ब्लड प्रेशर आर्टरी वाल्स के अगेंस्ट ब्लड की एक फाॅर्स को कहा जाता है। हायपरटेंशन की समस्या तब होती है, जब ब्लड का फाॅर्स सामान्य से अधिक स्ट्रांग होता है। हाय ब्लड प्रेशर के अधिकतर मामलों को एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) के रूप में जाना जाता है और दूसरे तरह के हायपरटेंशन को सेकेंडरी हायपरटेंशन (Secondary Hypertension) कहा जाता है। सेकेंडरी हायपरटेंशन वो हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) है जिसके कारणों का पता होता है जैसे किडनी डिजीज। आज हम बात करने वाले हैं प्रायमरी हायपरटेंशन (Primary Hypertension) के बारे। जिसे एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) भी कहा जाता है। जानिए, इसके बारे में विस्तार से
एसेंशियल हायपरटेंशन क्या है? (Essential Hypertension)
एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) हाय ब्लड प्रेशर का एक प्रकार है। जिसके स्पष्ट कारण के बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि इसके कारण जेनेटिक (Genetic), पुअर डायट (Poor Diet), व्यायाम की कमी (Lack of Exercise) और ओबेसिटी (Obesity) से संबंधित है। यह सामान्य तरह के हाय ब्लड प्रेशर का प्रकार है। जो उच्च रक्तचाप का अनुभव करने वाले अधिकांश लोगों को प्रभावित करता है। मेडलायनप्लस (Medlineplus) के अनुसार ब्लड प्रेशर के दो मुख्य प्रकार होते हैं एक प्रायमरी। जिसे हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) भी कहा जाता है। यह सबसे सामान्य तरह का हाय ब्लड प्रेशर है। दूसरा होता है सेकेंडरी हाय ब्लड प्रेशर, जो अन्य मेडिकल कंडीशन या किसी खास दवा के प्रयोग से होता है।
जब सर्कुलेटरी सिस्टम के माध्यम से रक्त पंप करता है। तो इससे ब्लड से आर्टरी वॉल्स पर दबाव पड़ता है। ऐसे में, जब आर्टरीज वॉल्स स्ट्रांगर ओपोजीशनल फाॅर्स डालती हैं, तो यह हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) का कारण बन सकता है। जिसके लिए हार्ट को शरीर में रक्त प्रवाहित (Blood flow) करने के लिए अधिक मेहनत करने की आवश्यकता होती है। एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) को मैनेज करने के लिए कई तरीके हैं जैसे लाइफस्टाइल में बदलाव और दवाइयां। अगर इस समस्या का उपचार न किया जाए, तो स्थिति गंभीर हो सकती है जिसमें हार्ट अटैक (Heart Attack) आदि शामिल है। जानिए क्या हैं इस समस्या के लक्षण?
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एसेंशियल हायपरटेंशन के लक्षण (Symptoms of Essential Hypertension)
अधिकतर मामलों में एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) के कोई स्पष्ट कारण नहीं होते हैं और इसका निदान रेगुलर मेडिकल एग्जामिनेशन के दौरान ही संभव है। अगर इसका निदान नहीं किया जाता है, तो रोगी की कंडीशन बदतर हो सकती है और इसके कारण कई हार्ट और किडनी संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
कई बार एसेंशियल हायपरटेंशन से पीड़ित लोग सिरदर्द, चक्कर आना और नजर में समस्या महसूस करते हैं। लेकिन ये लक्षण तब तक होने की संभावना नहीं है, जब तक कि रक्तचाप बहुत हाय लेवल तक न पहुंच जाए। अगर किसी व्यक्ति को उल्टी आना या जी मचलना, गंभीर सिरदर्द , नजर में बदलाव या नाक से खून निकलना जैसी समस्याएं हैं, तो यह मैलिग्नैंट हायपरटेंशन (Malignant Hypertension) के लक्षण हो सकते हैं। जो हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) का भयानक प्रकार है। अगर आपको यह लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें। अब जान लेते हैं एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) के कारणों के बारे में।
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एसेंशियल हायपरटेंशन के कारण (Causes of Essential Hypertension)
एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) को इसकी आईडेंटीफायबल कारकों की कमी से परिभाषित किया जाता है। लेकिन कुछ रिस्क फैक्टर इस समस्या के कारण बन सकते हैं, यह रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं:
- मोटापा (Obesity) : मोटे होने पर हार्ट पर अधिक स्ट्रेन पड़ता है। जिससे हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) का जोखिम बढ़ता है।
- जेनेटिक्स (Genetics) :जिन लोगों में एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) की फॅमिली हिस्ट्री होती है, उन्हें इस समस्या के होने का जोखिम अधिक होता है।
- उम्र का बढ़ाना (Aging) :उम्र बढ़ने से संबंधित कई फैक्टर को एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) की संभावना को बढ़ाने के साथ जोड़ा गया है। इनमें धमनियों का सख्त होना और कुछ खास रीनल माइक्रोवैस्कुलर डिजीज (Renal Microvascular Diseases) आदि शामिल है।
