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रुजुता दिवेकरः ब्रेन हेल्थ के लिए जरुरी है लोअर स्ट्रैंथ एक्सरसाइज

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Lucky Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/11/2020

रुजुता दिवेकरः ब्रेन हेल्थ के लिए जरुरी है लोअर स्ट्रैंथ एक्सरसाइज

फिटनेस हर किसी के लिए जरूरी है और हर कोई फिट भी रहना चाहता है। फिटनेस के लिए एक्सरसाइज के साथ अच्छी डायट भी बहुत जरूरी है। हेल्दी डायट में डायटिशियन रुजुता दिवेकर सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आए दिन अपने फॉलोअर्स के लिए अलग-अलग हेल्दी टिप्स और एक्सरसाइज शेयर करती रहती हैं। वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे यानि 10 अक्टूबर को रुजुता दिवेकर ने इंस्टाग्राम और फेसबुक पर ब्रेन हेल्थ के लिए कुछ एक्सरसाइज शेयर की है।

तीन मिनट के इस विडियो में रुजुता लोगों के चाल यानि की चलने के तरीके (Gait) में आने वाले बदलाव के बारे में बात कर रही हैं। कैसे लोगों की चाल समय के साथ बदलती है और कैसे वह बदली हुई चाल किसी बीमारी की तरफ इशारा करती है यह सब उन्होंने विडियो में समझाया है।

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रुजुता ने बताया है कि एक उम्र के बाद जैसे कि 50-60 साल की उम्र के दौरान या आसपास लोगों के चलने का तरीका बदल जाता है जिसे गेट (Gait) कहा जाता है। अगर आपके आसपास या घर में कोई है जिसकी चाल में बदलाव आया है तो उसका कारण लोअर बॉडी में स्ट्रेंथ की कमी है। ऐसे लोगों की जल्दी ही एक्सरसाइज या जिम की मदद से अपने लोअर बॉडी स्ट्रेंथ पर काम करना चाहिए।

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-if the way you walk has changed, it is an indication of deterioration in the brain – this is caused by reduced strength in lower body – exercise, especially strength training, can help both predict and prevent this deterioration Short clip from a talk at the recently concluded #DarjeelingWellnessRetreat #worldmentalhealthday

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बदलते समय के साथ खान-पान और दूसरे कारणों की वजह से बढ़ती उम्र में लोगों की चाल में बदलाव आ जाता है। इस बदलाव का मुख्य कारण है लोअर बॉडी पार्ट में स्ट्रेंथ की कमी। इस बदलती चाल (Gait) के साथ जुड़ा है दिमाग की किसी बीमारी जैसे की भूलने की बीमारी, सोचने की क्षमता कम हो जाना या अल्जाइमर। जिससे ब्रेन हेल्थ सीधे-सीधे प्रभावित होता है। 

रुजुता बताती हैं कि चाल के बदलाव का मुख्य कारण है बाएं और दाहिने पैर में असमान ताकत। दोनो पैर मे समान ताकत नहीं होने की वजह से एक पैर दूसरे पैर का बोझ उठाने के लिए कॉम्पनशेट करता है जिसकी वजह से चाल में बदलाव आता है और व्यक्ति एक तरफ झुक कर चलने लगता है। 

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इनमें से कोई भी लोवर स्ट्रेैंथ एक्सरसाइज आप किसी ट्रेनर की देखरेख में कर सकते हैंः

  • स्क्वैट करें, तो इसके आपको अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
  • स्टिफ लेग डेडलिफ्ट
  • लेग प्रेस  की टोनिंग के लिए अच्छा होता है
  • लेग एक्सटेंशन
  • काल्फ रेज,मशीन या हील रेज
  • ऐसे कोई भी लक्षण दिखते ही तुरंत जिम जाना शुरु करें या लोउर बॉडी पार्ट में ताकत के लिए एक्सरसाइज करना शुरु करें। 12 हफ्ते की लोअर बॉडी एक्सरसाइज से यह परेशानी कम और कंट्रोल हो सकती है। जिससे आपकी ब्रेन हेल्थ भी अच्छी रहेगी। 

    ब्रेन हेल्थ के लिए खाएं ये फूड्स

    शरीर का कोई भी अंग हमारे खानपान पर ही निर्भर करता है, जितना अच्छा खानपान रहेगा हमारा शरीर भी उतना अच्छे से काम करेगाइसलिए । अच्छी बेन हेल्थ के लिए अपनी डायट में इन फूड्स को जरूर शामिल करें। ये आपकी मेंटल डेवलप्मेंट के साथ आपकी बॉडी में एनर्जी का लेवल भी सही बनाए रखता है। 

    बींस और दाल से सुधरेगी ब्रेन हेल्थ

    बींस और दाल में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की काफी अच्छी मात्रा होती है। बींस आपको कार्बोहाइड्रेट प्रदान करते हैं, जो ऊर्जा के लिए बहुत जरूरी है। वहीं दाल में मौजूद प्रोटीन शरीर में ऊर्जा बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इनके सेवन से ब्रेन हेल्थ को दुरुस्त रखने और याद्दाश्त को बढ़ाने में बहुत मदद मिलती है।

