वजन बढ़ना आजकल पुरुषों और महिलाओं में आम समस्या है। वजन कम करने को लेकर हम सभी घरेलू उपचार, डायटिंग, कार्डियो और वेट लिफ्टिंग शुरू कर देते हैं। लेकिन कई बार काफी प्रयासों के बाद भी वजन कम नहीं हो पाता है। हम इन एक्सपेरिमेंट में यह तय ही नहीं कर पाते कि हमारे अनुकूल कार्डियो एक्सरसाइज सही रहेगा या वेट लिफ्टिंग। सामान्यत: यह समस्या ज्यादा वजन वाले लोगों में देखने को मिलती है। वैसे लोग जिनका वजन ज्यादा है, वो घंटों-घंटों ट्रेडमिल पर दौड़ने के बाद भी बहुत ज्यादा फैट कम नहीं कर पाते हैं।
मोटापे के शिकार लोगों के लिए कार्डियो की जगह वेट लिफ्टिंग बेस्ट ऑप्शन होता है। ऐसे लोगों के लिए कार्डियो काफी थकाऊ है, जिन लोगों का वजन सामान्य से ज्यादा है, वो कार्डियो के जरिए बहुत ज्यादा कैलोरी बर्न नहीं कर पाते हैं। आखिर में उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। हालांकि अब आपको परेशान या निराश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस आर्टिकल में समझेंगे वजन कम करने का बेस्ट तरीका क्या है।
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1. कार्डियो एक्सरसाइज ज्यादा करने से हो सकते हैं साइड इफेक्ट्स
कुछ लोग एक्स्ट्रा कार्डियो करने लगते हैं। एक्स्ट्रा कार्डियो करने से मसल्स पतली हो जाती हैं, लेकिन मेटाबॉलिज्म लेवल भी कम होने लगता है। बहुत ज्यादा कार्डियो करने से टिशू कमजोर होने लगते हैं और एनर्जी भी कम हो जाती है, लेकिन फैट कम नहीं होता है। ऐसी स्थिति में वजन कम कर पाना मुशिकल हो जाता है। सही मायने में कार्डियो मेटाबॉलिक रेट कम करने के साथ-साथ कैलोरी बर्न करने की क्षमता को भी कम करता है। इसलिए कार्डियो से ज्यादा बेस्ट वेट लिफ्टिंग लाभकारी होता है। कार्डियो से जो वजन कम होता है, वो हमारी बॉडी में कमजोरी लाता है। वैसे लोग जिनका वजन अत्यधिक ज्यादा है, उन्हें कार्डियो एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए है। उनके लिए वेट लिफ्टिंग ही लाभकारी है।
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2. कार्डियो वर्कआउट और वेट लिफ्टिंग के फायदे क्या हैं?
कार्डियो व्यायाम और वजन उठाने वाले व्यायाम के फायदे इस प्रकार हैं। जैसे:
- कार्डियो व्यायाम और वेट लिफ्टिंग के फायदे और कुछ नुकसान दोनों ही हैं। कार्डियो एक्सरसाइज बॉडी के फैट को बर्न करती है, जबकि वेट लिफ्टिंग से मांसपेशियां टोन होती हैं और नई मांसपेशियां बनती हैं।
- कार्डियो एक्सरसाइज दिमाग के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। कार्डियो एक्सरसाइज करने से दिमाग में एंडोर्फिन रिलीज होता है, जो बॉडी के लिए एक प्राकृतिक दर्द निवारक की तरह होता है।
- अगर आप फैट बर्न करना चाहते हैं, तो कार्डियो एक्सरसाइज ही सही तरीका है। बिना कार्डियो किए आप पूरा दिन वेट लिफ्टिंग करते हैं, तो आपकी मांसपेशियों पर चढ़ी फैट की मोटी लेयर नहीं हटेगी।
3. वेट लिफ्टिंग के एक तरफा फायदे
- वेट लिफ्टिंग का प्रभाव आपकी बॉडी पर बहुत तेजी से दिखने लगते हैं। इस एक्सरसाइज से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और चोट लगने की संभावना भी कम रहती है।
- कार्डियो एक्सरसाइज करने से मेमोरी तेज होती है बशर्ते आप सावधानीपूर्वक और वॉल्यूम में करें। बेहतर रहेगा कि आप वेट लिफ्टिंग की ट्रेनिंग पहले लें और फिर इस व्यायाम को आवश्यकता अनुसार करें।
- वेट लिफ्टिंग से आप अपनी बॉडी को अच्छी शेप दे सकते हैं। वेट लिफ्टिंग से सीधा फायदा पेट की चर्बी कम करने में मिलता है।
- इसके साथ ही मांसपेशियां एक्टिव और हड्डियां मजबूत होती है। वेट लिफ्टिंग से डिप्रेशन भी कम होता है और पीठ दर्द की समस्या भी दूर होती है।
