डायबिटीज और कैंसर दो ऐसी समस्याएं है, जिन्हें बेहद गंभीर माना जाता है। यही नहीं, यह दोनों बीमारियां जान के लिए जोखिम भी साबित हो सकती हैं। कैंसर और डायबिटीज के बीच में भी गहरा लिंक है। अगर किसी व्यक्ति को यह दोनों बीमारियां हों, तो उसका जीवन थोड़ा मुश्किल जरूर हो सकता है। लेकिन, ऐसे रोगियों को हताश नहीं होना चाहिए। क्योंकि, डायबिटीज और कैंसर में भी आप एक क्वालिटी लाइफ जी सकते हैं। अभी हम आपको जानकारी देने वाले हैं कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन (Living with Cancer and Diabetes) के बारे में। अगर आपको लगता है कि कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन (Living with Cancer and Diabetes) मुश्किल हो सकता है या रोगी एक हेल्दी लाइफ नहीं जी सकता है, तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें। सबसे पहले डायबिटीज के बारे में जान लेते हैं।
डायबिटीज (Diabetes) क्या है?
डायबिटीज वो कंडिशन है, जिसमें हमारे खून में बहुत अधिक ग्लूकोज बनता है। ग्लूकोज एक तरह की शुगर है। हमारा शरीर इस शुगर का एनर्जी के रूप में प्रयोग करता है। खून में शुगर की मात्रा को इंसुलिन द्वारा कंट्रोल किया जाता है जो एक हॉर्मोन है और यह हॉर्मोन हमारे अग्न्याशय में बनता है। डायबिटीज दो तरह की होती है।
- टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes): इस कंडिशन में हमारा अग्न्याशय इंसुलिन नहीं बना पाता है।
- टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes): जिसमें अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है या इंसुलिन सही से काम नहीं कर पाती है।
इसके अलावा इसके कुछ अन्य प्रकार भी हैं जिन्हें प्रीडायबिटीज और जेस्टेशनल डायबिटीज के नाम से जाना जाता है। डायबिटीज के इन प्रकारों में से टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) अधिक सामान्य है। टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) के लक्षण एकदम दिखाई देते हैं और यह समस्या बच्चों और किशोरों को अधिक प्रभावित करती है। जबकि टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। लेकिन कई मामलों में पीड़ित में इसका कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है। कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन (Living with Cancer and Diabetes) के बारे में जानने से पहले आप डायबिटीज के लक्षणों के बारे में भी जान लें।
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डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of Diabetes)
डायबिटीज के लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में लोगों को इसका कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है। लेकिन, इसके सामान्य लक्षण इस तरह से हैं
- अधिक भूख लगना (Extreme hunger)
- प्यास का बढ़ना (Increased thirst)
- बार-बार मूत्र त्याग (Frequent urination)
- चिड़चिड़ापन (Irritability)
- अस्पष्ट रूप से वजन का कम होना (Unexplained weight loss)
- मूत्र में कीटोन्स का होना (Presence of ketones in the urine)
- थकावट (Fatigue)
- नजरों का धुंधला होना (Blurred vision)
- घावों का धीरे से ठीक होना (Slow-healing sores)
- लगातार इंफेक्शन होना जैसे मसूड़ों और स्किन इंफेक्शन (Frequent infections)
डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है। लेकिन सही उपचार और लाइफस्टाइल में बदलाव से इस रोग के लक्षणों से राहत पाई जा सकती है। अब जानते हैं कि क्या डायबिटीज कैंसर की वजह बन सकती है?
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क्या डायबिटीज के कारण कैंसर हो सकता है?
ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों में कुछ खास तरह के कैंसर विकसित होने का जोखिम अधिक रहता है। हालांकि, ऐसा क्यों होता है इसके बारे में सही जानकारी नहीं है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) और कैंसर के कई रिस्क फैक्टर एक समान होते हैं। अभी शोधकर्ता है इस बात के बारे में अधिक जानकारी जुटा रहे हैं कि क्या डायबिटीज ट्रीटमेंट के कारण कैंसर के विकसित होने का जोखिम बढ़ता है या नहीं? अभी इसके बारे में कोई भी सुबूत नहीं है कि डायबिटीज का ट्रीटमेंट इस जोखिम को बढ़ा सकता है।
हालांकि, डायबिटीज में सामान्यतया प्रयोग होने वाली दवा मेटफॉर्मिन (Metformin) कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है। अगर आपको डायबिटीज है तो एक हेल्दी लाइफस्टाइल कैंसर के विकसित होने के जोखिम को कम कर सकती है। यानी, रोगी का कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन (Living with Cancer and Diabetes) आसान हो सकता है। जानिए डायबिटीज और कैंसर रिस्क्स के बारे में।
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टाइप 2 डायबिटीज और कैंसर रिस्क (Type 2 Diabetes and Cancer risk)
टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) और कुछ तरह के कैंसर के रिस्क फैक्टर्स एक जैसे होते हैं। जैसे अगर आपका वजन अधिक है, तो आपको डायबिटीज के साथ एसोफैगस (Esophagus), बॉवेल(Bowel), ब्रेस्ट(Breast), किडनी (Kidney) का कैंसर होने की संभावना अधिक रहती है। यही नहीं, डायबिटीज और कैंसर दोनों बीमारियां बुजुर्गों में बेहद सामान्य हैं। टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को अग्न्याशय (Pancreas), लीवर (Liver), ब्लैडर (Bladder) के कैंसर का जोखिम भी अधिक रहता है। लेकिन, टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) का खतरा कम हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि डायबिटीज के कारण पुरुषों के शरीर में मेल हॉर्मोन यानी टेस्टोस्टेरोन (testosterone) कम मात्रा में होता है।
टाइप 1 डायबिटीज और कैंसर रिस्क (Type 1 Diabetes and Cancer risk
टाइप 1 डायबिटीज और कैंसर रिस्क के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। लेकिन, ऐसा माना जाता है कि टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) से पीड़ित लोगों में पेट (Stomach) या सर्विक्स कैंसर (Cervix Cancer) के होने का जोखिम अधिक होता है। अब जानिए क्या कैंसर के कारण डायबिटीज हो सकती है?
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क्या कैंसर डायबिटीज का कारण बन सकता है?
कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन (Living with Cancer and Diabetes) के बारे में जानने से पहले आपको इस बात का भी पता होना चाहिए कि क्या कैंसर डायबिटीज का कारण हो सकता है? असल में अगर आपको कुछ खास तरह के कैंसर हैं तो आप में डायबिटीज के विकसित होने की संभावना अधिक रहती है। जैसे अगर आपको अग्न्याशय का कैंसर (Pancreas cancer) है, तो आपको डायबिटीज होने की संभावना अधिक रहेगी। अब बात करते हैं कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन (Living with Cancer and Diabetes) की।
कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन कैसा होना चाहिए? (Living with Cancer and Diabetes)
अगर आपको कैंसर और डायबिटीज दोनों समस्याएं हैं, तो इन दोनों समस्याओं की स्थिति में सबसे पहले बात आती हैं इनके उपचार की। अगर आपको सही उपचार मिलता है तो आपको कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन (Living with Cancer and Diabetes) न केवल आसान होगा बल्कि आपको जल्दी इनसे रिकवर होने में भी मदद मिलेगी। कैंसर के उपचार से पहले कैंसर के निदान के लिए डॉक्टर आपको कई टेस्ट्स कराने के लिए कह सकते हैं। हालांकि इसके अधिकतर टेस्ट्स का डायबिटीज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। लेकिन, कुछ टेस्ट्स का असर रोगी के ब्लड शुगर लेवल पर पड़ सकता है। कैंसर और डायबिटीज की स्थिति में डॉक्टर आपके कैंसर ट्रीटमेंट (Cancer Treatment) को निर्धारित करेंगे। इसके लिए डॉक्टर की पूरी टीम होगी, जिसमें डायबिटीज स्पेशलिस्ट डॉक्टर भी शामिल होंगे। ताकि, कैंसर के उपचार के दौरान आपकी ब्लड शुगर (Blood Sugar) पर नजर रखी जा सके।
कैंसर के कुछ ट्रीटमेंट रोगी की ब्लड शुगर को भी प्रभावित करते हैं। इसका यह अर्थ है कि आपके कैंसर स्पेशलिस्ट को कैंसर ट्रीटमेंट के बारे में अधिक ध्यान से प्लान करना पड़ता है। इस दौरान रोगी के लिए डायबिटीज ट्रीटमेंट को कई बार बदला भी जा सकता है। डायबिटीज के ट्रीटमेंट में दवाईयां, इंसुलिन और स्वस्थ जीवनशैली शामिल है। जानिए कैंसर ट्रीटमेंट और डायबिटीज के बारे में।
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कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन में कैंसर ट्रीटमेंट (Cancer Treatment)
