क्या आपको कभी ऐसा लगा है कि आपकी हार्टबीट मिस हो रही है? कभी-कभी हम अपनी हार्टबीट का बहुत तेजी से बढ़ना भी महसूस कर सकते हैं। आमतौर पर इसे हम सामान्य मानते हैं। लेकिन, ऐसा एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) के कारण भी हो सकता है। हमारे हार्ट के चार चैम्बर्स होते हैं, जिनमें से ऊपर के दो चैम्बर्स को एट्रिया कहा जाता है और नीचे के चैम्बर्स को वेंट्रिकल्स कहा जाता है। यदि, हमारे हार्ट का इलेक्ट्रिकल सिस्टम एट्रिया में अर्ली या एक्स्ट्रा बीट को ट्रिगर करता है, तो इसका परिणाम एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स हो सकता है। हालांकि, यह समस्या लोअर चैम्बर्स यानी वेंट्रिकल्स में भी शुरू हो सकती है। आइए, जानते हैं एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) के बारे में।
एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स क्या है? (Atrial Premature Complex)
एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स एक सामान्य प्रकार का हार्ट एरिथमिया (Heart Arrhythmias) है, जो एट्रिया में होने वाले प्रीमेच्योर हार्टबीट्स से पहचाना जाता है । इसे एट्रियल प्रीमेच्योर कॉन्ट्रेक्शन (Atrial Premature Contraction) के नाम से भी जाना जाता है। इसका सबसे सामान्य लक्षण है हार्ट पैल्पिटेशन (Heart Palpitations)। हार्ट पैल्पिटेशन (Heart Palpitations) वो समस्या है जिसमें हार्टबीट्स अधिक तेज या अधिक कम या इर्रेगुलर हो जाती है। इसका दूसरा नाम प्रीमेच्योर बीट भी है। कई बार यह समस्या होती है लेकिन रोगी को इसके बारे में महसूस भी नहीं होता। प्रीमच्योर बीट्स होना सामान्य हैं और आमतौर पर हानिरहित होती हैं। बहुत कम मामलों में इस समस्या के कारण कोई गंभीर हार्ट प्रॉब्लम हो सकती है।
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जब प्रीमेच्योर बीट दिल के अपर चैम्बर्स में होती है, तो इसे एट्रियल कॉम्लेक्स या कॉन्ट्रेक्शन के नाम से जाना जाता है। प्रीमेच्योर बीट दिल के लोअर चैम्बर्स में भी हो सकता है। इसे वेंट्रिकुलर कॉम्लेक्स (Ventricular Complexes) या कॉन्ट्रैक्शंस कहा जाता है। इन दोनों तरह के प्रीमच्योर बीट्स के कारण और लक्षण एक जैसे होते हैं। संक्षिप्त शब्दों में कहा जाए तो एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) वो अतिरिक्त हार्टबीट्स हैं जो दिल के एट्रिया में शुरू होती हैं। अब जानते हैं इस समस्या के कारणों के बारे में।
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एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स के कारण (Causes of Atrial Premature Complex)
एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) के कारणों के बारे में डॉक्टर भी सही से नहीं जाते हैं, लेकिन कुछ स्थितियां इस समस्या के कारण बन सकती हैं, यह स्थितियां इस प्रकार हैं:
- प्रेग्नेंसी (Pregnancy)
- हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)
- हार्ट डिजीज (Heart Disease)
- स्ट्रेस या थकावट (Stress or Fatigue)
- कैफीन (Caffeine)
- एल्कोहॉल (Alcohol)
- स्मोकिंग (Smoking)
- सर्दी -जुकाम या हे फीवर की दवा (Cold or Hay fever Medicine)
- अस्थमा दवा (Asthma Medicine)
- डिहायड्रेशन (Dehydration)
आमतौर पर एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स के कोई स्पष्ट कारण या हेल्थ रिस्क नहीं होते हैं। अधिकतर मामलों में यह किसी हार्ट डिजीज (Heart Disease) का लक्षण भी नहीं होती है और यह समस्या नेचुरली हो जाती है। लेकिन कुछ लोगों को जिन्हें एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) की बीमारी होती है, उनमें कुछ हृदय संबंधी समस्याएं देखी गई हैं जैसे:
- कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy)
- कोरोनरी हार्ट डिजीज (Coronary heart disease)
अगर आपको प्रीमेच्योर हार्टबीट्स से जुड़ी कोई भी समस्या है तो अपने डॉक्टर से इसके बारे में बात करें। एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) के लक्षणों के बारे में जानें।
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एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Atrial Premature Complex)
कई लोग जिन्हें एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) की समस्या होती है, उनमें कोई भी लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि किसी को यह समस्या हो, लेकिन उसे इसके बारे में पता भी न हो। लेकिन इसके कुछ लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
- आपको ऐसा महसूस हो, जैसे आपकी हार्ट बीट स्किप हो गयी हो (heart Skipped a Beat)
- आपके दिल के पास एक फ्लटरिंग सेंसेशन (Fluttering Sensation Near Heart)
- दिल की धड़कन का अस्थायी रूप से तेज महसूस होना (Stronger Heart Beats Temporarily)
इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी नजर आ सकते हैं। यह लक्षण अन्य हेल्थ कंडीशन के समान भी हो सकते हैं। लेकिन इस समस्या के कारण लक्षण कुछ गंभीर भी हो सकते हैं। अगर आप निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव करें, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
- हार्ट के पास रेसिंग सेंसेशन या स्किपिंग का अनुभव होना (Racing Sensation Near Heart)
- बेहोशी (Syncope)
- हार्टबीट की गति में बदलाव के साथ ही अधिक पसीना और त्वचा का पीला होना (Change in Heart Rate)
- छाती में दर्द (Chest Pain)
- सांस लेने में समस्या (Problem in Breathing)
- रेस्टिंग पल्स रीडिंग का पर मिनट 100 बीट्स से अधिक होना (Resting Pulse Reading is more then 100/min)
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एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) कई बार किसी गंभीर स्थिति का लक्षण भी हो सकता है। इसके पीछे कुछ हेल्थ कंडीशंस भी हो सकती हैं। यह संभावित अंडरलायिंग स्थितियां इस प्रकार हैं:
- गंभीर एरिथमिया जो स्ट्रोक (Stroke) या हार्ट फेलियर (Heart Failure) का कारण बन सकता है।
- हार्ट डिजीज जिसमें इंफेक्शन (Infection), जेनेटिक डिफेक्ट (Genetic Defect) या तंग या ब्लॉक्ड ब्लड वेसल्स (Blocked Blood Vessels) शामिल हैं।
- हाय ब्लड प्रेशर (High Blood pressure)
- उस वॉल्व का में समस्या(Malfunction of Valve) जो हार्ट के अपर चैम्बर्स और लोअर चैम्बर को अलग करता है ।
- वेंट्रिक्युलर टैचीकार्डिया (Ventricular Tachycardia) : यह वो डिसऑर्डर है जो हार्ट रेट के बढ़ने का कारण बनता है और हार्ट अटैक (Heart Attack) का कारण बन सकता है।
अगर आप कभी-कभी प्रीमच्योर बीट्स (Premature Beat) का अनुभव करते हैं। जिसमें आपको कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है। तो हो सकता है कि शायद यह बीट्स हानिकारक नहीं है। हालांकि, जब भी आप अपने हार्ट में एक नई सेंसेशन महसूस करते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए ताकि सही समय पर निदान हो सके। इस समस्या का निदान इस तरह से संभव है?
