कोई भी महिला अपना ध्यान रखे या न रखें लेकिन, गर्भधारण के बाद अपना ध्यान रखना शुरू कर देती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक गर्भवती महिला में उनके बच्चे का शारीरिक और मासिक विकास दोनों छिपा होता है। मुंबई की रहने वाली 33 वर्षीय नीता राव से जब हैलो स्वास्थ्य की टीम ने बात ब्रेस्ट मिल्क से जुड़े सवाल पूछें तो नीता कहती हैं कि “मैं 4 महीने की छोटी बच्ची की मां हूं। मेरे लिए गर्भवती होने से लेकर अभी तक का सफर मेरे पहले के लाइफस्टाइल से काफी बदल गया है। मैं पहले बिल्कुल लापरवाह थी अपने सेहत के प्रति लेकिन, जैसे ही मैं प्रेग्नेंट हुई मेरे अंदर काफी बदलाव आने लगें। मैंने जंक फूड का सेवन करना छोड़ दिया और हेल्दी फूड अपने डायट में शामिल करने लगी। प्रेग्नेंसी के दौरान और बेबी डिलिवरी के बाद ब्रेस्टफीडिंग में सुधार के लिए मैंने हरी सब्जियों के साथ-साथ नट्स और गार्लिक (लहसुन) जैसे अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन करने लगी हूं। इनके सेवन से पहले मुझे मिल्क फॉर्मेशन कम होता था वहीं अब स्तनपान में सुधार होने लगे है।’ नीता जैसी और अन्य महिलाओं से हमने जब बात की तो महिलाओं का कहना है की ब्रेस्टफीडिंग में समस्या न हो इसलिए हर्बल प्रोड्कट का सेवन लाभकारी होता है और इससे स्तनपान में सुधार भी होता है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 70 प्रतिशत महिलाएं ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी समस्याओं से परेशान रहती हैं। जिनमें से 23 प्रतिशत महिलाएं मिल्क फॉर्मेशन (मां का दूध बनना) ठीक तरह से नहीं होने के कारण परेशान रहती हैं। ऐसी स्थिति में नवजात शिशु की मां क्या करें जिससे मिल्क फॉर्मेशन ठीक तरह से हो, जिससे शिशु को पौष्टिकता मिल सके। इस आर्टिकिल में स्तनपान में सुधार जड़ी-बूटी की मदद से कैसे लाएं यह समझने की कोशिश करेंगे।
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स्तनपान में सुधार के लिए क्या जड़ी-बूटी का सहारा लेना चाहिए?
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार जड़ी-बूटी या हर्बल प्रोडक्ट के सेवन से ब्रेस्टफीडिंग में सुधार हो सकता है। हालांकि स्तनपान में सुधार के लिए अगर किसी भी हर्बल प्रोडक्ट का सेवन किया जाता है, तो उसका संतुलित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। स्तनपान में सुधार के लिए सेवन किये जाने वाले हर्बल प्रोडक्ट के नाम और उनका सेवन क्यों लाभकारी है इसे समझने की कोशिश करते हैं।
ब्रेस्टफीडिंग में सुधार के लिए सेवन किये जाने जाने वाले हर्बल प्रोडक्ट निम्नलिखित हैं।
1. स्तनपान में सुधार के लिए सेवन करें ब्लेस्ड थिस्ल (Blessed thistle)
ब्लेस्ड थिस्ल हर्बल प्रोडक्ट है जिसके सेवन से ब्रेस्ट मिल्क फॉर्मेशन बेहतर होता है। अगर कोई महिला शिशु को स्तनपान इस वजह से नहीं करवा पा रहीं हैं क्योंकि उनके स्तन में दूध नहीं बनता है, तो उन महिलाओं को इसका सेवन करना चाहिए रिसर्च के अनुसार ब्लेस्ड थिस्ल और मेथी (Fenugreek ) को एक साथ मिलाकर इसका सेवन करने से लाभ मिलता है। ब्लेस्ड थिस्ल का सेवन हर्बल एक्सपर्ट की सलाह अनुसार करें। ब्लेस्ड थिस्ल हर्ब का इस्तेमाल खाद्य पदार्थों के साथ-साथ दवाओं में भी किया जाता है। इसके सेवन से प्रोलैक्टिन (Prolactin) हॉर्मोन बनते हैं, जिससे ब्रेस्ट मिल्क फॉर्मेशन होता है।
स्तनपान में सुधार लाने के लिए ब्लेस्ड थिस्ल हर्ब के सेवन से लाभ मिलता है लेकिन, कुछ रिसर्च के अनुसार स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को 5 ग्राम से ज्यादा ब्लेस्ड थिस्ल हर्ब का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पेट से जुड़ी परेशानी या उल्टी की समस्या हो सकती है।
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2. स्तनपान में सुधार के लिए सेवन करें स्टिंगिंग नेटल (Stinging nettle)
