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डॉक्टर खास जीन परिवर्तनों के लिए रोगी के ट्यूमर का परीक्षण भी कर सकते हैं। ताकि यह तय करने में मदद मिल सके कि इसके उपचार में एडजुवेंट कीमोथेरेपी सहायक होगी या नहीं। हालांकि स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर (Stage 2 Colorectal Cancer) के लिए कीमोथेरेपी का इस्तेमाल कब करना चाहिए, इस पर सभी डॉक्टर सहमत नहीं हैं। लेकिन, इस प्रक्रिया से पहले कीमोथेरेपी के नुकसान और लाभ के बारे में डॉक्टर से जान लें। इसके साथ ही यह भी जान लें कि इसके उपचार के बाद इस कैंसर के फिर से होने का जोखिम कितना कम हो सकता है और के साइड इफ़ेक्ट क्या हैं? अगर स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर के उपचार में कीमोथेरेपी का प्रयोग किया जाता है तो 5-FU और लुकोवोरिन (Leucovorin),कैपेसिटाबिन (Capecitabine) या अन्य कॉम्बिनेशंस का प्रयोग भी किया जा सकता है।
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अमेरिकन कैंसर सोसाइटी (American Cancer Society) रीकरंट कैंसर का अर्थ है कि उपचार के बाद कैंसर का फिर से हो जाना। यह रीकरंट कैंसर (Recurrent Cancer) लोकल भी हो सकता है और डिस्टेंट भी। अगर यह कैंसर लोक्ली फिर से हो गया है, तो सर्जरी का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन ,अगर कैंसर को सर्जरी से रिमूव न किया जा सकता हो तो कीमोथेरेपी का प्रयोग किया जाता है। डिस्टेंट रीकर्रेंस में कैंसर अन्य अंगों तक फैल चुका होता है और इसका उपचार के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी के साथ ही अन्य टार्गेटेड थेरपी (Targeted Therapy) का प्रयोग भी किया जा सकता है। संक्षिप्त में कहा जाए तो स्टेज 2 के मुख्य उपचार के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है:
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- सर्जरी (Surgery)
- रेडियोथेरेपी (Radiotherapy)
- कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
- कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी का मेल (Chemotherapy combined with Radiotherapy)
इसके साथ ही डॉक्टर अन्य तरह के उपचार की सलाह भी दे सकते हैं। हालांकि स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर (Stage 2 Colorectal Cancer) की स्थिति में सर्जरी एकमात्र उपचार है। लेकिन इसमें कीमोरेडियोथेरेपी (Chemoradiotherapy) भी दी जा सकती है अगर कैंसर के फिर से होने की संभावना हो। इसके लिए इन तरीकों का प्रयोग किया जा सकता है:
- रेडियोथेरेपी का एक छोटा कोर्स, उसके बाद सर्जरी
- कीमोरेडियोथेरेपी का एक कोर्स, उसके बाद सर्जरी
यह तो थी स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर (Stage 2 Colorectal Cancer) और इसके उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी। लेकिन, क्या इससे बचा जा सकता है? अगर आपके मन में भी यही सवाल है तो जानिए क्या है इसका जवाब?

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कोलोरेक्टल कैंसर से बचाव संभव है? (Prevention of Colorectal Cancer)
कोलोरेक्टल कैंसर से जुड़े रिस्क फैक्टर्स जैसे पारिवारिक इतिहास और उम्र अधिक की रोकथाम नहीं की जा सकती है। लेकिन, अपनी जीवनशैली के कुछ फैक्टर्स को बदल कर हम इसके रिस्क को कम कर सकते हैं। क्योंकि यह फैक्टर कोलोरेक्टल कैंसर को बढ़ा सकते हैं। इसलिए अपने जीवन में इन बदलाव को लाएं:
- संतुलित आहार (Right Food) : हमेशा सही और संतुलित आहार का सेवन करें। अपने आहार में फल, सब्जियों और साबुत अनाज की मात्रा बढ़ाएं। प्रोसेस्ड मीट या आहार, रेड मीट आदि के सेवन से बचें। यही नहीं अपने आहार में फैट की मात्रा को भी कम कर दें। सही डायट के बारे में जानने के लिए डॉक्टर और डायटिशन की मदद ली जा सकती है।
- रोजाना व्यायाम करें (Daily Exercise) : दिन में कम से कम तीस मिनट निकालें और एक्सरसाइज या सैर करें। इससे आपको संपूर्ण रूप से स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी।
- अपने वजन को संतुलित रखें (Right Weight) : अगर आपका वजन अधिक है तो इसे कम करने के लिए अपने खानपान और व्यायाम का ध्यान रखें। इसके लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं।
- स्मोकिंग और एल्कोहॉल से बचें (Stay away from Smoking and Alcohol) : स्मोकिंग और एल्कोहॉल से बचें क्योंकि यह कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। सेकंडहैंड स्मोकिंग से भी बचने की कोशिश करें।
- तनाव से बचें (Avoid Stress) : इससे बचने के लिए अपने दोस्तों, परिवार आदि के साथ समय बिताएं, योग या मैडिटेशन करें। अगर तनाव के कारण आपकी रोजाना की जिंदगी प्रभावित हो रही है तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
- स्क्रीनिंग (Screening) : नियमित रूप से स्क्रीनिंग कराएं। खासतौर पर अगर आपको कैंसर होने की संभावना अधिक है।
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उम्मीद है कि स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर (Stage 2 Colorectal Cancer) के बारे में आप जान ही चुके होंगे। कैंसर से बचाव संभव नहीं है लेकिन जल्दी निदान से अधिकतर लोग न केवल जल्दी रिकवर हो जाते हैं बल्कि उनमें फिर से कैंसर होने की संभावना भी अधिक होती है। कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) के बाद भी लोग सामान्य जीवन जी सकते हैं। अगर आप कैंसर की संभावना से बचना चाहते हैं या चाहते हैं कि कैंसर दोबारा न हो तो डॉक्टर की सलाह का पालन करें, हेल्दी लाइफ जीएं और समय-समय पर स्क्रीनिंग कराते रहें।