रेड मीट या अन्य मीट का सेवन करना स्ट्रोक के जोखिम को 10 फीसदी तक बढ़ा सकता है। मीट में हीम आयरन की अच्छी मात्रा होती है, जो स्वास्थ्य के अन्य स्थितियों के लाभकारी भी हो सकता है, लेकिन यह मस्तिष्काघात के खतरों को बढ़ाने का भी एक कारक हो सकता है। इसके अलावा पशुओं में पीसीबी जैसे विषैले प्रदूषक भी हो सकते हैं, जो एनिमल फैट का निर्माण करते हैं। यह खून को प्रदूषित भी कर सकता है। इसलिए इस तरह के खाद्य पदार्थों से दूरी बनानी चाहिए।
यह भी पढ़ेंः रेड मीट बन सकता है ब्रेस्ट कैंसर का कारण, इन बातों का रखें ख्याल
2. बेक्ड या पैक्ड फूड्स
चिप्स, बिस्कुट, मफिन्स, केक जैसे बेक्ड और पैक्ड फूड्स में हाई ट्रांस फैट मौजूद होता है। आमतौर पर इनके इस्तेमाल में हाइड्रोजेनेटेड (Hydrogenated) तेलों का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि इन्हें कमरे के तापमान पर ठोस बनाए रखना जरूरी होता है। ट्रांस फैट की अधिक मात्रा हाई कोलेस्ट्रॉल और दिल के रोगों के को बढ़ा सकता है। इसलिए प्रतिदिन सिर्फ एक या दो ग्राम की मात्रा में ही ट्रांस फैट का सेवन करना चाहिए। पैक्ड या बेक्ड फूड्स खरीदने से पहले उनके पैक पर लिखे गए दिशा-निर्देशों को अच्छे से पढ़ें।
यह भी पढ़ेंः बच्चे को फूड एलर्जी से बचाने के लिए अपनाएं ये तरीके
3. डायट सोडा
अमेरिकन स्ट्रोक एसोसिएशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्ट्रोक सम्मेलन में एक शोध जारी किया गया था। इस दौरान उनका दावा था कि जो अगर दिन भर में सिर्फ एक डायट सोडा पिया जाए, तो यह भी स्ट्रोक का खतरा 48 फीसदी तक बढ़ा सकता है।
यह भी पढ़ेंः बच्चों के लिए 7 डायट्री सप्लिमेंट्स
4. स्मोक्ड और प्रोसेस्ड मीट
सॉसेज, हॉट डॉग, बेकन या स्मोक्ड टर्की सैंडविच अधिकतर लोगों का पसंदीदा फास्ट फूड होता है। हालांकि, इनका सेवन मस्तिष्क के दौरे का सबसे बड़ा कारक हो सकता है।
आइए अब जानते हैं ब्रेन स्ट्रोक से बचने के उपाय क्या हैं।