुरक्षित नहीं है।
इसके लिए केवल सेक्शुअल एक्टिविटी (sexual activity) के दौरान ज्यादा प्लानिंग, तैयारी और कम्युनिकेशन की आवश्यकता होती है। गुदा मैथुन कैसे करें, इस सवाल के जवाब में आपको इन तीनों बातों का खास ख्याल रखना जरूरी होता है। गुदा मैथुन को बाईसेक्शुअल, स्ट्रेट और गे कोई भी एन्जॉय कर सकता है।
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गुदा मैथुन कैसे करें?
- जब आप पहली बार एनल सेक्स करने जाते हैं तो यह आपको अजीब लग सकता है, इसलिए पहले से ही यह सुनिश्चित करें कि आपने और आपके पार्टनर से इस बारे में बात की है और दोनों इसे आजमाने के लिए तैयार हैं। यदि आपको एनल सेक्स पसंद नहीं है, तो इस बारे में अपने साथी को समझाएं।
- अगर आप और आपका पार्टनर एनल पेनेट्रेशन (anal penetration) के लिए तैयार है तो सुनिश्चित करें कि आप स्ट्रेस फ्री हैं और इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।
- गुदा (स्फिंक्टर) में एक मांसपेशी होती है जिसे आराम देने की आवश्यकता होती है। इसलिए, एनल सेक्स के दौरान सेक्स लुब्रिकेंट्स का भरपूर उपयोग करें। इसके साथ ही एनल पेनेट्रेशन से पहले किया गया हस्तमैथुन (मास्टरबेशन), फोरप्ले (foreplay), ओरल सेक्स (oral sex) या हॉट बाथ आपके पार्टनर को काफी कम्फर्टेबल फील करा सकता है।
- एनल सेक्स के दौरान सुनिश्चित करें कि आप अपने पार्टनर की बात सुनें और समझें कि वे कैसा महसूस कर रहे हैं। किसी भी समय असहज या दर्द महसूस होने पर तुरंत रूक जाएं।
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- अगर आप पहली बार एनल कर रहे हैं तो अचानक से इंटरकोर्स ना करें। याद रखें आपको धीरे-धीरे ही एनल सेक्स शुरू करना है। फोरप्ले के बिना कोई सेक्स पेनफुल हो सकता है।
- एकदम से एनल सेक्स के लिए टूट न पड़े इसके लिए पहले 10 से 15 मिनट फोरप्ले को दें। फोरप्ले सेक्शुअल इंटरकोर्स में एक महत्वपूर्ण रोल निभाता है। यह सेक्शुअल डिजायर (sexual desire) को बढ़ाता है।
- गुदा मैथुन के लिए सेक्स पोजीशन का भी चुनाव आप कर सकते हैं। एनल सेक्स के लिए मिशनरी, डॉगी स्टाइल और काऊ सेक्स पोजीशन आसान रहती हैं।
- कुछ लोग गुदा मैथुन से पहले अपने एनस को साफ करते हैं। यदि आप ऐसा करने की सोच रहे हैं तो केवल पानी का ही उपयोग करें। साथ ही गुदा की सफाई जेंटली करें ताकि कोई खरोंच या कट न लगे।
- गुदा मैथुन कैसे करें, इसके लिए सबसे जरूरी यह बात याद रखनी है कि एनल सेक्स से एसटीआई (STI) का खतरा ज्यादा रहता है। एनस में या उसके आस-पास रहने वाले बैक्टीरिया को गुदा मैथुन के जरीर आसानी से फैलाया जा सकता है। इसलिए, कॉन्डम का इस्तेमाल करना न भूलें। इसके साथ एनल सेक्स के बाद भी हाइजीन का ध्यान रखें। बैक्टीरिया, जैसे कि हेपेटाइटिस ए और ई और कोली (coli) के फैलने का खतरा अनहाइजीन गुदा मैथुन में रहता है।
एनस सेक्स के लिए बेस्ट सेक्स पोजिशन
गुदा सेक्स को और मजेदार बनाने के लिए अपनाई जाने वाली सेक्स पोजीशन
- डॉगी सेक्स पोजीशन
- काऊ सेक्स पोजीशन
- फेस डाउन सेक्स पोजीशन
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क्या गुदा मैथुन से ऑर्गेज्म मिल सकता है?
