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कहीं आपके शरीर के साथ सेहत को भी न बिगाड़ दे खाने की लत

कहीं आपके शरीर के साथ सेहत को भी न बिगाड़ दे खाने की लत

अक्सर आपने लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि मुझे यह खाने की लत है, या फिर इस फूड का एडिक्शन है, या इसे खूब खाना पसंद है। खाने की इस लत को समझना थोड़ा पेचीदा है। कई बार खाने की लत के कारण कुछ लोगों को समाज में शर्मिंदगी भी उठानी पड़ती। क्योंकि वे सामान्य लोगों की तुलना में काफी ज्यादा खाते हैं। ऐसे में खाने की लत क्या है और किन फूड्स को खाने से फूड एडिक्शन हो जाता है जानते हैं इस आर्टिकल में।

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कहीं आपको तो नहीं है खाने की लत

खाने की लत को कैसे पहचाना जाए, यह एक बड़ा सवाल है। यदि हम लक्षणों को पहचान लेते हैं तो समस्या का समाधान तलाशने में देर नहीं लगेगी। एक शोध के अनुसार चाकलेट मिल्क शेक का सेवन करना ठीक उसी प्रकार दिमाग पर असर डालता है जिस प्रकार किसी कोकीन का सेवन। शोधकर्ता यह तलाश रहे हैं कि ज्यादा चीनी और ज्यादा फैट (वसा) युक्त खाना खाने से इसका दिमाग पर काफी गहरा असर क्यों पड़ता है। वहीं व्यक्ति बार-बार इसी प्रकार की खाने की चीजों की तलाश में रहता है। यह किसी नशे के समान है। तो ऐसे में यह पता करना बेहद ही जरूरी है कि कहीं आपको खाने की लत तो नहीं।

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खाने की लत के लक्षण

  • हर समय खाने के बारे में सोचना भी खाने की लत की ओर इशारा करता है। बता दें कि यदि कोई हमेशा किसी खास खाने के बारे में सोचता है, वहीं उसे एक बार खाने की तमन्ना रखता है तो ऐसे में उसे खाने की लत की समस्या है।
  • इसका दूसरा लक्षण यह है कि आप चाहते हैं कि उस खाद्य पदार्थ को छोड़ दें, लेकिन चाहकर भी नहीं छोड़ पा रहे हैं तो यह भी फूड एडिक्शन का एक लक्षण है। इसका सीधा संबंध खाने के प्रति आपके प्यार से है। ऐसे में आपको इससे बाहर निकलने के लिए किसी प्रोफेशनल की मदद की जरूरत पड़ सकती है।
  • तीसरे लक्षण की बात करें तो उस स्थिति में व्यक्ति दूसरों से छिपाकर खास चीजों को खाता है और किसी को उसके बारे में नहीं बताता। वहीं यदि उन्होंने क्या खाया यह भी दूसरों से बताने में हिचकिचाते हैं तो उस स्थिति में भी वो फूड एडिक्शन के शिकार हैं। वहीं खाने पीने को लेकर शर्म, गिल्ट इस ओर इशारा करती है कि आप इटिंग डिसऑर्डर के शिकार तो नहीं।
  • चौथे लक्षण में यह देखने को मिलता है कि व्यक्ति का पेट भरने के बाद भी वो खाता ही जाता है। हम किसी खास मौके या त्योहार में अक्सर ज्यादा खा लेते हैं, यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो हर किसी के साथ होती है। खाना टेस्टी बना होने पर भी ऐसा होता है, लेकिन हमेशा यदि कोई पेट भरने के बाद भी खाता ही जाए तो यह खाने की लत (फूड एडिक्शन) को दर्शाता है। ऐसे लक्षण दिखाई दें तो जरूरी है कि डॉक्टरी सलाह ली जाए या फिर किसी एक्सपर्ट की मदद लेकर इस प्रकार की आदतों को सुधारा जाए।
  • वहीं पांचवें लक्षण की बात करें तो उस स्थिति में जब आपको भूख ना भी लगी हो, या आप अच्छा महसूस नहीं कर रहे हो उस स्थिति में भी आप खाना चाहते हैं। यदि हम अकेले हैं, बोर महसूस कर रहे हैं, तनाव में हैं उस स्थिति में भी हमको कुछ खाने का मन कर रहा है तो ऐसी स्थिति में भी हमें डाक्टरी सलाह लेने की जरूरत है। क्योंकि खाने की लत से पीड़ित ऐसे व्यक्ति का शरीर यह डिमांड करता है कि वह खाना खाए ताकि उसका दिमाग ठीक ढंग से काम करे। यदि आपको लगता है कि आपको भी खाने की लत है तो उस स्थिति में यह जरूरी है कि आप किसी डाक्टर से संपर्क करें या फिर किसी डायटिशियन की सलाह लें।

