विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक प्रसूति हिंसा एक वैश्विक समस्या है। जिस पर बहुत ही कम देशों का ध्यान आकर्षित है। प्रसव के दौरान दुर्व्यवहार या प्रसूति हिंसा के बारे में बात प्रति 1,000 महिला में से सिर्फ 1 महिला ही करती है। जबकि, प्रसूति हिंसा हर 10 में से 8 महिला को प्रभावित करती है। फिर चाहे वो महिला पहली बार प्रेग्नेंसी के दौर से गुजर रही हो या दूसरी या तीसरी बार। इतना ही नहीं, प्रसूति हिंसा या प्रसव के दौरान दुर्व्यवहार का सिलसिला प्रेग्नेंसी से लेकर प्रसव के बाद भी जारी रहता है। प्रसूति हिंसा का मुद्दा कितना गंभीर है इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि यह प्रेग्नेंसी से प्रसव और प्रसव के बाद भी एक महिला को शारीरिक और मानसिक रूप से ठोस पहुंचाता रहता है।
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