गुदा मैथुन कैसे करें, यह तो आपको मालूम कि क्या गुदा मैथुन से ऑर्गेज्म मिल सकता है। गुदा मैथुन से हर किसी को ऑर्गेज्म मिले ऐसा जरूरी नहीं है। एनल सेक्स, सेक्स लाइफ को मजेदार और एक्ससाइटिंग सेक्स बनाने का बस एक तरीका है।कुछ लोगों के लिए, एनस एक इरोजेनस जोन की तरह काम करता है। एनस संवेदनशील नर्वस से भी भरा है, इसलिए यह जल्दी ही यौन उत्तेजना बढ़ा देता है। इसके साथ ही पेनिस के चारों ओर कसाव इनसर्टिव पार्टनर के लिए प्लेजर देने वाला हो सकता है।
गुदा मैथुन पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि को भी उत्तेजित करता है, जो मेल ऑर्गेज्म को बढ़ा सकता है। वहीं, महिलाओं के लिए, क्लाइमेक्स तक पहुंचने के लिए गुदा मैथुन के दौरान क्लिटोरल स्टिमुलेशन की आवश्यक हो सकती है। लेकिन जरूरी नहीं हर महिला इस तरह से ऑर्गैज्म (orgasm) तक पहुंच जाए। चरमोत्कर्ष तक पहुंचने के लिए ओरल (oral) या वजाइनल सेक्स (vaginal sex) आवश्यक हो सकता है।
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एनल सेक्स के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
एनल सेक्स के दौरान आपको निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए। जैसे-
- एनल सेक्स के दौरान कॉन्डम जरूर पहनें। इससे यौन संचारित रोगों और संक्रमण से बचाव मिलेगा।
- एनल इंटरकोर्स करने के बाद ओरल या वजाइनल सेक्स के लिए नया कॉन्डम उपयोग करें। अगर आप बिना कॉन्डम के एनल इंटरकोर्स कर रहे हैं, तो पेनिस को अच्छी तरह साफ करने के बाद ही ओरल या वजाइनल सेक्स करें। इससे, खतरनाक बैक्टीरिया के फैलने की आशंका कम होती है।
- ल्यूब्रिकेशन का इस्तेमाल करें। लेकिन, ध्यान रहे कि आप वॉटर बेस्ड ल्यूब्रिकेशन का इस्तेमाल करें, क्योंकि ऑइल बेस्ड ल्यूब्रिकेशन का उपयोग करने पर कॉन्डम के फटने का खतरा होता है।
- एनल इंटरकोर्स करने से पहले पार्टनर के शरीर और एनल मसल्स को रिलैक्स करना बहुत जरूरी है। इसके लिए, आप एनल सेक्स से पहले गर्म पानी से नहा सकते हैं व फोरप्ले करें ताकि रिसिविंग पार्टनर के एनल टिश्यू पेनिट्रेशन के लिए तैयार हो पाएं।
- एनल सेक्स करने से पहले अपने नाखून अच्छी तरह काट लें। जिससे आपके पार्टनर के एनस के आसपास या अंदर मौजूद नाजुक टिश्यू के स्क्रैच या जख्म होने का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा, एनल इंटरकोर्स के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह धो लें, ताकि खतरनाक बैक्टीरिया के संपर्क में आने का खतरा बिल्कुल खत्म हो जाए।
- अगर, एनल इंटरकोर्स करते हुए आपको या आपके पार्टनर को ज्यादा दर्द हो रहा है, तो इसे तुरंत रोक दें।
- अपने पार्टनर की सुविधा का ध्यान रखते हुए एनल इंटरकोर्स के लिए आरामदायक सेक्स पोजीशन का इस्तेमाल करें।
- पहली और शुरुआती कुछ टाइम के लिए एनल इंटरकोर्स करने पर थोड़ी बहुत ब्लीडिंग हो सकती है, लेकिन अगर यह हर बार हो रही है या लगातार हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
- एनस की अच्छी तरह से साफ-सफाई करने के लिए अपने लोकल ड्रग स्टोर से फ्लीट एनीमा (Fleet Enema) को खरीदकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
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एनल सेक्स के फायदे क्या हैं? (Benefits of anal sex)
