च्वीनगम, काउंसलिंग, पैचेस और स्मोकिंग छोड़ने के सेशन करने के बावजूद अपने इस लत को यदि आप नहीं छोड़ पा रहे हैं तो जरूरी है कि डाॅक्टर से स्मोकिंग छोड़ने के लिए हिप्नोसिस के बारे में पूछें। कुछ मामलों में देखा गया है कि हिप्नोसिस से स्मोकिंग की लत को छोड़ा जा चुका है। वहीं लोग चाहे तो स्मोकिंग छोड़ने के लिए हिप्नोसिस को अपना सकते हैं।
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क्या है हिप्नोसिस (Hypnosis)
मरीज को सुलाकर उसका इलाज करना ही हिप्नोसिस कहलाता है। मनोरोग से संबंधित बीमारियों को ठीक करने के लिए क्लीनिकल हिप्नोसिस का इस्तेमाल किया जाता है। शुरुआती दौर में हिप्नोसिस का इस्तेमाल मरीजों के दर्द को कम करने में किया जाता था। वहीं वेट टिशू, स्पीच डिसऑर्डर और एडिक्शन प्रॉब्लम से निजात पाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। सेनफ्रांसिस्को वेटरन्स अफेयर मेडिकल सेंटर में करीब 286 स्मोकर्स पर शोध किया गया, जिसमें जिनका इलाज हिप्नोसिस के द्वारा किया गया था वे सामान्य ट्रीटमेंट की तुलना में जल्द ठीक हो गया थे, यानि उन्होंने जल्द स्मोकिंग करना बंद कर दिया था।
हिप्नोथैरेपी (Hypnosis) का इतिहास व इलाज
साइकोलाजिकल ट्रीटमेंट में साल 1950 से हिप्नोसिस का सहारा लिया जाता रहा है। जब सामान्य इलाज की तुलना में साइकेट्रिस्ट मिलटन एक एरिकसन से करके दिखाया था कि हिप्नोसिस से भी मरीज का इलाज संभव है। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन व अमेरिकल साइकोलाजिकल एसोसिएशन ने भी साल 1958 में हिप्नोथैरिपी को इलाज की मान्यता प्रदान की।
स्मोकिंग की लत छुड़वाने के लिए पहली बार हिप्नोथैरिपी का इस्तेमाल साल डाक्टर हारबर्ट स्पिगल ने किया था। जिसका जिक्र उन्होंने 1970 के जर्नल में भी किया है। उसके बाद से हिप्नोटिक स्ट्रैटिजी को स्पिगल टेक्निक से भी जाना जाने लगा। जिसमें मरीज का मुख्य रूप से तीन बिंदुओं पर इलाज किया जाता है।