हर कपल जीवन में कभी न कभी ऐसे दौर से अवश्य गुजरता है, जब उसके पास नियमित सेक्स के लिए समय या एनर्जी नहीं होती। जिंदगी की दौड़धूप में ऐसा होना आम बात है। लेकिन, अगर यह समस्या सामान्य हो जाए तो इसे आप अपनी सेक्शुअल लाइफ के लिए रेड सिग्नल मान सकते हैं। ऐसे में वक्त की नजाकत को समझते हुए आपको अपने निजी और यौन जीवन पर ध्यान देना चाहिए। इन मुद्दों को लेकर शर्माने से अच्छा है, खुल कर इस बारे में बात करना। सेक्स लाइफ को फिर से खुशनुमा बनाने के लिए सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग (Sex Therapy and Counselling) बेहद मददगार है। आज हम बात करेंगे इसी सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग के बारे में और जानेंगे कि यह किसी तरह से मददगार साबित हो सकती है यौन संबंधों में नयी जान डालने के लिए।
सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग क्या है? (Sex Therapy and Counselling)
सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग (Sex Therapy and Counselling) के बारे में जानकारी पाने से पहले हमारा सेक्स थेरेपी के बारे में जानना बेहद जरूरी है। सेक्स थेरेपी एक तरह की मनोचिकित्सा है, जिसमें उन मेंटल हेल्थ इशूज और भावनात्मक चिंताओं (Emotional Concerns) के बारे में बात की जाती है, जिनके कारण व्यक्ति के सेक्शुअल फंक्शन (Sexual Function), ड्राइव (Drive) और यौन इच्छा (Sexual Desire) प्रभावित हो रहे होते हैं। सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग लाइसेंस्ड सेक्स थेरेपिस्ट (Licensed Sex Therapist) द्वारा की जाती है। कुछ लोग इस थेरेपी को अकेले लेते हैं। तो कुछ इसमें अपने पार्टनर को भी शामिल करते हैं। अगर आपकी लव लाइफ में कुछ समस्या है, तो आप सेक्स थेरेपी से इस समस्या को दूर कर सकते हैं और अपनी फिजिकल इंटिमेसी (Physical Intimacy) को सुधार सकते हैं। इसमें थेरेपिस्ट आपकी समस्याओं को समझते हैं और आपको उनसे बाहर निकलने के उपाय सुझाते हैं।
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सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग किस तरह से मददगार साबित हो सकती है? (Sex Therapy and Counseling)
सेक्स थेरेपिस्ट एक सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग सेशन के दौरान आपकी समस्या के बारे में सुनते हैं और आपकी सेक्स लाइफ के बारे में हर जानकारी जुटाते हैं। अधिकतर उन कपल्स के लिए यह थेरेपी बहुत ही बेहतरीन साबित होती है, जो अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाना चाहते हैं। अगर आपके यौन जीवन में उदासीनता आ चुकी है या आप दोनों ने एक दूसरे के साथ समय बिताना बंद कर दिया है, तो यह प्रोग्राम आपको फिर से एक-दूसरे के करीब लाने में मदद करेगा। इससे सेक्स लाइफ में बदलाव आने के साथ ही आपको सेक्शुअल डिसफंक्शन (Sexual Dysfunctions) से बाहर आने में मदद मिल सकती है।
सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग (Sex Therapy and Counselling) के खास उद्देश्यों में यह सब शामिल होता है:
- रिलेक्स रहना और डिस्ट्रैक्शन से बचना सिखाया जाता है (Learning to Relax and Eliminate Distractions)
- आप क्या चाहते हैं, यह अपने साथी को बताने का पॉजिटिव तरीके के बारे में बताया जाता है (Learning to Communicate in a Positive way What you Like)
- नॉनसेक्शुअल टचिंग तकनीक का ज्ञान दिया जाता है (Learning Nonsexual Touching Techniques)
- सेक्शुअल स्टिमुलेशन को बढ़ाने के बारे में बताया जाता है (Increasing Sexual Stimulation)
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सेक्स थेरेपिस्ट एक चीज का बार-बार प्रयोग करते हैं और वो है सेन्सेट फोकस (Sensate Focus)। यह सेक्शुअल प्रॉब्लम्स को कम करने के लिए एक्सरसाइज है। यह एक्सरसाइज नॉन सेक्शुअल टचिंग से शुरू होती है। यह दोनों पार्टनर्स को यह एक्सप्रेस करने के लिए प्रेरित करती है कि वो एक-दूसरे का टच किस तरह से पसंद करते हैं। इस एक्सरसाइज का लक्ष्य को यह समझने में मदद करना है कि दोनों पार्टनर एक-दूसरे की पसंद को कैसे पहचान सकते हैं और कैसे एक दूसरे को इस बारे में बता सकते हैं।
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कौन से लोग कर सकते हैं सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग का प्रयोग?
