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स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर : कितनी घातक हो सकती है कैंसर की यह स्टेज?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

    स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर : कितनी घातक हो सकती है कैंसर की यह स्टेज?

    कोलोरेक्टल कैंसर को कोलन कैंसर भी कहा जाता है। कोलोरेक्टल कैंसर Colorectal cancer वो कैंसर है जिसकी शुरुआत कोलन (Colon) यानी लार्ज इंटेंस्टाइन (Large Intestine) और रेक्टम (Rectum) में होती है। यह दोनों अंग डायजेस्टिव सिस्टम (Digestive System) के निचले हिस्से में होते हैं। ऐसा माना जाता है कि 23 में से एक पुरुष या 25 में से एक महिला को अपने जीवन में कभी न कभी यह समस्या होती ही है। स्टेजेस के माध्यम से डॉक्टर इस बात का पता लगाने की कोशिश करते हैं कि यह कैंसर कहां तक फैला है। इसकी स्टेज के बारे में पता होना बेहद जरूरी है ताकि इस जानलेवा बीमारी के लिए सबसे बेहतर उपचार को निर्धारित किया जा सके। आज हम बात करने वाले हैं स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर (Stage 2 Colorectal Cancer) के बारे में। लेकिन, इससे पहले जान लेते हैं कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेस और लक्षणों के बारे में।

    कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण क्या होते हैं? (Symptoms of Colorectal Cancer)

    अगर बात करें कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेस के बारे में तो इसकी चार मुख्य स्टेजेस होती हैं। हर एक स्टेज का इलाज अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। कोलोरेक्टल कैंसर के कई मामलों में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं, खासतौर पर शुरुआती स्टेजेस में। लेकिन, अगर आप किन्हीं लक्षणों को महसूस करते हैं तो वो इस प्रकार हो सकते हैं:

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    अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है, ताकि सही समय पर कोलोरेक्टल या कोलन कैंसर का निदान हो सके। अब जानते हैं कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजिंग के बारे में। 

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    कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजिंग (Staging of Colorectal Cancer) 

    अगर आपका कोलोरेक्टल या कोलन कैंसर से निदान हुआ है, तो सबसे पहले डॉक्टर उस कैंसर की स्टेज के बारे में जानेंगे। कैंसर की स्टेज से पता चलता है कि कैंसर कितना फैल गया है और यह किस अंग तक फैल चुका है। इस कैंसर की स्टेज का पता चलने से सही उपचार के बारे में भी निर्धारित किया जा सकता है। कोलोरेक्टल कैंसर की स्टेजेस एक सिस्टम पर निर्भर करती हैं जिसे TNM स्टेजिंग सिस्टम कहां जाता है।  इस सिस्टम में निम्नलिखित फैक्टर्स को ध्यान रखा जाता है:

    प्रायमरी ट्यूमर (Primary Tumor) (T) : प्रायमरी ट्यूमर का मतलब यह है कि ओरिजनल ट्यूमर कितना बड़ा है और क्या कैंसर कोलन की दीवार में विकसित हो गया है या आस-पास के क्षेत्रों में फैल गया है या नहीं?

    रीजनल लिम्फ नोड्स (Regional Lymph Nodes) (N) : रीजनल लिम्फ नोड्स का अर्थ है कि क्या यह कैंसर सेल्स नजदीक के लिम्फ नोड्स तक फैल गया है?

    डिस्टेंट मेटास्टेसिस (Distant Metastases) (M): डिस्टेंट मेटास्टेसिस यह बताते हैं कि क्या कैंसर कोलन से शरीर के अन्य भागों में फैल गया है जैसे लंग्स और लिवर ?

    प्रत्येक केटेगरी में, रोग को और भी आगे की स्टेजेज में बांटा गया है और रोग की सीमा को इंडीकेट करने के लिए एक संख्या या एक अक्षर का प्रयोग किया जाता है। ये असाइनमेंट कोलन की संरचना पर आधारित होते हैं।  साथ ही साथ यह इस बात पर भी निर्भर करती है कोलन वॉल के माध्यम से कैंसर कितना फैल चुका है। जानिए अब स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर (Stage 2 Colorectal Cancer) के बारे में। 

    स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर

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    स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर क्या है? (Stage 2 Colorectal Cancer)

    स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर बॉवेल की आउटर वॉल में या टिश्यू में या बॉवेल के अगले अंग में फैल चुका होता है। लेकिन, यह लिम्फ नोड्स या शरीर के अन्य भागों तक नहीं फैला होता। स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर को भी तीन अलग-अलग सबस्टेजेस में बांटा गया है जिन्हें 2A, 2B और 2C कहा जाता है। इन सबस्टेजेस का अर्थ यह होता है:

