सोडियम (Sodium) का नाम सुनकर आप समझ ही गए होंगे कि ये किसी रसायन का नाम है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोडियम हमारे शरीर के लिए एक जरूरी रसायन है। सोडियम हमारे शरीर के लिए एक मिनरल है, जो शरीर को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है। जरा सोचिए कि अगर हमारे खून में सोडियम की कमी (हायपोनेट्रेमिया- Hyponatremia) हो जाए तो क्या होगा? सोडियम की कमी होने पर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि खून में सोडियम की कमी होने पर क्या होता है और इसका इलाज क्या है?
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खून में सोडियम की कमी होना क्या है?
सोडियम एक जरूरी इलेक्ट्रोलाइट है, जिसका काम हमारी कोशिकाओं में पानी की मात्रा को नियंत्रित करना है। इसके अलावा सोडियम मांसपेशियों और नर्वस सिस्टम को दुरुस्त रखने के लिए जरूरी होता है। सोडियम ही हमारे शरीर में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने का काम करता है, लेकिन जब खून में सोडियम की कमी हो जाती है तो इसे हायपोनेट्रेमिया (Hyponatremia) कहा जाता है। हायपोनेट्रेमिया तब होता है जब शरीर के पानी में सोडियम की मात्रा कम हो जाती है। जिसके कारण कोशिकाएं फूल जाती हैं और सोडियम का लेवल कम हो जाता है। इसका मतलब यह होता है कि हमारे शरीर में जो पानी होता है, उसकी मात्रा ज्यादा हो जाती है और सोडियम का मात्रा सामान्य से कम हो जाती है।
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खून में सोडियम की मात्रा कितनी होनी चाहिए?
एक स्वस्थ्य व्यक्ति के खून में सोडियम की मात्रा 135 और 145 मिलिइक्विवैलेंट्स प्रति लीटर (mEq/L) के बीच होनी चाहिए। इससे मात्रा 135 मिलिइक्विवैलेंट्स प्रति लीटर (mEq/L) से कम होने पर खून में सोडियम की कमी हो जाती है।
हायपोनेट्रेमिया या खून में सोडियम की कमी के लक्षण क्या हैं? (Hyponatremia Symptoms)
हायपोनेट्रेमिया या खून में सोडियम की कमी होने पर निम्न लक्षण सामने आते हैं :
- कमजोरी होना
- थकान होना या ऊर्जा की कमी होना
- सिरदर्द
- मितली आना
- उल्टी होना
- मांसपेशियों में ऐंठन होना
- कंफ्यूजन या भ्रम होना
- चिड़चिड़ापन होना
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खून में सोडियम की कमी होने के कारण क्या हैं? (Hyponatremia Causes)
खून में सोडियम की कमी होने के लिए कई तरह के कारक जिम्मेदार होते हैं। अगर हमारे शरीर से ज्यादा मात्रा में पानी और इलेक्ट्रोलाइट निकल जाता है तो भी सोडियम की कमी की समस्या हो जाती है। इसके अलावा निम्न कारण भी हायपोनेट्रेमिया (Hyponatremia) के लिए जिम्मेदार होते हैं :
- डायरिया या उल्टी होने के कारण।
- पेनकिलर या एंटीडिप्रशेंट दवाओं के कारण।
- डाइयूरेटिक यानी की पानी की दवाएं लेने के कारण।
- बहुत ज्यादा पानी पीने से, हालांकि ये स्थिति काफी दुर्लभ है।
- डीहाइड्रेशन के कारण।
- किडनी की बीमारी या किडनी फेलियर के कारण।
- लिवर डिजीज के कारण।
- कंजेस्टिव हार्ट फेलियर या हार्ट संबंधित समस्या के कारण।
- एड्रिनल ग्लैंड डिसऑर्डर के कारण, जैसे- एडिसन डिजीज।
- हाइपोथाइरॉडिज्म।
- प्राइमरी पॉलीडेप्सिया होने के कारण, इस समस्या में प्यास काफी ज्यादा लगती है।
- डायबिटीज इन्सिपिडस होने के कारण।
- सिंड्रोम ऑफ इनएप्रोप्रिएट एंटीडायूरेटिक हॉर्मोन (SIADH) होने के कारण।
- कुशिंग सिंड्रोम नामक एक दुर्लभ बीमारी हो जाने के कारण, जिसमें कॉर्टिसॉल का लेवल ज्यादा हो जाता है।
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हायपोनेट्रेमिया होने का खतरा किन्हें ज्यादा होता है? (Hyponatremia Risks)
खून में सोडियम की कमी होने का सबसे ज्यादा खतरा निम्न लोगों में होता है :
- बूढ़े लोगों को
- डाइयूरेटिक का इस्तेमाल करने वाले लोग
- गर्म जलवायु में रहने वाले लोगों को
- एंटीडिप्रेसेंट दवाओं का इस्तेमाल करने वालों में
- एथिलीट्स में, जो ज्यादा फिजिकल वर्क करते हैं
- लो-सोडयम डायट खाने वालों को
- हार्ट फेलियर, किडनी की बीमारी या सिंड्रोम ऑफ इनएप्रोप्रिएट एंटीडायूरेटिक हॉर्मोन (SIADH) से ग्रसित लोगों को
हायपोनेट्रेमिया (Hyponatremia) या खून में सोडियम की कमी का पता कैसे लगाया जाता है?