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4. ट्रांसफॉर्मेशन
दोनों तरह की एक्सरसाइज में ट्रांसफॉर्मेशन के तीन स्टेप को फॉलो करना जरूरी है। फर्स्ट- डायट चार्ट, सेकेंड- वेट लिफ्टिंग, थर्ड- वेट लिफ्टिंग की ट्रेनिंग। अगर आपके जिम ट्रेनर रोजाना आपको फैट कम करने के लिए ट्रेडमिल रनिंग सिस्टम पर दौड़ने के लिए सलाह देते हैं, तो आप इस रूटीन में बदलाव लाएं। क्योंकि सिर्फ दौड़ने से अच्छी शेप नहीं मिलने वाली है। फिट रहने के लिए अच्छी डायट चार्ट भी जरूरी है और उसे फॉलो करना भी। साथ ही साथ आपको वेट लिफ्टिंग की ट्रेनिंग लेने की भी आवश्यकता होगी।
5. कार्डियो एक्सरसाइज से परमानेंट कम नहीं होगा फैट
यह बात सही है कि कार्डियो एक्सरसाइज से फैट कम होता है, लेकिन परमानेंट फैट कम नहीं हो सकता है। आप जब तक कार्डियो एक्सरसाइज करते हैं, तब तक फैट कम हो जाता है, लेकिन कुछ समय बाद आपकी बॉडी में फिर से फैट जमने लगता है। इसलिए आप कार्डियो के ऑप्शन में वेट लिफ्टिंग की ट्रेनिंग ले सकते हैं।
6. मेटाबॉलिज्म बढ़ाएं
वजन बढ़ने पर हम इतने परेशान हो जाते हैं कि सारा टारगेट हमारा डायट पर होता है, जबकि यह पूरी तरह सही नहीं है। सही मायने में हमारा टारगेट बॉडी में मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ाने पर होना चाहिए क्योंकि जब हम नेगेटिव स्टेप पर फोकस करते हैं, तब हमारी बॉडी पर भी नेगेटिव इंपैक्ट पड़ता है। इसलिए वजन बढ़ाने पर नहीं मसल्स बनाने पर फोकस करें। ध्यान रहे कि कार्डियो करने से मेटाबॉलिज्म कम होता है। इससे आपकी एनर्जी भी कम होती है।
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7. कार्डियो से कार्टिसोल लेवल बढ़ता है
ओल्ड पैटर्न वाले कार्डियो एक्सरसाइज करने से कार्टिसोल का लेवल बढ़ने लगता है। जब हम तनाव में आते हैं, तब हमारी बॉडी में कार्टिसोल रिलीज होता है। ऐसा होने से प्रोटीन सिंथेसिस में कमी आती है। यही नही जिस प्रोटीन से मसल्स का निर्माण होता है, उसे एनर्जी सोर्स के रूप में इस्तेमाल करने लगती है।
कार्डियो और वेट लिफ्टिंग को साथ-साथ किया जाए, तो काफी फायदेमंद होता है, लेकिन इससे पहले इसकी ट्रेनिंग लेना अत्यधिक आवश्यक है। वेट लिफ्टिंग हमारी बॉडी की फिटनेस के लिए काफी बेस्ट ऑप्शन है। लेकिन, इसे बिना ट्रेनिंग के नहीं किया जाना चाहिए। इसके साथ ही डायट चार्ट भी काफी अहम हिस्सा है। इस पर भी ध्यान रखा जाना काफी जरूरी है।
कार्डियो एक्सरसाइज करते समय रखें इन बातों का ध्यान
हमेशा कार्डियो एक्सरसाइज फिटनेस एक्सपर्ट की परामर्श से करें और उनकी निगरानी में करें। इसके साथ ही इसे कभी भी खाली पेट या कुछ खाते ही शुरू ना करें। लाइट कार्डियो एक्सरसाइज शुरू करने से लगभग 10 मिनट पहले आप हल्का स्नैक्स ले सकते हैं। अगर आपको स्ट्रॉन्ग कार्डियो एक्सरसाइज करनी है, तो आप 40 मिनट पहले कुछ खा सकते हैं। इसी क्रम में एक और सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। जिम या घर में लोग जानकारी के आभाव में तुरंत कहीं से चलकर आते ही कार्डियो एक्सरसाइज शुरू कर देते हैं, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। चाहें आप घर में इस एक्सरसाइज को कर रहे हों या जिम में। पहले कुछ देर वॉर्मअप करना चाहिए। शुरू में वॉर्मअप कर लेने से बॉडी में तेजी से ब्लड सर्क्यूलेट होता है। साथ ही बॉडी में ऑक्सिजन का भी संचार होता है।
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बॉडी वेट बैलेंस रखने के लिए घर पर किये जाने वाले कार्डियो व्यायाम कौन-कौन से हैं?