स्टिंगलिंग नेटल गहरे हरे रंग की पत्ती होती है। इसमें आयरन की प्रचुर मात्रा उपलब्ध होती है। इसके साथ ही इसमें विटामिन-ए, विटामिन-सी और विटामिन-के भी मौजूद होता है। बेबी डिलिवरी के बाद स्टिंगलिंग नेटल का सेवन किया जाता है। इसके सेवन से खून की कमी दूर होती है, थकान महसूस नहीं होती है और ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई भी बढ़ता है। हालांकि जो महिलाएं ब्लड थिनर, ब्लड प्रेशर की दवा, ड्यूरेटिक्स और डायबिटीज जैसी दवाओं का सेवन करती हैं उन्हें स्टिंगलिंग नेटल का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर स्तनपान करवाने वाली महिलाएं इसका सेवन करना चाहती हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही करना शारीरिक दृष्टिकोण से सही होगा।
हर्ब की लिस्ट में शामिल स्टिंगलिंग नेटल का सेवन कम से कम करना चाहिए। क्योंकि इससे नुकसान भी हो सकता है। इसलिए इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
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3. स्तनपान में सुधार के लिए सेवन करें अल्फाल्फा (Alfalfa)
शरीर को फिट रखने के लिए अल्फाल्फा का सेवन करना चाहिए यह तो हमसभी जानते हैं। हेल्दी रहने के साथ-साथ ब्रेस्टफीडिंग में सुधार लाने के लिए भी अल्फाल्फा का सेवन करना चाहिए। इसका इस्तेमाल होमीओपैथिक दवाओं के साथ-साथ आयुर्वेदिक में भी किया जाता है। अल्फाल्फा में प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अत्यधिक होने के साथ-साथ इसमें एंटीऑक्सिडेंट भी मौजूद होता है। अल्फाल्फा को अपने नियमित डायट में शामिल कर ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाया जा सकता है। यू.एस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के लिए अल्फा अल्फा का सेवन सुरक्षित माना गया है लेकिन, इसका संतुलित मात्रा में ही सेवन किया जाना चाहिए।
अल्फा अल्फा के ज्यादा सेवन से नुकसान भी हो सकता है। इसलिए स्तनपान में सुधार लाने के लिए इस जड़ी-बूटी के सेवन से पहले एक्सपर्ट से सलाह लें।
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ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को किन-किन खाद्य पदार्थों या पेय पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए?
ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को निन्मलिखित खाद्य पदार्थों या पेय पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। जैसे-
- आजकल हर्बल टी का चलन तेज होता जा रहा है। कई लोग दिनभर में कई बार ग्रीन टी या ऐसे ही अन्य चाय का सेवन कर लेते हैं। ऐसे में ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को एक या दो कप से ज्यादा इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- अगर आप चाय या कॉफी पीना भी पसंद करती हैं, तो इसका सेवन कम से कम करें। क्योंकि इन पेय पदार्थों के सेवन से हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो सकती हैं। इसके साथ ही कोशिश करें पांच या छह बजे शाम के पहले ही चाय या कॉफी पीने की आदत डालें। देर शाम इनके सेवन से नींद नहीं आने की परेशानी हो सकती है।
- स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को एल्कोहॉल और स्मोकिंग नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से मां और शिशु दोनों को ही नुकसान पहुंचेगा।
- ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को ब्रोकली का सेवन नहीं करना चाहिए या इसका सेवन कम से कम करना चाहिए। इसके सेवन से मां और शिशु दोनों को ही एसीडिटी की समस्या हो सकती है।
- गर्भवती महिलाओं को मछली का सेवन खासकर हाई मरक्यूरी फिश का सेवन नहीं करना चाहिए। ठीक इसी तरह अगर आप स्तनपान करवा रहीं हैं, तो ऐसे वक्त में भी हाई मरकरी फिश का सेवन न करें। कुछ रिसर्च के अनुसार इससे शिशु के ब्रेन डेवलपमेंट में बाधा पहुंच सकती है।
अगर आप ब्रेस्ट फीडिंग करवाती हैं या स्तनपान में सुधार से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। किसी भी हर्बल दवाओं के पहले अपने हेल्थ एक्सपर्ट से जरूर संपर्क करें, क्योंकि इनके भी साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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