बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि हमारी ओरल हाइजीन यानी मुंह के साफ-सफाई का सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है। यानी अगर आपका मुंह साफ नहीं है तो आपको मुंह के अलावा कई और बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। सेंटर ऑफ डिसीज कंट्रोल (CDC) की मानें तो जो लोग मौखिक स्वच्छता का ध्यान नहीं रखते हैं, उनमें दिल संबंधी बीमारियां होने की 70 फीसदी से भी अधिक संभावना होती है। डॉक्टर्स के मुताबिक मुंह की सफाई ठीक से नहीं की जाए तो मुंह के बैक्टीरिया खून में मिलकर दिल को भी क्षति पहुंचाने लगते हैं। इसलिए, ज्यादातर डेंटिस्ट प्रतिदिन दांतों की सफाई पर विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं। इस आर्टिेकल में ओरल हाइजीन को बनाए रखने के लिए जरूरी टिप्स दिए गए हैं। इन ओरल हाइजीन के टिप्स को फॉलो करके आप अपने दांतों को सेहतमंद रखने के साथ ही अन्य बिमारियों से भी बच सकते हैं।
ओरल हाइजीन के टिप्स
मुंह की साफ-सफाई पर ध्यान देने के लिए ओरल हाइजीन के नीचे बताये गए टिप्स फॉलो करें-
डालें दिन में दो बार ब्रश की आदत
ओरल केयर का सबसे अच्छा तरीका है कि दांतों को दिन में दो बार दो से तीन मिनट तक ब्रश किया जाए। इससे प्लाक के जमने की संभावना कम हो जाती है। प्लाक दांतों और मसूढ़ों के बीच एक चिपचिपी परत की तरह जमता रहता है। जो दांतों व मसूढ़ों को खराब कर कैविटी और सूजन (गिंगिवाइटिस) का कारण बनता है। नियमित रूप से ब्रश न करने पर यह परत और भी ठोस होने लगती है, जिसे टार्टर कहते हैं।
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चुने सही टूथपेस्ट
फ्लोराॅइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें। इससे दांतों की बाहरी परत इनेमल को मजबूती मिलती है और दांतों को सड़न से बचाने में भी मदद मिलती है। अगर माउथवॉश चुन रहे हैं, तब भी फ्लोराइड युक्त माउथवॉश चुनें।
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टूथब्रश हो सही
टूथपेस्ट के साथ-साथ टूथब्रश भी असरदार होना चाहिए। हमेशा याद रखें कि ब्रश के ब्रिसल्स मुलायम हों, जिससे दांतों की सफाई भी हो जाए और मसूड़ों को नुकसान भी न हो। साथ ही हर तीन महीने में अपना ब्रश बदलें। लेकिन, अगर ब्रश के ब्रिसल्स उससे पहले भी सख्त हो जाते हैं तो उसे बदल सकते हैं।
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फ्लॉसिंग को न करें इग्नोर
मुंह में दांतों और मसूढ़ों के अलावा ऐसी कई जगह हैं जहां ब्रश नहीं पहुंच पाता है। इन जगहों की सफाई के लिए फ्लॉसिंग सही रहता है जो दांतों के बीच के हिस्से में पहुंचकर खाद्य पदार्थों के अवशेषों को बाहर निकालती है।
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ब्रश करने का तरीका भी जानना है जरूरी
आप ब्रश दिन में दो बार करते हैं तो अच्छी बात है लेकिन, ब्रश करने का तरीका कितना सही है। ब्रश करने का सही तरीका यह है कि ब्रश को दांतों के इनेमल यानी जोड़ पर ऊपर से नीचे और दाएं से बाएं की ओर करें। इसके अलावा दांतों की साफ-सफाई के साथ जीभ की सफाई का भी ध्यान रखें।
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ओरल हाइजीन में इन बातों का ध्यान रखें
दांतों की साफ-सफाई के अलावा ओरल हाइजीन को मेंटेन रखने के लिए छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान देना जरूरी है। जैसे-
- खाने में शुगर की मात्रा कम कर दें।
- खाने के बाद कुल्ला जरूर करें।
- बहुत अधिक चॉकलेट, कैफीन के सेवन से बचें।
- सोडा ड्रिंक से भी कैविटी होती हैं, इनसे भी दूर रहें।
- ओरल हाइजीन को मेंटेन करने के लिए धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन न करें।
- बहुत तेज और जोर लगाकर ब्रश करने से बचें इससे आपके दांतों में सेंसिटिविटी का खतरा बढ़ जाता है।