जो लोग गुदा सेक्स करने से हिचकिचाते हैं, वे एनल सेक्स के फायदे जान लें। इसके निम्नलिखित फायदे हैं-
एनल सेक्स के फायदे : ऑर्गेज्म मिलने में आसानी
एनल पेनेट्रेशन (anal penetration) सभी स्पॉट्स को उत्तेजित करता है, विशेष रूप से जी-स्पॉट (g-spot) से जुड़ा इरेक्टाइल टिश्यू। जब इन नसों को उत्तेजित किया जाता है, तो शरीर ऑर्गेज्म के साथ संभोग के लिए तैयार हो जाता है। हालांकि, कुछ महिलाओं में गुदा सेक्स के दौरान क्लिटोरियल स्टिमुलेशन की भी जरूरत होती है। जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन में प्रकाशित 2010 के एक शोध में पाया गया कि सर्वे में शामिल 31 प्रतिशत महिलाओं में से 94 प्रतिशत महिलाओं ने एनल सेक्स के दौरान ऑर्गैज्म फील किया। इसके विपरीत, ज्यादातर महिलाएं वजाइनल सेक्स (vaginal sex) के दौरान ऑर्गेज्म प्राप्त करने के लिए जूझती रहती हैं। एक स्टडी में पाया गया कि केवल 25 प्रतिशत को योनि सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म मिला। तो ऐसे में एनल सेक्स ऑर्गेज्म पाने का एक बेहतरीन तरीका साबित होता है।
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एनल सेक्स के फायदे : प्रेग्नेंसी का डर नहीं
एनल सेक्स के फायदे की बात हो तो इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि गुदा मैथुन से गर्भवती होने की संभावना नहीं रहती है। जब तक पुरुष साथी का स्पर्म महिला की वजाइनल कैनाल के संपर्क में नहीं आता है तब तक गर्भधारण की संभावना नहीं रहती है। अगर आप भी बिना प्रेग्नेंसी के डर के सेक्स का मजा लेना चाहती हैं तो एनल सेक्स का ऑप्शन बुरा नहीं है।
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सेक्स लाइफ में एक्ससाइटमेंट भरे
वजाइनल सेक्स अच्छा और आरामदायक महसूस होता है। लेकिन कभी-कभी पार्टनर्स को कुछ और ऑप्शंस भी चाहिए होते हैं ताकि बोरिंग होती सेक्सुअल लाइफ को थोड़ा मजेदार बनाया जा सके। ऐसे में गुदा सेक्स एक-दूसरे पार्टनर में शारीरिक संबंध बनाने के लिए एक नई उत्तेजना भर देता है। ओरल और वजाइनल सेक्स अद्भुत होते हैं, लेकिन सही तरीके से लुब्रिकेंट्स के इस्तेमाल से एनल सेक्स भी सेटिस्फैक्टरी साबित हो सकता है। वहीं, एनल सेक्स के फायदे में यह भी है कि ऐसे कपल्स जो पीरियड्स के दौरान भी यौन-संबंध स्थापित करना चाहते हैं तो यह एक शानदार विकल्प है।
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रिलेशनशिप में आती है मजबूती
यदि आप कभी ऐसा महसूस करते हैं कि आपका यौन जीवन ऊबाऊ हो गया है, तो गुदा मैथुन आपकी आपके यौन जीवन में कुछ नयापन लाने का सबसे अच्छा तरीका है। यह चीजों को नया और अधिक सुखद बना सकता है। हालांकि, कई महिलाएं एनल सेक्स के दौरान असुरक्षित और नर्वस महसूस करती हैं। लेकिन, जब दोनों पार्टनर्स की सहमति से गुदा सेक्स होता है तो उन दोनों के बीच में इंटिमेसी भी बहुत होती है।
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गुदा मैथुन पुरुषों के लिए अधिक आनंददायक होता है
एनस, वजाइना की तुलना में ज्यादा टाइट होता है। इसलिए, कई पुरुष योनि सेक्स की तुलना में गुदा सेक्स को अधिक आनंददायक पाते हैं। वहीं, कुछ महिलाएं भी एनल सेक्स को खूब एन्जॉय करती हैं।
क्या एनल ऑर्गैज्म इंटेंस होता है?
