बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर (Eating Disorder in children) की वजह से बहुत सी परेशानियां हो सकती हैं, जो उनकी हेल्थ के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। इससे उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर होना एक परेशान करने वाली बात है। पिछले कुछ सालों में बच्चों में इटिंग डिसऑर्डर के मामले काफी बढ़ गए हैं। हालांकि, बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर की शुरुआत टीनएज में देखी जाती है, लेकिन बहुत कम उम्र के बच्चों में भी ईटिंग डिसऑर्डर हो सकता है। सात साल से कम उम्र के बच्चे भी ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार हो सकते हैं और छोटे बच्चों में यह डिसऑर्डर तेजी से बढ़ता जा रहा है। यह बात साफ नहीं है कि छोटे बच्चों को ईटिंग डिसऑर्डर क्यों हो रहा है। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि पिछले कुछ सालों में तकनीकों में विकास के साथ ही अलग-अलग टेस्ट की मदद से बच्चों में इटिंग डिसऑर्डर के बारे में पता किया जा सकता है।
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बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर क्या है? (Eating Disorder in children)
अगर कोई बच्चा ठीक मात्रा में खाना नहीं खा रहा है तो वह बढ़ती उम्र के साथ बहुत सी परेशानियों से घिर सकता है। ठीक से न खाने से बच्चों को अपनी हाइट से समझौता करना पड़ सकता है। माता-पिता को बच्चों में भोजन विकार को डायग्नोसिस करने के लिए भी बहुत कोशिश करनी पड़ती है। माता पिता के लिए यह समझना मुश्किल होता है कि बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर है या वह खाने में नखरे दिखा रहा। अवॉइडेंट/रिस्ट्रिक्टिव फूड इनटेक डिसऑर्डर (Avoidant/Restrictive Food Intake Disorder ) भी बच्चों के ईटिंग डिसऑर्डर के रूप में है।
जबकि माता-पिता बच्चों में भोजन विकार के लिए जिम्मेदार नहीं हैं, वह अपने बच्चों को इससे उबरने में मदद करने के लिए एक पॉजिटिव फोर्स हो सकते हैं। बहुत छोटे बच्चों को उनके माता-पिता इस परेशानी से बाहर निकाल सकते हैं।
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बच्चों में भोजन विकार के लक्षण (Symptoms of Eating Disorder in children)
इस समस्या के लक्षण:
- खाने से इंकार
- खाने के पोर्शन में कमी
- अपने बॉडी इमेज की चिंता
- लोगों से दूरी बनाना
- शरीर पर होने वाले हल्के बाल
- खाना छुपाना या बाद के लिए रखना
- बढ़ते हुए बच्चे में वजन कम (Weight loss) होना
- विकास की कमी
- हाइपरएक्टिविटी या अधिक मूवमेंट जैसे कि लेग जिगलिंग, इधर-उधर भागना या खड़े रहना और बैठने से मना करना
- सिर पर पतले बालों का होना
- लड़कियों में पीरियड्स ठीक से ना होना
- व्यक्तित्व में बदलाव, आमतौर पर चिड़चिड़ापन या अवसाद
- खाना देने पर गुस्सा आना
बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर के अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं। ऊपर दिए गए लक्षणों के अलावा आपके बच्चे में दूसरे लक्षण भी हो सकते हैं। एक पेरेंट के रुप में आप अपने बच्चे को ज्यादा बेहतर जानते हैं। अगर आपको बच्चे के व्यवहार में कोई बदलाव दिखता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर (Eating Disorder in children) होने पर पेरेंट्स क्या करें
अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे में इटिंग डिसऑर्डर है, तो:
- पेरेंट के रूप में अपनी इस सोच पर भरोसा रखें। अगर आपको अपने बच्चे को देखकर लगता है कि कुछ सही नहीं है तो अपने बच्चे से बात करें।
- बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर को दूर करने के लिए एक अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें।
- खुद पर आरोप ना लगाएं। यह आपकी एनर्जी को बर्बाद कर सकता है। बच्चों में भोजन विकार की वजह माता-पिता नहीं होते।
- खुद को शिक्षित करेंः ऑनलाइन ब्लॉग, किताबें, फोरम आपको इस परेशानी के बारे में जानने में मदद कर सकता है।