    2A स्टेज (2A Stage): स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर (Stage 2 Colorectal Cancer) की इस सबस्टेज में कैंसर लिम्फ नोड्स या आसपास के टिश्यू तक नहीं फैला होता। इसका अर्थ है की कैंसर बॉवेल की आउटर लायनिंग में पहुंच चुका होता  है। यह कैंसर कोलन की आउटर लॉयर तक पहुंच तो गया होता, लेकिन पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता

    2B स्टेज (2B Stage) : स्टेज 2B का अर्थ है कि कैंसर लिम्फ नोड्स में नहीं फैला हुआ है। लेकिन, यह  कोलन की आउटर लेयर और विसेरल पेरिटोनियम (Visceral Peritoneum) में फैल गया होता है। विसेरल पेरिटोनियम (Visceral Peritoneum) वो मेम्ब्रेन होती है, जो पेट के ऑर्गन्स को होल्ड कर के रखती है।

    2C स्टेज (2C Stage) : यह कैंसर आसपास के लिम्फ नोड्स में नहीं पाया जाता है। लेकिन कोलन की आउटर लायनिंग के माध्यम से बढ़ने के अलावा, यह आस-पास के अंगों या स्ट्रक्चर में विकसित हो चुका होता है। यह तो थी स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर (Stage 2 Colorectal Cancer) का अर्थ और इसे सबस्टेजेस के बारे में जानकारी। अब जानिए इसके उपचार के बारे में।

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    स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर का उपचार (Treatment of Stage 2 Colorectal Cancer)

    कई स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर (Stage 2 Colorectal Cancer) कोलन की वॉल के माध्यम से और आसपास के टिश्यू में ग्रो होते हैं। लेकिन, यह लिम्फ नोड्स तक नहीं फैले होते हैं। कोलोरेक्टल कैंसर या कोलन कैंसर की शुरुआती स्टेज में उपचार में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है सर्जरी। वो कोलन जिसमे कैंसर है, उस भाग को रिमूव करने पर साथ में लिम्फ नोड्स को भी हटाने के लिए यह एकमात्र उपचार है। लेकिन डॉक्टर एडजुवेंट कीमोथेरेपी (Adjuvant Chemotherapy) यानी सर्जरी के बाद कीमोथेरेपी की सलाह भी दे सकते हैं। कुछ फैक्टर्स की वजह से आपको यह कैंसर के फिर से होने की संभावना अधिक हो सकती है, जैसे:

    स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर

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    डॉक्टर खास जीन परिवर्तनों के लिए रोगी के ट्यूमर का परीक्षण भी कर सकते हैं। ताकि यह तय करने में मदद मिल सके कि इसके उपचार में एडजुवेंट कीमोथेरेपी सहायक होगी या नहीं। हालांकि स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर (Stage 2 Colorectal Cancer) के लिए कीमोथेरेपी का इस्तेमाल कब करना चाहिए, इस पर सभी डॉक्टर सहमत नहीं हैं। लेकिन, इस प्रक्रिया से पहले कीमोथेरेपी के नुकसान और लाभ के बारे में डॉक्टर से जान लें। इसके साथ ही यह भी जान लें कि इसके उपचार के बाद इस कैंसर के फिर से होने का जोखिम कितना कम हो सकता है और के साइड इफ़ेक्ट क्या हैं? अगर स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर के उपचार में कीमोथेरेपी  का प्रयोग किया जाता है तो 5-FU और लुकोवोरिन (Leucovorin),कैपेसिटाबिन (Capecitabine) या अन्य कॉम्बिनेशंस का प्रयोग भी किया जा सकता है।

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    अमेरिकन कैंसर सोसाइटी (American Cancer Society) रीकरंट कैंसर का अर्थ है कि उपचार के बाद कैंसर का फिर से हो जाना। यह रीकरंट कैंसर (Recurrent Cancer) लोकल भी हो सकता है और डिस्टेंट भी। अगर यह कैंसर लोक्ली फिर से हो गया है, तो सर्जरी का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन ,अगर कैंसर को सर्जरी से रिमूव न किया जा सकता हो तो कीमोथेरेपी का प्रयोग किया जाता है। डिस्टेंट रीकर्रेंस में कैंसर अन्य अंगों तक फैल चुका होता है और इसका उपचार के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी के साथ ही अन्य  टार्गेटेड थेरपी (Targeted Therapy) का प्रयोग भी किया जा सकता है। संक्षिप्त में कहा जाए तो स्टेज 2 के मुख्य उपचार के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है:

