थर्ड डिग्री बर्न में त्वचा का मोम जैसी और सफेद रंग की दिखने लगती है। त्वचा काली पड़ जाती है, त्वचा का गहरा भूरा रंग हो सकता है, त्वचा उभरी हुई और लेदर जैसी दिखाई देने लगती है और अविकसित फफोले पड़ जाते हैं।
यह भी पढ़ें : फर्स्ट डिग्री से थर्ड डिग्री तक जानिए जलने के प्रकार और उनके उपचार
जलने के घरेलू उपचार से जुड़े मिथ और फैक्ट्स क्या हैं?
जलने के प्रकार के बाद ही हम जलने के घरेलू उपचार के बारे में सोच सकते हैं। क्योंकि जलने के प्रकार पर ही जलने का घरेलू इलाज निर्भर करता है। आइए जानते हैं कि जलने के घरेलू उपचार से जुड़े वो मिथ और फैक्ट्स जिन्हें हम अंधाधुंध फॉलो करते हैं :
मिथ: जलने पर टूथपेस्ट लगाना चाहिए
फैक्ट्स : जलने पर टूथपेस्ट नहीं लगाना चाहिए, लेकिन फिर भी लोग लगाते हैं क्योंकि हमेशा लोगों को टूथपेस्ट में मौजूद मिंट से ठंडक मिलती है। हालांकि, जलने पर टूथपेस्ट कितना सही, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। ऐसे में टूथपेस्ट अगर आप लगाना चाहते हैं तो अपने रिस्क पर लगा सकते हैं। इसके अलावा टूथपेस्ट जले हुए स्थान को संक्रमण के लिए सही जगह मुहैया करा सकता है। इसके साथ ही टूथपेस्ट स्टेराइल नहीं होता है।
मिथ: जलने पर मक्खन (Butter) लगाना चाहिए
फैक्ट्स : जलने के घरेलू उपचार के रूप में लोग मक्खन भी लगाते हैं, लेकिन मक्खन का इस्तेमाल जले पर नहीं करना चाहिए। मक्खन होने वाली जलन को बेशक कम करता है, लेकिन टिश्यू को डैमेज भी करता है। वहीं मक्खन में कुछ ऐसे बैक्टीरिया भी मौजूद हो सकते हैं, जो त्वचा को संक्रमित कर सकते हैं। इसलिए मक्खन को ब्रेड के लिए बचा कर रखें।
यह भी पढ़ें : इस तरह घर में ही बनाएं मिट्टी के बर्तन में खाना, मिलेगा बेहतर स्वाद के साथ सेहत भी
मिथ: जलने पर तेल (Oil) लगाना चाहिए
फैक्ट्स : अक्सर लोग इसेंशियल ऑयल या खाना पकाने वाला कोई भी तेल जले पर लगाते हैं। जिसमें नारियल तेल, ऑलिव ऑयल शामिल होता है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि जले पर तेल लगाने से जलन कम होती है और त्वचा ज्यादा जलने से बच जाती है, लेकिन जिस हीट को तेल त्वचा के अंदर रोक देता है, उससे जलने पर लगी चोट और बदतर हो सकती है। हालांकि, कुछ इसेंशियल ऑयल त्वचा के घावों को ठीक करने में मददगार होते हैं, लेकिन जलने पर नहीं प्रभावी हो सकते हैं।
मिथ: जलने पर एग का व्हाइट भाग लगाना चाहिए