“उफ्फ! जल गया। मम्मी बहुत जलन हो रही है।” मम्मी जली हुए जगह पर टूथपेस्ट लगा देती हैं। क्या हुआ? आपको हंसी आई, लेकिन ये सच है कि जले पर टूथपेस्ट लगाना नमक छिड़कने जैसा ही है। ये जलन ठीक करे ना करें, लेकिन उसे संक्रमित जरूर कर सकता है। इसी तरह से बगैर जाने समझे हम कई ऐसे जलने के घरेलू उपचार कर देते हैं, जो वास्तव में जलने के घरेलू उपचार है ही नहीं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे जलने के घरेलू उपचार से जुड़े मिथ और फैक्ट्स के बारे में साथ ही सही जलने के घरेलू उपचार क्या है?
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जलना क्या है?
जलना एक हादसा है, जिसमें हमारी त्वचा या शरीर के टिश्यू हीट, केमिकल आदि के कारण डैमेज हो जाती है। किसी चीज से जलने पर स्किन को नुकसान बहुत जल्दी पहुंचता है। ऐसे में दिमाग हमें इसके दर्द का अहसास ज्यादा कराता है। ऐसा इसलिए होता है ताकि इससे नीचे मौजूद त्वचा, कोशिका और मांसपेशियों को नुकसान न पहुंच सके। अक्सर हम घरों या कारखानों में काम करते हुए जल जाते हैं। जलने के कारण मौत भी हो सकती है क्योंकि हमारी त्वचा जब अंदर तक डैमेज हो जाती है और इसके कारण हमारे आंतरिक अंग प्रभावित होते हैं। ज्यादातर लोग जलने के बाद ठीक हो जाते हैं और उन्हें कुछ खास स्वास्थ्य संबंधी समस्या नहीं होती है।
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जलने के प्रकार क्या हैं?
जलने के प्रकार तीन हैं, जो निम्न हैं :
फर्स्ट डिग्री बर्न
फर्स्ट डिग्री बर्न जैसे जलने के प्रकार में त्वचा जलने के कारण कम क्षति होती है। इसे ‘सतही जलन’ भी कहा जाता है, क्योंकि इस जलने के प्रकार में त्वचा की सबसे ऊपरी सतह ही जलती है। जिसे त्वचा पर लालपन, मामूली सूजन, दर्द होना, त्वचा में जलन आदि होता है। सिर्फ ऊपरी त्वचा की कोशिकाएं जलती हैं और वे खुद बखुद ठीक भी होने लगती हैं। इसके साथ ही जलने का निशान भी धीरे-धीरे गायब हो जाता है। फर्स्ट डिग्री बर्न आमतौर पर 7 से 10 दिनों में ठीक हो जाता है।
सेकेंड डिग्री बर्न
सेकेंड डिग्री बर्न में जलना अधिक गंभीर स्थिति होती है। क्योंकि त्वचा की पहली के अलावा दूसरी पर्त भी जल जाती है। इस जलने के प्रकार से त्वचा पर छाले पड़ जाते हैं और जले हिए स्थान पर लालपन हो जाता है। सेकेंड डिग्री बर्न में त्वचा पर फफोले (पानी से भरे हुए छाले) पड़ जाते हैं। जलने के बाद जैसे-जैसे समय बीतता है, वैसे-वैसे जले हुए घाव के ऊपर फाइब्रिनस एक्स्यूडेट नामक मोटे, मुलायम, पपड़ी जैसे टिश्यू विकसित हो जाते है। जला हुआ स्थान बहुत सेंसटिव हो जाता है। सेकेंड डिग्री बर्न को ठीक होने में लगभग तीन हफ्ते से अधिक समय लगता है, लेकिन सेकेंड डिग्री बर्न के कारण त्वचा का रंग बदल जाता है और यह हल्का सा निशान छोड़ जाता है।
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थर्ड डिग्री बर्न क्या है?
थर्ड डिग्री बर्न में सबसे सीरियस बर्न है। इसमें त्वचा की हर परत जल जाती है और आंतरिक अंगों को भी सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है। एक मिथ है कि थर्ड-डिग्री बर्न सबसे ज्यादा दर्दनाक होता है। हालांकि, फैक्ट ये है कि जलने के इस प्रकार की जलन से स्किन डैमेज इतनी ज्यादा हो जाती है कि नर्व भी डैमेज हो जाती है, जिससे जलन का पता नहीं चलता है।
थर्ड डिग्री बर्न में त्वचा का मोम जैसी और सफेद रंग की दिखने लगती है। त्वचा काली पड़ जाती है, त्वचा का गहरा भूरा रंग हो सकता है, त्वचा उभरी हुई और लेदर जैसी दिखाई देने लगती है और अविकसित फफोले पड़ जाते हैं।
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जलने के घरेलू उपचार से जुड़े मिथ और फैक्ट्स क्या हैं?