कई लोगों के मन में यह सवाल आ सकता है कि क्या एनल सेक्स से मिलने वाला ऑर्गैज्म यानी एनल आर्गैज्म वजायनल सेक्स से मिलने वाले ऑर्गैज्म जैसा ही आनंद देता है? अगर आपके मन में भी यह सवाल उठता है, तो हम आपको बता दें कि एनस में कई नसों के सिरे मौजूद होते हैं, जिनमें से कुछ जननांगों से जुड़े होते हैं। इस तरह, आपको एनल सेक्स से भी ऑर्गैज्म प्राप्त हो सकता है।
सिर्फ इतना ही नहीं, सिसजेंडर पुरुषों और जन्म के समय पुरुष निर्धारित किए लोगों में एनल इंटरकोर्स प्रोस्टेट को उत्तेजित करता है। जिससे उन्हें ऑर्गैज्म मिलता है। आसान भाषा में समझें, तो इस तरह के ऑर्गैज्म को प्रोस्टेट ऑर्गैज्म कहा जाता है। जो कि सिर से लेकर पंजों तक पूरे शरीर में ऑर्गैज्मिक प्लेजर की तरंगें भेजता है। वहीं दूसरी ओर, सिसजेंडर महिलाओं या जन्म के समय महिला निर्धारित किए गए लोगों में एनल सेक्स से जी-स्पॉट और ए-स्पॉट को टार्गेट किया जा सकता है।
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महिलाओं में यह दोनों स्पॉट काफी संवेदनशील होते हैं और ऑर्गेज्म प्राप्त करने में मददगार होते हैं। दोनों ही स्पॉट वजाइनल वॉल के साथ लगे होते हैं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से एनल इंटरकोर्स के दौरान उत्तेजित किए जा सकते हैं। पुरुषों में प्रोस्टेट की तरह ये स्पॉट भी शरीर में ऑर्गेज्मिक तरंगें भेजने में सक्षम होते हैं। इन्हीं स्पॉट की मदद से महिलाओं को फीमेल इजेकुलेशन (Female Ejaculation) या स्क्वरटिंग (Squirting) कहा जाता है।
हालांकि, कुछ महिलाओं को क्लाइमेक्स तक पहुंचने के लिए एनल सेक्स के दौरान क्लिटोरियल स्टिमुलेशन की जरूरत होती है। वहीं, कुछ महिलाएं सिर्फ ओरल या वजाइनल सेक्स से ही क्लाइमेक्स तक पहुंच पाती हैं।
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गुदा मैथुन से जुड़े मिथक और सच
1. क्या एनल सेक्स दर्दनाक होता है?
अगर सही तरीके से गुदा मैथुन किया जाए, तो यह बहुत अच्छा महसूस हो सकता है। लेकिन, पहली बार एनल सेक्स के दौरान आपको कुछ असुविधा या दर्द महसूस हो सकता है। धीरे धीरे यह आपको अच्छा लगने लगेगा।
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2. क्या एनल सेक्स के दौरान ब्लीडिंग होना सामान्य है?