घर पर किये जाने वाले कार्डियो व्यायाम इस प्रकार हैं-
1. जंपिंग जैक एक्सरसाइज (Jumping jack workout)
आसान व्यायामों में शामिल जंपिंग जैक कार्डियो एक्सरसाइज की श्रेणी में आता है। कैलोरी बर्न करने के लिए जंपिंग जैक किसी बेस्ट ऑप्शन से कम नहीं है। इस वर्कआउट से पेट को सही शेप मिलता है और जांघों का आकार बेहतर होने के साथ-साथ मजबूत भी होती हैं।
2. क्रॉस जैक एक्सरसाइज (Cross jack workout)-
कैलोरी बर्न करने की वर्कआउट लिस्ट में शामिल करें क्रॉस जैक एक्सरसाइज। नियमित क्रॉस जैक एक्सरसाइज करने से जांघों, बाइसेप्स, ट्राइसेप्स और काफ मसल्स को स्ट्रॉन्ग बनाने के साथ-साथ बॉडी की एक्स्ट्रा फैट को भी कम किया जा सकता है। नियमित रूप क्रॉस जैक व्यायाम करने से एब्स को भी टोन किया जा सकता है।
3. जंप लंज एक्सरसाइज ( Jump lunge workout)-
फिट बॉडी के साथ-साथ ब्लड सर्क्युलेशन बेहतर बनाये रखने के लिए जंप लंज एक्सरसाइज बेस्ट माना जाता है। इस व्यायाम को नियमित करने से मांसपेशियां स्ट्रॉन्ग होती हैं।
4. हाई नी मार्च एक्सरसाइज (High Knee workout)-
घर पर आसानी से किये जाने वाले वर्कआउट हाई नी मार्च के कई फायदे हैं। हाई नी व्यायाम करने में एनर्जी ज्यादा लगती है, लेकिन ये अत्यंत लाभकारी वर्कआउट माना जाता है। इस व्यायाम से थाई एवं एब्स को स्ट्रॉन्ग बनाया जा सकता है। महिलाओं के लिए भी यह वर्कआउट अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इस वर्कआउट को नियमित करने से ब्रेस्ट के शेप को बेहतर बनाया जा सकता है।
5. स्क्वॉट्स जम्प एक्सरसाइज (Squat jump workout)-
स्क्वॉट्स जम्प एक्सरसाइज करने के दौरान हार्ट बीट तेजी से होने के साथ-साथ ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर तरीके से होता है। कैलोरी बर्न करने के लिए इस वर्कआउट की मदद से पैरों के मसल्स भी स्ट्रॉन्ग होते हैं।
कार्डियो एक्सरसाइज के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखें?