हायपोनेट्रेमिया (सोडियम की कमी) के लक्षण सामने आने के बाद इसका पता सोडियम टेस्ट के द्वारा लगाया जाता है। सोडियम टेस्ट के लिए की जाने वाली प्रक्रिया को बेसिक मेटाबॉलिक पैनल कहते हैं। ये हमारे रूटीन चेकअप का हिस्सा है, जिससे खून में सोडियम की कमी का पता लगाया जाता है। इसके अलावा यूरिन टेस्ट की मदद से भी लो सोडियम की जांच की जाती है।
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हायपोनेट्रेमिया का इलाज कैसे किया जाता है? (Hyponatremia Treatment)
हायपोनाट्रोमिया का इलाज उसके होने वाले कारणों पर निर्भर करती है :
- तरल पदार्थों की मात्रा को कम कर के हायपोनेट्रेमिया का इलाज किया जाता है।
- अगर डाइयूरेटिक दवाओं के कारण हो रहा है तो उनका डोज कम किया जाता है।
- लक्षणों के आधार पर दवाएं दी जाती है, जैसे- सिरदर्द, मितली आना और दौरे पड़ना आदि।
- इंट्रावेनस सोडियम सॉल्यूशन दे कर।
सोडियम की कमी के लिए घरेलू इलाज क्या हैं? (Hyponatremia Home remedies)
खून में सोडियम की कमी होने पर हमें वो फूड्स खाने चाहिए, जिससे सोडियम की कमी पूरी हो जाती हैं और स्वास्थ्य समस्या में भी कमी आती है।
नमक
खून में सोडियम की कमी होने पर सबसे पहले नमक की याद आती है। आए भी क्यों ना, नमक का दूसरा नाम ही सोडियम क्लोराइड है। नमक को खाने में ज्यादा डाल कर खाएं या पानी में मिला कर पीने से सोडियम की मात्रा में इजाफा होता है। ध्यान रखें कि नमक की कितना मात्रा लेनी है, ये बात शरीर में सोडियम की कमी पर निर्भर करती है। इस संबंध में अपने डॉक्टर के परामर्श पर ही नमक का सेवन करें।
पालक
अक्सर सुना होगा कि पालक का स्वाद खारा, यानी कि नमकीन होता है। ऐसे में सोडियम की कमी के लिए ये एक महत्वपूर्ण आहार साबित हो सकता है। पालक को उबाल कर इसका जूस बना कर पीते हैं तो आपको 125 मिलीग्राम सोडियम की मात्रा मिलती है। पालक का साग बनाकर खाने पर सोडियम की कमी दूर होती है।
सब्जियों की जड़ें
सब्जियों की जड़ें खाने से सोडियम की मात्रा में इजाफा होगा। लाल या सुनहरे रंग की सब्जियों की जड़ें, जैसे- चुकंदर, शलजम, गाजर, आलू आदि सब्जियों को खाने से लगभग 65 मिलीग्राम सोडियम मिलता है। आप चाहें तो आलू का चिप्स या फ्राइस बनाकर खा सकते हैं। इसके अलावा गाजर और चुकंदर का हलवा बना कर या सलाद के रूप में खा सकते हैं।
टमाटर
टमाटर का सेवन करने से सोडियम की कमी पूरी होती है। अगर आप ¼ कप टमाटर खाते हैं तो आपको 321 मिलीग्राम सोडियम मिलता है। आप टमाटर का सूप बनाकर पी सकते हैं या फिर सलाद के रूप में भी टमाटर का सेवन कर सकते हैं।
इन सभी चीजों के अलावा आप निम्न चीजों का सेवन कर सकते हैं :
लाइफस्टाइल चेंजेस से हायपोनेट्रेमिया के इलाज में मिलेगी मदद
ऐसी स्थितियों के लिए उपचार का उपयोग करना जो हाइपोनैट्रीमिया में योगदान करते हैं। एडर्नल ग्लैंड इंसफिशेंसी (Adrenal gland insufficiency, लो ब्लड सोडियम को रोकने में मदद कर सकते हैं।
खुद को एजुकेट करें
- अगर आप डाययूरेटिक मेडिसिन (Diuretic medications) लेते हैं तो निम्न रक्त सोडियम लक्षणों से अवगत रहें। डॉक्टर से इसके जोखिम के बारें में बात जरूर करें।
- उच्च तीव्रता वाली गतिविधियों के दौरान ध्यान रखें। जब भी प्यास लगे पानी जरूर पिएं। शरीर को पानी की आवश्यकता होना या प्यास लगना अच्छा संकेत है।
- अन्य गतिविधियों के दौरान पानी की जगह इलेक्ट्रोलाइट्स भी ले सकते हैं।
मॉडरेशन में पानी पिएं
पानी पीना आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त तरल पदार्थ पीते रहे। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि मात्रा बहुत ज्यादा न हो। एक महिला को दिन में 2.2 लीटर पानी पीना चाहिए। प्यास और यूरिन के रंग से पानी की कमी का पता चल जाता है। प्यास नहीं लग रही है और यूरिन का कलर भी पेल यलो है, तो इसका मतलब ये है कि आप ज्यादा पानी ले रहें है।
अगर आप हाइपोनैट्रीमिया से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
हमें उम्मीद है कि सोडियम की कमी या हायपोनेट्रेमिया पर आधारित यह आर्टिकल आपको पंसद आया होगा। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।