- तनाव (Stress) :ऐसा माना जाता है की लॉन्ग टर्म और क्रॉनिक मेन्टल स्ट्रेस (Chronic Mental Stress) भी एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) का कारण बन सकते हैं।
- नमक (Salt) :नमक का अधिक सेवन करने को भी एसेंशियल हायपरटेंशन से जोड़ा गया है। नमक की मात्रा के अधिक होने से शरीर में वाटर रिटेंशन (Water Retention) बढ़ती है, जिससे ब्लड का वॉल्यूम और ब्लड प्रेशर बढ़ता है।
- व्यायाम न करना (Lack of Exercise) : लाइफस्टाइल का सही न होना भी इस समस्या का रिस्क फैक्टर है। हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) की संभावना को कम किया जा सकता है। शारीरिक रूप से इनएक्टिव रहने से भी यह समस्या हो सकती है।
- एल्कोहॉल का सेवन (Alcohol) : अधिक एल्कोहॉल का सेवन करने से भी यह समस्या हो सकती है।
इस समस्या का निदान जितनी जल्दी हो जाए, उतना ही जल्दी उपचार भी संभव है। एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) का निदान कैसे किया जाता है, जानिए।
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एसेंशियल हायपरटेंशन का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Essential Hypertension)
डॉक्टर ब्लड प्रेशर मॉनिटर (Blood Pressure Monitor) की मदद से ब्लड प्रेशर की जांच करते हैं। अगर आपको ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो वो आपको घर पर नियमित अंतराल के बाद ब्लड प्रेशर को जांचने की सलाह देंगे। ब्लड प्रेशर मॉनिटर का प्रयोग कैसे किया जाता है, यह भी आप डॉक्टर की मदद से जान सकते हैं। आप अपने ब्लड प्रेशर की रीडिंग ले सकते हैं और अपने डॉक्टर से इस बारे में डिस्कस कर सकते हैं। रोगी के हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) की गंभीरता अलग-अलग समय पर ब्लड प्रेशर की रीडिंग के औसत से निर्धारित होती है।
डॉक्टर रोगी की हार्ट डिजीज के लक्षणों को जांचने के लिए शारीरिक जांच भी करेंगे। इस टेस्ट में आंखों की जांच, हार्ट, लंग या गर्दन में ब्लड फ्लो को सुनना आदि शामिल है। रोगी की आंख के पिछले हिस्से में स्मॉल ब्लड वेसल्स (Small Blood Vessels) उच्च रक्तचाप से नुकसान का संकेत दे सकते हैं। हार्ट और किडनी प्रॉब्लम्स को डिटेक्ट करने के लिए डॉक्टर यह टेस्ट कराने की सलाह भी दे सकते हैं:
- कोलेस्ट्रॉल टेस्ट (Cholesterol Test) : कोलेस्ट्रॉल टेस्ट को लिपिड प्रोफाइल टेस्ट भी कहा जाता है। जिसमें रोगी के कोलेस्ट्रॉल लेवल का पता चलता है।
- इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) : इस टेस्ट में साउंड वेव का इस्तेमाल कर के हार्ट की एक तस्वीर बनाई जाती है।
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram) : इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम हार्ट की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी (Electric Activity) को रिकॉर्ड करता है।
- किडनी और अन्य ऑर्गन फंक्शन टेस्ट्स (Kidney and other Organ Function Tests) : इन टेस्ट्स में ब्लड टेस्ट (Blood Test), यूरिन टेस्ट (Urine Test) या अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) आदि शामिल है। जो यह चेक करने के लिए किए जाते हैं कि अन्य ऑर्गन कैसे काम कर रहे हैं? अब जानिए एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension के उपचार के बारे में।
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एसेंशियल हायपरटेंशन का उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment of Essential Hypertension)
एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) का कोई इलाज नहीं है। लेकिन, कुछ दवाइयां और जीवनशैली में बदलाव करने से रोगी को न केवल इस समस्या से राहत मिलती है। बल्कि, उसे क्वालिटी लाइफ जीने में भी मदद मिल सकती है। जानिए इनके बारे में।
लाइफस्टाइल में बदलाव (Lifestyle Changes)
अगर आपको हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) या हायपरटेंशन की समस्या है, तो डॉक्टर आपको ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) को कम करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करने को कहेंगे। यह लाइफस्टाइल चैंजेस इस प्रकार हैं:
- रोजाना दिन में कम से कम तीस मिनट व्यायाम करें (Exercise Daily)
- अगर आपका वजन अधिक है तो वजन कम करें (Lose Weight)
- धूम्रपान करना छोड़ दें (Quit smoking)
- शराब का सीमित मात्रा में प्रयोग करें (Limit Alcohol)
- अपने स्ट्रेस लेवल को कम करें (Reduce Stress levels)
- लो-सोडियम और हार्ट हेल्दी डायट लें, जो पोटैशियम और फाइबर से भरपूर हो (Eat healthy Diet)
- पर्याप्त आराम करें और नींद लें (Enough Sleep)
- नियमित जांच कराएं (Regular Check-up)
अगर आपको किडनी की समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह के बिना अपनी डायट में पोटैशियम (Potassium) की मात्रा को न बढ़ाएं। यह तो थे लाइफस्टाइल में बदलाव। अब जानिए एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) के उपचार में प्रयोग होने वाली दवाइयों के बारे में।