बहुत से एक्सपर्ट इस बात को मानते हैं कि सेक्स थेरेपी उन लोगों के लिए बेहद लाभदायक है। जो अपने पार्टनर के साथ एक अच्छा समय बिताना चाहते हैं। इसका प्रयोग आप इन स्थितियों में कर सकते हैं:
- अगर आपकी सेक्शुअल डिजायर कम है (Lack of Sexual Desire)
- सेक्स ड्राइव में कपल में असमानता होना (Couple’s Disparity in Sex Drives)
- बच्चों के होने के बाद इंटिमेसी की कमी (Intimacy after Having Children)
- दर्दभरा इंटरकोर्स (Painful Intercourse)
- पैराफिलिया या इच्छा जो किसी व्यक्ति को परेशान करती है (Paraphilia or Desire that Cause a person Distress)
- सेक्स एडिक्शंस या कपल्सिव बिहेवियर (Sex Addictions or Compulsive Behavior)
- ऑर्गज्म तक पहुंचने में समस्या (Difficulties in Achieving Orgasm)
हालांकि, सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग (Sex Therapy and Counselling) केवल इन्हीं मुद्दों तक सीमित नहीं है।, लेकिन यह वो सामान्य कारण है जिसकी वजह से लोग सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग (Sex Therapy and Counselling) को चुनते हैं।
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सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग में किन बातों का रखें ध्यान?
इस खास तरह की थेरेपी को उन लोगों के लिए बनाया गया है, जिन्हें सेक्शुअल इंटिमेसी से संबंधित कुछ समस्या है। ऐसा माना जाता है कि 35 से 50 प्रतिशत लोग जीवन में कभी न कभी लॉन्ग-टर्म सेक्शुअल इश्यूज अनुभव करते हैं। सेक्शुअल मुद्दों को दूसरों को बताना या समझाना आसान नहीं होता, लेकिन यह असामान्य भी नहीं हैं।
सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग(Sex Therapy and Counselling) ऐसे लोगों के लिए भी बेहतरीन है जो सिंगल हैं या रिलेशनशिप में हैं। हालांकि, कई लोग सेक्स के बारे में बात करने को मुश्किल मानते हैं। खासतौर पर एक प्रोफेशनल के साथ, जिन्हें वो जानते तक नहीं है। साथ में अगर उनका पार्टनर भी वहां मौजूद हो तो वो और भी असहज महसूस करते हैं। यह थेरेपी कॉन्फिडेंस को बढ़ाने में बहुत लाभदायक है।
अगर आपकी सेक्शुअल प्रॉब्लम्स रिश्तों में समस्याओं की वजह बन रही हों तो आपको स्टैंडर्ड कपल काउंसलिंग आपके लिए बेहद लाभदायक साबित हो सकती है। खासतौर पर अगर सेक्स थेरेपी की तकनीक आपके लिए थोड़ी असहज हो। अगर आप एक सेक्स थेरेपिस्ट को ढूंढ़ रहे हैं, तो पहले ही उनसे उनके उपचार के तरीके, फिलोसॉफी और ट्रेनिंग आदि के बारे में जान लें। इस बात का भी ध्यान रखें कि शुरुआत में ही अपने थेरेपिस्ट से लॉन्ग टर्म थेरेपी की कमिटमेंट न कर लें। अगर आपको ठीक लगे तभी आगे बढ़ें, अन्यथा किसी दूसरे सेक्स थेरेपिस्ट से सलाह लें।
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सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग से जुडी सीमायें और चिंताएं (Limitations and Concerns Related to Sex Therapy and Counselling)
सेक्स एक विवादास्पद विषय हो सकता है और कुछ लोगों के लिए सेक्स थेरेपी मुश्किल भी हो सकती है। हालांकि, सेक्स थेरेपिस्ट को खासतौर पर इसके लिए ट्रेंड किया जाता है लेकिन सेक्स थेरेपी का प्रभाव थेराप्यूटिक रिलेशनशिप (Therapeutic Relationship) और थेरेपी में व्यक्ति या कपल के लक्ष्य और प्रेरणा पर निर्भर करता है। सेक्स थेरेपी के इच्छुक व्यक्ति को एक और चीज पर विश्वास करना पड़ता है और वो है थेरेपी से जुडी धारणाएं। ऐसे में किसी भी व्यक्ति के लिए सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग (Sex Therapy and Counselling) सही और बेहतरीन थेरेपिस्ट को चुनना जरुरी है जिसके साथ वो कंफर्टबल महसूस करे।
लो डिजायर की परेशानियों से जूझने वाली महिलाओं के लिए अकेले सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग (Sex Therapy and Counselling) की चाहत होना असामान्य नहीं है। क्योंकि, उन्हें ऐसा लगता है कि यह समस्या केवल उसकी है। अगर आप भी ऐसा सोचती हैं तो इस बात को जान लें कि इसमें आपके पार्टनर का शामिल होना भी बेहद जरूरी है।
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सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग के अलावा अपने साथी को कैसे खुश करें?
