भारत में सदियों से हल्दी का उपयोग होता आ रहा है। हल्दी हर घर के किचन में इस्तेमाल की जाती है लेकिन यह सिर्फ एक मसाला ही नहीं, औषधि गुणों से भरपूर है। हल्दी का उपयोग खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ-साथ कई शारीरिक बीमारियों के इलाज के लिए भी किया जाता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट इसे बेहतरीन एंटीसेप्टिक के रूप में भी लेते हैं।
एक रिसर्च के मुताबिक, हल्दी का उपयोग गठिया, हार्टबर्न (सीने में जलन), जोड़ों के दर्द, पेट दर्द, क्रोहन रोग, अल्सरेटिव कोलाइटिस, बाईपास सर्जरी, हेमोरेज, डायरिया, आंतों की गैस, पेट में सूजन, भूख न लगना, पीलिया, यकृत की समस्याओं के लिए किया जाता है। पेट के अल्सर, आंतों की बीमारी, पित्ताशय की थैली (गॉलब्लेडर) में खराबी, उच्च कोलेस्ट्रॉल, त्वचा की पेरशानी, जिसे लाइकेन प्लानस कहा जाता है, त्वचा की सूजन और थकान में भी हल्दी का उपयोग किया जाता है।
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हल्दी के अदभुत फायदे
मुहांसों के लिए हल्दी का उपयोग:
अगर आपको मुहांसों की शिकायत है, तो हल्दी का फेस-पैक आपको मुहांसों से छुटकारा दिलाने में मदद करेगा। हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। फेस पैक बनाने के लिए हल्दी और चंदन को सामान्य मात्रा में लें और उसमें एक नींबू का रस मिलाकर पैक तैयार करें। इस पैक को 10 मिनट तक चेहरे पर लगाए रखें और फिर गर्म पानी से मुंह धो लें।
दूसरा पैक बनाने के लिए एक टेबलस्पून बेसन में आधा चम्मच हल्दी और तीन चम्मच दही मिलाकर चेहरे पर लगाएं और सूखने के बीद इसे ठंडे पानी से धो लें। चेहरे पर 15 मिनट तक हल्दी का लेप लगाए रखने से मुहांसों के दाग भी कम हो जाते हैं।
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वजन घटाने में हल्दी का उपयोग:
हल्दी मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद करती है। यह तेजी से कैलोरीज भी बर्न करती है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है। यह शरीर से वसा (फैट) को खत्म करने के अलावा लिवर को डिटॉक्स करती है। हल्दी के यह गुण वजन घटाने में आवश्यक योगदान देते हैं। हल्दी शरीर से खराब कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है।
आप हल्दी को अपनी सब्जियों, दूध, सलाद और स्मूथी में मिलाकर सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप हल्दी की चाय भी पी सकते हैं। टर्मरिक टी बनाने के लिए, एक पैन में पानी उबाल लें, उसमें आधी चम्मच हल्दी डालें। इस टी में आप पसंद के अनुसार अदरक, पुदीने की पत्तियां, दालचीनी पाउडर या शहद का उपयोग कर सकते हैं।
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जलने-कटने पर हल्दी का उपयोग करना है फायदेमंद :
हल्दी का उपयोग वर्षों से घावों और जख्मों को भरने के लिए किया जाता रहा है। हल्दी के एंटी-सेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण के कारण जख्म जल्दी भरते हैं। चोट वाली जगह पर हल्दी का पेस्ट बनाकर लगाना चाहिए। हल्दी का पेस्ट बनाने के लिए हल्दी और पानी को मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इस मरहम को चोट की जगह पर लगाकर पट्टी बांध लें और उसे कम से कम 12 घंटे इसी तरह रहने दें। गहरे घाव के लिए तीन से चार दिनों तक इसको दोहराएं।
हड्डियों को मजबूत करने के लिए हल्दी का उपयोग:
हल्दी को एंटी-अर्थरिटिक भी कहा जाता है। हल्दी हड्डियों में दर्द और सूजन को कम करती है। उन लोगों के लिए यह बेहतरीन विकल्प है, जो हर बीमारी को कुदरती इलाज और घरेलू दवाओं से ठीक करना चाहते हैं। गठिया के दर्द के लिए ली जाने वाली दवाओं के साथ अगर हल्दी भी ली जाए तो यह बहुत असरदार साबित होती है। दूध में हल्दी मिलाकर पीना, हड्डियों की मजबूती और स्ट्रेंथ के लिए भी फायदेमंद है।
हार्ट के लिए हल्दी का उपयोग:
जब हार्ट डिसीज की बात आती है, तो हल्दी एंडोथेलियम के फंक्शन को बेहतर बानाता है, जो कि ब्लड वेसल्स की लाइनिंग होती है। यह बात सभी जानते हैं कि एंडोथेलियम का ठीक से काम न करना हार्ट डिसीज का कारण बनता है। कई स्टडीज में यह बात सामने आई है कि हल्दी एंडोथेलियम के फंक्शन को इम्प्रूव करती है। एक स्टडी का मानना है कि यह एक एक्सरसाइज की तरह इफेक्टिव है वहीं दूसरी स्टडी के अनुसार यह ड्रग की तरह काम करती है।
हल्दी के नुकसान
हल्दी का उपयोग करना कई मामलों में नुकसानदायक भी हो सकता है। ऐसे में आपको हल्दी के साइड इफेक्ट समझने भी जरूरी हैं। कई मामलों में किसी चीज का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा और लंबे समय तक करना हानिकारक भी साबित हो सकता है। इसके अलावा कुछ मेडिकल मेडिकल कंडीशन्स में हल्दी का इस्तेमाल न करने की भी सलाह दी जाती है।
किन समस्याओं में नहीं करना चाहिए हल्दी का उपयोग
- जो लोग किडनी की समस्या से जूझ रहे हों उन्हें हल्दी वाले दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। हल्दी में पाया जाना वाला ऑक्सालेट इस समस्या को और बढ़ा सकता है।
- गर्भवती और स्तनपान करा रही महिलाओं को भी हल्दी वाला दूध या अन्य किसी तरीके से हल्दी का ज्यादा उपयोग नहीं करना चाहिए। हालांकि, कई शोधों के बाद भी अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि किस तरह यह इन महिलाओं के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। ऐसे में हल्दी का उपयोग करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत होती है।
- पीलिया से ग्रसित लोगों को भी हल्दी का उपयोग नहीं करना चाहिए
- हल्दी का ज्यादा उपयोग करने से जी मिचलाना, उल्टी और दस्त की समस्या से जूझना पड़ सकता है।
- हल्दी का उपयोग जरूरत से ज्यादा किए जाने पर यह एनीमिया का कारण बन सकता है क्योंकि हल्दी के अधिक सेवन से शरीर में आयरन की कमी हो सकती है।
- हल्दी का उपयोग जरूरत से ज्यादा करने से टेस्टोस्टेरोन लेवल भी बिगड़ सकता है। इस कारण स्पर्म काउंट भी कम होने की आशंका बनी रहती है।
- साथ ही अगर किसी की कीमोथेरेपी चल रही हो, तो भी इंसान को हल्दी का उपयोग खाने में करने से बचने की जरूरत होती है।
इस तरह आप हल्दी के फायदों के साथ-साथ उसके नुकसान को भी समझ ही गए होंगे। हालांकि, देखा जाए तो हल्दी के फायदों की तुलना में इसके नुकसान की लिस्ट काफी छोटी है। सब्जी में एक मसाले की तरह हल्दी का उपयोग करने के साथ ही इसे अपने डेली रूटीन में भी शामिल करें और इसके लाभ लें।
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