आई चेकअप से मायोपिया, दूर दृष्टि दोष, निकट दृष्टि दोष, कलर ब्लाइंडनेस, मोतियाबिंद जैसी अन्य बीमारियों की जानकारी मिल जाती है।
11. एक्स-रे
फुल बॉडी चेकअप में होने वाली शारीरिक जांच में एक्स-रे भी शामिल है। एक्स-रे की मदद से फेफड़े की बीमारी और सांस से जुड़ी बीमारियों की जानकारी मिल जाती है। ऐसे लोग जो स्मोकिंग करते हों उनका एक्स-रे अवश्य किया जाता है। क्योंकि सिर्फ स्मोकिंग की वजह से ही कई बीमारियों जैसे दिल की बीमारी, कैंसर या डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो हर साल में एक बार फुल बॉडी चेकअप करवाना चाहिए। कई बार हम सभी अपने आपको फिट मानते हैं लेकिन, बावजूद इसके किसी न किसी बीमारी का अनजाने में हम शिकार हो ही जाते हैं। इसलिए ऐसी पेशानियों से बचने के लिए फुल बॉडी चेकअप करवाते रहें। इससे शरीर को कोई हानि नहीं पहुंचती है।
रिपोर्ट्स आने के बाद डॉक्टर द्वारा बताई गईं सलाह का पालन करना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि अगर कोई रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो इससे परेशान न हों। बीमारी के बारे में अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से समझें और उनसे सलाह लें कि जो रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं उनके पीछे कारण क्या हैं। ऐसे में हमें क्या-क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए अच्छी तरह समझ लेना चाहिए। खुद से अपना इलाज न शुरू कर दें।
अगर आप फुल बॉडी चेकअप से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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