अगर आपकी सेक्स लाइफ अच्छी नहीं चल रही है। तो यह समय है अपनी सेक्स लाइफ को फिर से पहले जैसी रोमांचक बनाने का। सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग (Sex Therapy and Counselling) के अलावा भी कुछ ऐसे तरीके हैं, जिनसे यह सब संभव है। जानिए क्या हैं यह तरीके :
सेक्स के बारे में बात करें (Talk about Sex)
बहुत से लोगों को ऐसा लगता है कि सेक्स एक मिस्ट्री है। जिसके बारे में किसी से भी बात नहीं करनी चाहिए। हमारा समाज भी खुल कर इसके बारे बात करने की इजाजत नहीं देता है। कुछ लोग इस के बारे में बात करने में असहज और शर्म महसूस करते हैं। लेकिन, अपने पार्टनर के साथ अपनी सेक्शुअल फैंटेसीज, जरूरतों और इच्छाओं के बारे में बात करने से आपकी इंटीमेसी बढ़ेगी और आपकी सेक्स लाइफ और भी रंगीन होगी।
अपने रिश्ते को समझें (Understand your Relation)
अगर आपके और आपके पार्टनर के बीच कुछ ऐसे अनसुलझे इश्यूज हैं। जिसके कारण आपका रिश्ता नीरस बनता जा रहा है। तो अभी भी समय है अपने रिश्ते को समझने और इस मुद्दों को सुझाने का। अपने पार्टनर के साथ लगातार बात करने से न केवल आपके बीच का संबंध सुधरेगा। बल्कि, आप अपनी सेक्स लाइफ को भी एन्जॉय कर पाएंगे।
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रोजाना अपने जीवन में रोमांस लाना सीखें
यह चीज पुरुषों के लिए बहुत जरूरी है। अगर आप यौन संबंधों का मजा लेना चाहते हैं तो फोरप्ले को न भूलें। अपने साथी को यह बताना न भूलें कि आप हमेशा उसके साथ हैं और उसकी इच्छाएं आपके लिए बहुत मायने रखती हैं। यौन संबंधों के मामले में क्रिएटिव बन कर भी आप अपने रिश्ते को एक नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।
आपको दोनो के लिए पहल करना है जरूरी (Initiate Sex)
अगर सेक्स रिलेशन में हर बार एक ही पार्टनर पहल करता है, तो कुछ दिनों के बाद वो इसमें बोर महसूस करने लगेगा। इसलिए इनमे दोनों का पहल करना जरूरी है।
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यह तो थी सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग (Sex Therapy and Counselling) के बारे में पूरी जानकारी। मेयो फाउंडेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (Mayo Foundation for Medical Education and Research) के अनुसार सेक्स थेरेपी और काउंसलिंग के माध्यम से आप अपनी चिंताओं को साफ तौर पर अपने पार्टनर को बता सकते हैं और अपनी जरूरतों को समझ सकते हैं। इसके साथ ही आपको अपने पार्टनर को भी जानने का मौका मिलेगा। लेकिन, इस बात को समझना भी बेहद जरूरी है कि प्रभावित सेक्स थेरेपी के लिए सबसे जरूरी है अपने थेरेपिस्ट के ऊपर विश्वास और बेहतर कम्युनिकेशन होना।
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कभी-कभी एक पार्टनर, सेक्स थेरेपी में भाग लेने में हिचकिचाता है। यदि ऐसा है, तो अपने साथी से इस थेरेपी के कम से कम एक सत्र में भाग लेने का आग्रह करें। क्योंकि, थेरेपिस्ट उनके इस दृष्टिकोण को बदलने में मदद कर सकते हैं। ध्यान रखें, कि आपकी सेक्शुअल हेल्थ आपकी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक हेल्थ की तरह ही महत्वपूर्ण है। इसलिए, इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें।
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