- आप अपनी क्षमता को कम मत समझो, क्योंकि आपको ही अपने बच्चे को ठीक करने में मदद करनी है। बच्चों में भोजन विकार आपके परिवार की कार्यक्षमता पर हानिकारक प्रभाव डालता है।
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बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर कितने तरह का होता है (Type of Eating disorder in children)
- एनोरेक्सिया (Anorexia ) बच्चों में इटिंग डिसऑर्डर का एक मुख्य प्रकार। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें बच्चा मोटे होने के डर से पर्याप्त कैलोरी खाने से मना करता है।
- बुलिमिया (Bulimia ) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें बच्चा बहुत कम भोजन करता है और फिर वजन कम करने के लिए खाने को उलट देता है या जुलाब का उपयोग करके खाने को निकाल देता है।
- बिंज ईटिंग (Binge eating) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें एक बच्चा भोजन तो करता है लेकिन उसे ठीक से चबाता नहीं है। जिससे उसका पेट तो भर जाता है, लेकिन खाने का पोषण नहीं मिलता।
बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर आमतौर पर टीन्स या शुरुआती वयस्कता के दौरान विकसित होता है। हालांकि, यह परेशानी बचपन में भी शुरू हो सकती है। इससे लड़कियों को ज्यादा कमजोरी होती है। एनोरेक्सिया या बुलीमिया से पीड़ित लोगों में केवल 5% से 15% ही पुरुष होते हैं। बिंज ईटिंग वालों की संख्या लड़कों में 35% तक होती है।
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बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर का खतरा (Complication of Eating disorder in Kids)
बच्चों में भोजन विकार से गंभीर शारीरिक समस्याएं और यहां तक कि उनकी मौत भी हो सकती है। अगर आपके बच्चे में ईटिंग डिसऑर्डर के लक्षण हैं, तो तुरंत अपने फैमिली डॉक्टर से संपर्क करें। सिर्फ आपके चाहने से बच्चों में भोजन विकार को ठीक नहीं किया जा सकता। बल्कि, आपके बच्चे को सामान्य वजन और खाने की आदतों को बदलने के लिए डॉक्टर की मदद की जरुरत होगी। इसके इलाज में कई बार बच्चों को साइकोलॉजिस्ट से भी मिलवाना पड़ता है, क्योंकि बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर उनकी सोच की वजह से होता है।
अगर आपके बच्चों में भोजन विकार है (Eating Disorder in children) तो ?
अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे में ईटिंग डिसऑर्डर (Eating Disorder) है, तो:
जल्दी मदद लेंः बच्चों में भोजन विकार डायग्नोस होने के बाद उसके ठीक होने की ज्यादा संभावना होती है। इसके लिए अपने बच्चे के डॉक्टर या एक ईटिंग डिसऑर्डर स्पेशलिस्ट से बात करें।
अपनी चिंताओं के बारे में अपने बच्चे से बात करेंः शांत रहें और बच्चे की देखभाल करें। उन्हें बताएं कि आप उनकी मदद करेंगे। उन्हें यह बताएं कि आपके लिए अपने बच्चे की सेहत कितनी मायने रखती है।
डॉक्टर से मिलेंः बच्चों में भोजन विकार के इलाज में समय और मेहनत लगती है। अपने बच्चे की मदद के लिए उनके डॉक्टर के साथ अधिक से अधिक बात करें।
धैर्य और मददगार बनेंः जानें कि आप अपने बच्चे की मदद के लिए क्या कर सकते हैं। अपने बच्चे के साथ अपने रिश्ते को मजबूत और सकारात्मक बनाए रखने की कोशिश करें। अपने बच्चे की बात सुनने, बात करने और उन कामों को करने के लिए समय निकालें, जो आप दोनों को पसंद हैं।
अगर आप एक ईटिंग डिसऑर्डर वाले बच्चे के माता-पिता हैं, तो आपको बच्चे के बाल रोग विशेषज्ञ, पोषण विशेषज्ञ या किसी मानसिक स्वास्थ्य प्रोफेशनल तक पहुंचना जरुरी है। ऐसा करने से आप अपने बच्चे को सपोर्ट कर सकते हैं और अपने बच्चे की अच्छी देखभाल कर सकते हैं। खाने के साथ एक स्वस्थ संबंध रखने से आपके बच्चे के पूरे जीवन को फायदा होगा। इसलिए, अगर आप को संदेह है कि आपके बच्चे को कोई समस्या हो सकती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें।
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