जलने के प्रकार के बाद ही हम जलने के घरेलू उपचार के बारे में सोच सकते हैं। क्योंकि जलने के प्रकार पर ही जलने का घरेलू इलाज निर्भर करता है। आइए जानते हैं कि जलने के घरेलू उपचार से जुड़े वो मिथ और फैक्ट्स जिन्हें हम अंधाधुंध फॉलो करते हैं :
मिथ: जलने पर टूथपेस्ट लगाना चाहिए
फैक्ट्स : जलने पर टूथपेस्ट नहीं लगाना चाहिए, लेकिन फिर भी लोग लगाते हैं क्योंकि हमेशा लोगों को टूथपेस्ट में मौजूद मिंट से ठंडक मिलती है। हालांकि, जलने पर टूथपेस्ट कितना सही, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। ऐसे में टूथपेस्ट अगर आप लगाना चाहते हैं तो अपने रिस्क पर लगा सकते हैं। इसके अलावा टूथपेस्ट जले हुए स्थान को संक्रमण के लिए सही जगह मुहैया करा सकता है। इसके साथ ही टूथपेस्ट स्टेराइल नहीं होता है।
मिथ: जलने पर मक्खन (Butter) लगाना चाहिए
फैक्ट्स : जलने के घरेलू उपचार के रूप में लोग मक्खन भी लगाते हैं, लेकिन मक्खन का इस्तेमाल जले पर नहीं करना चाहिए। मक्खन होने वाली जलन को बेशक कम करता है, लेकिन टिश्यू को डैमेज भी करता है। वहीं मक्खन में कुछ ऐसे बैक्टीरिया भी मौजूद हो सकते हैं, जो त्वचा को संक्रमित कर सकते हैं। इसलिए मक्खन को ब्रेड के लिए बचा कर रखें।
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मिथ: जलने पर तेल (Oil) लगाना चाहिए
फैक्ट्स : अक्सर लोग इसेंशियल ऑयल या खाना पकाने वाला कोई भी तेल जले पर लगाते हैं। जिसमें नारियल तेल, ऑलिव ऑयल शामिल होता है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि जले पर तेल लगाने से जलन कम होती है और त्वचा ज्यादा जलने से बच जाती है, लेकिन जिस हीट को तेल त्वचा के अंदर रोक देता है, उससे जलने पर लगी चोट और बदतर हो सकती है। हालांकि, कुछ इसेंशियल ऑयल त्वचा के घावों को ठीक करने में मददगार होते हैं, लेकिन जलने पर नहीं प्रभावी हो सकते हैं।
मिथ: जलने पर एग का व्हाइट भाग लगाना चाहिए
फैक्ट्स : कुछ किवदंती के अनुसार कच्चे एग का व्हाइट भाग जले पर लगाने से वह त्वचा के अंदर की गर्मी को खींच लेता है। ऐसा कुछ भी नहीं होता है, जले पर एग का व्हाइट भगा लगाने से बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा काफी बढ़ जाता है। वहीं, एग व्हाइट एलर्जिक रिएक्शन भी कर सकता है।
मिथ: जलने पर बर्फ (Ice) लगाना चाहिए
फैक्ट्स : जलने के घरेलू उपचार में फर्स्ट एड के तौर पर हमेशा लोग बर्फ लगाने की सलाह देते हैं, लेकिन डॉक्टर्स जले पर बर्फ लगाने के लिए मना करते हैं। क्योंकि बर्फ को सीधे जले स्थान पर लगाने से कोल्ड बर्न हो सकता है। आप ऐसा जरूर कर सकते हैं कि सामान्य पानी में बर्फ डाल कर पानी को हल्का ठंडा करें और उसमें जले हुए अंग को डालें।
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मिथ: जलने पर आलू नहीं लगाना चाहिए
फैक्ट्स : जलने के घरेलू उपचार के रूप में लोग आलू लगाने पर जोर देते हैं। आलू एक प्राकृतिक कूलर है, इसमें मौजूद स्टार्च ज्यादा समय तक त्वचा से हीट को अवशोषित कर लेता है और जलन को कम करने में मदद करता है।
जलने के घरेलू उपचार क्या हैं?
जलने के घरेलू उपचार से जुड़े मिथ और फैक्ट्स के बारे में तो आपने जान लिया, आइए अब बात करते हैं जलने के घरेलू उपचार के बारे में :
कोल्ड कम्प्रेस
जले हुए स्थान पर ठंडा, गीला, साफ, मुलायम कपड़ा रखने से आराम मिलता है। कम्प्रेस बहुत ठंडा इस्तेमाल न करें वरना इससे जलन बढ़ भी सकती है। 5 से 10 मिनट के अंतराल पर कम्प्रेस लगाएं इससे जलन में काफी राहत मिलती है।
एलोवेरा
एलोवेरा फर्स्ट और सेकेंड डिग्री बर्न दोनों को ठीक करने में मददगार है। जली हुई प्रभावित स्किन में बैक्टीरिया भी पनप सकते हैं, ये बैक्टीरिया को बढ़ने से भी रोकता है। उपचार के लिए एलोवेरा की पत्ती को काटकर उसका जेल निकाल लें और उसे जले हुए स्थान पर लगाएं।
शहद
शहद की मिठास आपकी जुबां के साथ-साथ जले को भी ठंडक पहुंचा सकती है। शहद में एंटी बैक्टीरियल, एंटी- इंफ्लमेटरी और एंटी फंगल गुण होते हैं। जलने पर शहद की एक पतली परत जले हुए स्थान पर लगा लेने से आराम मिलता है।
एंटीबायोटिक ऑइंटमेंट
एंटीबायोटिक क्रीम या मलहम जलने के दर्द और इंफेक्शन को कम करता है। जलने पर एंटी बैक्टीरियल क्रीम का उपयोग करें और उसे कपड़े से ढकें। जिससे क्रीम देर तक लगी रहेगी।
अब आपको जलने के घरेलू उपचार के साथ ही इसको लेकर फैले मिथ के बारे में जानकारी हो गई होगी, तो अब आप इसमें अंतर समझ सही उपचार कर सकते हैं। जलने के घरेलू उपचार से संबंधित अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई मेडिकल जानकारी नहीं दे रहा है।
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