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    ब्रेन हेल्थ के लिए खाएं दही

    दही का सबसे बड़ा फायदा है कि यह ‘ब्रेन सेल’ को लचीला बनाता है। यह मस्तिष्क को किसी चीज का सिगनल लेने और प्रतिक्रिया करने की क्षमता को विकसित करता है। आप नियमित रूप से खाने में दही लें तो आपकी ब्रेन हेल्थ सही रहेगी। दही में और भी कई पोषक तत्व होते हैं,जो अच्छे मानसिक विकास के लिए जरूरी है। 

    ओट्स का स्वाद बढ़ाएगा ब्रेन हेल्थ

    ओट्स में प्रचुर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, जो खाने को धीरे-धीरे पचाने में मदद करता है। जिससे आपको एनर्जी लगातार मिलती रहती है। इसके अलावा, ओट्स विटामिन ई, पोटेश्यिम और बी-विटामिंस से युक्त होता है। यह ब्रेन फूड्स ब्रेन हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है।

    मछली है लाभदायक

    मछली में ‘विटामिन डी’ और ‘ओमेगा 3′ की मात्रा पर्याप्त होती है, जोकि ब्रेन हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है। इसके अलावा मछली गुड फैट्स और वसा से भी भरपूर होती है। सारडाइन, साल्‍मन और टूना मछली में ये अधिक पाया जाता है। इनमे पाए जाने वाले मिनरल्स दिमाग को विकसित करने में सहायक हैं। मछली के और भी कई तरह के फायदे हैं।

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    आलू बुखारा खाएं

    स्वाद में खट्टा-मीठा आलूबुखारा गर्मियों में मिलने वाला एक मौसमी फल है। आलूबुखारा में बॉडी के लिए जरूरी पोषक तत्व जैसे मिनरल्स और विटामिन की भरपूर मात्रा में पाई जाती हैं। यह डायट्री फाइबर से भरपूर होता है। इसमें एंटी-ऑक्‍सीडेंट भी होता है। आलूबुखारा ब्रेन हेल्थ के लिए खाए जाने वाले फलों में से एक है। इसके अपने और भी कई अन्य फायदे हैं, जैसे कि वजन करे कंट्रोल आलूबुखारे के 100 ग्राम में लगभग 46 कैलोरी होती है, दिल के अच्छा है, टयूमर जैसी बीमारी को रोकने में साहयक, हडि्डयाें के लिए फायदेमंद, दिमाग के अच्छा स्वास्थ्य और कोलेस्ट्रॉल को कम करें।

    ब्रेन हेल्थ के लिए स्वादिष्ट हैं बेरी

    स्‍ट्रॉबेरी और ब्‍लूबेरी में एंटी-ऑक्‍सिडेंट पाया जाता  है, जो कि दिमाग के संज्ञानात्मक कार्य को बढ़ाता है। इसके अलावा, इनमें मौजूद एंटी-ऑक्‍सिडेंट ब्रेन हेल्थ और दिमाग के कार्य करने की क्षमता को भी तेज करता है।

    दूध का दिमाग से है गहरा नाता

    आपके ब्रेन फूड्स में अब बारी है दूध की। दूध को हमेशा से शरीर के संपूर्ण विकास के लिए जाना जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि फैट-फ्री मिल्‍क में कई फायदे छुपे होते हैं। दूध प्रोटीन, विटामिन डी और फॉस्‍फोरस का बहुत बड़ा भंडार होता है। यदि आपको दूध पचने संबंधी परेशानी न हो तो आप दूध जरुर पिएं। दूध में मौजूद कैल्शियम शारीरिक विकास और मानसिक विकास के लिए जरूरी होता है। दूध से बनी चीजों का सेवन करने से ब्रेन हेल्थ के हेल्दी रहने में मदद मिलती है।

    ब्रेन हेल्थ बढ़ाएगा अंडे का फंडा

    आपके अच्छे ब्रेन हेल्थ के लिए अंडा भी एक अच्छा स्रोत है। अंडे में विटामिन और प्रोटीन की उच्च मात्रा पाई जाती है, जोकि मानसिक विकास के लिए अच्छा होता है। इसमें मौजूद आवश्यक पोषक तत्वों से दिमाग में सेल्स का विकास होताहै। जिससे बच्चे का दिमाग बहुत तेज चलता है। इसके अलावा अंडे के इस्तेमाल से न केवल दिमागी क्षमता में वृद्धि होती है, बल्कि शारीरिक विकास के ​लिए भी अच्छा है।

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    सूखे फल दिमाग को करेंगे हरा भरा

    ड्राई फ्रूट प्रोटीन से युक्‍त आहार है। जिनमें फैटी एसिड और मिनरल पाए जाते हैं। ड्राई फ्रूट में भी आप अखरोट जरूर लें। ये दिमाग को बढ़ाने के साथ याद्दाश्त को भी अच्छा बनाता है। क्योंकि अखरोट में दिखने वाली झुरियों हमारी बॉडी के एक ही पार्ट की तरह दिखती हैं, वह है दिमाग। वहीं अखरोट को ‘ब्रेन फूड’ भी कहा जाता है। अखरोट में काफी मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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