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    • सर्जरी (Surgery)
    • रेडियोथेरेपी (Radiotherapy)
    • कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
    • कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी का मेल (Chemotherapy combined with Radiotherapy)

    इसके साथ ही डॉक्टर अन्य तरह के उपचार की सलाह भी दे सकते हैं। हालांकि स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर (Stage 2 Colorectal Cancer) की स्थिति में सर्जरी एकमात्र उपचार है। लेकिन इसमें कीमोरेडियोथेरेपी (Chemoradiotherapy) भी दी जा सकती है अगर कैंसर के फिर से होने की संभावना हो। इसके लिए इन तरीकों का प्रयोग किया जा सकता है:

    • रेडियोथेरेपी का एक छोटा कोर्स, उसके बाद सर्जरी
    • कीमोरेडियोथेरेपी का एक कोर्स, उसके बाद सर्जरी

    यह तो थी स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर (Stage 2 Colorectal Cancer) और इसके उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी। लेकिन, क्या इससे बचा जा सकता है? अगर आपके मन में भी यही सवाल है तो जानिए क्या है इसका जवाब?

    Stage 2 Colorectal Cancer

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    कोलोरेक्टल कैंसर से बचाव संभव है? (Prevention of  Colorectal Cancer)

    कोलोरेक्टल कैंसर से जुड़े रिस्क फैक्टर्स जैसे पारिवारिक इतिहास और उम्र अधिक की रोकथाम नहीं की जा सकती है। लेकिन, अपनी जीवनशैली के कुछ फैक्टर्स को बदल कर हम इसके रिस्क को कम कर सकते हैं। क्योंकि यह फैक्टर कोलोरेक्टल कैंसर को बढ़ा सकते हैं। इसलिए अपने जीवन में इन बदलाव को लाएं:

    • संतुलित आहार (Right Food) : हमेशा सही और संतुलित आहार का सेवन करें। अपने आहार में फल, सब्जियों और साबुत अनाज की मात्रा बढ़ाएं। प्रोसेस्ड मीट या आहार, रेड मीट आदि के सेवन से बचें। यही नहीं अपने आहार में फैट की मात्रा को भी कम कर दें। सही डायट के बारे में जानने के लिए डॉक्टर और डायटिशन की मदद ली जा सकती है।
    • रोजाना व्यायाम करें (Daily Exercise) : दिन में कम से कम तीस मिनट निकालें और एक्सरसाइज या सैर करें। इससे आपको संपूर्ण रूप से स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी।
    • अपने वजन को संतुलित रखें (Right Weight) : अगर आपका वजन अधिक है तो इसे कम करने के लिए अपने खानपान और व्यायाम का ध्यान रखें। इसके लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं।
    • स्मोकिंग और एल्कोहॉल से बचें (Stay away from Smoking and Alcohol) : स्मोकिंग और एल्कोहॉल से बचें क्योंकि यह कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। सेकंडहैंड स्मोकिंग से भी बचने की कोशिश करें।
    • तनाव से बचें (Avoid Stress) : इससे बचने के लिए अपने दोस्तों, परिवार आदि के साथ समय बिताएं, योग या मैडिटेशन करें। अगर तनाव के कारण आपकी रोजाना की जिंदगी प्रभावित हो रही है तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
    • स्क्रीनिंग (Screening) : नियमित रूप से स्क्रीनिंग कराएं। खासतौर पर अगर आपको कैंसर होने की संभावना अधिक है।

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    उम्मीद है कि स्टेज 2 कोलोरेक्टल कैंसर (Stage 2 Colorectal Cancer) के बारे में आप जान ही चुके होंगे। कैंसर से बचाव संभव नहीं है लेकिन जल्दी निदान से अधिकतर लोग न केवल जल्दी रिकवर हो जाते हैं बल्कि उनमें फिर से कैंसर होने की संभावना भी अधिक होती है। कोलोरेक्टल कैंसर (Colorectal Cancer) के बाद भी लोग सामान्य जीवन जी सकते हैं। अगर आप कैंसर की संभावना से बचना चाहते हैं या चाहते हैं कि कैंसर दोबारा न हो तो डॉक्टर की सलाह का पालन करें, हेल्दी लाइफ जीएं और समय-समय पर स्क्रीनिंग कराते रहें।

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