यह हो सकता है कि आप पहली बार गुदा सेक्स से थोड़ी-सी ब्लीडिंग हो। हालांकि, बाद में ब्लीडिंग नहीं होनी चाहिए। यदि हर बार एनल सेक्स के समय आपको ब्लीडिंग होती है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। यह किसी भी इंटरनल हेल्थ कंडीशन के चलते भी हो सकता है। बेहतर होगा इसके लिए आप अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
3. एनल सेक्स में कंडोम की जरूरत नहीं होती।
एनल सेक्स के दौरान कॉन्डम जरूर पहनें। इससे यौन संचारित रोगों और संक्रमण से बचाव मिलेगा।
4. एनल सेक्स के बाद वजाइनल सेक्स करने के लिए सेम कंडोम यूज कर सकते हैं।
एनल इंटरकोर्स करने के बाद ओरल या वजायनल सेक्स के लिए नया कॉन्डम उपयोग करें। अगर आप बिना कॉन्डम के एनल इंटरकोर्स कर रहे हैं, तो पेनिस को अच्छी तरह साफ करने के बाद ही ओरल या वजायनल सेक्स करें। इससे, खतरनाक बैक्टीरिया के फैलने की आशंका कम होती है।
5. एनल सेक्स के लिए किसी भी कंडोम का यूज कर सकते हैं।
ल्युब्रिकेशन का इस्तेमाल करें। लेकिन ध्यान रहे कि आप वॉटर बेस्ड ल्युब्रिकेशन का इस्तेमाल करें। क्योंकि ऑयल बेस्ड ल्युब्रिकेशन का उपयोग करने पर कॉन्डम के फटने का खतरा होता है।
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6. एनल सेक्स को वजाइनल सेक्स की ही तरह किया जाता है।
एनल इंटरकोर्स करने से पहले पार्टनर के शरीर और एनल मसल्स को रिलैक्स करना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप एनल सेक्स से पहले गर्म पानी से नहा सकते हैं व फोरप्ले करें ताकि रिसिविंग पार्टनर के एनल टिश्यू पेनिट्रेशन के लिए तैयार हो पाएं।
7. एनल सेक्स के लिए एक्स्ट्रा तयारी करना जरूरी नहीं होता।
एनल सेक्स करने से पहले अपने नाखून अच्छी तरह काट लें। जिससे आपके पार्टनर के एनस के आसपास या अंदर मौजूद नाजुक टिश्यू पर खरोंच लगने या जख्म होने का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा एनल इंटरकोर्स के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह धो लें ताकि खतरनाक बैक्टीरिया के संपर्क में आने का खतरा बिल्कुल खत्म हो जाए।
8. एनल सेक्स में दर्द होना सामान्य है।
अगर एनल इंटरकोर्स करते हुए आपको या आपके पार्टनर को ज्यादा दर्द हो रहा है, तो इसे तुरंत रोक दें। अपने पार्टनर की सुविधा का ध्यान रखते हुए एनल इंटरकोर्स के लिए आरामदायक सेक्स पुजिशन का इस्तेमाल करें।
9. हर बार एनल सेक्स करने में खून आता है।
पहली बार या शुरुआती कुछ टाइम के लिए एनल इंटरकोर्स करने पर थोड़ी बहुत ब्लीडिंग हो सकती है। लेकिन अगर यह हर बार हो रही है या लगातार हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
एनस की अच्छी तरह से साफ-सफाई करने के लिए अपने लोकल ड्रग स्टोर से फ्लीट एनीमा (Fleet Enema) को खरीदकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
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एनल सेक्स के साइड इफेक्ट्स
गुदा सेक्स में सिर्फ पेनिस द्वारा ही एनल पेनिट्रेशन नहीं होता है। सेक्सुअल प्लेजर के लिए पार्टनर्स इसमें सेक्स टॉय, बट प्लग्स, वायब्रेटर्स आदि का भी इस्तेमाल करते हैं। इसलिए एनल सेक्स में बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। इससे होने वाले कुछ खतरे इस प्रकार हैं-
यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई)
सीडीसी (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार एनल सेक्स से यौन संचारित रोग फैलने का काफी खतरा रहता है। इससे क्लैमाइडिया, एचआईवी, हर्पीस और गोनोरिया जैसे कई यौन संचारित रोग हो सकते हैं। दरअसल, गुदा सेक्स के दौरान रिसिविंग एंड पर मौजूद पार्टनर को यौन संचारित रोग होने की संभावना 13 गुणा ज्यादा होती है।
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कोलोन में क्षति
हालांकि यह काफी दुर्लभ है। लेकिन असावधानी से किया गए एनल पेनिट्रेशन से कोलोन इंजर्ड हो सकता है। अगर एनल सेक्स के बाद आपको गंभीर पेट दर्द या रेक्टल ब्लीडिंग (rectal bleeding) हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
बवासीर को कर सकता है बदतर
बवासीर काफी दर्दनाक होता है। गुदा मैथुन कुछ लोगों के लिए मौजूदा बवासीर की समस्या को बदतर कर सकता है। हालांकि एनल सेक्स खुद बवासीर का कारण नहीं बनता है। लेकिन पाइल्स की समस्या अगर है तो एनल सेक्स के दौरान मामूली रक्तस्राव और कभी-कभी दर्द का कारण बन सकता है।
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बैक्टीरियल इंफेक्शन
अगर पेनिस-एनल इंटरकोर्स के दौरान सही से हाइजीन न मेंटेन किया जाए तो हानिकारक बैक्टीरिया फैल सकते हैं। परिणामस्वरूप, कोली और हेपेटाइटिस ए (hepatitis A) और ई जैसे जीवाणु एक से दूसरे के शरीर में फैलने का खतरा रहता है।
एनस-टिश्यू हो सकते हैं इंजर्ड
वजायना की तरह एनस में ल्युब्रिकेशन नहीं होता है। इसलिए गुदा सेक्स के दौरान ल्युब्रिकेशन न करने से गुदा के अंदर के नाजुक टिश्यू को नुकसान पहुंचता है। नतीजन ब्लीडिंग और दर्द की समस्या हो सकती है।
एनल सेक्स से जुड़ी अन्य विशेष बातें
क्या एनल सेक्स से एनल कैंसर का खतरा हो सकता है?
हालांकि, इस बारे में अभी पर्याप्त जानकारी नहीं है। लेकिन एनल सेक्स और एनल कैंसर के बीच गहरा संबंध देखा गया है। एनल सेक्स में ल्युब्रिकेशन की कमी या पेनिट्रेशन की वजह से नाजुक टिश्यू के क्षतिग्रस्त होने पर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papillomavirus) के संपर्क में आने की आशंका बढ़ जाती है। जिससे एनल वार्ट्स और एनल कैंसर हो सकता है। इससे बचने के लिए कॉन्डम और अच्छे ल्युब्रिकेंट का उपयोग करें।
क्या एनल सेक्स से भी प्रेग्नेंट हो सकते हैं?
प्रत्यक्ष रूप से एनल इंटरकोर्स की वजह से प्रेग्नेंट होने की संभावना नहीं होती। लेकिन कुछ स्टडी और रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ मामलों में बिना वजायनल सेक्स के भी प्रेग्नेंट होने के मामले देखे गए हैं। अगर ऐसी स्टडी और रिपोर्ट पर गौर करें, तो हो सकता है कि एनल सेक्स के दौरान गलती से या किसी तरह पार्टनर का स्पर्म महिला की वजायनल कैनाल के संपर्क में आने से प्रेग्नेंसी की संभावना हो सकती है। लेकिन ऐसा महिला पार्टनर के ओव्युलेशन पीरियड के दौरान ही होना चाहिए। जिसकी संभावना गलती से कम ही होती है।
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गे (Gay) पुरुषों में एनल सेक्स कितना सुरक्षित है?
