backup og meta

पार्किंसंस रोग के लिए फायदेमंद है डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (DBS)

पार्किंसंस रोग के लिए फायदेमंद है डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (DBS)

डीबीएस का अर्थ है डीप ब्रेन स्टिमुलेशन और इस तरीके का प्रयोग पार्किंसंस रोग के लक्षणों के उपचार के लिए किया जाता है। यह लक्षण हैं कंपकंपी, अकड़न और चलने में परेशानी होना आदि। यही नहीं ,पार्किंसंस रोग के साइड इफेक्टस को दूर करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। अगर आपको कम से कम पांच साल से यह बीमारी हो और किसी अन्य दवा से राहत नहीं मिल रही हो तो उस के लिए यह थेरेपी एक अच्छा विकल्प हो सकती है। कुछ लोगों के लिए यह थेरेपी जीवन को बदलने वाली हो सकती है। लेकिन, कुछ लोगों के लिए इसके परिणाम अच्छे नहीं हो सकते। यानी इसका हर किसी के लिए अलग प्रभाव हो सकता है।

यह भी पढ़ें: ये हैं 12 खतरनाक दुर्लभ बीमारियां, जिनके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए

डीप ब्रेन स्टिमुलेशन कैसे काम करती है?

इस थेरिपी के लिए एक छोटा सा डिवाइस मरीज की छाती के अंदर लगाया जाता है। यह डिवाइस बैटरी से चलता है। इलेक्ट्रोड जो दिमाग की खास मूवमेंट केंद्रों में प्रत्यारोपित होते हैं। यह डिवाइस दिमाग को इलेक्ट्रिकल पल्सेस भेजता है। यह पल्सेस तंत्रिका संकेतों को ब्लॉक करती हैं जिससे पार्किंसंस के लक्षण पैदा होते हैं।

पार्किंसंस रोग के अलावा, डीप ब्रेन स्टिमुलेशन का प्रयोग अक्सर कंपकंपी और डिस्टोनिया के इलाज के लिए किया जाता है। कुछ मामलों में, इसका उपयोग या मनोरोग स्थितियों के इलाज के लिए भी किया गया है, जैसे कि मल्टीपल स्केलेरोसिस, अल्जाइमर रोग, असहनीय दर्द और गंभीर डिप्रेशन आदि।

डीप ब्रेन स्टिमुलेशन सिस्टम के चार भाग होते हैं

  • एक पतली वायर जिसे लीड कहा जाता है, इसे दिमाग के उस भाग में लगाया जाता है जहां से इसके लक्षण शुरू होते हैं।
  • एक पल्स जनरेटर, जो पेसमेकर की तरह होता है और जो लीड को छोटे इलेक्ट्रिक सिग्नल भेजता है।
  • एक वायर जो लीड को पल्स जनरेटर से जोड़ती है।
  • सिस्टम के प्रोग्राम के लिए रिमोट कंट्रोल- यह शरीर के बाहर का एकमात्र हिस्सा है।

जब सिस्टम अपने स्थान पर होता है और उसे चालू किया जाता है, तो एक डीप ब्रेन स्टिमुलेशन एक्सपर्ट इसे अडजस्ट करते हैं ताकि आपको लक्षणों से आराम मिल सके। आप सिस्टम को खुद भी कंट्रोल कर सकते हैं। आप इसे चालू और बंद कर सकते हैं, इसकी बैटरी चेक कर सकते हैं।

यह भी पढ़ेंः Cri du chat syndrome : क्री दू शात सिंड्रोम क्या है?

इसके लिए क्या तैयारी करें?