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एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स का निदान (Diagnosis of Atrial Premature Complex)
इस समस्या के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले रोगी से इस बीमारी के लक्षणों के बारे में जानेंगे। अगर आपने कभी-कभार एक या दो बार एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) को अनुभव किया है। तो आपको मेडिकल ट्रीटमेंट (Medical Treatment) की जरूरत नहीं है। लेकिन, अगर यह समस्या आपको बार-बार हो रही है तो डॉक्टर की सलाह लें। लक्षणों के आधार पर डॉक्टर आपको कई टेस्ट्स की सलाह दे सकते हैं। यह टेस्ट्स इस प्रकार हैं:
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram) : इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम टेस्ट एरिथमिया (Arrhythmias) के निदान के लिए किया जाता है
- हॉल्टर मॉनिटर (Holter Monitor) :इसे इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम का पोर्टेबल वर्जन माना जाता है। यह टेस्ट डॉक्टर दिल की सभी इलेक्ट्रिकल एक्टिविटीज (Electrical Activities) को ट्रैक करने के लिए कराते हैं
- एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट (Exercise Stress Test) : एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट को फिजिकल एक्टिविटी (Physical Activity) जैसे रनिंग या वाकिंग के दौरान किया जाता है। इस चीज को जांचा जाता है कि शारीरिक गतिविधियां करते हुए आपका दिल कैसे काम करता है।
- एकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram). : इस टेस्ट में यह मापने के लिए साउंड वेव्स का उपयोग किया जाता है कि आपके हार्ट वॉल्व और मांसपेशियां कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं या नहीं। यह तो थे इसके निदान के तरीके। इसके बाद जान लेते हैं एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) के उपचार के बारे में।
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एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स का उपचार किस तरह से संभव है? (Treatment of Atrial Premature Complex)
जब भी आप अपनी हार्टबीट में बदलाव नोटिस करें, जिसके बारे में आपने इससे पहले अपने डॉक्टर को भी न बताया हो, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें। एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) के अधिकांश मामलों में इनिशियल एग्जाम के बाद देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है। अगर आपके डॉक्टर को यह लगता है कि यह समस्या घातक नहीं है, तो वो आपको आराम, देखभाल और कुछ सावधानियां बरतने के लिए कह सकते हैं। लेकिन, अगर आपके डॉक्टर को लगता है रोगी में यह बीमारी गंभीर है। तो इसका उपचार आमतौर पर प्रीमच्योर बीट्स (Premature Beats) को ट्रिगर करने वाली अंडरलायिंग स्थिति पर निर्भर करता है।
इसके लिए डॉक्टर आपको इस उपचार कब बारे में पूरी जानकारी दे सकते हैं। कुछ रोगियों को कई बार हानिरहित एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) की समस्या बार-बार होती है। यह रोजाना के जीवन को इंटरफेयर कर सकती है। गंभीर स्थितियों में इस समस्या के उपचार के लिए यह सलाह दी जाती है:
जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle change)
गंभीर स्थिति में रोगी के लिए अपना लाइफस्टाइल बदलना बेहद जरूरी है। ऐसे में डॉक्टर उन्हें कम स्ट्रेस लेने , स्मोकिंग छोड़ने, कम कैफीन का सेवन करने और अन्य हेल्थ इश्यूज जैसे हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) का तुरंत उपचार कराने के लिए कह सकते हैं।
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दवाइयां (Medications)
ऐसे में डॉक्टर रोगी को कुछ दवाइयां जैसे बीटा ब्लॉकर (Beta Blockers) या एरिथमिया (Arrhythmias) के अधिक गंभीर मामलों के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं दे सकते हैं। ये दवाएं आमतौर पर कॉन्ट्रैक्शंस को सप्रेस कर देती हैं। गंभीर मामलों में इस तरीकों से रोगी को लाभ होता है।
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एट्रियल प्रीमैच्योर कॉम्प्लेक्स (Atrial Premature Complex) में हानिरहित प्रीमेच्योर बीट्स से बचा जा सकता है। इनसे घातक ड्रग, तंबाकू, शराब या कैफीन आदि को छोड़ कर कुछ हद तक बचा जा सकता है। इसके साथ रोजाना व्यायाम करने से भी आपको लाभ होगा। अगर आपको एंग्जायटी (Anxiety) या डिप्रेशन (Depression) जैसी समस्या है, तो उसके लिए आप डॉक्टर से बात करें। क्योंकि इस बीमारी से बचने के लिए आपको तनाव से भी बचना होगा। यही नहीं, अगर आपका वजन अधिक है तो अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए वजन को कम करने के बारे में सोचें। अधिकांश मामलों में यह समस्या सामान्य होती है। लेकिन, यह गंभीर हो सकती है। ऐसे में इससे बचने के लिए सबसे पहले इसके लक्षणों को पहचानें। ताकि समय पर निदान और उपचार संभव हो सके। इससे आप दिल की अन्य समस्याओं या जटिलताओं से भी बच सकते हैं।
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