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि विभिन्न कैंसर ट्रीटमेंट विभिन्न तरीकों से डायबिटीज को प्रभावित कर सकते हैं यह ट्रीटमेंट के तरीके इस प्रकार हैं:
- कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
- हॉर्मोन थेरेपी (Hormone therapy)
- इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy)
- रेडियोथेरेपी (Radiotherapy
- स्टेम सेल ट्रांसप्लांट्स (Stem cell transplants)
- स्टेरॉइड्स (Steroids)
- सर्जरी (Surgery)
- टार्गेटेड थेरेपी (Targeted therapy)
यह तो थी यह जानकारी कि कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन (Living with Cancer and Diabetes) जीते हुए आपको किन-किन ट्रीटमेंट्स से गुजरना पड़ेगा? लेकिन, इन ट्रीटमेंट्स के कारण कुछ साइड इफेक्ट्स के कारण भी रोगी की ब्लड शुगर प्रभावित हो सकती है। इन साइड इफेक्ट्स में भूख का कम होना और एक्टिविटी का कम होना आदि शामिल है। इसके अलावा डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को इन साइड इफेक्ट्स की संभावना भी अधिक होती है इंफेक्शन, डायरिया, घावों का धीमे से भरना आदि। इन साइड इफेक्ट्स को मैनेज करने के लिए आपके डॉक्टर दवाईयों के साथ-साथ सही लाइफस्टाइल की सलाह भी देंगे। जानिए इसके बारे में विस्तार से।
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कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन में लाइफस्टाइल में बदलाव (Change in Lifestyle)
कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन (Living with Cancer and Diabetes) को आसान बनाने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में भी परिवर्तन लाना होगा। इसके लिए डॉक्टर आपको इन तरीकों का सुझाव दे सकते हैं।
हेल्दी आहार का सेवन (Healthy Food)
कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन (Living with Cancer and Diabetes) जीते हुए सबसे जरूरी है, रोगी का अपने खानपान का ध्यान रखना। क्योंकि, आहार न केवल ब्लड शुगर (Blood Sugar) को नियंत्रण में रहने में मदद करेगा। बल्कि, इससे उसे जल्दी रिकवर होने और सामान्य जीवन जीने में भी मदद मिलेगी। ऐसे में रोगी को अपने आहार में अधिक फलों, सब्जियों, साबुत आनाज आदि का शामिल करना चाहिए। इसके लिए डॉक्टर और डायटीशियन की मदद भी ली जा सकती है।
वजन को रखें कम (Maintain your Weight)
जैसा की आप जानते हैं कि वजन का अधिक होना कैंसर और डायबिटीज रिस्क फैक्टर्स में से एक है। इसलिए, अपने वजन को संतुलित रखें। अगर आपका वजन अधिक है, तो उसे कम करने की कोशिश करें। इसके लिए अपने खाने-पीने का ध्यान रखें और व्यायाम करें। आप अपने डॉक्टर की मदद भी इसमें ले सकते हैं।
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कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन और व्यायाम (Regular Exercise)
नियमित व्यायाम करना भी उतना ही जरूरी है, जितना आपके आहार का सही होना। नियमित व्यायाम करने से आप न केवल एक्टिव रहेंगे बल्कि आपको अच्छा भी महसूस होगा।
एल्कोहॉल और तंबाकू से दूर रहें (Stay away from Alcohol and Tobacco)
अगर आपको कैंसर और डायबिटीज की समस्या है, तो आपको एल्कोहॉल और तंबाकू से बिलकुल दूर रहना चाहिए। क्योंकि, इससे आपकी समस्या और अधिक बढ़ सकती है।
कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन और तनाव से बचाव (Avoid Stress)
कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन (Living with Cancer and Diabetes) जीते हुए आप कई बार उदास और हताश महसूस कर सकते हैं। ऐसे में यह फीलिंग बेहद सामान्य है। लेकिन, नकारात्मक विचारों को अपने मन में न आने दें। सकारात्मक रहने से न केवल आप जल्दी रिकवर होंगे। बल्कि, आपको जीवन को एक नए नजरिये से देखने में भी मदद मिलेगी। इसके लिए आप योग, मैडिटेशन या म्यूजिक की मदद ले सकते हैं। लेकिन, अगर यह समस्या बढ़ जाए तो डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें।
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यह तो थी कैंसर और डायबिटीज के साथ जीवन (Living with Cancer and Diabetes) के बारे में पूरी जानकारी। अगर किसी व्यक्ति को यह खबर मिलती है कि उसे कैंसर है, तो उसके मन में विभिन्न प्रकार की फीलिंग्स आना सामान्य है। रोगी के लिए यह स्थिति और भी मुश्किल हो सकती है। अगर उसे कोई अन्य बीमारी भी हो जैसे डायबिटीज। इस दौरान आपके जीवन में ऐसे कई मौके आएंगे, जब आपके लिए डायबिटीज को मैनेज करने में मुश्किल होगी। ऐसा कैंसर के उपचार के कारण भी हो सकता है। ऐसे में, सबसे जरूरी है आपका सकारात्मक रहना और धैर्य बनाए रखना। इससे न केवल आप जल्दी ठीक होंगे बल्कि आपके जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। अगर आपके मन में इनके बारे में कोई भी सवाल है तो आप अपने डॉक्टर से इन्हें अवश्य पूछें।
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