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दवाइयां (Medications)
अगर जीवनशैली में बदलाव से आपके ब्लड प्रेशर लेवल पर अधिक असर नहीं होता है, तो डॉक्टर आपको एक या एक से अधिक एंटीहायपरटेंसिव दवाइयों (Antihypertensive drugs) की सलाह दे सकते हैं। सामान्य ब्लड प्रेशर मेडिकेशन्स इस प्रकार हैं :
- बीटा ब्लॉकर्स जैसे मेटोप्रोलोल (Metoprolol)
- कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स जैसे एम्लोडीपिन (Amlodipine)
- डाइयुरेटिक्स (Diuretics) जैसे हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड (Hydrochlorothiazide)
- एंजियोटेंसिन- कंवर्टिंग एंजाइम इन्हिबिटर्स जैसे कैप्टोप्रिल (Captopril)
- एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स जैसे लोसार्टन (Losartan)
- रेनिन इन्हिबिटर्स,जैसे एलिस्कायरिन (Aliskiren)
एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) जैसी बीमारी सही दवाइयों और लाइफस्टाइल में बदलाव से मैनेज हो जाती है। जीवन में अच्छी आदतों का पालन रोगी को पूरी उम्र करना चाहिए। लेकिन, दवाइयां कब तक लेनी यह बात रोगी की स्थिति पर निर्भर करती है। कुछ लोग अनिश्चित समय तक दवा का सेवन करते हैं। लेकिन कुछ मामलों में अगर ब्लड प्रेशर (Blood pressure) कम हो जाता है तो दवाइयां लेना बंद की जा सकती है और हेल्दी आदतों से ब्लड प्रेशर के लो लेवल को बरकरार रखा जा सकता है।
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एसेंशियल हायपरटेंशन से जुड़ी जटिलताएं (Complications of Essential Hypertension)
अगर एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) का उपचार नहीं किया जाता है। तो इसके कारण कई गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। इससे हार्ट आर्टरीज और वैस्कुलर सिस्टम को नुकसान हो सकता है। जिसके कारण यह समस्याएं हो सकती हैं:
- हार्ट अटैक (Heart Attack)
- हार्ट फेलियर (Heart Failure)
- किडनी डैमेज (Kidney Damage)
- आई डैमेज (Eye Damage)
- एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis)
- स्ट्रोक (Stroke)
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गर्भावस्था में एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential hypertension in Pregnancy)
एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) की परेशानी लगभग एक प्रतिशत प्रेग्नेंसीज में होने की संभावना होती है। एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) के रूप में वर्गीकृत होने के लिए, उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) पहले से मौजूद होना चाहिए और इसका कोई आयडेंटीफायबल कारण (Identifiable Reason) नहीं होना चाहिए। कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप होता है। लेकिन, यह एक अलग स्थिति है जिसे गेस्टेशनल हाय ब्लड प्रेशर (Gestational High Blood Pressure) कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) से पीड़ित महिलाओं का ब्लड प्रेशर लेवल (Blood Presure Level) स्टेबल रहता है। गर्भावस्था में एसेंशियल हायपरटेशन के कारण निम्नलिखित जटिलताएं हो सकती हैं:
- प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia)
- प्लेसेंटल एबरप्शन (Placental Abruption)
- प्रीमेच्योर बर्थ (Premature Birth)
गर्भावस्था में इस समस्या से पीड़ित महिला को नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करनी चाहिए। अगर इसका लेवल अधिक होता है। तो प्रोटीन के लिए यूरिन की जांच की जाती है और प्रीक्लेमप्सिया (Preeclampsia) के लक्षणों की जांच की जाती। इसके बाद डॉक्टर प्रभावित महिला का उचित उपचार करते हैं।
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एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) की समस्या होने पर कई विभिन्न दवाइयों का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है, जब तक रोगी के लिए सही दवा न मिल जाए। रोगी को पूरी उम्र इन दवाइयों का सेवन करना पड़ता है और इसके साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल को मेंटेन रखना होता है। हेल्दी लाइफस्टाइल और दवाइयों के साथ यह बात से ही यह हायपरटेंशन कंट्रोल हो जाता है। अगर आपको हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) की समस्या है, तो अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें। इस बीमारी का निदान केवल रेगुलर चेकअप के दौरान ही संभव होता है। ऐसे में नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर के साथ ही पूरे शरीर की जांच कराएं। ताकि केवल एसेंशियल हायपरटेंशन (Essential Hypertension) ही नहीं, बल्कि अगर आपको अन्य कोई समस्या है तो उसका निदान भी सही समय पर संभव हो सके।
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