एनल सेक्स सबसे ज्यादा गे पुरुषों द्वारा अपनाया जाता है। जिस वजह से उनके एनल इंटरकोर्स द्वारा संक्रमण या यौन संचारित रोगों की चपेट में आने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। पुरुषों के साथ सेक्स करने वाले पुरुषों में एचआईवी ब्लड, सीमन, प्री-सेमिनल फ्ल्यूइड या रेक्टल फ्ल्यूइड के द्वारा फैल सकता है। इसलिए इससे बचाव के लिए उन्हें भी कॉन्डम का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा दोनों पार्टनर को नियमित रूप से यौन संचारित रोगों की जांच करवानी चाहिए। जिससे किसी भी तरह की बीमारी या खतरे को समय पर पहचानकर उपचार किया जा सके।
क्या प्रेग्नेंट महिला के साथ एनल सेक्स किया जा सकता है?
अगर आप साफ-सफाई और जरूरी सावधानियों को बरतते हैं, तो प्रेग्नेंसी में एनल इंटरकोर्स करना सुरक्षित है। हालांकि इसे ट्राय करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लें। क्योंकि डॉक्टर विशेष परिस्थितियों में आपको एनल सेक्स करने से मना कर सकता है। दूसरा, एनल सेक्स में थोड़ी भी लापरवाही करने से संक्रमण का खतरा हो सकता है और प्रेग्नेंसी में महिला का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है। इसलिए आपको इसमें काफी सतर्कता बरतने की जरूरत है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी में महिला के शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है, जिससे प्रेग्नेंसी के दौरान एनल सेक्स का आनंद बढ़ सकता है। लेकिन इसमें करने से पहले गर्भवती महिला की मर्जी पूछना न भूलें।
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महिला पार्टनर को एनल सेक्स के लिए कैसे तैयार करें?
दरअसल, जर्नल ऑफ सेक्शुअल मेडिसिन की एक स्टडी के मुताबिक करीब 36 प्रतिशत महिलाएं जिंदगी में एक बार एनल सेक्स ट्राय करती हैं। जिसमें से करीब दो प्रतिशत महिलाओं को यह पसंद आता है। दूसरी तरफ, महिलाओं का एनल इंटरकोर्स को मना करने के पीछे सबसे बड़ा कारण गंदगी, टैबू और दर्द होता है। एनल इंटरकोर्स के दौरान एनस के आसपास की मसल्स में खींचाव और फीमेल रेक्टम में झुकाव ही वजह से दर्द होता है। जो कि एक या दो बार करने के बाद ठीक हो सकता है।
लेकिन ध्यान रखें कि एनल सेक्स करने या न करने का एकाधिकार सिर्फ उनके पास है। क्योंकि अगर आप उनकी मर्जी के बिना या जबरदस्ती एनल इंटरकोर्स करते हैं, तो इससे उन्हें या आपके सेक्शुअल ऑर्गन को चोट लगने का खतरा होता है। फिर भी आप उनसे अपनी यौन इच्छाओं के बारे में बात करें और उन्हें समझाएं कि आप उनसे क्या चाहते हैं। हो सकता है, इससे आपका काम बन जाए।
अगर आप और आपके साथी का ऐसा रिलेशनशिप स्थापित हो गया है, जहां आप एनल सेक्स के बारे में बात करने में कंफर्टेबल महसूस करते हैं। तो आप गुदा सेक्स के बारे में उनसे बात करें। गुदा सेक्स आपकी कामुकता के स्तर का पता लगाने का एक और मजेदार तरीका साबित हो सकता है।
लेकिन, एनल सेक्स को सेफ बनाना भी उतना ही जरूरी है। इसे आनंददायक बनाने के लिए उचित सावधानी बरतें। एनल सेक्स के फायदे लेने के लिए इसका सेफ और कंफर्टेबल होना बहुत जरूरी है। उम्मीद है कि इस लेख से आपको समझ में आ गया होगा कि गुदा मैथुन कैसे करें? इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं। साथ ही यह आर्टिकल आपको कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं।
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