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ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर (नशे की लत) का निदान कैसे करें?
नशे की लत का निदान करने के लिए डॉक्टर पूरी तरह से मूल्यांकन करते हैं और अक्सरz इसमें मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक द्वारा एग्जामिनेशन करना शामिल होता है। इमेजिंग स्कैन (imagining scan), चेस्ट का एक्स-रे और ब्लड टेस्ट (blood test) पूरे शरीर पर होने वाले दीर्घकालिक हानिकारक प्रभावों को दर्शाते हैं। ब्लड, यूरिन या अन्य लैब टेस्ट का इस्तेमाल ड्रग्स के उपयोग के आंकलन के लिए किया जाता है। हालांकि, इन परीक्षणों का प्रयोग ट्रीटमेंट और दोबारा ठीक होने की स्थिति की निगरानी के लिए किया जा सकता है।
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नशे की लत (ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर) का मानसिक विकार से क्या संबंध है?
मानसिक बीमारी और ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर अक्सर एक-दूसरे से संबंधित होती है। कुछ मामलों में, मानसिक विकार जैसे कि चिंता या अवसाद (depression) नशे की लत से पहले हो सकती है, जबकि अन्य मामलों में नशे से मेंटल डिसऑर्डर उत्पन्न हो सकते हैं। कुछ ड्रग्स के लंबे समय तक उपयोग किए जाने पर मस्तिष्क में कम समय के लिए या दीर्घकालिक बदलाव भी हो सकते हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
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ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर का बॉडी पर प्रभाव नशे के प्रकार के आधार पर अलग-अलग होता है। नशे की लत के कुछ प्राथमिक शारीरिक प्रभाव मस्तिष्क में होते हैं। ड्रग एब्यूज डिसऑर्डर मस्तिष्क के कार्यों और शरीर के आराम की स्थिति में बदलाव लाती है। हृदय दर में अनियमितताएं, हार्ट अटैक, श्वसन समस्याएं, फेफड़े का कैंसर, सांस लेने में दिक्कत, नींद के रूटीन में परिवर्तन आदि समस्याएं नशे की ज्यादा लत की वजह से हो सकती हैं
ड्रग एब्यूज को कैसे रोके?
मानसिक स्वास्थ्य समस्या और पदार्थ उपयोग ड्रग्स ग्रस्त किसी व्यक्ति को दोनों मुद्दों का इलाज करना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और पदार्थ उपयोग विकारों दोनों के लिए उपचार में पुनर्वास, दवाएं, सहायता समूह और टॉक थेरेपी शामिल हो सकते हैं। नशे के आदी व्यक्ति के लिए ड्रग एब्यूज को रोकने के लिए ये ठोस कदम उठाने चाहिए-