  • इस थेरिपी से पहले एक डॉक्टर को खोजें जो इस प्रक्रिया में पूरी तरह से ट्रैनड और कुशल हो। अपने चिकित्सक के साथ इस पर चर्चा करें, और परिणाम के लिए यथार्थवादी अपेक्षाएं निर्धारित करें। 
  • डीप ब्रेन स्टिमुलेशन महंगा है इसलिए इसे कराने से पहले अपने इन्शुरन्स प्लान कवर और अन्य पेपरवर्क को पहले ही पूरा करें।
  • आपको इससे पहले पूरे टेस्ट कराने चाहिए जैसे याददाश्त, थिंकिंग और मूड, और अन्य जैसे एमआरआई और सी टी स्कैन्स
  • इस दिमागी प्रक्रिया के दौरान आपके लिए जगा रहना होगा इसलिए आपका आरामदायक होना आवश्यक है। गहरी सांस लें और ध्यान लगाएं।

डीबीएस पार्किंसंस का इलाज कैसे होता है?

  • पार्किंसंस रोग दिमाग के कुछ हिस्सों में असामान्य इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स का कारण बन सकता है जो मूवमेंट को नियंत्रित करते हैं।
  • डीप ब्रेन स्टिमुलेशन इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन का प्रयोग करती हैं जो दिमाग की सतह पर इन कंट्रोल सेंटरस को मिलाने का काम करती है। इससे ब्रेन सेल्स के बीच में कम्युनिकेशन को सुधारता है।
  • यह थेरिपी कंपकपाना, धीमापन, और ऐंठन जैसे लक्षणों को कम करती है। इसका नॉन-मोटर लक्षणों या बैलेंस मामलों पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ता।

यह भी पढ़ेंः एमनियॉटिक फ्लूइड क्या है? गर्भ में पल रहे शिशु के लिए के लिए ये कितना जरूरी है?

डीप ब्रेन स्टिमुलेशन किन स्थितियों में किया जाता है?

  • अगर आपको कम से कम  पांच साल से भी अधिक समय तक लक्षण नजर आएं।
  • दवाइयों की अलग-अलग डोजज से आपके लक्षणों पर दवाइयों का अधिक असर ना पड़ता हो।
  • रोजाना की जिंदगी को यह लक्षण प्रभावित कर रहे हों। 

डॉक्टर आपको किन स्थितियों में डीप ब्रेन स्टिमुलेशन की सलाह नहीं देते हैं?

  • अगर आपको यादाशत या सोचने संबंधी समस्याएं हैं
  • अगर आपको चिंता या अवसाद की समस्या हो जो इलाज के बाद भी सही नहीं होते
  • आप डिमेंशिया जैसी बीमारी से गुजर रहे हैं
  • सर्जिकल जटिलताओं के कारण

यह भी पढ़ें: इस दिमागी बीमारी से बचने में मदद करता है नींद का ये चरण (रेम स्लीप)

यह प्रक्रिया कैसी होती है?

  •  इसमें एक प्रकार की थेरिपी होती है। इसे करने के लिए रोगी के स्कल को सुन्न करने वाली दवाईयों का इंजेक्शन दिया जाता है। 
  • इसके बाद रोगी के सिर को एक फ्रेम में डाला जाता है। इलेक्ट्रोड के लिए खोपड़ी में छेद किए जाते हैं।
  • रोगी इस सर्जरी के दौरान जागा रहता है। ताकि, रोगी प्रश्नों का जवाब दे सकें और संकेत मिलने पर अपने शरीर के विशेष क्षेत्रों को स्थानांतरित कर सकें। 
  • यह इमेजिंग टेस्ट्स से, मस्तिष्क के उन क्षेत्रों को इंगित करने में मदद मिलती है जहां लक्षण उत्पन्न होते हैं। यह वह जगह है जहां इलेक्ट्रोड रखा जाएगा।
  • इलेक्ट्रोड को दिमाग के एक या दोनों साइड प्रत्यारोपित किया जाता है। न्यूरस्टीमुलेटर को रोगी के कॉलरबोन के पास की त्वचा के नीचे या सीने में प्रत्यारोपित किया जाएगा। (कॉलरबोन टूटना क्या होता है)
  • लीड्स रोगी की त्वचा के नीचे सिर से कंधे तक जाएगी, जो इलेक्ट्रोड को न्यूरोस्टिम्यूलेटर से जोड़ती हैं।
  • सर्जरी के बाद, किसी भी जटिलता के लिए रोगी को जांचा जाएगा। रोगी को इसके बाद अस्पताल में कम से कम 24 घंटे  रखा जाता है, लेकिन अगर आपको कोई समस्या है तो अधिक समय तक आपको अस्पताल में रखा जा सकता है।

यह भी पढ़ें: पोस्टपार्टम हेमरेज (Postpartum Haemorrhage) क्या होता है?