शोधकर्ताओं के नजरिए से 10 एडक्टिव फूड पर नजर

क्या आपको भी दोपहर का खाना खाने के बाद कुछ मीठा खाने की इच्छा होती है। आपको ऐसे सपने आते हैं कि शुक्रवार की शाम को आपने ढेर सारा पिज्जा मंगवाया और आपके बैग में चिप्स के पैकेट भरे हैं। तो दुनिया में सिर्फ आप ही ऐसे नहीं हैं जो ऐसा सोचते हैं। कोलंबिया यूनिवर्सिटी न्यूयॉर्क ओबेसिटी रिसर्च सेंटर ने शोध कर यह पता लगाया है कि कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जिसकी इंसान को लत पड़ सकती है। वह किसी नशे से कम नहीं है। टीम ने कई लोगों को लेकर शोध किया और पाया कि खाने की लत हमारे इटिंग बिहेवियर से सीधे सीधे जुड़ी है। यदि किसी को ज्यादा खाने की लत हो तो उसे डाक्टरी सलाह लेनी चाहिए न कि उन लक्षणों को नजरअंदाज कर देना चाहिए। ऐसे कुछ फूड हैं जिनकी लोगों को लत पड़ सकती है। चाॅकलेट, आइसक्रीम, फ्रेंच फ्राइस, पिज्जा, कुकी, चिप्स, केक, पाॅपकाॅर्न, चीज बर्गर और मफिन्नस उनमें से एक है।

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खाने की लत को समझना बेहद जरूरी

किसी भी चीज की लत खराब होती है। ऐसे मे जरूरी है कि लत के मुख्य कारण को समझा जाए। फिर उससे निपटने का तरीका खोजा जाए। साथी का ज्यादा दबाव भी कई बार लत के लिए जिम्मेदार होता है। सेल्फ डिसिप्लीन धीरे-धीरे कम होने से भी हमारा खुद पर नियंत्रण नहीं रहता है और ऐसे में हम ज्यादा खाना खाने लगते हैं या फिर किसी फूड की लत हमें लग जाती है।

नशे की लत की तरह है खाने की लत

खाने की लत से बाहर निकलना इतना आसान नहीं है। यह ना केवल समर्पण, दृढ़ संकल्प और स्थिरता मांगता है बल्कि हमें कई सारे त्याग भी करने पड़ते हैं। बता दें कि खाने की लत की तुलना किसी ड्रग्स के सेवन से साफ तौर पर की जा सकती है। क्योंकि ऐसे लोग जो भूख न होने के बावजूद भी खाते रहते हैं उन्हें बार-बार ऐसा करने का मन करता है यह ठीक वैसा ही है जैसे किसी नशेड़ी को बार-बार नशा करने का मन करता है।

खाने की लत के दुष्परिणाम 

इसे ऐसे समझा जा सकता है, जैसे किसी को खाने की लत है और लगातार खाने के बावजूद उसे संतुष्टि नहीं मिलती। ऐसे में खाने की लत के कारण व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। बिना शारीरिक मेहनत किए ही यदि कोई ज्यादा से ज्यादा खाना खाता है तो उस स्थिति में व्यक्ति को कई प्रकार की बीमारियां हो सकती है। वजन बढ़ने के साथ ओबेसिटी और टाइप 2 डायबिटीज की बीमारी हो सकती है। ज्यादा खाने की चाह के कारण व्यक्ति निराश-हेल्पलेस महसूस कर सकता है। वहीं इसके कारण पारिवारिक रिश्ते भी बिगड़ सकते हैं।

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खाने की लत से कैसे पाएं निजात

बता दें कि आपके सेहत को बिगाड़ने के लिए खाने की लत जिम्मेदार हो सकती है। यदि लक्षणों की पहचान हो जाती हैं तो जरूरी है कि हमें किसी मनोचिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। वहीं किसी काउंसलर की मदद लेकर उन्हें अपनी समस्याओं के बारे में बताना चाहिए। मानसिक तौर पर भी खाने की लत का असर पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि हम मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

एक्सपर्ट बताते हैं कि ऐसे में हमें उन खाद्य पदार्थों की एक लिस्ट तैयार करनी चाहिए, जिसका सेवन हम ज्यादा करते हैं। वहीं कोशिश करनी चाहिए कि उसका सेवन हम कम से कम करें। उन खाद्य पदार्थों को छोड़ दूसरे पौष्टिक विकल्पों को तलाशना चाहिए और उनका सेवन करना चाहिए। भूख लगने के बावजूद अपने खाने की लत को कंट्रोल करना चाहिए और भूख से कम आहार का सेवन करना चाहिए। न्यूट्रिशन एक्सपर्ट के साथ डाक्टरी सलाह भी लेना उचित है।

अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, उपचार और निदान प्रदान नहीं करता।

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डिस्क्लेमर

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Accessed April 5, 2020

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Accessed April 5, 2020

 

Current Version

06/06/2020

Satish singh द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Satish singh


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Satish singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/06/2020

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