- साल में कम से कम दो बार डेंटिस्ट को जरूर दिखाएं।
- ओरल हाइजीन के लिए खाने के बाद मुंह की अंदरुनी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- टंग क्लीनर से जीभ की सफाई करें।
- ध्यान रहे ब्रश करने के लिए सॉफ्ट ब्रश का ही उपयोग करें।
- दांतों की अच्छी सेहत के लिए डायट में कैल्शियम और प्रोटीन युक्त भोजन शामिल करें।
- कुछ भी खाने के बाद अगर ब्रश नहीं कर सकते हैं तो सादे पानी से कुल्ला जरूर करें। इससे दांतों की सफाई हो जाती है।
इस बारे में डफरिन हॉस्पिटल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर सलमान का कहना है कि 2 से 3 साल के बच्चों में दांतों की कैविटी और इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। कई बार पेरेंट्स सिर्फ यह सोच कर अपने बच्चे की डेंटल चेकअप नहीं करवाते हैं क्योंकि उनका बच्चा ज्यादा चॉकलेट या मीठा खाता है। ऐसी लापरवाही पेरेंट्स को नहीं करनी चाहिए। कुछ माता-पिता तो अपने बच्चों को अकेले ब्रश करने के लिए छोड़ देते हैं और बच्चे इस दौरान ज्यादा टूथपेस्ट का इस्तेमाल करते हैं, ब्रश को तेजी से दांतों पर घिसते हैं जो काफी नुकसानदायक होता है। इसलिए अगर आपके बच्चे की उम्र 8 साल से कम है तो माता-पिता में से किसी एक व्यक्ति को उनके साथ ब्रश करने के दौरान होना चाहिए।
मुंह के अच्छे स्वास्थ्य के लिए सही आहार
ओरल हाइजीन बनाए रखने के लिए नियमित तौर पर फ्लॉस और ब्रश करना बेहद जरूरी है। लेकिन, मुंह के स्वास्थ्य को बनाए रखें के लिए सेहतमंद और संतुलित आहार भी जरूरी होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा पूरी दुनिया में किए गए अनेकों शोध से कलेक्ट किए गए डेटा से पता चलता है कि स्वस्थ आहार लेने और अच्छा ओरल स्वास्थ्य बनाए रखने के बीच में गहरा संबंध है। ओरल हेल्थ को बनाए रखने के लिए अपनी डायट में नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों को शामिल करें-
- फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों में दांतों और ओरल म्यूकोसा को प्राकृतिक रूप से साफ करने की प्रॉपर्टीज होती हैं। इसलिए, डायट में सलाद, सब्जियां, कच्चे फल आदि शामिल करें।
- प्रिबायोटिक्स जैसे छेना, दही आदि मुंह में बैड बैक्टीरिया को अच्छे बैक्टीरिया से बदलते हैं। इससे दांत और मसूड़े सेहतमंद रहते हैं।
- डायट में फ्लोरीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम आदि को भी खाद्य पदार्थों के रूप में शामिल करें। ये मिनरल्स दांतों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं।
- आहार में एंटी-ऑक्सीडेंट शामिल करें। एंटी-ऑक्सीडेंट मुंह में कोलेजन का बनना बढ़ाकर इसे इंफेक्शन से ज्यादा सुरक्षित बनाते हैं।
- लीन प्रोटीन को भी अपने आहार में शामिल करें। इसके सेवन से ओरल हेल्थ सही रहती है।
अगर आप माउथ केयर पर ध्यान नहीं देंगे तो दांतों व मसूड़ों से संबंधित कई संक्रमणों की आशंका बढ़ सकती है। दांतों में सड़न, पेरियोडोंटल डिसीज (periodontal disease), सांसों की बदबू, बैक्टीरियल संक्रमण जैसी परेशानियां तो होंगी ही। साथ ही इससे हार्ट डिजीज, डायबिटीज, ओरल कैंसर जैसी गंभीर समस्या भी जन्म ले सकती हैं। इसलिए, एक अच्छी सेहत के लिए ओरल हाइजीन या डेंटल हाइजीन बनाए रखने की जरुरत होती है। उम्मीद है आपको ओरल हाइजीन पर लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। अगर आपका कोई और सवाल है तो कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं। ओरल हाइजीन से जुड़ा अगर कोई सवाल है या शंका है तो आप अपने डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं।
हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या इलाज मुहैया नहीं कराता है।
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