आमतौर पर डायबिटीज की समस्या का इलाज नहीं है। लेकिन, इसे मैनेज किया जा सकता है। इस समस्या को मैनेज करने के लिए रोगी को सही दवाईयों, नियमित ब्लड ग्लूकोज को मैनेज करना और हेल्दी आदतों को अपनाना चाहिए। डायबिटीज या इंसुलिन रेजिस्टेंस ट्रिगर्ड अल्जाइमर’स डिजीज (Insulin resistance triggered Alzheimer’s Disease) जैसे सवाल का उत्तर पाने से पहले अल्जाइमर’स डिजीज (Alzheimer’s Disease) के बारे में जान लेते हैं।
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अल्जाइमर’स डिजीज क्या है? (Alzheimer’s Disease)
अल्जाइमर’स डिजीज (Alzheimer’s Disease) एक प्रोग्रेसिव न्यूरोलॉजिक डिसऑर्डर है, जिसके कारण ब्रेन सिकुड़ जाता है और ब्रेन सेल्स नष्ट हो जाते हैं। यह डिजीज डेमेंशिया का सबसे सामान्य प्रकार है। जिसमें प्रभावित व्यक्ति की सोचने, बिहेवियरल और सोशल स्किल्स में निरंतर गिरावट आती है, जिससे व्यक्ति की स्वतंत्र रूप से कार्य करने की क्षमता प्रभावित होती है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार कम उम्र के लोगों को भी यह बीमारी हो सकती है। लेकिन, यह दुर्लभ है। साठ साल की उम्र के बाद इसके लक्षण पहली बार नजर आना शुरू होते हैं और उम्र के साथ इसके रिस्क्स बढ़ते जाते हैं।
इसके शुरुआती लक्षण हैं रोगी का रीसेंट इवेंट्स और कंवर्सशन्स को भूल जाना। दवाईयां अस्थायी रूप से और धीरे-धीरे इन लक्षणों को दूर करने में सहायक होती है। डायबिटीज को इस समस्या का एक जोखिम माना जा सकता है। संक्षेप में कहा जाए तो डायबिटीज या इंसुलिन रेजिस्टेंस ट्रिगर्ड अल्जाइमर’स डिजीज (Insulin resistance triggered Alzheimer’s Disease)। आइए जानते हैं इसके बारे में बारे में विस्तार से। जानें क्या है डायबिटीज और अल्जाइमर’स डिजीज (Diabetes and Alzheimer’s Disease) के बीच में लिंक?
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