कार्डियो व्यायाम के दौरान निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें। जैसे:
- कार्डियो व्यायाम हमेशा खाली पेट (बिना कुछ खाये-पीए) करने की आदत डालें।
- कार्डियो वर्कआउट एवं वेट लिफ्टिंग वर्कआउट एक साथ ना करें।
- पहले दिन से ही कार्डियो वर्कआउट ज्यादा ना करें। धीर-धीरे टाइमिंग बढ़ाएं।
- हर दिन एक ही तरह का कार्डियो ना करें।
- कार्डियो एक्सरसाइज करने से पहले वॉर्मअप करना और स्ट्रेचिंग करना ना भूलें।
- व्यायाम के आखरी में कार्डियो नहीं करना चाहिए क्योंकि कार्डियो के लिए बॉडी को ज्यादा एनर्जी लगती है।
- कार्डियो के साथ-साथ डायट का विशेष ख्याल रखें क्योंकि बॉडी में न्यूट्रिशन की कमी शारीरिक परेशानी बढ़ा सकती है।
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वेट लिफ्टिंग से जुड़ी खास जानकारी-
वेट ट्रेनिंग यानि वेट लिफ्टिंग या हैवी वेट लिफ्टिंग से मसल्स गेन करने में सहायता मिलती है। बॉडी का स्टेमिना बढ़ता है और फैट बर्न भी किया जा सकता है। लेकिन जिस तरह कार्डियो वर्कआउट घर में बिना किसी जिम इक्विपमेंट के भी क्या जा सकता है पर वेट लिफ्टिंग नहीं की जा सकती है। इसके लिए आपको डंबल, बारबेल एवं वेट लिफ्टिंग इक्विपमेंट की आवश्यकता पड़ती है। आप निम्नलिखित वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं। जैसे:
1. बारबेल स्क्वॉट्स (Barbell Squat)
बारबेल स्क्वॉट्स सबसे कॉमन स्क्वॉट है। जिम में इस एक्सरसाइज को करने के लिए मशीन भी उपलब्ध होती है। वैसे बिना ट्रेनिंग एवं ट्रेनर के इस व्यायाम को ना करें।
2. सीटेड ओवरहेड डम्बल प्रेस (Seated Overhead Dumbbell Press)
वेट लिफ्टिंग में सीटेड ओवरहेड डम्बल प्रेस एक्सरसाइज शामिल है। इससे आर्म्स, शोल्डर, बैक एवं एब्स को स्ट्रॉन्ग और टोन किया जा सकता है।
3. बारबेल कर्ल (Barbell Curl)
यह वर्कआउट बाइसेप्स के लिए बेस्ट माना जाता है। यह शोल्डर एवं एब्स के निर्माण में सहायक होता है।
4. बॉल क्रंचेस (Ball Crunches)
अपर बॉडी को स्ट्रॉन्ग करने के लिए बॉल क्रंचेस किया जा सकता है। इससे एब्स, शोल्डर एवं चेस्ट के मसल्स को टोन किया जा सकता है।
5. वेटेड प्लैंक (Weighted plank)
वेटेड प्लैंक से हड्डियां मजबूत होती हैं और बोन डेंसिटी भी बढ़ता है। इसलिए फिटनेस एक्सपर्ट इस एक्सरसाइज को करने की सलाह देते हैं।
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वेट लिफ्टिंग के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखें?
वेट लिफ्टिंग के वक्त निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें। जैसे:
- एक्सरसाइज की शुरुआत से पहले वॉर्मअप जरूर करें।
- अपनी बॉडी स्ट्रेंथ को देखते हुए वेट उठायें (ध्यान रखें की वजन उतना ही जितना आप 12 से 15 बार लिफ्ट कर सकते हैं।
- वेट लिफ्टिंग व्यायाम करने का तरीका समझें। वजन उठाने के दौरान अपने जोड़ों बॉडी का पॉश्चर ठीक रखें। आपका फॉर्म जितना बेहतर होगा आपके परिणाम उतने ही अच्छे होंगे और आप खुद को नुकसान भी पहुंचाएंगे।
- जब आप वेट उठा रहें हैं, तो सांस को रोके नहीं बल्कि सांस लेते हुए वेट लिफ्ट करें।
- अगर किसी एक्सरसाइज के दौरान आपको बॉडी या जॉइंट पेन होता है, तो कम वजन लेकर वर्कआउट करें, लेकिन दर्द अगर कम नहीं होता है, तो अपने ट्रेनर को बताएं और डॉक्टर से भी कंसल्ट करें।
वेट बैलेंस रखने के लिए ऊपर बताये व्यायामों को नियमित एवं बॉडी पॉश्चर को ठीक रखते हुए करें और टिप्स का ध्यान रखें। अगर आप कार्डियो एक्सरसाइज या वेट लिफ्टिंग से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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