डीबीएस के साइड इफेक्ट्स

डीप ब्रेन स्टिमुलेशन के कुछ गंभीर साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं। इनमे से कुछ कुछ दिनों या हफ़्तों में ठीक हो सकते हैं लेकिन कुछ नहीं। यह साइड इफ़ेक्ट कुछ इस तरह हैं:

  • एनेस्थीसिया का बुरा प्रभाव
  • इम्प्लांटेड डिवाइस में मौजूद सामग्री से होने वाली एलर्जी
  • जहां सर्जरी हुई है वहां दर्द और सूजन का होना
  • इंफैक्शन
  • इलेक्ट्रोड्स या हार्डवेयर ब्रेकडाउन की मूवमेंट
  • स्ट्रोक के लक्षण जैसे स्तब्ध हो जाना या बोलने में परेशानी
  • मूड, यादाश्त या सोचने में बदलाव 
  • सीज़रस 
  • चलने-फिरने या बोलने में समस्या जो बदतर हो सकती है
  • सिर दर्द, चक्कर आना और झुनझुनी
  • झुनझुनी या चौंकाने वाली सनसनी
  • बोलने या आंखों की रोशनी संबंधी समस्याएं
  • चक्कर आना
  • कोआर्डिनेशन इशू
  • पक्षाघात
  • आपको DBS डिवाइस के साथ समस्या हो सकती है, जैसे ढीली वायर या गलत जगह पर लीड।

यह भी पढ़ें: Head Injury : हेड इंजरी या सिर की चोट क्या है?

डीप ब्रेन स्टिमुलेशन के बाद कैसे परिमाण आ सकते हैं ?

  • सर्जरी के कुछ सप्ताह के बाद, विशेषज्ञ आपके लक्षणों के लिए डीप ब्रेन स्टिमुलेशन  सेटिंग्स प्रोग्राम करेंगे।
  • रोगी को एक बात पूरी तरह से समझनी चाहिए कि डीप ब्रेन स्टिमुलेशन लक्ष्यों को दूर नहीं करता, लेकिन पर्किंसंस रोग से ग्रस्त लोगों में से 70 % लोग इस के बाद काफी सुधार महसूस करते हैं।
  • इसके बाद आप को कम दवाईयां लेनी होंगी। डीप ब्रेन स्टिमुलेशन सेटिंग्स को सर्जरी के बिना समायोजित किया जा सकता है। दवाओं और DBS सेटिंग्स का सबसे अच्छा संयोजन खोजने में कुछ महीने लग सकते हैं।

और पढ़ें: 

Brain Aneurysm : ब्रेन एन्यूरिज्म (मस्तिष्क धमनी विस्फार) क्या है?

स्टडी: ब्रेन स्कैन (brain scan) में नजर आ सकते हैं डिप्रेशन के लक्षण

Brain tumor: ब्रेन ट्यूमर क्या है?

ऑटोइम्यून डिजीज में भूल कर भी न खाएं ये तीन चीजें

 

[embed-health-tool-bmi]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

https://www.webmd.com/parkinsons-disease/guide/dbs-parkinsons#1

https://my.clevelandclinic.org/health/treatments/4080-deep-brain-stimulation-for-parkinsons-disease-patients

https://www.healthline.com/health/deep-brain-stimulation-parkinsons#dbs-and-parkinsons

Current Version

28/05/2020

Anu sharma द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Mona narang


संबंधित पोस्ट

स्ट्रोक की कंडिशन में अपनाएं इस तरह के उपाय, बच सकती है जान, जानें एक्सपर्ट की राय

GM2-gangliosidosis: GM2 गैंग्लियोसिडोसिस क्या है, शरीर का कौन सा हिस्सा होता है प्रभावित?


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Anu sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/05/2020

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement